हिमाचल में ‘देवदार रहेंगे मौन’ पुस्तक का विमोचन:हिंदी कवि मोहन साहिल ने लिखा; पॉल कौर बोले- धर्म और ईमानदारी की ओर इशारा

हिमाचल में ‘देवदार रहेंगे मौन’ पुस्तक का विमोचन:हिंदी कवि मोहन साहिल ने लिखा; पॉल कौर बोले- धर्म और ईमानदारी की ओर इशारा

हिमाचल के हिंदी कवि मोहन साहिल के दूसरे काव्य संग्रह “देवदार रहेंगे मौन” का विमोचन सोमवार को विश्व पुस्तक मेले के दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित कवियों व साहित्यकारों को बधाई दी और कहा कि आज जो साहित्य लिखा जा रहा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए धरोहर साबित होगा। शिक्षा मंत्री ने सुबह के वक्त पुस्तक का विमोचन किया और दोपहर बाद तक गेयटी थियेटर में इस पुस्तक पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध पंजाबी कवयित्री पॉल कौर ने की और उपाध्यक्ष प्रसिद्ध कवि आलोचक डॉ. सत्यपाल सहगल रहे। केआर भारती, डॉ. करम सिंह, एसआर हरनोट, रोशन जसवाल, रत्न चंद निर्झर, ओम भारद्वाज, वार्निश विदित, देवेंद्र धर, नरेश देवग, मुंशी शर्मा, तरुण, आधार प्रकाशन के प्रमुख देश निर्मोही सहित कई वरिष्ठ साहित्यकार मौजूद रहे। कार्यक्रम में कविता संग्रह पर तीन आलोचकों ने पत्र प्रस्तुत किए जिनमें सबसे पहले दीप्ती सारस्वत, उसके बाद अजेय और अंत में दिनेश शर्मा ने पत्र प्रस्तुत किए। इन पत्रों में साहिल की कविताओं उनकी खूबियों और खामियों पर विस्तार से टिप्पणी की गई। यह कविता में गरीब और मज़लूम के लौटने की सूचना: धर साहित्यकारों देवेंद्र धर और केआर भारती ने भी अपने विचार रखे। अध्यक्षीय टिप्पणी से पूर्व डॉ सत्यपाल सहगल ने तीनों पढ़े गए पत्रों पर अपने विचार रखे और कहा कि ये संग्रह हिन्दी कविता में गरीब और मज़लूम के लौटने की सूचना है। उन्होंने कहा कि संग्रह की कविताएं मुक्तिबोध और लालसिंह दिल की छुअन लिए हैं। संग्रह पढ़ने के बाद हो सकता है पाठक कहे अरे इसी की प्रतीक्षा थी। धर्म ईमानदारी की ओर इशारा: कौर आखिर में पॉल कौर ने कविताओं में मौजूद अध्यात्म, धर्म और ईमानदारी की ओर इशारा किया और प्रकाशक को हिन्दी साहित्य जगत को इतनी खूबसूरत कविताएं देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आज इसी प्रकार के साहित्य की जरूरत है जो धरती, उसके पर्यावरण और इंसानियत को बचाने की बात करता हो। इस अवसर पर साहित्य संस्था सर्जक के सदस्य लेखक सुनील ग्रोवर, सुनील ग्रोवर, वेद शर्मा, अरुणजीत ठाकुर, रणवीर गुलेरिया, सुनील हेटा, संदीप वर्मा, सुशील शर्मा इत्यादि मौजूद रहे। हिमाचल के हिंदी कवि मोहन साहिल के दूसरे काव्य संग्रह “देवदार रहेंगे मौन” का विमोचन सोमवार को विश्व पुस्तक मेले के दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित कवियों व साहित्यकारों को बधाई दी और कहा कि आज जो साहित्य लिखा जा रहा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए धरोहर साबित होगा। शिक्षा मंत्री ने सुबह के वक्त पुस्तक का विमोचन किया और दोपहर बाद तक गेयटी थियेटर में इस पुस्तक पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध पंजाबी कवयित्री पॉल कौर ने की और उपाध्यक्ष प्रसिद्ध कवि आलोचक डॉ. सत्यपाल सहगल रहे। केआर भारती, डॉ. करम सिंह, एसआर हरनोट, रोशन जसवाल, रत्न चंद निर्झर, ओम भारद्वाज, वार्निश विदित, देवेंद्र धर, नरेश देवग, मुंशी शर्मा, तरुण, आधार प्रकाशन के प्रमुख देश निर्मोही सहित कई वरिष्ठ साहित्यकार मौजूद रहे। कार्यक्रम में कविता संग्रह पर तीन आलोचकों ने पत्र प्रस्तुत किए जिनमें सबसे पहले दीप्ती सारस्वत, उसके बाद अजेय और अंत में दिनेश शर्मा ने पत्र प्रस्तुत किए। इन पत्रों में साहिल की कविताओं उनकी खूबियों और खामियों पर विस्तार से टिप्पणी की गई। यह कविता में गरीब और मज़लूम के लौटने की सूचना: धर साहित्यकारों देवेंद्र धर और केआर भारती ने भी अपने विचार रखे। अध्यक्षीय टिप्पणी से पूर्व डॉ सत्यपाल सहगल ने तीनों पढ़े गए पत्रों पर अपने विचार रखे और कहा कि ये संग्रह हिन्दी कविता में गरीब और मज़लूम के लौटने की सूचना है। उन्होंने कहा कि संग्रह की कविताएं मुक्तिबोध और लालसिंह दिल की छुअन लिए हैं। संग्रह पढ़ने के बाद हो सकता है पाठक कहे अरे इसी की प्रतीक्षा थी। धर्म ईमानदारी की ओर इशारा: कौर आखिर में पॉल कौर ने कविताओं में मौजूद अध्यात्म, धर्म और ईमानदारी की ओर इशारा किया और प्रकाशक को हिन्दी साहित्य जगत को इतनी खूबसूरत कविताएं देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आज इसी प्रकार के साहित्य की जरूरत है जो धरती, उसके पर्यावरण और इंसानियत को बचाने की बात करता हो। इस अवसर पर साहित्य संस्था सर्जक के सदस्य लेखक सुनील ग्रोवर, सुनील ग्रोवर, वेद शर्मा, अरुणजीत ठाकुर, रणवीर गुलेरिया, सुनील हेटा, संदीप वर्मा, सुशील शर्मा इत्यादि मौजूद रहे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर