आज मौनी अमावस्या है। हर कोई सनातनी इस दिन संगम में स्नान करना चाहता है। प्रयागराज के संगम तट पर रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। एक पल में सब कुछ उलट-पुलट हो गया। 35 से 40 लोगों की जान चली गई। 50 से अधिक घायल हो गए। घायलों के परिजन अपनों को बचाने के लिए सीपीआर दे रहे थे। सीएम योगी ने तत्काल सभी अखाड़ों से बात कर तुरंत स्नान नहीं करने के लिए मनाया। इसके बाद NSG कमांडो और ट्रेनी IPS ने मोर्चा संभाला। चेन बनाकर भीड़ को बाहर निकाला। बैरिकेडिंग के जरिए भीड़ को नियंत्रित किया। 3 घंटे के भीतर सभी के सहयोग से स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पाया गया। भय और असमंजस के इस माहौल में साधु, संन्यासी, भक्त, पुलिस, प्रशासन ने मिलकर सामना किया और एक-दूसरे का सहारा बने। सबसे पहले वो तस्वीर जब महिला ने CPR देकर अपनों की जान बचाई दैनिक भास्कर टीम ने यह जानने की कोशिश की कि कैसे भगदड़ के बाद सरकार, पुलिस और प्रशासन ने मिलकर हालात को संभाला। 7 पॉइंट में जानिए 1- भगदड़ के बाद NSG कमांडो ने मोर्चा संभाला
रात के करीब 2.05 बजे भगदड़ मची। इसके तुरंत बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई। इसके लिए शहर की सीमा से सटे जिलों में प्रशासन को मुस्तैद कर दिया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया। 2- पुलिस ने बैरिकेडिंग शुरू कर दी
भीड़ को नियंत्रित करने और एक जगह जमा होने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई। सभी घाटों तक पहुंचने वालों की लोगों की आवाजाही को सीमित कर दिया गया। केवल आवश्यक सेवाओं वालों को ही अनुमति दी गई। इससे भीड़ ठहर सी गई। हालात सामान्य होने पर बैरिकेडिंग को हटाया गया, इसके बाद आवाजाही शुरू हो सकी। 3- हेलिकॉप्टर से अधिकारी निरीक्षण करने लगे
लोगों को शांत रहने, भगदड़ न मचाने और प्रशासन का सहयोग करने के लिए लाउडस्पीकर के जरिए अनाउंस किया गया। आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त निकास मार्ग खोले गए। इनमें कई पांटून ब्रिज का इस्तेमाल किया गया। 16 नंबर पीपापुल को बंद कर दिया गया। हेलिकॉप्टर से अधिकारी निरीक्षण करने लगे। भगदड़ के बाद महाकुंभ की सुरक्षा और बढ़ा दी गई। 4- पुलिस ने हाथ पकड़कर चेन बनाई
क्राउड को नियंत्रित करने के लिए ह्यूमन चेन टेक्नीक का प्रयोग कर भीड़ की दिशा बदली गई। ग्राउंड पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए ट्रेनी IPS की टीम उतारी गई। इससे स्नान व्यवस्था सुचारू हो गई है। महाकुंभ में भगदड़ मचने के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा अनाउंस करके भीड़ को रास्ता बताया जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं को स्नान में आसानी हो रही है। 5- हॉस्पिटल में डॉक्टर्स और नर्सों की संख्या बढ़ाई गई
घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए अतिरिक्त चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए। एम्बुलेंस सेवाओं को बढ़ा दिया गया। मौके पर 50 एम्बुलेंस लगाईं गई। हॉस्पिटल में अतिरिक्त डॉक्टर्स और नर्सों लगाए गए। डॉक्टर घायलों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें डिस्चार्ज करते गए। इससे हॉस्पिटल में स्थिति नियंत्रित रही। संगम नोज पर जहां भगदड़ मची, उसके सबसे नजदीक सेक्टर-4 का संगम चिकित्सालय है। यह हॉस्पिटल सिर्फ 20 बेड का है। डॉक्टरों की टीम अलर्ट थी। जैसे ही संख्या अधिक हुई डॉक्टरों की टीम ने घायलों को घटनास्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर सेंट्रल अस्पताल भेज दिया। ताकि यहां पर बेहतर इलाज हो सके। 6- 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान कुछ देर के लिए रोक दिया
भगदड़ के बाद प्रशासन के बाद सीएम योगी के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने कुछ देर के लिए अपना अमृत स्नान रोक दिया। इसके बाद अखाड़ों ने बैठक की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर इमरजेंसी बैठक बुलाई। इसमें पुलिस और शासन के बड़े अफसर शामिल हुए। हालात को कंट्रोल करने की रणनीति पर चर्चा हुई। 7- प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को रोका गया
सरकार की ओर से सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया कि श्रद्धालुओं को प्रयागराज जाने से अभी रोकें। इससे भगदड़ के हालात को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। इसके बाद स्पेशल ट्रेनें जहां थी वहीं रोक दी गईं। बसों की आवाजाही भी बंद कर दी गई। प्रयागराज जाने से जहां-जहां श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है। वहां पर श्रद्धालुओं को खाने-पीने की समुचित व्यवस्था कराई गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सब्जियां, राशन का सामान, बर्तन और चूल्हा तक उपलब्ध कराया है। —————– महाकुंभ-संगम पर भगदड़, 20 की मौत, आंकड़ा बढ़ने की आशंका प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है। 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं। भास्कर रिपोर्टर के मुताबिक- मेडिकल कॉलेज में पहले 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए। बाद में एंबुलेंस से कुछ और शवों को मेला क्षेत्र से लाया गया। पढ़ें पूरी खबर आज मौनी अमावस्या है। हर कोई सनातनी इस दिन संगम में स्नान करना चाहता है। प्रयागराज के संगम तट पर रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। एक पल में सब कुछ उलट-पुलट हो गया। 35 से 40 लोगों की जान चली गई। 50 से अधिक घायल हो गए। घायलों के परिजन अपनों को बचाने के लिए सीपीआर दे रहे थे। सीएम योगी ने तत्काल सभी अखाड़ों से बात कर तुरंत स्नान नहीं करने के लिए मनाया। इसके बाद NSG कमांडो और ट्रेनी IPS ने मोर्चा संभाला। चेन बनाकर भीड़ को बाहर निकाला। बैरिकेडिंग के जरिए भीड़ को नियंत्रित किया। 3 घंटे के भीतर सभी के सहयोग से स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पाया गया। भय और असमंजस के इस माहौल में साधु, संन्यासी, भक्त, पुलिस, प्रशासन ने मिलकर सामना किया और एक-दूसरे का सहारा बने। सबसे पहले वो तस्वीर जब महिला ने CPR देकर अपनों की जान बचाई दैनिक भास्कर टीम ने यह जानने की कोशिश की कि कैसे भगदड़ के बाद सरकार, पुलिस और प्रशासन ने मिलकर हालात को संभाला। 7 पॉइंट में जानिए 1- भगदड़ के बाद NSG कमांडो ने मोर्चा संभाला
रात के करीब 2.05 बजे भगदड़ मची। इसके तुरंत बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई। इसके लिए शहर की सीमा से सटे जिलों में प्रशासन को मुस्तैद कर दिया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया। 2- पुलिस ने बैरिकेडिंग शुरू कर दी
भीड़ को नियंत्रित करने और एक जगह जमा होने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई। सभी घाटों तक पहुंचने वालों की लोगों की आवाजाही को सीमित कर दिया गया। केवल आवश्यक सेवाओं वालों को ही अनुमति दी गई। इससे भीड़ ठहर सी गई। हालात सामान्य होने पर बैरिकेडिंग को हटाया गया, इसके बाद आवाजाही शुरू हो सकी। 3- हेलिकॉप्टर से अधिकारी निरीक्षण करने लगे
लोगों को शांत रहने, भगदड़ न मचाने और प्रशासन का सहयोग करने के लिए लाउडस्पीकर के जरिए अनाउंस किया गया। आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त निकास मार्ग खोले गए। इनमें कई पांटून ब्रिज का इस्तेमाल किया गया। 16 नंबर पीपापुल को बंद कर दिया गया। हेलिकॉप्टर से अधिकारी निरीक्षण करने लगे। भगदड़ के बाद महाकुंभ की सुरक्षा और बढ़ा दी गई। 4- पुलिस ने हाथ पकड़कर चेन बनाई
क्राउड को नियंत्रित करने के लिए ह्यूमन चेन टेक्नीक का प्रयोग कर भीड़ की दिशा बदली गई। ग्राउंड पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए ट्रेनी IPS की टीम उतारी गई। इससे स्नान व्यवस्था सुचारू हो गई है। महाकुंभ में भगदड़ मचने के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा अनाउंस करके भीड़ को रास्ता बताया जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं को स्नान में आसानी हो रही है। 5- हॉस्पिटल में डॉक्टर्स और नर्सों की संख्या बढ़ाई गई
घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए अतिरिक्त चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए। एम्बुलेंस सेवाओं को बढ़ा दिया गया। मौके पर 50 एम्बुलेंस लगाईं गई। हॉस्पिटल में अतिरिक्त डॉक्टर्स और नर्सों लगाए गए। डॉक्टर घायलों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें डिस्चार्ज करते गए। इससे हॉस्पिटल में स्थिति नियंत्रित रही। संगम नोज पर जहां भगदड़ मची, उसके सबसे नजदीक सेक्टर-4 का संगम चिकित्सालय है। यह हॉस्पिटल सिर्फ 20 बेड का है। डॉक्टरों की टीम अलर्ट थी। जैसे ही संख्या अधिक हुई डॉक्टरों की टीम ने घायलों को घटनास्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर सेंट्रल अस्पताल भेज दिया। ताकि यहां पर बेहतर इलाज हो सके। 6- 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान कुछ देर के लिए रोक दिया
भगदड़ के बाद प्रशासन के बाद सीएम योगी के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने कुछ देर के लिए अपना अमृत स्नान रोक दिया। इसके बाद अखाड़ों ने बैठक की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर इमरजेंसी बैठक बुलाई। इसमें पुलिस और शासन के बड़े अफसर शामिल हुए। हालात को कंट्रोल करने की रणनीति पर चर्चा हुई। 7- प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को रोका गया
सरकार की ओर से सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया कि श्रद्धालुओं को प्रयागराज जाने से अभी रोकें। इससे भगदड़ के हालात को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। इसके बाद स्पेशल ट्रेनें जहां थी वहीं रोक दी गईं। बसों की आवाजाही भी बंद कर दी गई। प्रयागराज जाने से जहां-जहां श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है। वहां पर श्रद्धालुओं को खाने-पीने की समुचित व्यवस्था कराई गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सब्जियां, राशन का सामान, बर्तन और चूल्हा तक उपलब्ध कराया है। —————– महाकुंभ-संगम पर भगदड़, 20 की मौत, आंकड़ा बढ़ने की आशंका प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है। 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं। भास्कर रिपोर्टर के मुताबिक- मेडिकल कॉलेज में पहले 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए। बाद में एंबुलेंस से कुछ और शवों को मेला क्षेत्र से लाया गया। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर