<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर एबीपी शिखर सम्मेलन में गुरुवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुैसन बुधवार को पैरोल पर जेल से बाहर आ गए. क्या कांग्रेस के लोगों ने एक बात ताहिर हुैसैन को लेकर कही. आप के नेताओं ने भी अभी तक कुछ नहीं बोला. क्यों? </p> <p style=”text-align: justify;”>विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर एबीपी शिखर सम्मेलन में गुरुवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुैसन बुधवार को पैरोल पर जेल से बाहर आ गए. क्या कांग्रेस के लोगों ने एक बात ताहिर हुैसैन को लेकर कही. आप के नेताओं ने भी अभी तक कुछ नहीं बोला. क्यों? </p> दिल्ली NCR Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव के बीच अरविंद केजरीवाल को लेकर आदित्य ठाकरे का बड़ा बयान, ‘आरोप लगाने की…’
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‘शिवपाल यादव खुलेआम दे रही धमकी, गुंडई, दबंगई और…’, Video के जरिए BJP का पलटवार
‘शिवपाल यादव खुलेआम दे रही धमकी, गुंडई, दबंगई और…’, Video के जरिए BJP का पलटवार <p style=”text-align: justify;”><strong>UP By Election 2024:</strong> आजमगढ़ के अहीरौला थाना क्षेत्र के हासापुर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजय बहादुर यादव की पुण्यतिथि पर बुधवार को कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता का शुभारंभ करने के लिए सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव हासापुर गांव में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने 2027 में सपा की सरकार बनने का दावा किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कुश्ती प्रतियोगिता से पूर्व उन्होंने पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजय बहादुर यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया. इसके बाद अखाड़े में उतरे अयोध्या के पहलवान विनोद व दिल्ली के पहलवान जीतू से परिचय प्राप्त किया और कुश्ती प्रतियोगिता के लिए हाथ मिलवाया. आयोजक विकास यादव बबलू के द्वारा शिवपाल यादव को पगड़ी, अंगवस्त्र, गदा भेंट की गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2027 में सपा की सरकार बनने का दावा</strong><br />शिवपाल यादव ने कहा कि पूर्व प्रमुख विजय बहादुर यादव खुद एक पहलवान थे और उनके पुत्र विकास यादव उनकी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं. हमारी सरकार ने घोषणा की थी हर गांव में एक स्टेडियम होगा लेकिन भाजपा की सरकार नफरत फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि 2027 में सपा की सरकार आ रही है, सरकार बनने पर हम बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्या को दूर करने का काम करेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कानून व्यवस्था पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में हर तरफ अराजकता, अपराध व शोषण व्याप्त है. गरीबों की बात अधिकारी नहीं सुनते. उपचुनाव चल रहा है दिल्ली का भी चुनाव आने वाला है, भाजपा सरकार में बैठे लोग बेइमानी पर उतारू है. सीटें जीताने को अधिकारी उनके एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. हम किसी भी कीमत पर यह मनमानी नहीं होने देंगे. हम विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करते हुए लड़ेंगे और 2027 में जीतेगें</p>
<p style=”text-align: justify;”>इधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने शिवपाल यादव पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि, ‘समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव खुलेआम धमकी दे रहे हैं. इनकी यही गुंडई, दबंगई और भ्रष्टाचार की वजह से प्रदेश की जनता ने इन्हें सत्ता से कोसों दूर रखा है. प्रदेश की जनता विकासवाद के साथ है न कि परिवारवाद, जातिवाद और दंगावाद के साथ.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/karva-chauth-2024-mayawati-objectionable-viral-video-on-social-media-up-police-action-2809313″>UP News: करवा चौथ पर मायावती की तस्वीर लगाकर आपत्तिजनक वीडियो बनाया, सोशल मीडिया पर किया वायरल</a></strong></p>
हिमाचल हाईकोर्ट में CPS केस की सुनवाई आज:बीजेपी MLA सत्ती के एडवोकेट करेंगे बहस; मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को बताया असंवैधानिक
हिमाचल हाईकोर्ट में CPS केस की सुनवाई आज:बीजेपी MLA सत्ती के एडवोकेट करेंगे बहस; मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को बताया असंवैधानिक हिमाचल हाईकोर्ट में आज (सोमवार को) मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में सुनवाई होगी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की बैंच में इस केस की सुनवाई करेगी। आज याचिकाकर्ता एवं बीजेपी विधायक सतपाल सत्ती के एडवोकेट अदालत में बहस करेंगे। बहस पूरी होने के बाद इस मामले में जल्द फैसला संभावित है। बता दें कि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 6 विधायकों को CPS बना रखा है। कल्पना नाम की एक महिला के अलावा राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इनकी याचिका पर हाईकोर्ट बीते जनवरी महीने में CPS द्वारा मंत्रियों जैसी शक्तियों का उपयोग न करने के अंतरिम आदेश सुना चुका है। इसी मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट (SC) का भी दरवाजा खटखटा चुकी है और दूसरे राज्यों के SC में चल रहे CPS केस के साथ क्लब करने का आग्रह कर चुकी है। मगर, SC ने राज्य सरकार के आग्रह को ठुकराते हुए हाईकोर्ट में ही केस सुनने के आदेश दिए हैं। ये कांग्रेसी विधायक बनाए गए CPS CM सुक्खू ने कांग्रेस पार्टी के जिन 6 विधायकों को CPS बना रखा है, उनमें रोहड़ू के MLA एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल शामिल हैं। सरकार इन्हें गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ और मंत्रियों के समान वेतन दे रही है। मंत्रियों की लिमिट तय, इसलिए विधायकों की एडजस्टमेंट भारतीय संविधान के अनुच्छेद-164 में किए गए संशोधन के मुताबिक, किसी राज्य में उसके विधायकों की कुल संख्या के 15% से अधिक मंत्री नहीं हो सकती। हिमाचल विधानसभा में 68 MLA हैं, इसलिए यहां अधिकतम 12 मंत्री ही बन सकते हैं। संसदीय सचिवों की नियुक्ति को गैर कानूनी ठहरा चुका SC याचिका में कहा गया कि हिमाचल और असम में संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट एक जैसे हैं। सुप्रीम कोर्ट, असम और मणिपुर में संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े एक्ट को गैरकानूनी ठहरा चुका है। इस बात की जानकारी होने के बावजूद हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने अपने विधायकों की नियुक्ति बतौर CPS की। इसकी वजह से राज्य में मंत्रियों और CPS की कुल संख्या 15% से ज्यादा हो गई। इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील पर CPS बने सभी कांग्रेसी विधायकों को व्यक्तिगत तौर पर प्रतिवादी बना रखा है। हर महीने सवा 2 लाख रुपए वेतन- भत्ता हाईकोर्ट में दाखिल पिटीशन में आरोप लगाया गया कि CPS बनाए गए सभी 6 कांग्रेसी विधायक लाभ के पदों पर तैनात हैं। इन्हें हर महीने 2 लाख 20 हजार रुपए वेतन और भत्ते के रूप में मिलते हैं। यानी ये विधायक राज्य के मंत्रियों के बराबर वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। याचिका में हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट, 2006 को भी रद्द करने की मांग की गई। राज्य सरकार ने इसी एक्ट के तहत छह CPS तैनात कर रखे हैं।
बैजनाथ में मनाया जाएगा हिमाचल का 55वां पूर्ण राज्यत्व दिवस, CM सुक्खू करेंगे राज्यस्तरीय समारोह की अध्यक्षता
बैजनाथ में मनाया जाएगा हिमाचल का 55वां पूर्ण राज्यत्व दिवस, CM सुक्खू करेंगे राज्यस्तरीय समारोह की अध्यक्षता <div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश अपना पूर्ण राज्यत्व दिवस मनाएगा. 25 जनवरी, 1971 को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व देने की घोषणा की थी. तब से लेकर अब तक हर साल पूर्ण राज्यत्व दिवस मनाया जाता है. हिमाचल प्रदेश का पूर्ण राज्यत्व दिवस 25 जनवरी को मनाया जाना है.<br /><br />हिमाचल प्रदेश के 55वें पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह इस बार जिला कांगड़ा के बैजनाथ में होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसकी अध्यक्षता करेंगे. बैजनाथ में होने वाले राज्यत्व के समारोह के संबंध में पत्र भी जारी किया जा चुका है. जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है. बैजनाथ इसी जिले के तहत आता है. इस राज्यस्तरीय समारोह के जरिए कांग्रेस सरकार सियासत के लिहाज से कांगड़ा के किले को मजबूत करने की कोशिश करेगी. इससे पहले साल 2024 में पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह जिला मंडी के धर्मपुर में हुआ था.<br /><br /><strong>पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 54 साल होंगे पूरे</strong> <br />पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 54 साल पूरे होने जा रहे हैं. अब हिमाचल अपने पूर्ण राज्यत्व के 55वें साल में दाखिल होगा. हिमाचल प्रदेश का पांच दशक से ज्यादा का यह सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा. 25 जनवरी 1971 का वह ऐतिहासिक दिन था, जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की थी. उस वक्त रिज मैदान पर तापमान माइनस डिग्री था और आसमान से बर्फ गिर रही थी. इंदिरा गांधी भी कई मुश्किलों के बाद अनाडेल से रिज मैदान तक पहुंच पाई थी.<br /><br /><strong>15 अप्रैल 1948 को बना था हिमाचल</strong><br />हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के खिलाफ कई संस्थाएं थी. बावजूद इसके लंबे संघर्ष के बीच हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. 15 अप्रैल, 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल के कमिश्नर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया था. महासू, मंडी, चंबा और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया था. उस समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10 हजार 451 वर्ग मील और जनसंख्या सिर्फ 9 लाख 83 हजार 367 थी. साल 1950 में हिमाचल प्रदेश को सी स्टेट का दर्जा देकर यहां विधानसभा के गठन का प्रावधान किया गया.<br /><br /><strong>देश का 18वां राज्य बना था हिमाचल प्रदेश</strong><br />शिमला के ऐतिहासिक टका बेंच से जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की, तब वहां मौजूद हर शख्स खुशी से झूम उठा. खुद इंदिरा गांधी ने वहां स्थानीय महिलाओं के साथ नाटी डाली. इससे पहले इंदिरा गांधी यहां खुली जीप में रोड शो करते हुए रिज पर पहुंची थी. इंदिरा गांधी की ओर से इस बड़ी घोषणा के बाद हिमाचल प्रदेश भारत के 18 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. तब से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश ने कई बड़े उदाहरण स्थापित किए हैं. कई मुश्किलों के बावजूद हिमाचल प्रदेश ने कभी अपने कदम पीछे नहीं हटाए और निरंतर आगे बढ़ता चला जा रहा है.</div>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हिमाचल यूनिवर्सिटी में स्थायी कुलपति का इंतजार बढ़ा, खोज समिति ने अब तक राजभवन को नहीं भेजे नाम” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-university-waits-for-permanent-vice-chancellor-ann-2855974″ target=”_self”>हिमाचल यूनिवर्सिटी में स्थायी कुलपति का इंतजार बढ़ा, खोज समिति ने अब तक राजभवन को नहीं भेजे नाम</a></strong></p>