प्रयागराज महाकुंभ में संगम घाट पर मची भगदड़ में जींद के राजपुरा गांव की रामपति की मौत हो गई। रामपति संगम घाट पर पहुंच चुकी थी। लेकिन स्नान नहीं कर पाई। वीरवार को रामपति का गांव राजपुरा में अंतिम संस्कार किया गया। रामपति के पोते नरेंद्र ने आंखोंदेखा हाल बताते हुए कहा कि वह अपनी दादी और परिवार के बाकी सदस्यों के साथ संगम घाट पर पहुंच चुके थे। रात को करीब एक बजे का समय था। भीड़ बहुत ज्यादा होने के कारण सीढ़ियों से 50 मीटर पहले उसने अपनी दादी को कहा कि दादी भीड़ बहुत ज्यादा है। वापस लौट चलते हैं। दादी मान गई और हम वापस लौटने लगे। 200 फीट ही चले थे कि धक्का मुक्की शुरू हो गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। हम तेजी से सुरक्षित स्थान की तरफ चलने लगे, तो पीछे से लोगों के धक्के से हम नीचे गिर गए। 40 मिनट तक ऊपर से गुजरते रहे लोग नरेंद्र ने कहा कि लोग उनके ऊपर पांव रख कर दौड़ते रहे। करीब 40 मिनट तक लोग ऊपर से गुजरते रहे। हम नीचे गिर कर बेहोश हो गए। जब आंख खुली तो चारों तरफ चीख-पुकार और एम्बुलेंस के सायरन बज रहे थे। चारों तरफ बेसुध पड़े थे लोग नरेंद्र ने कहा कि दादी रामपति की सांसें थम चुकी थी और बाकी लोगों को हल्की फुल्की चोटें आई थी। हमारे चारों तरफ 70 से ज्यादा लोग बेसुध पड़े हुए थे। जिंदगी में पहली बार ऐसा हादसा देख बेचैनी बढ़ गई थी। करीब सवा दो बजे एम्बुलेंस आई और हमें नजदीक ही सेक्टर-2 के अस्पताल में ले जाया गया। यहां रामपति को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बाकी को पट्टी कर के दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद परिवार वालों को सूचित किया गया। राजपुरा भैण गांव निवासी नरेंद्र ने बताया कि 26 जनवरी को वह परिवार समेत कुंभ स्नान के लिए निकले थे। 28 जनवरी को वहां पहुंच गए थे। उस दिन वहीं रुके और 29 जनवरी को आगे चल दिए। रात को एक बजे के करीब संगम घाट पर पहुंचे। उनकी दादी रामपति चाहती थी कि स्नान करे लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। अचानक भीड़ बढ़ते ही टूटी बेरिकेडिंग नरेंद्र ने कहा कि पुलिस कहीं पर नाके लगा रही थी, तो कहीं पर बेरिकेडिंग खोल रही थी। इससे अचानक से भीड़ बढ़ रही थी। घाट किनारे सो रहे लोगों को पुलिस उठा रही थी और कुछ लोग बेरिकेडिंग में भी फंसे हुए थे। अचानक भीड़ का प्रेशर बढ़ता गया और बेरिकेडिंग टूट गई, तथा लोग नीचे गिरने लगे, वहीं लोग पीछे से आगे बढ़ने लगे। पुलिस के कंट्रोल से स्थिति बाहर हो गई और भगदड़ सी मच गई। इसमें उन्हें हल्की चोटें आई हैं। रामपति के भतीजे जयपाल ने बताया कि सुबह 5 बजे के करीब उनके पास फोन आया और भगदड़ की सूचना मिली। इसके बाद गांव से 4 लोग पहुंचे और उसकी चाची के शव को लेकर आए। उत्तर प्रदेश एम्बुलेंस उन्हें गांव तक छोड़ के गई। जयपाल ने कहा कि वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए आम जनता के रास्ते बंद किए गए थे। बेरिकेडिंग की गई थी। पब्लिक का दबाव ज्यादा हो गया, तो प्रेशर से बेरिकेडिंग टूट गई। कुंभ का प्रचार इतना बढ़ा चढ़ाकर किया गया कि सभी की इच्छा थी कि कुंभ में स्नान करें। इसलिए उसकी चाची भी चली गई। गांव में किया अंतिम संस्कार राजपुरा गांव में 60 वर्षीय महिला रामपति वीरवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। नरेंद्र व उसकी पत्नी को भी चोटें आई हैं। लेकिन वह खतरे से बाहर हैं। मृतक महिला रामपति पत्नी बारूराम राजपुरा की रहने वाली थी। घटना का जैसे ही ग्रामीणों को पता चला तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। रामपति ने एक लड़का गोद लिया हुआ है और उनकी तीन लड़कियां हैं। जो शादीशुदा हैं। गांव के सरपंच जयवीर ने बताया कि रामपति गांव के ही नरेंद्र के परिवार के साथ महाकुंभ में गई थी। प्रयागराज महाकुंभ में संगम घाट पर मची भगदड़ में जींद के राजपुरा गांव की रामपति की मौत हो गई। रामपति संगम घाट पर पहुंच चुकी थी। लेकिन स्नान नहीं कर पाई। वीरवार को रामपति का गांव राजपुरा में अंतिम संस्कार किया गया। रामपति के पोते नरेंद्र ने आंखोंदेखा हाल बताते हुए कहा कि वह अपनी दादी और परिवार के बाकी सदस्यों के साथ संगम घाट पर पहुंच चुके थे। रात को करीब एक बजे का समय था। भीड़ बहुत ज्यादा होने के कारण सीढ़ियों से 50 मीटर पहले उसने अपनी दादी को कहा कि दादी भीड़ बहुत ज्यादा है। वापस लौट चलते हैं। दादी मान गई और हम वापस लौटने लगे। 200 फीट ही चले थे कि धक्का मुक्की शुरू हो गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। हम तेजी से सुरक्षित स्थान की तरफ चलने लगे, तो पीछे से लोगों के धक्के से हम नीचे गिर गए। 40 मिनट तक ऊपर से गुजरते रहे लोग नरेंद्र ने कहा कि लोग उनके ऊपर पांव रख कर दौड़ते रहे। करीब 40 मिनट तक लोग ऊपर से गुजरते रहे। हम नीचे गिर कर बेहोश हो गए। जब आंख खुली तो चारों तरफ चीख-पुकार और एम्बुलेंस के सायरन बज रहे थे। चारों तरफ बेसुध पड़े थे लोग नरेंद्र ने कहा कि दादी रामपति की सांसें थम चुकी थी और बाकी लोगों को हल्की फुल्की चोटें आई थी। हमारे चारों तरफ 70 से ज्यादा लोग बेसुध पड़े हुए थे। जिंदगी में पहली बार ऐसा हादसा देख बेचैनी बढ़ गई थी। करीब सवा दो बजे एम्बुलेंस आई और हमें नजदीक ही सेक्टर-2 के अस्पताल में ले जाया गया। यहां रामपति को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बाकी को पट्टी कर के दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद परिवार वालों को सूचित किया गया। राजपुरा भैण गांव निवासी नरेंद्र ने बताया कि 26 जनवरी को वह परिवार समेत कुंभ स्नान के लिए निकले थे। 28 जनवरी को वहां पहुंच गए थे। उस दिन वहीं रुके और 29 जनवरी को आगे चल दिए। रात को एक बजे के करीब संगम घाट पर पहुंचे। उनकी दादी रामपति चाहती थी कि स्नान करे लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। अचानक भीड़ बढ़ते ही टूटी बेरिकेडिंग नरेंद्र ने कहा कि पुलिस कहीं पर नाके लगा रही थी, तो कहीं पर बेरिकेडिंग खोल रही थी। इससे अचानक से भीड़ बढ़ रही थी। घाट किनारे सो रहे लोगों को पुलिस उठा रही थी और कुछ लोग बेरिकेडिंग में भी फंसे हुए थे। अचानक भीड़ का प्रेशर बढ़ता गया और बेरिकेडिंग टूट गई, तथा लोग नीचे गिरने लगे, वहीं लोग पीछे से आगे बढ़ने लगे। पुलिस के कंट्रोल से स्थिति बाहर हो गई और भगदड़ सी मच गई। इसमें उन्हें हल्की चोटें आई हैं। रामपति के भतीजे जयपाल ने बताया कि सुबह 5 बजे के करीब उनके पास फोन आया और भगदड़ की सूचना मिली। इसके बाद गांव से 4 लोग पहुंचे और उसकी चाची के शव को लेकर आए। उत्तर प्रदेश एम्बुलेंस उन्हें गांव तक छोड़ के गई। जयपाल ने कहा कि वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए आम जनता के रास्ते बंद किए गए थे। बेरिकेडिंग की गई थी। पब्लिक का दबाव ज्यादा हो गया, तो प्रेशर से बेरिकेडिंग टूट गई। कुंभ का प्रचार इतना बढ़ा चढ़ाकर किया गया कि सभी की इच्छा थी कि कुंभ में स्नान करें। इसलिए उसकी चाची भी चली गई। गांव में किया अंतिम संस्कार राजपुरा गांव में 60 वर्षीय महिला रामपति वीरवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। नरेंद्र व उसकी पत्नी को भी चोटें आई हैं। लेकिन वह खतरे से बाहर हैं। मृतक महिला रामपति पत्नी बारूराम राजपुरा की रहने वाली थी। घटना का जैसे ही ग्रामीणों को पता चला तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। रामपति ने एक लड़का गोद लिया हुआ है और उनकी तीन लड़कियां हैं। जो शादीशुदा हैं। गांव के सरपंच जयवीर ने बताया कि रामपति गांव के ही नरेंद्र के परिवार के साथ महाकुंभ में गई थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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खट्टर के 4 फैसले पलटेंगे CM सैनी:चुनाव में प्रॉपर्टी-फैमिली ID समेत 4 मुद्दों से नुकसान, विधायकों की फीडबैक के बाद रिपोर्ट तलब लोकसभा चुनाव में 5 सीटें हारने के बाद हरियाणा में बीजेपी ने हार की समीक्षा शुरू कर दी है। अब तक रिव्यू मीटिंगों में मिले फीडबैक में 4 बड़े मुद्दों के कारण पार्टी को 5 लोकसभा सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। शहरों में प्रॉपर्टी आईडी और नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) मुद्दा बने रहे। वहीं गांवों में परिवार पहचान पत्र (PPP), बुढ़ापा पेंशन और सरपंचों की शक्तियों में की गई कमी के कारण नुकसान झेलना पड़ेगा। विधानसभा के साथ ही लोकसभा चुनाव में इन मुद्दों को लेकर विपक्ष काफी एक्टिव रहा। प्रचार के दौरान इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों ने माहौल को अपने पक्ष में किया। यही वजह रही कि हरियाणा की 46 विधानसभा सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। MLA बोले- इन मुद्दों में संशोधन जरूरी
सरकार को यह फीडबैक मंत्री-MLA और पार्टी पदाधिकारियों की ओर से दिया गया है। ये सभी फैसले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में लिए गए थे। खट्टर ने इन फैसलों को प्रदेश के हित में बताया था, लेकिन अब वह मुसीबत बन चुके हैं। एक दिन पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में विधायकों ने दो टूक कहा था कि यदि इन चारों मुद्दों में यदि संशोधन किया जाता है तो सरकार की छवि बेहतर हो जाएगी। इस दौरान पूर्व सीएम मनोहर लाल भी मौजूद थे, हालांकि उन्होंने फीडबैक पर यह कहा है कि यदि इन मुद्दों को वापस लिया जाता है तो विपक्ष इसको विधानसभा चुनाव में फिर से मुद्दा बनाएगा। सीएम सैनी ने अफसरों से मांगी रिव्यू रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव के मिले फीडबैक के बाद अब सरकार में मंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए अफसरों को रिव्यू कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। बताया गया कि अगले सप्ताह फिर विधायक दल की बैठक हो सकती है। जिसमें इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। हरियाणा CMO के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए सीएम सैनी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार खट्टर के कार्यकाल के दौरान लिए गए इन फैसलों को पलटेंगे। इसलिए बड़ा फैसला लेंगे सीएम सैनी
हरियाणा में साल के लास्ट में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव भी भाजपा के लिए बेहद खास है। यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व ने 10 साल की एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए सरकार में बदलाव तक कर डाला। हालांकि, इस बदलाव का लोकसभा चुनाव पर असर नहीं दिखा। अब बदलाव के बाद पार्टी के नए CM नायब सैनी के पास 3 महीने का टाइम है। ऐसे में अब सैनी सरकार बड़े फैसले लगी। फैसलों को पलटने में 2 बड़े पेंच फैसलों पर यूटर्न से विपक्ष एक्टिव होगा
हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में लिए गए फैसलों पर यूटर्न में पहला पेंच विपक्ष है। यदि सैनी सरकार इन फैसलों को वापस लेती है या संशोधन भी करती है तो विपक्ष विधानसभा चुनाव में इसको मुद्दा बनाएगा। इसके साथ लोगों में इसका गलत मैसेज जाएगा। भ्रष्टाचार बन जाएगा गले की फांस
अभी पूर्व सीएम के फैसलों से अधिकांश काम पोर्टल के जरिए किए जा रहे हैं। ऑनलाइन हो रहे कामों में सभी जरूरी दस्तावेज पूरे होने के बाद ही पेंशन, प्रॉपर्टी आईडी, एनडीसी जैसे काम होते हैं। जब ये काम मैनुअल शुरू होंगे तो लोगों को ऑफिस जाना होगा। ऐसे में रिश्वत के मामले बढ़ने की संभावना है। इससे सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ेगा।
हरियाणा में 3 बच्चों के पिता को चाकू से गोदा:गांव के ही युवकों ने सीने और पीठ पर वार किए; रंजिश में की वारदात
हरियाणा में 3 बच्चों के पिता को चाकू से गोदा:गांव के ही युवकों ने सीने और पीठ पर वार किए; रंजिश में की वारदात पानीपत के समालखा क्षेत्र के गांव चुलकाना में सोमवार देर रात एक व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। परिजनों का आरोप है कि गांव के ही युवकों ने पीठ और सीने में चाकू मारे हैं, जिससे व्यक्ति की मौत हुई है। हालांकि, चाकू मारने के बाद व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। वारदात को अंजाम देकर आरोपी भी फरार हो गए। वहीं, घटना के बाद सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को पानीपत की मॉर्च्युरी में रखवाया, जहां आज उसका पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। 3 बच्चों का पिता था मृतक
समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में प्रवीण कुमार ने बताया है कि वह गांव चुलकाना का रहने वाला है। मृतक लालचंद उर्फ धोला उसके ताऊ का लड़का था। वह दीवाना गांव स्थित पालीवाल फैक्ट्री में काम करता था। वह शादीशुदा था और 3 बच्चों का पिता था। उसकी 2 लड़कियां और 1 लड़का है। 18 नवंबर की सुबह लालचंद गांव के अंशु और शुभम के साथ फैक्ट्री में काम करने गया था। शाम करीब 7:30 से 8 बजे के करीब वह अपने दोनों साथियों अंशु और शुभम के साथ काम से लौट रहा था। जब ये तीनों किवाना मोड़ से GA कॉलेज के पास पहुंचे तो वहां लालचंद पर हमला हुआ। गांव के बाहर पीठ और सीने पर चाकू मारे
प्रवीण का कहना है कि लालचंद पर सोनू उर्फ धान, सन्नी उर्फ जींद और उनके अन्य साथियों ने हमला किया था। ये सभी गांव से पहले ही रास्ते में लालचंद को पकड़ने के लिए खड़े थे। जैसे ही लालचंद पहुंचा तो उसे पकड़कर उसकी पीठ और सीने पर कई चाकू मारे। हमले की सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे तो देखा कि लालचंद को गहरी चोटें लगी थीं। बहुत खून बह रहा था। इसलिए, उसे अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि आरोपियों ने लालचंद की हत्या पुरानी रंजिश के चलते की है। आरोपियों को तलाश कर रही पुलिस
समालखा के DSP कादियान ने बताया कि परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। अभी आरोपी फरार हैं। उन्हें पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
महिला आयोग चेयरपर्सन बोलीं– क्लू मिले तो कार्रवाई करेंगे:भाटिया ने देरी से FIR पर भी सवाल उठाए; हरियाणा BJP अध्यक्ष पर गैंगरेप केस
महिला आयोग चेयरपर्सन बोलीं– क्लू मिले तो कार्रवाई करेंगे:भाटिया ने देरी से FIR पर भी सवाल उठाए; हरियाणा BJP अध्यक्ष पर गैंगरेप केस BJP के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल पर गैंगरेप के केस में हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा कि कोई क्लू मिला तो वह जरूर कार्रवाई करेंगी। हालांकि भाटिया ने महिला के देरी से केस दर्ज कराने को लेकर भी सवाल खड़े किए। भाटिया ने बड़ौली की वजह से मामले में कार्रवाई को लेकर सरकार के दबाव पर कहा कि कहने को कोई कुछ भी कह सकता है। बड़ौली और रॉकी मित्तल पर हिमाचल प्रदेश के कसौली थाने में FIR दर्ज हुई है। जिसमें महिला ने आरोप लगाया कि उन्हें कमरे में ले जाकर जबरन शराब पिलाकर गैंगरेप किया गया। गैंगरेप का आरोप 3 जुलाई 2023 का है, लेकिन पीड़िता ने 13 दिसंबर 2024 को इस मामले में केस दर्ज कराया। दैनिक भास्कर ने फरीदाबाद पहुंची आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया से बड़ौली गैंगरेप केस को लेकर विस्तृत बातचीत की। उसके प्रमुख अंश पढ़ें…. सवाल: मोहन बड़ौली गैंगरेप केस में महिला आयोग क्या कार्रवाई कर रहा है?
रेणु भाटिया: अगर किसी के साथ ऐसी बात होती है तो वह 2-2 साल क्यों चुप रहता है। मैं बेटियों को बार–बार यही बात कहती हूं। जो कार्रवाई आज आप 2 साल के बाद कर रहे हो, वह आप तभी कर देते तो मुझे लगता है दूध का दूध, पानी का पानी होता। मगर आप क्यों छिपाते हो। क्यों डरते हो। किस बात पर डरे, यह बात हमारे सामने आना जरूरी है। सवाल: कई केसों में आयोग खुद संज्ञान ले लेता है, इस मामले में सुओ मोटो क्यों नहीं लिया गया?
रेणु भाटिया: आपने देखा कि उसी शिकायतकर्ता की दोस्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बाकायदा बताया कि ऐसा कोई मामला नहीं था। यहां पर भी एक शंका पैदा होती है कि यह मामला था या नहीं था। ये बनाया गया या फिर किसी ने उस बच्ची को प्रेशर किया। देखना दोनों बातों को पड़ेगा। सवाल: क्या आपने इसके बारे में कोई पूछताछ की?
रेणु भाटिया: मुझे जहां पूछना था, मैंने पूछा कि क्या मामला है। अगर मुझे कोई क्लू मिलता है तो हम कार्रवाई करेंगे। सवाल: कहा जा रहा है कि आयोग पर सरकार का दबाव है?
रेणु भाटिया: कहने को तो कोई कुछ भी कह सकता है। सबकी अपनी–अपनी भाषा है। मगर, मैं बार–बार महिला आयोग के नाते बेटियों को एक ही बात कहती हूं कि अगर आपके साथ अनहोनी हुई, कोई जबरदस्ती हुई है तो तुरंत आएं। बड़ौली ने नौकरी और रॉकी ने मॉडल बनाने की बात कही
मोहन बड़ौली और रॉकी मित्तल पर 13 दिसंबर 2024 को गैंगरेप की FIR दर्ज की गई थी। 14 जनवरी को अचानक इसकी FIR की कॉपी सामने आ गई। जिसमें पीड़ित महिला ने कहा कि वह सहेली और अपने बॉस अमित के साथ घूमने कसौली गई थी। वहां होटल में बड़ौली और रॉकी मित्तल मिले। जो उसे व उसकी सहेली को कमरे में ले गए। जहां बड़ौली ने नौकरी और रॉकी मित्तल ने मॉडल बनाने का झांसा देकर जबरन शराब पिलाई और फिर गैंगरेप कर कमरे से बाहर निकाल दिया। इसके बाद पंचकूला में बुलाकर किसी केस में फंसाने की कोशिश की। केस की गवाह बोली– कोई गैंगरेप नहीं हुआ
15 जनवरी को पीड़ित महिला ने जिस सहेली को गवाह बनाया, वह पंचकूला में मीडिया के सामने आई। उसने कहा कि कसौली के होटल में वह सिर्फ सिंगर रॉकी मित्तल से मिली थी। वह न तो मोहन बड़ौली को जानती है और न ही उसने उन्हें वहां देखा। मुझे तो केस दर्ज होने के बाद पता चला कि मुझे गवाह बनाया है। इनका कुछ इश्यू है। इन्होंने कहा कि पैसे मिलेंगे और बॉस (अमित बिंदल) को टिकट मिलेगी। सहेली ने कहा कि अगर इतने बड़े होटल में गैंगरेप होता तो क्या वह चिल्लाती नहीं। आसपास के लोगों को पता नहीं चलता। यह पूरा मामला झूठा है। मैं शराब भी नहीं पीती। अमित बिंदल ने कहा- गैंगरेप का मुझे पता नहीं
16 जनवरी को पीड़ित महिला के बॉस अमित बिंदल ने दावा किया कि गैंगरेप वाली घटना के दिन मोहन बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल उसी होटल में रुके थे। वह भी पीड़िता और उसकी सहेली के साथ घूमने कसौली गए थे। वह और दोनों महिलाएं अलग-अलग कमरे में रुके थे। इस दौरान गैंगरेप हुआ या नहीं, इसके बारे में उन्हें पता नहीं है। बड़ौली से राजनीतिक झगड़े पर बिंदल ने कहा कि राजनीति में कोई परमानेंट दोस्त या दुश्मन नहीं होता। मिलीभगत पर बिंदल ने कहा कि जब पीड़िता सामने आई तो सारी सच्चाई का पता चल जाएगा। ——————- मोहन लाल बड़ौली से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- हरियाणा BJP अध्यक्ष-सिंगर रॉकी मित्तल पर गैंगरेप की FIR:महिला बोली- कसौली में होटल के कमरे में जबरन शराब पिलाई, बारी-बारी से रेप किया हरियाणा BJP के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली (61) और सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ गैंगरेप की FIR दर्ज हुई है। ये केस हिमाचल के कसौली पुलिस थाने में 13 दिसंबर 2024 को दर्ज हुआ था, जिसकी जानकारी अब सार्वजनिक हुई है। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा BJP अध्यक्ष गैंगरेप केस, गवाह का खुलासा:पीड़िता-उसके बॉस मिले हुए, टिकट का चक्कर; रेप होता तो चिल्लाती, मैं बड़ौली को नहीं जानती हरियाणा BJP के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल पर गैंगरेप केस की गवाह मीडिया के सामने आई। बुधवार को पंचकूला में कॉन्फ्रेंस कर पीड़िता की सहेली ने कहा कि वह कसौली के होटल में सिर्फ सिंगर रॉकी मित्तल से मिली थी। वह न तो मोहन बड़ौली को जानती है और न ही उसने उन्हें वहां देखा। पढ़ें पूरी खबर