हिमाचल में बर्फबारी नहीं होने से टूरिस्ट और प्रदेश के पर्यटन कारोबारी मायूस हैं। जनवरी महीने में अब तक सामान्य से 79 प्रतिशत कम बारिश-बर्फबारी हुई है। इस वजह से पहाड़ों पर टूरिस्ट नहीं पहुंच पा रहे हैं। मौसम विभाग की माने तो कल से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। कल और परसों इसका असर अधिक ऊंचे क्षेत्रों में नजर आएगा। मध्यम ऊंचाई व निचले इलाकों में वाले दो दिन मौसम साफ रहेगा। 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश-बर्फबारी के आसार है। फिलहाल बारिश-बर्फबारी नहीं होने से सूखे जैसे हालात पनप रहे हैं। एक से 27 जनवरी के बीच प्रदेश में मात्र 14.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस अवधि में 70.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। टूरिस्ट को नहीं मिल रही बर्फ हिमाचल की आर्थिकी सेब, कृषि और टूरिज्म पर निर्भर करती है। इन तीनों सेक्टर पर बर्फबारी के बगैर संकट आ गया है। सूखे से सेब के बगीचे बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बर्फ नहीं गिरने से टूरिस्ट मायूस है और बहुत कम ही प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहा है। सूखे से किसानों की फसलों को भी नुकसान हो रहा है। कुफरी के पर्यटन कारोबारी रोशन वर्मा ने बताया कि तीन-चार सालों से बर्फ नहीं गिर रही है। पर्यटन कारोबार पर इसकी मार पड़ रही है। शीतलहर से शिमला से ठंडे हुए मैदानी इलाके बारिश-बर्फबारी नहीं होने से तापमान में उछाल आ रहा है। आलम यह है कि शिमला का न्यूनतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री ज्यादा के साथ 9.6 डिग्री सेल्सियस हो गया है। शिमला की तुलना में मैदानी इलाकों में शीतलहर चल रही है। इससे ऊना का पारा 0.6 डिग्री, हमीरपुर का 1.3 डिग्री, मंडी का 2.3 डिग्री और बिलासपुर का पारा 2.0 डिग्री तक गिर गया है। हिमाचल में बर्फबारी नहीं होने से टूरिस्ट और प्रदेश के पर्यटन कारोबारी मायूस हैं। जनवरी महीने में अब तक सामान्य से 79 प्रतिशत कम बारिश-बर्फबारी हुई है। इस वजह से पहाड़ों पर टूरिस्ट नहीं पहुंच पा रहे हैं। मौसम विभाग की माने तो कल से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। कल और परसों इसका असर अधिक ऊंचे क्षेत्रों में नजर आएगा। मध्यम ऊंचाई व निचले इलाकों में वाले दो दिन मौसम साफ रहेगा। 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश-बर्फबारी के आसार है। फिलहाल बारिश-बर्फबारी नहीं होने से सूखे जैसे हालात पनप रहे हैं। एक से 27 जनवरी के बीच प्रदेश में मात्र 14.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस अवधि में 70.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। टूरिस्ट को नहीं मिल रही बर्फ हिमाचल की आर्थिकी सेब, कृषि और टूरिज्म पर निर्भर करती है। इन तीनों सेक्टर पर बर्फबारी के बगैर संकट आ गया है। सूखे से सेब के बगीचे बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बर्फ नहीं गिरने से टूरिस्ट मायूस है और बहुत कम ही प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहा है। सूखे से किसानों की फसलों को भी नुकसान हो रहा है। कुफरी के पर्यटन कारोबारी रोशन वर्मा ने बताया कि तीन-चार सालों से बर्फ नहीं गिर रही है। पर्यटन कारोबार पर इसकी मार पड़ रही है। शीतलहर से शिमला से ठंडे हुए मैदानी इलाके बारिश-बर्फबारी नहीं होने से तापमान में उछाल आ रहा है। आलम यह है कि शिमला का न्यूनतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री ज्यादा के साथ 9.6 डिग्री सेल्सियस हो गया है। शिमला की तुलना में मैदानी इलाकों में शीतलहर चल रही है। इससे ऊना का पारा 0.6 डिग्री, हमीरपुर का 1.3 डिग्री, मंडी का 2.3 डिग्री और बिलासपुर का पारा 2.0 डिग्री तक गिर गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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