<p style=”text-align: justify;”><strong>Moradabad News Today:</strong> जमीयत उलेमा ए हिंद यूपी के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने समान नागरिक संहिता कानून (UCC) को लेकर बड़ा बयान दिया है. मौलाना काब रशीदी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश के युवाओं की बेरोजगारी, पलायन और गरीबी जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए समान नागरिक संहिता कानून लाई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना काब रशीदी ने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद इसका कानूनी तरीके से विरोध करेगी और इसके खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी जाएगी. यह मुसलमानों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के खिलाफ है. उन्होंने वक्फ संसोधन बिल संयुक्त संसदीय कमेटी द्वारा 14-11 से स्वीकार कर लेने का भी विरोध किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>काब रशीदी का गंभीर आरोप</strong><br />मौलाना काब रशीदी ने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद इसका भी शुरुआती दिनों से विरोध कर रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों पर इस कानून के जरिये नाजायज कब्जा चाहती है. हमने वक्फ संसोधन बिल का विरोध बड़े स्तर पर किया है और आगे जारी रखेंगे.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकुंभ घटना पर जताया दुख</strong><br />यूपी जमीयत उलेमा हिंद के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने महाकुंभ हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए लोगों अपील की कि वह सरकार की गाइडलाइंस का पालन करें और सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद यूसीसी के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक साथ जायेगी, क्योंकि हमारा यह मानना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड भेदभाव पर आधारित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना काब रशीदी ने कहा, “उत्तराखंड यूसीसी में समानता नहीं है, इसमें आर्टिकल- 36 के रास्ते से अनुसूचित जन जाति को इस से अलग रखा गया है और उसकी दलील यह दी गयी है कि आर्टिकल- 21 में इनके अधिकारों की रक्षा की गयी है.” उन्होंने कहा, “अगर यह आधार है तो फिर मुसलमानों को आर्टिकल-25, 26 और 29 अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की बात की गई है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’UCC शरीयत में दखलअंदाजी'</strong><br />जमीयत उलेमा हिंद के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने आगे कहा, “मुसलमानों को यूसीसी से अलग रखा जाना चाहिए, अगर आप मुसलमानों को इससे अलग नहीं रख रहे हैं और अनुसूचित जन जाति को इस से अलग रख रहे हैं तो फिर समानता कहां हुई ये हमारा सवाल है.” उन्होंने कहा, “यह एक एजेंडे के तहत लाया गया है. यह एक तरह से सीधे तौर पर शरीयत में दखलंदाजी है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना काब रशीदी ने कहा, “भारत में हर 10 किलोमीटर के अंतर पर लोगों की भाषा बदल जाती है, क्योंकि इन्हें एक बड़े वोट बैंक की हानि का डर था. इसलिए इन्होंने अनुसूचित जन जाति को इस से अलग कर दिया है.” उन्होंने कहा, “यह जिस आर्टिकल- 44 की बात कर रहे हैं, वह मौलिक अधिकारों में आता ही नहीं है. उसमें तो यह भी लिखा है कि शराब पर प्रतिबंध होना चाहिए और देश के अंदर आर्थिक असमानता नहीं होनी चाहिए. मुसलमानों के मौलिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”महाकुंभ भगदड़ में घायलों के बारे में चाहिए जानकारी तो डायल करें ये हेल्पलाइन नंबर, सरकार ने किया जारी” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-stampede-helpline-number-1920-for-who-are-searching-there-family-member-2873275″ target=”_blank” rel=”noopener”>महाकुंभ भगदड़ में घायलों के बारे में चाहिए जानकारी तो डायल करें ये हेल्पलाइन नंबर, सरकार ने किया जारी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Moradabad News Today:</strong> जमीयत उलेमा ए हिंद यूपी के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने समान नागरिक संहिता कानून (UCC) को लेकर बड़ा बयान दिया है. मौलाना काब रशीदी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश के युवाओं की बेरोजगारी, पलायन और गरीबी जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए समान नागरिक संहिता कानून लाई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना काब रशीदी ने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद इसका कानूनी तरीके से विरोध करेगी और इसके खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी जाएगी. यह मुसलमानों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के खिलाफ है. उन्होंने वक्फ संसोधन बिल संयुक्त संसदीय कमेटी द्वारा 14-11 से स्वीकार कर लेने का भी विरोध किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>काब रशीदी का गंभीर आरोप</strong><br />मौलाना काब रशीदी ने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद इसका भी शुरुआती दिनों से विरोध कर रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों पर इस कानून के जरिये नाजायज कब्जा चाहती है. हमने वक्फ संसोधन बिल का विरोध बड़े स्तर पर किया है और आगे जारी रखेंगे.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकुंभ घटना पर जताया दुख</strong><br />यूपी जमीयत उलेमा हिंद के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने महाकुंभ हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए लोगों अपील की कि वह सरकार की गाइडलाइंस का पालन करें और सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद यूसीसी के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक साथ जायेगी, क्योंकि हमारा यह मानना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड भेदभाव पर आधारित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना काब रशीदी ने कहा, “उत्तराखंड यूसीसी में समानता नहीं है, इसमें आर्टिकल- 36 के रास्ते से अनुसूचित जन जाति को इस से अलग रखा गया है और उसकी दलील यह दी गयी है कि आर्टिकल- 21 में इनके अधिकारों की रक्षा की गयी है.” उन्होंने कहा, “अगर यह आधार है तो फिर मुसलमानों को आर्टिकल-25, 26 और 29 अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की बात की गई है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’UCC शरीयत में दखलअंदाजी'</strong><br />जमीयत उलेमा हिंद के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने आगे कहा, “मुसलमानों को यूसीसी से अलग रखा जाना चाहिए, अगर आप मुसलमानों को इससे अलग नहीं रख रहे हैं और अनुसूचित जन जाति को इस से अलग रख रहे हैं तो फिर समानता कहां हुई ये हमारा सवाल है.” उन्होंने कहा, “यह एक एजेंडे के तहत लाया गया है. यह एक तरह से सीधे तौर पर शरीयत में दखलंदाजी है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना काब रशीदी ने कहा, “भारत में हर 10 किलोमीटर के अंतर पर लोगों की भाषा बदल जाती है, क्योंकि इन्हें एक बड़े वोट बैंक की हानि का डर था. इसलिए इन्होंने अनुसूचित जन जाति को इस से अलग कर दिया है.” उन्होंने कहा, “यह जिस आर्टिकल- 44 की बात कर रहे हैं, वह मौलिक अधिकारों में आता ही नहीं है. उसमें तो यह भी लिखा है कि शराब पर प्रतिबंध होना चाहिए और देश के अंदर आर्थिक असमानता नहीं होनी चाहिए. मुसलमानों के मौलिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए.”</p>
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