हरियाणा के महेंद्रगढ़ में 3 बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसमें एक युवक की मौत हो गई। जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया है। वहीं मृतक के शव का आज पोस्टमॉर्टम होगा। घटना राजावास गांव में रात करीब साढ़े 8 बजे की है। घायलों को एम्बुलेंस से नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद सुरेंद्र(साढ़े 17) को मृत घोषित कर दिया। वहीं मूलचंद (28) व मुकेश (35) को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रोहतक रेफर कर दिया। 12वीं में पढ़ता था मृतक परिजनों के मुताबिक, मृतक सुरेंद्र 12वीं में पढ़ता था उसके छाती में गोली लगी है। वहीं घायल मूलचंद शादीशुदा है। जिसके हाथ व पैर में गोली लगी है, उसके कोई बच्चा नहीं है। मुकेश कुमार शादीशुदा है। उसके दोनों पैरों में गोली लगी हुई है। उसके तीन बच्चे हैं, दो लड़के व एक लड़की। फायरिंग करने वाले तीनों बदमाश उसी गांव के हैं। जो अभी फरार है। अस्पताल पहुंचे डीएसपी सतनाली पुलिस व हेड क्वार्टर डीएसपी सुरेश सूचना मिलने के बाद अस्पताल में पहुंचे और मृतक सुरेंद्र के पिता महेंद्र सिंह को ढांढस बंधाया। डीएसपी ने कहा कि कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों को जल्द पकड़ा जाएगा। हरियाणा के महेंद्रगढ़ में 3 बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसमें एक युवक की मौत हो गई। जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया है। वहीं मृतक के शव का आज पोस्टमॉर्टम होगा। घटना राजावास गांव में रात करीब साढ़े 8 बजे की है। घायलों को एम्बुलेंस से नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद सुरेंद्र(साढ़े 17) को मृत घोषित कर दिया। वहीं मूलचंद (28) व मुकेश (35) को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रोहतक रेफर कर दिया। 12वीं में पढ़ता था मृतक परिजनों के मुताबिक, मृतक सुरेंद्र 12वीं में पढ़ता था उसके छाती में गोली लगी है। वहीं घायल मूलचंद शादीशुदा है। जिसके हाथ व पैर में गोली लगी है, उसके कोई बच्चा नहीं है। मुकेश कुमार शादीशुदा है। उसके दोनों पैरों में गोली लगी हुई है। उसके तीन बच्चे हैं, दो लड़के व एक लड़की। फायरिंग करने वाले तीनों बदमाश उसी गांव के हैं। जो अभी फरार है। अस्पताल पहुंचे डीएसपी सतनाली पुलिस व हेड क्वार्टर डीएसपी सुरेश सूचना मिलने के बाद अस्पताल में पहुंचे और मृतक सुरेंद्र के पिता महेंद्र सिंह को ढांढस बंधाया। डीएसपी ने कहा कि कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों को जल्द पकड़ा जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नेता विपक्ष न बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को झटका:सरकारी कोठी खाली करनी होगी, 15 दिन का टाइम मांगा; BJP मंत्री को पसंद आई
नेता विपक्ष न बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को झटका:सरकारी कोठी खाली करनी होगी, 15 दिन का टाइम मांगा; BJP मंत्री को पसंद आई हरियाणा की BJP सरकार ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने उन्हें चंडीगढ़ में मिली कोठी नंबर 70 खाली करने के लिए कहा है। हुड्डा ने इसके लिए 15 दिन का टाइम मांगा है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह कोठी CM नायब सैनी की कैबिनेट में मंत्री विपुल गोयल को पसंद आ गई है। उन्होंने कोठी पर दावा ठोकते हुए इसके लिए आवेदन भी कर दिया है। चूंकि कांग्रेस में खींचतान की वजह से नेता विपक्ष का चुनाव नहीं हो पाया, इसलिए कोठी को लेकर भी उनका दावा कमजोर पड़ गया। अगर वह नेता विपक्ष होते तो कैबिनेट रैंक का दर्जा होने की वजह से उन्हें कोठी खाली नहीं करनी पड़ती। हालांकि, हुड्डा की तरफ से औपचारिक तौर पर इसको लेकर कोई एतराज नहीं जताया गया है। वर्ष 2019 में कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष का पद मिला था। नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट रैंक का दर्जा होता है। ऐसे में उन्हें सेक्टर 7 में 70 नंबर कोठी अलॉट की गई थी। इस कोठी में पिछले 5 वर्षों से कांग्रेस की गतिविधियां संचालित हो रही थी। इससे पहले वर्ष 2014 से 2019 तक हुड्डा चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित MLA फ्लैट में रहते थे। नए नेता प्रतिपक्ष को मिलेगा नया आवास
हुड्डा के सरकारी आवास खाली करने की स्थिति में नए नेता प्रतिपक्ष को नया आवास दिया जाएगा। कैबिनेट रैंक के तहत चंडीगढ़ के सेक्टर 3, सेक्टर 7, सेक्टर 16 और पंचकूला में सेक्टर 12A में मंत्रियों के लिए आवास बनाए गए हैं। इनमें से किसी भी सेक्टर में नए नेता प्रतिपक्ष को आवास मिल सकता है। हालांकि, अधिकांश मंत्रियों को सेक्टर 3 व सेक्टर 7 की कोठियां ज्यादा पसंद आती हैं, लेकिन मौजूदा समय में सेक्टर 7 की 70 नंबर कोठी को छोड़कर अन्य सभी कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। हारे मंत्री भी खाली कर चुके कोठी
सरकार गठन होते ही हारे मंत्रियों ने अपने सरकारी आवास को तुरंत प्रभाव से खाली कर दिया था। तकरीबन सभी मंत्रियों को कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। अधिकांश कोठियों में व्यापक स्तर पर मरम्मत का काम चल रहा है। सेक्टर 3 में मुख्यमंत्री आवास के साथ की कोठी वरिष्ठ मंत्री कृष्ण लाल पंवार को अलॉट की गई है। हालांकि वरिष्ठता के क्रम में यह कोठी अनिल विज को अलॉट होनी थी लेकिन उनके मना करने के बाद पंवार को दी गई है। हुड्डा की घोषणा भी उनके काम नहीं आई
भूपेंद्र हुड्डा जब हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने घोषणा की थी जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। उन्हें मंत्रियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं भी मिलेंगी। जब साल 2014 में घोषणा की गई तो इसके दायरे में तब दो ही पूर्व मुख्यमंत्री आते थे। इनमें एक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और दूसरे चौधरी हुकम सिंह थे। ओम प्रकाश चौटाला उस वक्त जेल में थे, इसलिए वह यह सुविधाएं नहीं ले पाए। हुकम सिंह को तब सरकार ने कैबिनेट मंत्री वाली सभी सुविधाएं प्रदान की थी। हुड्डा ने जब यह नियम लागू किया, तब विपक्षी दलों और नेताओं का कहना था कि भूपेंद्र हुड्डा भविष्य में खुद का जुगाड़ कर रहे हैं। हुआ भी ऐसा ही, जब 2014 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव हार गई और भाजपा सत्ता में आ गई तो हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हो गए। हालांकि मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में बनी पहली सरकार ने कुछ दिन बाद ही पिछली सरकार यानी मुख्यमंत्री रहते भूपेंद्र हुड्डा का किया फैसला पलट दिया। हरियाणा कांग्रेस में नेता विपक्ष क्यों नहीं बना?…. चुनाव में कांग्रेस 37 सीटों पर सिमटी, पहली बार इतना लंबा इंतजार
हरियाणा में 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव रिजल्ट के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आए। जिसमें भाजपा को 48 सीटों के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई। जिसके बाद नेता विपक्ष के पद को लेकर घमासान शुरू हो गया। हुड्डा के हक में ज्यादा विधायक, ऑब्जर्वर भी फैसला नहीं ले पाए
रिजल्ट के 10 दिन बाद नेता विपक्ष को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग हुई। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद अजय माकन, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव शामिल हुए। मीटिंग में ऑब्जर्वरों ने सभी विधायकों से विधायक दल के नेता का नाम फाइनल करने के लिए वन टु वन बातचीत कर उनकी राय जानी। अधिकतर विधायकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम ही विधायक दल के नेता के लिए रखा। कुमारी सैलजा गुट के कुछ विधायकों ने नए चेहरे को जिम्मेदारी देने की बात कही। मीटिंग के बाद अशोक गहलोत और अजय माकन ने कहा था, ‘विधायक दल के नेता का चयन हाईकमान करेगा। विधायकों की राय हाईकमान तक पहुंचा दी जाएगी।’ हुड्डा को हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा
2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं।हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल, थानेसर से अशोक अरोड़ा और सबसे सीनियर विधायक रघुवीर कादियान का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।
करनाल में केंद्रीय मंत्री खट्टर ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’:बोले- गोधरा कांड की सच्चाई सबके सामने, असंध MLA रहे मौजूद
करनाल में केंद्रीय मंत्री खट्टर ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’:बोले- गोधरा कांड की सच्चाई सबके सामने, असंध MLA रहे मौजूद करनाल में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखी। उनके साथ असंध से विधायक योगेंद्र राणा और अन्य भाजपा नेता भी मौजूद थे। खट्टर ने ये फिल्म सुपर मॉल में देखी। साबरमती रिपोर्ट मूवी देखने के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि साबरमती रिपोर्ट मूवी जब से रिलीज हुई है। तब से इसकी चर्चा हो रही है। कुछ लोगों ने मुझे भी सजेस्ट किया था कि यह मूवी देखनी चाहिए और आज मैं यह मूवी देखने के लिए आया हूं। गोधरा कांड हुआ था, उसकी प्रारंभिक रिपोर्ट को छुपाया गया था, लेकिन मीडिया से जुड़े एक पत्रकार ने गोधरा कांड की सच्चाई को सबके सामने लाने का काम किया। कुछ षड्यंत्रकारियों ने गोधरा कांड की रिपोर्ट को छुपाया, अब गोधरा कांड की रिपोर्ट को सबके सामने लाया जा रहा है, यह आंखें खोलने वाला विषय है। गोधरा कांड में किस तरह से कार सेवकों की बोगी के अंदर आग लगाई गई थी। जो वृतांत दिखाया गया है वह एक सनसनीखेज मामला है। इस मूवी को लेकर चर्चा जरूरी होती होगी कि उस वक्त के समय में किस तरह से षड्यंत्र रचा गया था। इसके पीछे राजनीतिक लोगों का भी मानस रहा होगा। यह मूवी पत्रकारिता से जुड़ा हुआ विषय भी है, इसलिए पत्रकारों को भी यह मूवी देखनी चाहिए। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के पानीपत आगमन को लेकर कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए पीएम बीमा योजना की शुरुआत होगी।
नूंह में चार सगे भाइयों को 15 साल जेल:22 हजार जुर्माना; 7 साल पहले पुलिस पर की थी फायरिंग, सरकारी पिस्टल लूटी
नूंह में चार सगे भाइयों को 15 साल जेल:22 हजार जुर्माना; 7 साल पहले पुलिस पर की थी फायरिंग, सरकारी पिस्टल लूटी नूंह में जिला कोर्ट ने चार सगे भाइयों को 15 साल 3 माह की सजा सुनाई है। चारों पर 27 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। दोषियों ने 7 साल पहले पुलिस टीम पर फायरिंग की थी और सरकारी पिस्टल लूट ली थी। दोषी ताहिर उर्फ छोटा, शरीफ, खुर्शीद निवासी कांगरका थाना तावडू को 22 हजार 500 रुपए जुर्माना भरना होगा। जुर्माना न भरने पर 4 माह 10 अतिरिक्त सजा काटनी होगी। धारा-392 में चारों दोषी भाइयों की सबसे अधिक 7-7 साल कैद की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए चारों दोषी भाइयों को अधिकतम 7 साल सजा काटनी होगी। ये है पूरा मामला अपराध शाखा तावडू में कार्यरत सब इंस्पेक्टर भगत सिंह की शिकायत पर 12 जनवरी 2018 को तावडू थाने में करीब 10 नामजद लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, फायरिंग करने, सरकारी असलह लूटने, मारपीट करने सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। सब इंस्पेक्टर भगत सिंह ने पुलिस को दिए अपने बयान में आरोप लगाए थे कि वह सीआईए नूंह मे बतौर उप निरीक्षक तैनात है। वह अपने अन्य कर्मचारियों के साथ अपराध की तलाश के लिए तावडू बाइपास पर मौजूद था। उसे गुप्त सूचाना मिली की मुकदमा नंबर-163/16 धारा 302 थाना तावडू का आरोपी जाकिर निवासी कांगरका अपने घर पर मौजूद हैं। इसके बाद कर्मचारियों के साथ जाकिर के मकान पहुंचा, तो एक लडका पुलिस को देखकर भागकर छत पर चड़ गया। छत पर चढ़कर जाकिर को काबू किया और जाकिर ने शोर किया कि खुर्शीद, शरीफ, छोटा आदि ने उसे जबरदस्ती छुड़ा लिया। आरोपियों ने पुलिस ने देशी पिस्तौल निकालकर पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी थी। जिससे पुलिस कर्मचारी बाल-बाल बच गए थे। वहीं जाकिर और उसके परिवार वालों ने सरकारी पिस्टल व 6 जिन्दा रोंद लूट लिए थे।