चीन के हार्बिन में 7 से 14 फरवरी तक होने वाले एशियन विंटर गेम्स के महिला अल्पाइन स्कीइंग टीम में हिमाचल की तीन बेटियां देश के लिए खेलेगी। भारतीय टीम में मनाली की तीन बेटियों का चयन हुआ है। इनमें आंचल ठाकुर, संध्या ठाकुर और तनुजा ठाकुर शामिल है। इन तीनों के अलावा एक उत्तराखंड की बेटी भी शामिल है। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी ने इंटरनेशनल स्कीइंग में प्रदर्शन की रैंकिंग के आधार पर इन खिलाड़ियों का चयन किया है। साल 2017 के बाद से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अल्पाइन स्कीइंग प्रतियोगिताओं में इन चारों की रैंकिंग सर्वोच्च रही है। इन खिलाड़ियों ने हाल ही में इटली में 6 से 22 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया, जो इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी द्वारा स्वीकृत और इंटरनेशनल स्की एंड स्नोबोर्ड फेडरेशन द्वारा प्रायोजित था। विश्वस्तरीय प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त टीम अब प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह तैयार है। 34 देशों से 76 खिलाड़ी भाग लेंगे एशियन विंटर गेम्स में 34 देशों के 76 खिलाड़ी विभिन्न वर्गों में भाग लेंगे, जिसमें 4 महिला खिलाड़ी अल्पाइन स्कीइंग स्लालम स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करेंगी। हिमाचल विंटर गेम्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और टीम के कोच लुदर ठाकुर ने बताया कि 2017 में जापान में हुए एशियन विंटर गेम्स में भी मनाली की 6 बेटियां भारत के के लिए खेती थी। इनमें से संध्या और आंचल ठाकुर इस बार भी टीम का हिस्सा हैं। 2017 के बाद जो भी नेशनल और इंटरनेशनल अल्पाइन स्कीइंग चैंपियनशिप्स हुई हैं उनमें इन चारों महिला खिलाड़ियों ने बराबर हिस्सा लिया और चारों महिला खिलाड़ी टॉप रैंकिंग पर थीं जिस आधार पर इनका चयन एशियन विंटर गेम्स में हुआ है। मनाली ने कई इंटरनेशनल खिलाड़ी दिए: हीरा लाल मनाली के सोलंगनाला की स्की ढलानों में बचपन से स्कीइंग कर रही इन खिलाड़ियों के चयन पर ओलंपियन हीरा लाल ने बताया कि सोलंग नाला की स्की ढलानें आज तक कई नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी देश को दे चुकी हैं। चीन के हार्बिन में 7 से 14 फरवरी तक होने वाले एशियन विंटर गेम्स के महिला अल्पाइन स्कीइंग टीम में हिमाचल की तीन बेटियां देश के लिए खेलेगी। भारतीय टीम में मनाली की तीन बेटियों का चयन हुआ है। इनमें आंचल ठाकुर, संध्या ठाकुर और तनुजा ठाकुर शामिल है। इन तीनों के अलावा एक उत्तराखंड की बेटी भी शामिल है। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी ने इंटरनेशनल स्कीइंग में प्रदर्शन की रैंकिंग के आधार पर इन खिलाड़ियों का चयन किया है। साल 2017 के बाद से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अल्पाइन स्कीइंग प्रतियोगिताओं में इन चारों की रैंकिंग सर्वोच्च रही है। इन खिलाड़ियों ने हाल ही में इटली में 6 से 22 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया, जो इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी द्वारा स्वीकृत और इंटरनेशनल स्की एंड स्नोबोर्ड फेडरेशन द्वारा प्रायोजित था। विश्वस्तरीय प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त टीम अब प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह तैयार है। 34 देशों से 76 खिलाड़ी भाग लेंगे एशियन विंटर गेम्स में 34 देशों के 76 खिलाड़ी विभिन्न वर्गों में भाग लेंगे, जिसमें 4 महिला खिलाड़ी अल्पाइन स्कीइंग स्लालम स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करेंगी। हिमाचल विंटर गेम्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और टीम के कोच लुदर ठाकुर ने बताया कि 2017 में जापान में हुए एशियन विंटर गेम्स में भी मनाली की 6 बेटियां भारत के के लिए खेती थी। इनमें से संध्या और आंचल ठाकुर इस बार भी टीम का हिस्सा हैं। 2017 के बाद जो भी नेशनल और इंटरनेशनल अल्पाइन स्कीइंग चैंपियनशिप्स हुई हैं उनमें इन चारों महिला खिलाड़ियों ने बराबर हिस्सा लिया और चारों महिला खिलाड़ी टॉप रैंकिंग पर थीं जिस आधार पर इनका चयन एशियन विंटर गेम्स में हुआ है। मनाली ने कई इंटरनेशनल खिलाड़ी दिए: हीरा लाल मनाली के सोलंगनाला की स्की ढलानों में बचपन से स्कीइंग कर रही इन खिलाड़ियों के चयन पर ओलंपियन हीरा लाल ने बताया कि सोलंग नाला की स्की ढलानें आज तक कई नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी देश को दे चुकी हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया
हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जहां मतदान करवाना चुनौती से कम नहीं। राज्य में एक पोलिंग बूथ ऐसा है, जहां हेलिकॉप्टर से पहुंचा जा सकता है। एक मतदान केंद्र में नाव से साढ़े 5 किलोमीटर का सफर कर पोलिंग पार्टी पहुंच पाई हैं। प्रदेश में दर्जनों ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को ऊंचे-ऊंचे पहाड़, खतरनाक नदी-नाले और बर्फ के पहाड़ पार कर पहुंचना पड़ा। यही नहीं, विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थापित मतदान केंद्र भी हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में है। कुछ रोचक पोलिंग स्टेशनों के बारे में भास्कर की रिपोर्ट.. बड़ा भंगाल में हेलिकॉप्टर से पहुंचा मतदान दल
हिमाचल के कांगड़ा जिला में अति दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लिए पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से भेजी गई है। गुरुवार शाम को मतदान दल EVM के साथ हेलिकॉप्टर में बड़ा भंगाल के लिए उड़ा। यह टीम आज शाम तक पोलिंग बूथ को वोटिंग के लिए तैयार करेगा। शनिवार को वोटिंग के बाद पोलिंग पार्टी बड़ा भंगाल में ही नाइट स्टे करेगी। 2 जून को पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से ही वापस बैजनाथ लौटेंगी। पैदल बड़ा भंगाल पहुंचने में लगते हैं 3 दिन
बड़ा भंगाल हिमाचल का इकलौता ऐसा मतदान केंद्र है, जहां पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जाती है। वापस भी हेलिकॉप्टर से ही लाई जाती है। सड़क कनेक्टिविटी न होने की वजह से यहां से लोगों का जीवन भी कठिनाइयों से भरा रहता है। बैजनाथ से बड़ा भंगाल पैदल पहुंचने में कम से कम 3 दिन लगते हैं। आधे रास्ते में एक नाइट का स्टे करना पड़ता है। यहां नेता भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते
बैजनाथ से बरोट-मुल्थान होते हुए गड़सापुल तक सड़क से पहुंचा जा सकता है, लेकिन यहां से आगे 3 दिन पैदल चलना पड़ता है। इस वजह से यहां चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते हैं। बताया जाता है कि पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल, वूल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी नेता त्रिलोक कपूर और बैजनाथ के पूर्व विधायक मुल्ख राज प्रेमी जरूर यहां एक बार वोट मांगने पहुंचे थे। मगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ज्यादातर बार कोई कैंडिडेट यहां नहीं पहुंच पाता। कुठेड़ा पोलिंग बूथ को नाव से पहुंची टीम
कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा में कुठेड़ा पोलिंग बूथ को पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को नाव का सहारा लेना पड़ा। इस टीम की वापसी भी नाव से ही हो पाएगी। यह पोलिंग बूथ पौंग डैम के टापू पर बनाया गया है। मतदान कर्मियों को लगभग साढ़े 5 किलोमीटर का सफर नाव में करना पड़ा। तब जाकर कर्मचारी पोलिंग बूथ तक पहुंच पाए। एहलमी पहुंचने को 15KM पैदल चलना पड़ता है
मंडी लोकसभा के अंतर्गत चंबा जिले की भरमौर विधानसभा के मैहला खंड में एहलमी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी 15 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंची है। वहीं, शिमला जिले में डोडराक्वार में पंडार और कुल्लू जिले में शाकटी मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए मतदान दलों को 11 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उधर, कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भटियात विधानसभा क्षेत्र में चक्की मतदान केंद्र पर 13 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचना पड़ता है। इन जिलों में भी खतरनाक रास्तों से पहुंची पोलिंग पार्टियां
मंडी, शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर जिले में दर्जन भर ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को खतरनाक नदियों को पार करना पड़ा। बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पड़े। खतरनाक व जोखिम भरे रास्तों से सफर तय कर मंजिल पहुंचना पड़ा। सामान ढोने की स्पेन का भी सहारा लिया। हिमाचल में दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई वाला पोलिंग बूथ
विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर पोलिंग बूथ हिमाचल के लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में है। इस मतदान केंद्र में कुल 62 मतदाता हैं। यहां 37 पुरुष और 25 महिला मतदाता हैं। यह मतदान केंद्र समुद्र तल से 15,256 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस केंद्र को सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मॉडल पोलिंग बूथ बनाया गया है। इस पोलिंग बूथ के लिए भी गुरुवार को ही मतदान दल रवाना कर दिया गया है।
हिमाचल सरकार रोकेगी विद्यार्थियों का पलायन:बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी बोले- कलस्टर बनाकर दी जाएगी हॉस्टल सुविधा
हिमाचल सरकार रोकेगी विद्यार्थियों का पलायन:बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी बोले- कलस्टर बनाकर दी जाएगी हॉस्टल सुविधा हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में जहां सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों की संख्या बहुत कम है, वहां चार-पांच स्कूलों का एक कलस्टर बनाकर हॉस्टल की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। छात्र छात्राओं को फ्री गुणात्मक शिक्षा प्रदान की जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को पलायन करने की आवश्यकता ना पडे़। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले समय में इस कार्य को किन्नौर जिले से शुरू कर प्रदेश के अन्य सभी जनजातीय क्षेत्रों में भी इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किन्नौर के सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए पहले ही जवाहर उत्कृष्ट विद्यालय योजना को लागू किया था, मगर भाजपा के शासनकाल में इस पर विराम लगा दिया था। प्रदेश में कांग्रेस सरकार आते ही स्कूलों के गुणात्मक शिक्षा को मजबूत करने के लिए विद्यालयों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन राशि को शुरू कर दिया। स्कूलों का वार्षिक मूल्यांकन उन्होंने कहा कि, जवाहर उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत किन्नौर जिले में प्राइमरी, माध्यमिक, हाई एवं सेकेंडरी स्कूल स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सभी विद्यालयों को प्रोत्साहन राशि सहित ट्रॉफी प्रदान की गई। इस योजना के तहत एलिमेंट्री एवं सेकेंडरी स्कूल में एक पैरामीटर के तहत वार्षिक मूल्यांकन कर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्राइमरी, मिडिल, हाई एवं सेकेंडरी स्कूलों को 50 हजार, 30 हजार व 20 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के साथ ट्रॉफी प्रदान की जा रही है। यह स्कूल रहे अब्बल प्राइमरी स्तर पर केंद्र प्राथमिक स्कूल पांगी प्रथम, केंद्र प्राथमिक स्कूल ख्वांगी द्वितीय तथा प्राइमरी स्कूल ब्रेलंगी तीसरे स्थान पर रहे। माध्यमिक स्तर पर राजकीय मिडिल स्कूल कल्पा गांव प्रथम, तरांडा द्वितीय तथा मिडिल स्कूल जानी तीसरे स्थान पर रहा। उच्च विद्यालयों में राजकीय उच्च विद्यालय छोलटू प्रथम, उच्च विद्यालय सुंगरा द्वितीय तथा उच्च विद्यालय थेमगारंग तृतीय स्थान प्राप्त किया। उच्चतर स्तर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रिकांगपिओ प्रथम, सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोठी द्वितीय तथा गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कल्पा तृतीय स्थान रहा।
CM सुक्खू के मंडी दौरे से पहले जयराम का तंज:बोले- सराज की धरती पर स्वागत, उद्घाटन आपका अधिकार लेकिन झूठ ना बोलें
CM सुक्खू के मंडी दौरे से पहले जयराम का तंज:बोले- सराज की धरती पर स्वागत, उद्घाटन आपका अधिकार लेकिन झूठ ना बोलें मंडी जिला के पंडोह में सीएम सुक्खू मंगलवार को बाखली रोपवे का शुभारंभ करने आ रहे हैं। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि उनका सराज की धरती पर स्वागत है लेकिन उनसे निवेदन है कि वे यहां आकर झूठ न बोलें। मंडी में जयराम ठाकुर ने कहा कि आजकल सीएम जहां भी जा रहे हैं वहां भाजपा द्वारा शुरू किए गए कार्यों का फीता काट रहे हैं। बावजूद इसके लोगों के बीच जाकर यह झूठ बोल रहे हैं कि उस कार्य को उनकी सरकार ने करवाया। जबकि हकीकत यह है कि उन सभी कार्यों को भाजपा सरकार ने बजट के साथ शुरू करवाया था। 50 करोड़ की लागत से बना रोप-वे
माता बगलामुखी के लिए 50 करोड़ की लागत से बने रोप-वे का निर्माण भी भाजपा सरकार के समय में ही शुरू हुआ था। यह देश का नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित पहला रोप-वे प्रोजेक्ट है। सीएम सराज में आकर कम से कम इसके बारे में झूठ न बोलें। वे सीएम हैं और उसके नाते उद्घाटन करना उनका अधिकार है लेकिन यह उद्घाटन झूठ के बगैर होना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज भी सीएम ने ढली बस स्टैंड के उद्घाटन के बाद यह झूठ बोला है कि उस बस स्टैंड के लिए भाजपा सरकार ने बजट का कोई प्रावधान नहीं किया था जबकि हकीकत यह है कि यह बस स्टैंड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बना है। 2022 में भाजपा सरकार ने 4 करोड़ के बजट प्रावधान के साथ इसका निर्माण कार्य शुरू किया था, जबकि बाकी बजट नियमों के तहत किश्तों में जारी हुआ है। जयराम ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग को नकारना सीएम की इसी खूबी को दर्शाता है कि वे दिन के उजाले में बड़ी चतुराई से झूठ बोल देते हैं। जयराम ठाकुर उद्घाटन को लेकर बोले हमला
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने दो-दो बार उद्घाटन और दो-दो बार शिलान्यास करने का नया रिवाज छेड़ रखा है। जिन परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास पूर्व सरकारों द्वारा किया जा चुका है। उनके उद्घाटन और शिलान्यास फिर से किए जा रहे हैं। सीएम के नाते उन्हें नए कार्यों को शुरू करना चाहिए, जबकि वे किए हुए कार्यों का फिर से रिबन काटने में लगे हुए हैं।