गैंगस्टर लॉरेंस इंटरव्यू केस की HC में सुनवाई:बर्खास्त डीएसपी ने गैंगस्टरों का बताया खतरा; SIT के लिए मांगे अधिकारियों के नाम

गैंगस्टर लॉरेंस इंटरव्यू केस की HC में सुनवाई:बर्खास्त डीएसपी ने गैंगस्टरों का बताया खतरा; SIT के लिए मांगे अधिकारियों के नाम

गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए इंटरव्यू मामले की आज (28 जनवरी) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की तरफ से वकील के माध्यम से अर्जी दाखिल की गई। साथ ही दावा किया कि गैंगस्टरों से उनके परिवार को खतरा है। पहले ही उन्हें दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। जो बिल्कुल गलत है। हालांकि अदालत ने इस विषय को सुनने से इनकार कर दिया। एसआईटी के लिए मांगे नाम दूसरी तरफ अदालत ने इंटरव्यू केस की सुनवाई करते हुए पूछा कि क्या इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख प्रबोध कुमार इस मामले की जांच को आगे जारी रख सकते हैं। क्योंकि वह इस महीने ही रिटायर हो रहे हैं। साथ ही पूछा कि पंजाब पुलिस के पास कितने डीजीपी है। अदालत ने अगली सुनवाई पर पुलिस को एडीजीपी और डीजीपी स्तर के नाम देने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई तीस जनवरी को होगी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाते हैं। गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए इंटरव्यू मामले की आज (28 जनवरी) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की तरफ से वकील के माध्यम से अर्जी दाखिल की गई। साथ ही दावा किया कि गैंगस्टरों से उनके परिवार को खतरा है। पहले ही उन्हें दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। जो बिल्कुल गलत है। हालांकि अदालत ने इस विषय को सुनने से इनकार कर दिया। एसआईटी के लिए मांगे नाम दूसरी तरफ अदालत ने इंटरव्यू केस की सुनवाई करते हुए पूछा कि क्या इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख प्रबोध कुमार इस मामले की जांच को आगे जारी रख सकते हैं। क्योंकि वह इस महीने ही रिटायर हो रहे हैं। साथ ही पूछा कि पंजाब पुलिस के पास कितने डीजीपी है। अदालत ने अगली सुनवाई पर पुलिस को एडीजीपी और डीजीपी स्तर के नाम देने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई तीस जनवरी को होगी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाते हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर