हिमाचल के सोलन जिले में कुनिहार को नालागढ़ से जोड़ने वाला गंभर पुल भारी बारिश के बाद बीती रात फिर वाहनों के लिए बंद कर दिया गया। कुनिहार और आसपास के इलाकों में बीती रात 10.30 बजे से 1 बजे तक भारी बारिश हुई। इसके चलते गंभर पुल पर रात को भारी मलबा आ गया और पानी के तेज बहाव के कारण पुल की नींव खोखली हो रही है। हाईवे पर मलबा आने के बाद करीब 8 घंटे तक मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहा। सुबह करीब 9 बजे हाईवे को बहाल किया जा सका। लेकिन अभी भी नाले से मलबा आ रहा है। इसके चलते हाईवे बार-बार बंद हो रहा है और गंभर पुल भी खतरे की जद में आ गया है। कुनिहार क्षेत्र में कई ग्रामीण सड़कें भी बंद भारी बारिश के बाद कुनिहार-नालागढ़ स्टेट हाईवे के अलावा क्षेत्र की आधा दर्जन ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गई है। सड़कों पर जगह-जगह लैंडस्लाइड और नालों में पानी के तेज बहाव के साथ मलबा आने से यातायात अवरुद्ध हुआ है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आज सुबह के वक्त कामकाजी लोगों और स्कूली बच्चों को भी स्कूल पहुंचने में परेशानी हुई। 4 दिन पहले भी गंभरपुल में फटा था बादल बता दें कि चार दिन पहले भी सोलन के गंभरपुल में बादल फटने से सड़क पर सैलाब आ गया था। एक ढाबा पूरी तरह तबाह हो गया था, जबकि दो दुकानों व एक घर में मलबा घुस गया था। दो गाड़ियों को भी इससे नुकसान पहुंचा था। बीती रात को उसी पॉइंट पर भारी बारिश के बाद नाले से सारा मलबा सड़क पर आ गया। PWD के सहायक अभियंता जीएन शर्मा ने बताया कि विभाग ने सुबह के समय ही क्षेत्र की बंद सड़कों को खोलने का काम शुरू कर दिया था। हिमाचल के सोलन जिले में कुनिहार को नालागढ़ से जोड़ने वाला गंभर पुल भारी बारिश के बाद बीती रात फिर वाहनों के लिए बंद कर दिया गया। कुनिहार और आसपास के इलाकों में बीती रात 10.30 बजे से 1 बजे तक भारी बारिश हुई। इसके चलते गंभर पुल पर रात को भारी मलबा आ गया और पानी के तेज बहाव के कारण पुल की नींव खोखली हो रही है। हाईवे पर मलबा आने के बाद करीब 8 घंटे तक मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहा। सुबह करीब 9 बजे हाईवे को बहाल किया जा सका। लेकिन अभी भी नाले से मलबा आ रहा है। इसके चलते हाईवे बार-बार बंद हो रहा है और गंभर पुल भी खतरे की जद में आ गया है। कुनिहार क्षेत्र में कई ग्रामीण सड़कें भी बंद भारी बारिश के बाद कुनिहार-नालागढ़ स्टेट हाईवे के अलावा क्षेत्र की आधा दर्जन ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गई है। सड़कों पर जगह-जगह लैंडस्लाइड और नालों में पानी के तेज बहाव के साथ मलबा आने से यातायात अवरुद्ध हुआ है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आज सुबह के वक्त कामकाजी लोगों और स्कूली बच्चों को भी स्कूल पहुंचने में परेशानी हुई। 4 दिन पहले भी गंभरपुल में फटा था बादल बता दें कि चार दिन पहले भी सोलन के गंभरपुल में बादल फटने से सड़क पर सैलाब आ गया था। एक ढाबा पूरी तरह तबाह हो गया था, जबकि दो दुकानों व एक घर में मलबा घुस गया था। दो गाड़ियों को भी इससे नुकसान पहुंचा था। बीती रात को उसी पॉइंट पर भारी बारिश के बाद नाले से सारा मलबा सड़क पर आ गया। PWD के सहायक अभियंता जीएन शर्मा ने बताया कि विभाग ने सुबह के समय ही क्षेत्र की बंद सड़कों को खोलने का काम शुरू कर दिया था। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में पैरा ग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का रोमांच:आज 73 पायलट भरेंगे उड़ान; अब तक अमेरिका के ऑस्टिन कॉकस और पौलेंड की जोना कोक आगे
हिमाचल में पैरा ग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का रोमांच:आज 73 पायलट भरेंगे उड़ान; अब तक अमेरिका के ऑस्टिन कॉकस और पौलेंड की जोना कोक आगे हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की बीड़ बिलिंग घाटी में आज 73 पैराग्लाइडर उड़ान भरेंगे। एक पायलट चोटिल होने के बाद प्रतियोगिता से बाहर हो गया हैं। पुरुष वर्ग में अमेरिका के ऑस्टिन कॉकस अब तक 1496 अंक के साथ पहले स्थान पर चल रहे हैं। वहीं कजाकिस्तान के अलेक्जेंडर 1410 अंकों के साथ दूसरे स्थान तथा पौलेंड के डोमिनिक कैपिका 1408 अंक लेकर तीसरे स्थान पर है। महिला वर्ग में पौलेंड की जोना कोक 1202 अंक लेकर पहले स्थान, ब्राजील की मरीना ओएलएक्सइना 649 अंक लेकर दूसरे स्थान और ऑस्ट्रिया की पोलिना पिर्च 567 अंक लेकर तीसरे स्थान पर चल रही है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन प्रवक्ता ने अंकित सूद ने बताया कि बीते कल प्रतिभागियों को 65 किलोमीटर तक उड़ान भरने का लक्ष्य दिया गया था, जिसे सभी ने सुरक्षित लैंडिंग कर पूरा किया। आज फिर से पैराग्लाइडर को उड़ान भरने का टारगेट दिया जाएगा। बता दें कि बीते 2 नवंबर को बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप शुरू हो गया है। इसमें अमेरिका, फ्रांस, पौलेंड, बेल्जियम, भारत सहित 32 देशों के पायलट भाग ले रहे हैं। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि बिलिंग घाटी में प्रतियोगिता के दौरान सुरक्षा और बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लैंडिंग स्थल और टेक ऑफ पॉइंट के साथ-साथ चार स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात है। संगठन के वालंटियर किसी भी प्रकार की विकट परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। ओवरऑल विजेता को 333 यूरो नगद कैश: अनुराग अनुराग शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में रोजाना टास्क दिए जा रहे है। प्रथम स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 2222 यूरो, दूसरे स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 1777 यूरो, तीसरे स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 1111 यूरो नगद इनाम दिया जाएगा। प्रतियोगिता में ओवरऑल तीसरे नंबर पर रहने वाले को 2222 यूरो, दूसरे स्थान पर रहने वाले को 2777 यूरो तथा प्रथम स्थान पर रहने वाले ओवरऑल विजेता को 3333 यूरो मिलेगा। 9 रेस्क्यू टीमों का गठन पैराग्लाइडर की सुरक्षा के दृष्टिगत 9 रेस्क्यू टीमों का गठन किया गया है जबकि रिट्रीवल के लिए 5 टीमें इवेंट के दौरान चौपर और एम्बुलेंस सेवा के साथ बीड़-बिलिंग घाटी में तैनात रहेंगी, जो कि पैराग्लाइडर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। 2600 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भर रहे पायलट बिलिंग की टेक आफ साइट समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि लैंडिंग साइट बीड़ (क्योर) समुद्र तल से 2080 मीटर की ऊंचाई पर है। कैसे पहुंचे बीड़? हवाई मार्ग से बीड़ पहुंचने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट तक हवाई सेवा उपलब्ध है। कांगड़ा एयरपोर्ट से बीड़ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलमार्ग से आने वाले पर्यटक पठानकोट के चक्की बैंक तक रेल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बीड़ की दूरी 11 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त पठानकोट, दिल्ली, चंडीगढ़ से पर्यटक सड़क मार्ग से भी बैजनाथ पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बस या टैक्सी के माध्यम से बीड़ पहुंचा जा सकता है।
हमीरपुर में 16 दिन से JOA अभ्यर्थी अनशन पर:रिजल्ट में देरी से नाराज, बोले- तारीख पर तारीख मिल रही; कल हाईकोर्ट में पेशी
हमीरपुर में 16 दिन से JOA अभ्यर्थी अनशन पर:रिजल्ट में देरी से नाराज, बोले- तारीख पर तारीख मिल रही; कल हाईकोर्ट में पेशी हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में राज्य चयन आयोग के रिजल्ट में देरी को लेकर नाराज जेओए पोस्टकार्ड 817 के अभ्यर्थियों का क्रमिक अनशन 16वें दिन बाद भी जारी है। वे खराब मौसम के बीच कार्यालय के गेट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन आयोग के सूत्रों के मुताबिक हाई कोर्ट में 5 अगस्त को पोस्टकार्ड 556 की सुनवाई होनी है, उसी के बाद तय होगा के रिजल्ट कब घोषित किया जाएगज्ञ। छात्रों से बार-बार कहा जा रहा है कि दो-चार दिन में रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। 16 दिन पहले आयोग के मुख्य प्रशासक ने एक सप्ताह के भीतर रिजल्ट घोषित करने को कहा था, मगर अब दो सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है। धरना-प्रदर्शन कर रहे कई अभ्यर्थी बीमार भी हो चुके हैं। एक का मोटरसाइकिल भी चोरी हो चुका है। अब बारिश भी उन्हें तंग कर रही है। उनके परिजन भी इसमें शामिल हो चुके हैं। लेकिन रिजल्ट घोषित हुए बिना यहां से वे लौटने वाले नहीं हैं। प्रदेश भर से अभ्यर्थी चयन आयोग पहुंच कर नई उम्मीदों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उनकी बात भीतर से कोई सुनने वाला कोई भी दिख नहीं रहा। एक मामले की हाईकोर्ट में 5 अगस्त को पेशी एक अन्य पोस्टकार्ड 556 मामले में हाईकोर्ट में 5 अगस्त को फिर पेशी है, लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि जिस कोड के रिजल्ट को घोषित करने की अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं, उससे उसका कोई लेना देना नहीं है। इसीलिए अभ्यर्थी बेचैनी में हैं। इसी को लेकर अभ्यर्थी भड़के हुए थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि हर बार परिणाम घोषित करने को लेकर नई तिथि बता दी जाती है। लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं किया जा रहा है। आयोग की तरफ से परिणाम घोषित करने की तिथि 17 जुलाई 2024 बताई गई थी। निर्धारित समय अवधि में परिणाम घोषित न करने को लेकर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन पर उतर आए हैं। हाई कोर्ट के फैसले के बाद आएगा रिजल्ट इधर आयोग के सहायक प्रशासक जितेंद्र सांजटा ने बताया कि हाई कोर्ट में एक अन्य मामले में अब 5 तारीख को पेशी है। उसी के बाद फैसला होगा। जिस पोस्ट कोड 817 के तहत रिजल्ट घोषित करने को कहा गया है, उसका नतीजा इस फैसले के बाद ही घोषित होगा। रिजल्ट ओके है। केवल हाई कोर्ट के फैसले की इंतजार है।
हिमाचल के बागवानों को झटका:अब छोटा व दागी सेब MIS योजना में नहीं खरीदेगी सरकार; बागवान भड़के, आंदोलन की दी चेतावनी
हिमाचल के बागवानों को झटका:अब छोटा व दागी सेब MIS योजना में नहीं खरीदेगी सरकार; बागवान भड़के, आंदोलन की दी चेतावनी हिमाचल में कुदरत की मार झेल रहे सेब बागवानों को कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। आर्थिक सुधारों में जुटी सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत सेब की खरीद के लिए कई शर्तें लगाई है। MIS के तहत सेब खरीद को उद्यान कार्ड अनिवार्य किया गया है। इसी तरह पक्षी का खाया हुआ, दागी सेब, स्कैब ग्रस्त, इथरल स्प्रे किया हुआ सेब और 51 मिलीमीटर से कम डाया वाला सेब भी सरकार ने नहीं खरीदने का निर्णय लिया है। बता दें कि राज्य सरकार हर साल MIS योजना के तहत सरकारी उपक्रम हॉर्टिकल्चर प्रोसेसिंग मार्केटिंग कमेटी (HPMC) और हिमफेड के माध्यम से निम्न क्वालिटी का सेब खरीदती है। सरकार द्वारा लगाई शर्तें बागवानों से धोखा, करेंगे आंदोलन: सोहन सरकार ने इस बार MIS के लिए 12 रुपए प्रति किलो रेट निर्धारित किया है। मगर सरकार ने बीच सीजन में ऐसी शर्तें लगाई है, जिससे बागवान भड़क उठे हैं। हिमाचल सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि MIS योजना निम्न क्वालिटी के सेब की खरीद के लिए शुरू की गई थी। अब सरकार ने जिस तरह की शर्तें थोपी वो बागवानों से धोखा है। इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह का सेब सरकार खरीदना चाह रही है, उसका रेट कम से कम 25 रुपए होना चाहिए। एक तरफ सरकार ने MIS का रेट पिछले साल वाला ही रखा है, दूसरी तरफ MIS योजना पर नई नई शर्तें लगाई जा रही है। बागवान अब उद्यान कार्ड बनाए, या सेब तोड़ेंगे: बिष्ट प्रोग्रेसिव ग्रोअर एसोसिएशन (PGA) के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि सरकार ने बीच सीजन में उद्यान कार्ड बनाने की शर्त लगाई है। इसे बनाने में कई दिन लग जाते है। अब बागवान उद्यान कार्ड बनाएगा या फिर सेब तोड़ेगा। उन्होंने कहा, यदि ये शर्त लगानी है तो अगले सीजन के लिए अनिवार्य किया जाए। उन्होंने बताया कि MIS के तहत ओलों से दागी सेब और छोटे साइज का फ्रूट नहीं लेने का फैसला बागवानों से धोखा है। सरकार ने पहले MIS के तहत रेट कम रखा है। अब नई नई शर्तें थोपी जा रही है। प्रदेश में इस बार किसानों की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल खराब हो चुकी है। इससे बागवानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। 2022 मे 72 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा हिमाचल सरकार ने 2023 में MIS के तहत लगभग 52 हजार मीट्रिक टन और 2022 में रिकॉर्ड 72 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा था। इस योजना के तहत खरीदे गए सेब से सरकारी उपक्रम HPMC जूस तैयार करता है। यह योजना निम्न क्वालिटी सेब खरीदने के लिए ही शुरू की गई थी।