“भैया 6 घंटे से लाइन में लगे थे हिम्मत हार गए इतनी भीड़ है कि बाहर चले आए और अब बाबा के प्रवेश द्वार से ही उनको प्रणाम कर रहे हैं और अब घर जा रहे हैं अयोध्या में अच्छा दर्शन हुआ प्रयागराज में अच्छा स्नान हुआ लेकिन वाराणसी में इतना भीड़ है कि क्या बताएं।” ये कहना है बिहार से वाराणसी आई 70 साल की मुद्रीका का। वह अपने परिवार के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंची हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की। आइए हम आपको बताते हैं अब कितने घंटे में दर्शन हो रहा है। मंदिर के 5 किलोमीटर दायरे में कहां-कहां रोड डायवर्जन किया गया है। श्रद्धालुओं का व्यवस्था पर क्या कहना है? भीड़ के कारण दूर से ही लोग हाथ जोड़कर घर लौट रहे वाराणसी में मौनी अमावस्या के बाद से श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई है। प्रयागराज में स्नान करने के बाद लाखों श्रद्धालु सीधे वाराणसी के गंगा घाट पहुंच रहे हैं। वहां गंगा स्नान कर रहे हैं और फिर बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने पहुंच रहे हैं। गोदौलिया चौराहे को एकल जोन घोषित कर दिया गया है। लंबी लाइन की वजह से कई पर्यटक हिम्मत हार रहे हैं। वे 1 किलोमीटर दूर से ही बाबा विश्वनाथ को प्रणाम कर घर वापस लौट जा रहे हैं। श्रद्धालु बोले- LED स्क्रीन शुरू हो, ताकि बाबा के दर्शन कर पाए गेट नंबर 4 के बाहर लगी एलईडी बंद पड़ी है। पर्यटकों का कहना है कि इसे चालू करना चाहिए, जिससे हम महादेव को बाहर से ही देख ले। घंटों लाइन में लगे पर्यटक लाइन में लगे लगे ही चाय पीते हुए दिखाई दे रहे हैं। दुकानदार भी उनसे डिजिटल पेमेंट ले रहे हैं। मंदिर के बाहर 1 किलोमीटर तक चप्पलों की कतार गोदौलिया चौराहे काशी विश्वनाथ मंदिर के एक किलोमीटर क्षेत्र में पर्यटकों के चप्पल बिखरे हुए हैं। लोग जिस रास्ते से दर्शन के लिए गुजर रहे हैं, उन्हें दूसरे रास्ते से निकाल दिया जा रहा है। वह बिना चप्पल के ही वापस घर चले जा रहे हैं। कुछ पर्यटकों ने कहा कि हमारा चप्पल काफी महंगा है लेकिन हम दूसरे रास्ते से निकल रहे हैं तो जहां हमने चप्पल उतार था वहां जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है और पहुंचने के बाद भी वह चप्पल मिल नहीं रहा। काशी से प्रयागराज जाएंगे लाखों पर्यटक बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, जम्मू कश्मीर और दिल्ली से आए हजारों पर्यटक काशी में रोज स्नान कर रहे हैं। उसके बाद यहां से सीधे प्रयागराज के लिए रवाना होंगे। उनका कहना है हमने अयोध्या दर्शन किया गोरखपुर आए और वहां से फिर वाराणसी और अब प्रयागराज जाएंगे। वहां पर संगम स्नान और लेटे हनुमान जी का दर्शन करेंगे। आइए अब जानते कहां कहां रूट डायवर्ट है वाराणसी में बाहर से आने वाले लोग पार्किंग को लेकर परेशान न हों। इसके लिए एक सुविधा के लिए विशेष गूगल मैप तैयार किया गया है। जिस पर एक बार कोड बनाया गया है। जिसे स्कैन करते ही शहर में बनाए गए सभी पार्किंग स्थलों की मैप सहित जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इससे श्रद्धालुओं को भटकना नहीं पड़ेगा। लगभग पंद्रह लाख के संख्या में प्रत्येक दिन श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। वर्तमान समय में बनारस हाउस फूल हो गया है। लोकल गाड़ियों के अलावा नहीं किसी का शहर में प्रवेश बनारस में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है, महाकुंभ से सीधे श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। शहर के भीतरी इलाकों, घाट और मंदिर परिक्षेत्र में भीड़ इतनी है कि चलना आसान नहीं है। ऐसे में पर्यटकों की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए यातायात पुलिस ने वाराणसी शहर की सीमा पर ही बाहर की गाड़ियों को रोक दिया है। इसमें बनारस की स्थानीय UP-65 नंबर की गाड़ियों को इस से दूर रखा गया है। आइए अब जानते हैं श्रद्धालुओं ने क्या कहा चार घंटे लाइन में लगे थे दर्शन करने के लिए सिर्फ 5 सेकंड का टाइम मिला बंगाल से काशी पहुंची कार्निक ने बताया कि हम चार घंटे लाइन में लगे थे दर्शन करने के लिए सिर्फ 5 सेकंड का वक्त मिला और हमें गर्भ गिरी के गेट से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि कुंभ में तो स्थिति ठीक नहीं थी वहां बहुत भीड़ है और 29 जनवरी को व्यवस्था भी नहीं ठीक थी हम लोग किसी तरह से वहां निकले और अब बाबा का आशीर्वाद लिया। काफी देर इंतजार किया फिर भी नहीं हुए दर्शन, बाहर से ही हाथ जोड़कर लौटे पुष्पा सिंह ने कहा- 4 घंटे से हम लोग लाइन में लगे हुए थे। नहीं हो पाया तो हम लोग रिटर्न होकर पुनः 4 नम्बर गेट आए। अब नहीं हो पाया तो बाहर से ही बाबा को प्रणाम करके घर जा रहे हैं। कुंभ में व्यवस्था ठीक थी। उन्होंने कहा कि हम लोग 28 को ही चले गए थे स्नान खूब अच्छे से हुआ। उन्होंने कहा उसके बाद अयोध्या के वहां भी ऐसा नहीं हुआ। यहां से हमें लौट के जाना पड़ रहा है उनके आंखों में आंसू आ गया। लाइन में खड़े-खड़े चक्कर आने लगा, मुश्किल से हो पाए दर्शन मुद्रिका सिंह ने कहा कि 6 घंटे से लाइन में खड़े थे। हमको बेहोशी आने लगा तो हम लाइन से निकल गए बहुत ज्यादा लाइन के बीच में भी भीड़ थी। अब मंदिर के गेट से ही बाबा का आशीर्वाद दिया है। अब मजबूरी में घर जा रहे हैं यह बात कहते हुए उनके चेहरे पर काफी मायूसी दिखी। “भैया 6 घंटे से लाइन में लगे थे हिम्मत हार गए इतनी भीड़ है कि बाहर चले आए और अब बाबा के प्रवेश द्वार से ही उनको प्रणाम कर रहे हैं और अब घर जा रहे हैं अयोध्या में अच्छा दर्शन हुआ प्रयागराज में अच्छा स्नान हुआ लेकिन वाराणसी में इतना भीड़ है कि क्या बताएं।” ये कहना है बिहार से वाराणसी आई 70 साल की मुद्रीका का। वह अपने परिवार के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंची हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की। आइए हम आपको बताते हैं अब कितने घंटे में दर्शन हो रहा है। मंदिर के 5 किलोमीटर दायरे में कहां-कहां रोड डायवर्जन किया गया है। श्रद्धालुओं का व्यवस्था पर क्या कहना है? भीड़ के कारण दूर से ही लोग हाथ जोड़कर घर लौट रहे वाराणसी में मौनी अमावस्या के बाद से श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई है। प्रयागराज में स्नान करने के बाद लाखों श्रद्धालु सीधे वाराणसी के गंगा घाट पहुंच रहे हैं। वहां गंगा स्नान कर रहे हैं और फिर बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने पहुंच रहे हैं। गोदौलिया चौराहे को एकल जोन घोषित कर दिया गया है। लंबी लाइन की वजह से कई पर्यटक हिम्मत हार रहे हैं। वे 1 किलोमीटर दूर से ही बाबा विश्वनाथ को प्रणाम कर घर वापस लौट जा रहे हैं। श्रद्धालु बोले- LED स्क्रीन शुरू हो, ताकि बाबा के दर्शन कर पाए गेट नंबर 4 के बाहर लगी एलईडी बंद पड़ी है। पर्यटकों का कहना है कि इसे चालू करना चाहिए, जिससे हम महादेव को बाहर से ही देख ले। घंटों लाइन में लगे पर्यटक लाइन में लगे लगे ही चाय पीते हुए दिखाई दे रहे हैं। दुकानदार भी उनसे डिजिटल पेमेंट ले रहे हैं। मंदिर के बाहर 1 किलोमीटर तक चप्पलों की कतार गोदौलिया चौराहे काशी विश्वनाथ मंदिर के एक किलोमीटर क्षेत्र में पर्यटकों के चप्पल बिखरे हुए हैं। लोग जिस रास्ते से दर्शन के लिए गुजर रहे हैं, उन्हें दूसरे रास्ते से निकाल दिया जा रहा है। वह बिना चप्पल के ही वापस घर चले जा रहे हैं। कुछ पर्यटकों ने कहा कि हमारा चप्पल काफी महंगा है लेकिन हम दूसरे रास्ते से निकल रहे हैं तो जहां हमने चप्पल उतार था वहां जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है और पहुंचने के बाद भी वह चप्पल मिल नहीं रहा। काशी से प्रयागराज जाएंगे लाखों पर्यटक बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, जम्मू कश्मीर और दिल्ली से आए हजारों पर्यटक काशी में रोज स्नान कर रहे हैं। उसके बाद यहां से सीधे प्रयागराज के लिए रवाना होंगे। उनका कहना है हमने अयोध्या दर्शन किया गोरखपुर आए और वहां से फिर वाराणसी और अब प्रयागराज जाएंगे। वहां पर संगम स्नान और लेटे हनुमान जी का दर्शन करेंगे। आइए अब जानते कहां कहां रूट डायवर्ट है वाराणसी में बाहर से आने वाले लोग पार्किंग को लेकर परेशान न हों। इसके लिए एक सुविधा के लिए विशेष गूगल मैप तैयार किया गया है। जिस पर एक बार कोड बनाया गया है। जिसे स्कैन करते ही शहर में बनाए गए सभी पार्किंग स्थलों की मैप सहित जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इससे श्रद्धालुओं को भटकना नहीं पड़ेगा। लगभग पंद्रह लाख के संख्या में प्रत्येक दिन श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। वर्तमान समय में बनारस हाउस फूल हो गया है। लोकल गाड़ियों के अलावा नहीं किसी का शहर में प्रवेश बनारस में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है, महाकुंभ से सीधे श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। शहर के भीतरी इलाकों, घाट और मंदिर परिक्षेत्र में भीड़ इतनी है कि चलना आसान नहीं है। ऐसे में पर्यटकों की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए यातायात पुलिस ने वाराणसी शहर की सीमा पर ही बाहर की गाड़ियों को रोक दिया है। इसमें बनारस की स्थानीय UP-65 नंबर की गाड़ियों को इस से दूर रखा गया है। आइए अब जानते हैं श्रद्धालुओं ने क्या कहा चार घंटे लाइन में लगे थे दर्शन करने के लिए सिर्फ 5 सेकंड का टाइम मिला बंगाल से काशी पहुंची कार्निक ने बताया कि हम चार घंटे लाइन में लगे थे दर्शन करने के लिए सिर्फ 5 सेकंड का वक्त मिला और हमें गर्भ गिरी के गेट से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि कुंभ में तो स्थिति ठीक नहीं थी वहां बहुत भीड़ है और 29 जनवरी को व्यवस्था भी नहीं ठीक थी हम लोग किसी तरह से वहां निकले और अब बाबा का आशीर्वाद लिया। काफी देर इंतजार किया फिर भी नहीं हुए दर्शन, बाहर से ही हाथ जोड़कर लौटे पुष्पा सिंह ने कहा- 4 घंटे से हम लोग लाइन में लगे हुए थे। नहीं हो पाया तो हम लोग रिटर्न होकर पुनः 4 नम्बर गेट आए। अब नहीं हो पाया तो बाहर से ही बाबा को प्रणाम करके घर जा रहे हैं। कुंभ में व्यवस्था ठीक थी। उन्होंने कहा कि हम लोग 28 को ही चले गए थे स्नान खूब अच्छे से हुआ। उन्होंने कहा उसके बाद अयोध्या के वहां भी ऐसा नहीं हुआ। यहां से हमें लौट के जाना पड़ रहा है उनके आंखों में आंसू आ गया। लाइन में खड़े-खड़े चक्कर आने लगा, मुश्किल से हो पाए दर्शन मुद्रिका सिंह ने कहा कि 6 घंटे से लाइन में खड़े थे। हमको बेहोशी आने लगा तो हम लाइन से निकल गए बहुत ज्यादा लाइन के बीच में भी भीड़ थी। अब मंदिर के गेट से ही बाबा का आशीर्वाद दिया है। अब मजबूरी में घर जा रहे हैं यह बात कहते हुए उनके चेहरे पर काफी मायूसी दिखी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
Mahoba Crime: महोबा में बीजेपी नेता की मौत के बाद व्यापारियों ने बंद रखीं दुकानें, पुलिस जांच में जुटी
Mahoba Crime: महोबा में बीजेपी नेता की मौत के बाद व्यापारियों ने बंद रखीं दुकानें, पुलिस जांच में जुटी <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahoba News:</strong> महोबा में बीजेपी नेता की संदिग्ध मौत में परिवार ने लूट और हत्या का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता की मौत की खबर मिलते ही व्यापारियों ने चरखारी कस्बे का सारा बाजार बंद कर दिया. मौके पर सूबे के राज्य मंत्री सहित दोनों विधायक, पूर्व सांसद और कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठा हो गई. घटना की सूचना पर जिले के डीएम एसपी भी मौके पर पहुंचे हैं जहां तहरीर के आधार पर कार्रवाई की बात कही जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल महोबा जनपद के चरखारी कोतवाली कस्बा में बीजेपी के मंडल अध्यक्ष सचिन पाठक का खून से लथपथ शव महोबा रोड पर देर रात पड़ा मिला था. बीजेपी नेता की मौत की खबर मिलते ही घटनास्थल पर परिवारजनों और बीजेपी कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठा हो गई. मृतक के भाई देवेंद्र पाठक ने लूट के बाद हत्या की आशंका जताई है. बीजेपी नेता की संदिग्ध मौत से अक्रोशित व्यापारियों ने चरखारी कस्बे का सारा बाजार बंद कर अपना विरोध जताया और जल्द से जल्द मौत के खुलासे की मांग की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सोने की चेन, अंगूठी और नकदी गायब</strong><br />मृतक का भाई देवेंद्र बताता है कि रिश्तेदार को रेलवे स्टेशन छोड़ने के लिए मृतक बाइक से निकला था. जहां से वापस आने के बाद उसके साथ अनहोनी हुई है. मृतक के भाई ने लूट कर हत्या करने का आरोप लगाया है. उसने बताया कि मृतक की सोने की अंगूठियां, सोने की चेन और 11 हजार नगदी सहित मोबाइल अज्ञात लूट कर ले गए और हत्या की वारदात को अंजाम दें डाला. इस वारदात से मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता की हत्या की खबर पर महोबा दौरे पर आए सरकार के राज्य मंत्री राकेश राठौर भी मौके पर पहुंच गए. जहां उन्होंने डीएम और एसपी से उक्त वारदात के जल्द खुलासे के निर्देश दिए. यहीं नही उन्होंने मृतक परिवार से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच और हर मदद का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि मौत के क्या कारण है ये साफ होने के बाद आगे कार्रवाई होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चरखारी विधायक ब्रजभूषण राजपूत ने इस घटना को लेकर कहा कि हमारे निष्ठावान कार्यकर्ता के साथ घटित अनहोनी से हम सभी सदमे में है. मौत की असल वजह क्या है ये तो जांच कर बाद सामने आयेगा. मगर इतना तो साफ है कि मृतक के सिर पर गहरे घाव है और उनकी चेन,अंगूठियां, मोबाइल सहित नगदी गायब है. जिससे प्रतीत होता है कि बीजेपी नेता की हत्या की गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मामले पर क्या बोली पुलिस? </strong><br />एएसपी वंदना सिंह बताती हैं कि, पुलिस को देर रात डायल112 को एक्सीडेंट की सूचना मिली थी. तब पुलिस मौके पर पहुंची. जहां सूपा चरखारी मोड़ पर खून से लथपथ एक युवक और पास में बाइक पड़ी हुई थी. घायल को पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. उसमे परिवार कुछ आशंकाएं और आरोप लगाए जा रहे है जिनकी गहनता से जांच की जा रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.</p>
हरियाणा चुनाव में नामांकन वापसी का अंतिम दिन:नाराज नेताओं को मनाने में जुटे, कांग्रेस को 12, भाजपा को 6 नाम वापसी की उम्मीद
हरियाणा चुनाव में नामांकन वापसी का अंतिम दिन:नाराज नेताओं को मनाने में जुटे, कांग्रेस को 12, भाजपा को 6 नाम वापसी की उम्मीद हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को न सिर्फ बागियों को पार्टी में वापस लाने बल्कि उनसे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कहने का कठिन काम सौंपा गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लिए हरियाणा भर में अभियान चलाया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने भी बागियों से संपर्क साधा। माना जा रहा है कि उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है, हालांकि अधिकांश बागी आज भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से सलाह-मशविरा करेंगे। रूठों को मनाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस में क्या चल रहा है… CM सैनी 3 नेताओं को मनाएंगे 1. सैनी का पहला पड़ाव महेंद्रगढ़ के बागी और वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा के निवास पर था, हालांकि शर्मा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2. मुख्यमंत्री ने नारनौल नगर परिषद की पूर्व प्रधान एवं भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भारती सैनी से भी मुलाकात की। बैठक के बाद भारती ने कहा कि नाम वापसी पर फैसला लेने के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक होगी, हालांकि बातचीत “बहुत सकारात्मक” रही। 3. सोनीपत के बागी और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन को भी संदेश मिला है कि सीएम उनके आवास पर आएंगे। राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही उनसे “समझौते” के लिए संपर्क किया है। बिप्लब देब 3 नेताओं से मिलेंगे पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देव रणधीर कापड़ीवास (रेवाड़ी), संतोष यादव (अटेली) और शशि रंजन परमार (तोशाम) से मिलने वाले थे। तीनों नेताओं को फोन कॉल आए, जिसमें उनसे नामांकन वापस लेने का आग्रह किया गया। यादव ने कहा, “मैं इस बार विधानसभा नहीं जाऊंगा, लेकिन तय करूंगा कि किस उम्मीदवार का समर्थन करना है। मुझे बिप्लब देब का फोन आया था। कांग्रेस को 12 नाम वापसी की उम्मीद कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है और हुड्डा पिता-पुत्र की जोड़ी लगातार बागियों के संपर्क में है। हुड्डा ने कहा, “हमारे अधिकांश नेता पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में नाम वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं,” जबकि दीपेंद्र ने कहा कि कल कम से कम 12 नेताओं के नाम वापस लेने की संभावना है। कांग्रेस में इन नामों की वापसी की उम्मीद सूत्रों ने बताया कि नलवा से वरिष्ठ नेता संपत सिंह, हांसी से प्रेम सिंह मलिक और अंबाला से जसबीर मलोर के हटने की संभावना है, जबकि कुछ अन्य के साथ बातचीत अभी भी जारी है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विद्रोहियों के पास कल तक का समय है। उन्हें वापस जाने के लिए मनाने के लिए हमारे पास अभी भी सुबह है।” 3 बजे तक का ही टाइम हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि उम्मीदवार कल दोपहर 3 बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा, “नाम वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद, हम उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित करेंगे।”
पलवल में तीन राष्ट्रीय पक्षियों की गोली मारकर हत्या:युवक पर फायरिंग, हत्यारे फरार, अधिकारियों को कट्टे में मिले, एक गिरफ्तार
पलवल में तीन राष्ट्रीय पक्षियों की गोली मारकर हत्या:युवक पर फायरिंग, हत्यारे फरार, अधिकारियों को कट्टे में मिले, एक गिरफ्तार हरियाणा के पलवल जिले में एक चौंकाने वाली घटना में तीन मोरों की हत्या का मामला सामने आया है। जैनपुर गांव के जंगल में हुई घटना में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन अन्य आरोपी फरार हो गए हैं। मामले की सूचना पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं पकड़े गए आरोपी से पूछताछ की जा रही है, ताकि अन्य आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। सभी आरोपी एक ही गांव के रहने वाले जानकारी के अनुसार गांव के सरपंच सरजीत ने वन्य जीव रक्षक हंसराज को दी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों को तीन मृत मोर खून से लथपथ एक कट्टे में मिले। ग्रामीणों ने एक आरोपी अनीश को पकड़ लिया, जिसने अपने तीन साथियों शराफत, नदीम और परवेज का नाम बताया, सभी आरोपी लड़माकी गांव के रहने वाले हैं। फायरिंग से बाल-बाल बचा युवक मामले में एक और गंभीर मोड़ तब आया, जब भागते समय एक आरोपी ने स्थानीय नरेश पर जान से मारने की नीयत से गोली चलाई, लेकिन वह बाल-बाल बच गए। हथीन थाना पुलिस ने वन्य जीव रक्षक हंसराज की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। फरार आरोपियों की तलाश जारी मिंडकोला पुलिस चौकी प्रभारी सचिन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह घटना राष्ट्रीय पक्षी के संरक्षण पर गंभीर सवाल खड़े करती है।