पंजाब सरकार ने सीनियर आईएएस अधिकारी विवेक प्रताप सिंह को गवर्नर गुलाब चंद कटारिया का प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया है। वह 1992 बैच के IAS अधिकारी है। साथ ही सरकार के कई पदों पर काम कर चुके हैं। इससे पहले इस पद की जिम्मेदारी के शिव प्रसाद संभाल रहे थे। हालांकि उन्होंने कुछ दिन पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया था। सरकार ने उनके आवेदन को मंजूरी दे दी थी। साथ ही उनकी फाइल केंद्र सरकार को भेज दी थी। आदेश की कॉपी पंजाब सरकार ने सीनियर आईएएस अधिकारी विवेक प्रताप सिंह को गवर्नर गुलाब चंद कटारिया का प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया है। वह 1992 बैच के IAS अधिकारी है। साथ ही सरकार के कई पदों पर काम कर चुके हैं। इससे पहले इस पद की जिम्मेदारी के शिव प्रसाद संभाल रहे थे। हालांकि उन्होंने कुछ दिन पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया था। सरकार ने उनके आवेदन को मंजूरी दे दी थी। साथ ही उनकी फाइल केंद्र सरकार को भेज दी थी। आदेश की कॉपी पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब को बढ़ानी पड़ेगी सुखना इको जोन की सीमा:SC केस में सख्त, बनाई जा रही है स्ट्रेटजी, सितंबर में है सुनवाई
पंजाब को बढ़ानी पड़ेगी सुखना इको जोन की सीमा:SC केस में सख्त, बनाई जा रही है स्ट्रेटजी, सितंबर में है सुनवाई पंजाब सरकार अपने एरिया में सुखना इको सेंसिटिव जोन की सीमा को बढ़ाने के लिए नए सिरे से विचार कर रही है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया है कि सितंबर माह तक इसकी सीमा तय की जाए। मामले की 18 सितंबर को सुनवाई है। वहीं, इसके बाद संबंधित विभाग स्ट्रेटजी तैयारी करने में जुट गया है। माना जा रहा है इस संबंधी प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट मीटिंग में लाया जाएगा। अगर यह एरिया बढ़ता है तो कई रसूखदार लोग मुश्किल में आ सकते हैं। क्योंकि उस एरिया में कई लोगों ने अपने फार्म हाउस तक बनाए हुए हैं। जबकि कुछ तो उनका काॅमर्शियल प्रयोग तक कर रहे हैं। इसके चलते कुछ मालिकों को नोटिस तक जारी हुआ था। एरिया बढ़ा तो यह लोग हो सकते हैं प्रभावित इस मामले में पंजाब चाहता है कि यह एरिया केवल 100 मीटर का हो। क्योंकि इस एरिया में कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। लेकिन चंडीगढ़ को भी इस पर आपत्ति था। जिसके बाद अब कई चीजों पर मंथन हो रहा है। सूत्रों की माने तो इस एरिया में को अगर 10 किलोमीटर तक बढ़ाया जाता है, तो करीब 46 फार्म हाउस प्रभावित होंगे। वहीं, एक किलोमीटर तक सीमा बढ़ाई जाती है तो 17 फार्म हाउस प्रभावित होंगे। अगर एरिया ढाई से पांच किलोमीटर तक बढ़ाया जाता है तो 9 फार्म हाउस प्रभावित होंगे। जो कि स्यूंक, पडछ और माजरी में स्थित है। जबकि एरिया पांच से 10 किलोमीटर तक होने पर पड़ौल, छोटी बौर बड़ी नंगल के करीब नौ फार्म इस एरिया में आएंगे। वहीं, आने वाले समय में गमाडा को अपने प्रोजेक्ट लांच करने से पहले नए सिरे से रणनीति बनानी होगी चंडीगढ़ अपना एरिया पहले घोषित कर चुका है सूत्रों की माने तो इको सेंसिटिव जोन की सीमा बढ़ाने में यदि प्रशासन ने काेई ढील वरती तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा खुद इसका घेरा बढ़ाया जाएगा। सुखना का कुल 26 वर्ग किमी है। चंडीगढ़ प्रशासन ने 2 किमी से 2.75 किमी तक के क्षेत्र को इको जोन घोषित किया हुआ है। उसने इसी तर्ज पर पंजाब व हरियाणा से भी इको जोन घोषित करने की मांग रखी थी। क्येांकि 90 फीसद एरिया पंजाब व हरियाणा में पड़ता है। हरियाणा ने भी अपना एरिया घोषित किया जा चुका है।
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पंजाब विश्वविद्यालय ने दी 5 करोड़ की फीस सहायता:’सीखते हुए कमाओ’ योजना में छात्रों की भागीदारी बढ़ी; खेल छात्रवृत्ति में आई कमी पंजाब विश्वविद्यालय ने 2023-24 सत्र के दौरान 1 हजार 601 छात्रों को लगभग 5 करोड़ रुपए की फीस रियायत और छात्रवृति प्रदान की हैं। हालांकि, पिछले सत्र 2022-23 में 1,976 छात्रों को यह सुविधा दी गई थी, जो इस वर्ष घटकर 1,561 रह गई। दूसरी ओर, ‘सीखते हुए कमाओ’ योजना में सुधार हुआ है, जिसमें इस सत्र में भागीदारी और फंडिंग में वृद्धि दर्ज की गई। ‘सीखते हुए कमाओ’ योजना से लाभान्वित होने वाले छात्रों की संख्या में लगभग 16% की वृद्धि हुई है। 2022-23 में 94 छात्रों की तुलना में इस वर्ष 109 छात्रों ने इस योजना का लाभ उठाया है। वितरित धनराशि भी 28.96 लाख से बढ़कर 41.41 लाख रुपए हो गई है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा के साथ काम के अनुभव का अवसर देना है। हालांकि, पूर्ण शुल्क रियायत के मामलों में गिरावट देखने को मिली है। 2022-23 में जहां 37 छात्रों को यह लाभ मिला था, वहीं 2023-24 में यह संख्या घटकर सिर्फ 13 रह गई। इसके साथ ही इस श्रेणी में वितरित राशि 16.04 लाख रुपए से घटकर 7.68 लाख रुपए हो गई। खेल छात्रवृत्ति में गिरावट पंजाब विश्वविद्यालय के खेल छात्रवृत्तियों में भी इस वर्ष गिरावट दर्ज की गई है। 2022-23 में जहां 175 छात्रों को खेल छात्रवृत्ति दी गई थी, वहीं 2023-24 में यह संख्या घटकर मात्र 11 रह गई। हालांकि, वितरित राशि लगभग समान रही, जो 34.99 लाख से बढ़कर 35 लाख रुपए हो गई। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एथलीटों के प्रदर्शन में आई गिरावट के कारण खेल छात्रवृत्ति के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। आवश्यकता-आधारित सहायता और विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति छात्र कल्याण डीन (DSW) का कार्यालय विभिन्न श्रेणियों में छात्रों को वित्तीय सहायता और छात्रवृत्ति प्रदान करता है। इनमें आवश्यकता-आधारित सहायता, आवश्यकता-सह-योग्यता छात्रवृत्ति और विकलांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति शामिल हैं। इस छात्रवृत्ति का वितरण ‘छात्र छात्रवृत्ति’ समिति के अध्यक्षों की अनुशंसा के आधार पर किया जाता है। इसे नौ महीने के लिए प्रदान किया जाता है। खेल छात्रवृत्ति का आकलन खेल विभाग द्वारा किया जाता है, जिसमें विभिन्न खेल गतिविधियों में छात्रों के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता है।
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