भक्त बोले-6 घंटे बाद हो रहे बाबा विश्वनाथ के दर्शन:मंदिर से 1 KM दूर से सिर झुकाकर लौटना पड़ रहा, टीवी पर दर्शन कराने की मांग

भक्त बोले-6 घंटे बाद हो रहे बाबा विश्वनाथ के दर्शन:मंदिर से 1 KM दूर से सिर झुकाकर लौटना पड़ रहा, टीवी पर दर्शन कराने की मांग

“भैया 6 घंटे से लाइन में लगे थे हिम्मत हार गए इतनी भीड़ है कि बाहर चले आए और अब बाबा के प्रवेश द्वार से ही उनको प्रणाम कर रहे हैं और अब घर जा रहे हैं अयोध्या में अच्छा दर्शन हुआ प्रयागराज में अच्छा स्नान हुआ लेकिन वाराणसी में इतना भीड़ है कि क्या बताएं।​​​​​​” ये कहना है बिहार से वाराणसी आई 70 साल की मुद्रीका का। वह अपने परिवार के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंची हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की। आइए हम आपको बताते हैं अब कितने घंटे में दर्शन हो रहा है। मंदिर के 5 किलोमीटर दायरे में कहां-कहां रोड डायवर्जन किया गया है। श्रद्धालुओं का व्यवस्था पर क्या कहना है? भीड़ के कारण दूर से ही लोग हाथ जोड़कर घर लौट रहे वाराणसी में मौनी अमावस्या के बाद से श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई है। प्रयागराज में स्नान करने के बाद लाखों श्रद्धालु सीधे वाराणसी के गंगा घाट पहुंच रहे हैं। वहां गंगा स्नान कर रहे हैं और फिर बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने पहुंच रहे हैं। गोदौलिया चौराहे को एकल जोन घोषित कर दिया गया है। लंबी लाइन की वजह से कई पर्यटक हिम्मत हार रहे हैं। वे 1 किलोमीटर दूर से ही बाबा विश्वनाथ को प्रणाम कर घर वापस लौट जा रहे हैं। श्रद्धालु बोले- LED स्क्रीन शुरू हो, ताकि बाबा के दर्शन कर पाए गेट नंबर 4 के बाहर लगी एलईडी बंद पड़ी है। पर्यटकों का कहना है कि इसे चालू करना चाहिए, जिससे हम महादेव को बाहर से ही देख ले। घंटों लाइन में लगे पर्यटक लाइन में लगे लगे ही चाय पीते हुए दिखाई दे रहे हैं। दुकानदार भी उनसे डिजिटल पेमेंट ले रहे हैं। मंदिर के बाहर 1 किलोमीटर तक चप्पलों की कतार गोदौलिया चौराहे काशी विश्वनाथ मंदिर के एक किलोमीटर क्षेत्र में पर्यटकों के चप्पल बिखरे हुए हैं। लोग जिस रास्ते से दर्शन के लिए गुजर रहे हैं, उन्हें दूसरे रास्ते से निकाल दिया जा रहा है। वह बिना चप्पल के ही वापस घर चले जा रहे हैं। कुछ पर्यटकों ने कहा कि हमारा चप्पल काफी महंगा है लेकिन हम दूसरे रास्ते से निकल रहे हैं तो जहां हमने चप्पल उतार था वहां जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है और पहुंचने के बाद भी वह चप्पल मिल नहीं रहा। काशी से प्रयागराज जाएंगे लाखों पर्यटक बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, जम्मू कश्मीर और दिल्ली से आए हजारों पर्यटक काशी में रोज स्नान कर रहे हैं। उसके बाद यहां से सीधे प्रयागराज के लिए रवाना होंगे। उनका कहना है हमने अयोध्या दर्शन किया गोरखपुर आए और वहां से फिर वाराणसी और अब प्रयागराज जाएंगे। वहां पर संगम स्नान और लेटे हनुमान जी का दर्शन करेंगे। आइए अब जानते कहां कहां रूट डायवर्ट है वाराणसी में बाहर से आने वाले लोग पार्किंग को लेकर परेशान न हों। इसके लिए एक सुविधा के लिए विशेष गूगल मैप तैयार किया गया है। जिस पर एक बार कोड बनाया गया है। जिसे स्कैन करते ही शहर में बनाए गए सभी पार्किंग स्थलों की मैप सहित जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इससे श्रद्धालुओं को भटकना नहीं पड़ेगा। लगभग पंद्रह लाख के संख्या में प्रत्येक दिन श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। वर्तमान समय में बनारस हाउस फूल हो गया है। लोकल गाड़ियों के अलावा नहीं किसी का शहर में प्रवेश बनारस में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है, महाकुंभ से सीधे श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। शहर के भीतरी इलाकों, घाट और मंदिर परिक्षेत्र में भीड़ इतनी है कि चलना आसान नहीं है। ऐसे में पर्यटकों की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए यातायात पुलिस ने वाराणसी शहर की सीमा पर ही बाहर की गाड़ियों को रोक दिया है। इसमें बनारस की स्थानीय UP-65 नंबर की गाड़ियों को इस से दूर रखा गया है। आइए अब जानते हैं श्रद्धालुओं ने क्या कहा चार घंटे लाइन में लगे थे दर्शन करने के लिए सिर्फ 5 सेकंड का टाइम मिला बंगाल से काशी पहुंची कार्निक ने बताया कि हम चार घंटे लाइन में लगे थे दर्शन करने के लिए सिर्फ 5 सेकंड का वक्त मिला और हमें गर्भ गिरी के गेट से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि कुंभ में तो स्थिति ठीक नहीं थी वहां बहुत भीड़ है और 29 जनवरी को व्यवस्था भी नहीं ठीक थी हम लोग किसी तरह से वहां निकले और अब बाबा का आशीर्वाद लिया। काफी देर इंतजार किया फिर भी नहीं हुए दर्शन, बाहर से ही हाथ जोड़कर लौटे पुष्पा सिंह ने कहा- 4 घंटे से हम लोग लाइन में लगे हुए थे। नहीं हो पाया तो हम लोग रिटर्न होकर पुनः 4 नम्बर गेट आए। अब नहीं हो पाया तो बाहर से ही बाबा को प्रणाम करके घर जा रहे हैं। कुंभ में व्यवस्था ठीक थी। उन्होंने कहा कि हम लोग 28 को ही चले गए थे स्नान खूब अच्छे से हुआ। उन्होंने कहा उसके बाद अयोध्या के वहां भी ऐसा नहीं हुआ। यहां से हमें लौट के जाना पड़ रहा है उनके आंखों में आंसू आ गया। लाइन में खड़े-खड़े चक्कर आने लगा, मुश्किल से हो पाए दर्शन ​​​​​​​ मुद्रिका सिंह ने कहा कि 6 घंटे से लाइन में खड़े थे। हमको बेहोशी आने लगा तो हम लाइन से निकल गए बहुत ज्यादा लाइन के बीच में भी भीड़ थी। अब मंदिर के गेट से ही बाबा का आशीर्वाद दिया है। अब मजबूरी में घर जा रहे हैं यह बात कहते हुए उनके चेहरे पर काफी मायूसी दिखी। “भैया 6 घंटे से लाइन में लगे थे हिम्मत हार गए इतनी भीड़ है कि बाहर चले आए और अब बाबा के प्रवेश द्वार से ही उनको प्रणाम कर रहे हैं और अब घर जा रहे हैं अयोध्या में अच्छा दर्शन हुआ प्रयागराज में अच्छा स्नान हुआ लेकिन वाराणसी में इतना भीड़ है कि क्या बताएं।​​​​​​” ये कहना है बिहार से वाराणसी आई 70 साल की मुद्रीका का। वह अपने परिवार के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंची हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की। आइए हम आपको बताते हैं अब कितने घंटे में दर्शन हो रहा है। मंदिर के 5 किलोमीटर दायरे में कहां-कहां रोड डायवर्जन किया गया है। श्रद्धालुओं का व्यवस्था पर क्या कहना है? भीड़ के कारण दूर से ही लोग हाथ जोड़कर घर लौट रहे वाराणसी में मौनी अमावस्या के बाद से श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई है। प्रयागराज में स्नान करने के बाद लाखों श्रद्धालु सीधे वाराणसी के गंगा घाट पहुंच रहे हैं। वहां गंगा स्नान कर रहे हैं और फिर बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने पहुंच रहे हैं। गोदौलिया चौराहे को एकल जोन घोषित कर दिया गया है। लंबी लाइन की वजह से कई पर्यटक हिम्मत हार रहे हैं। वे 1 किलोमीटर दूर से ही बाबा विश्वनाथ को प्रणाम कर घर वापस लौट जा रहे हैं। श्रद्धालु बोले- LED स्क्रीन शुरू हो, ताकि बाबा के दर्शन कर पाए गेट नंबर 4 के बाहर लगी एलईडी बंद पड़ी है। पर्यटकों का कहना है कि इसे चालू करना चाहिए, जिससे हम महादेव को बाहर से ही देख ले। घंटों लाइन में लगे पर्यटक लाइन में लगे लगे ही चाय पीते हुए दिखाई दे रहे हैं। दुकानदार भी उनसे डिजिटल पेमेंट ले रहे हैं। मंदिर के बाहर 1 किलोमीटर तक चप्पलों की कतार गोदौलिया चौराहे काशी विश्वनाथ मंदिर के एक किलोमीटर क्षेत्र में पर्यटकों के चप्पल बिखरे हुए हैं। लोग जिस रास्ते से दर्शन के लिए गुजर रहे हैं, उन्हें दूसरे रास्ते से निकाल दिया जा रहा है। वह बिना चप्पल के ही वापस घर चले जा रहे हैं। कुछ पर्यटकों ने कहा कि हमारा चप्पल काफी महंगा है लेकिन हम दूसरे रास्ते से निकल रहे हैं तो जहां हमने चप्पल उतार था वहां जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है और पहुंचने के बाद भी वह चप्पल मिल नहीं रहा। काशी से प्रयागराज जाएंगे लाखों पर्यटक बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, जम्मू कश्मीर और दिल्ली से आए हजारों पर्यटक काशी में रोज स्नान कर रहे हैं। उसके बाद यहां से सीधे प्रयागराज के लिए रवाना होंगे। उनका कहना है हमने अयोध्या दर्शन किया गोरखपुर आए और वहां से फिर वाराणसी और अब प्रयागराज जाएंगे। वहां पर संगम स्नान और लेटे हनुमान जी का दर्शन करेंगे। आइए अब जानते कहां कहां रूट डायवर्ट है वाराणसी में बाहर से आने वाले लोग पार्किंग को लेकर परेशान न हों। इसके लिए एक सुविधा के लिए विशेष गूगल मैप तैयार किया गया है। जिस पर एक बार कोड बनाया गया है। जिसे स्कैन करते ही शहर में बनाए गए सभी पार्किंग स्थलों की मैप सहित जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इससे श्रद्धालुओं को भटकना नहीं पड़ेगा। लगभग पंद्रह लाख के संख्या में प्रत्येक दिन श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। वर्तमान समय में बनारस हाउस फूल हो गया है। लोकल गाड़ियों के अलावा नहीं किसी का शहर में प्रवेश बनारस में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है, महाकुंभ से सीधे श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। शहर के भीतरी इलाकों, घाट और मंदिर परिक्षेत्र में भीड़ इतनी है कि चलना आसान नहीं है। ऐसे में पर्यटकों की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए यातायात पुलिस ने वाराणसी शहर की सीमा पर ही बाहर की गाड़ियों को रोक दिया है। इसमें बनारस की स्थानीय UP-65 नंबर की गाड़ियों को इस से दूर रखा गया है। आइए अब जानते हैं श्रद्धालुओं ने क्या कहा चार घंटे लाइन में लगे थे दर्शन करने के लिए सिर्फ 5 सेकंड का टाइम मिला बंगाल से काशी पहुंची कार्निक ने बताया कि हम चार घंटे लाइन में लगे थे दर्शन करने के लिए सिर्फ 5 सेकंड का वक्त मिला और हमें गर्भ गिरी के गेट से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि कुंभ में तो स्थिति ठीक नहीं थी वहां बहुत भीड़ है और 29 जनवरी को व्यवस्था भी नहीं ठीक थी हम लोग किसी तरह से वहां निकले और अब बाबा का आशीर्वाद लिया। काफी देर इंतजार किया फिर भी नहीं हुए दर्शन, बाहर से ही हाथ जोड़कर लौटे पुष्पा सिंह ने कहा- 4 घंटे से हम लोग लाइन में लगे हुए थे। नहीं हो पाया तो हम लोग रिटर्न होकर पुनः 4 नम्बर गेट आए। अब नहीं हो पाया तो बाहर से ही बाबा को प्रणाम करके घर जा रहे हैं। कुंभ में व्यवस्था ठीक थी। उन्होंने कहा कि हम लोग 28 को ही चले गए थे स्नान खूब अच्छे से हुआ। उन्होंने कहा उसके बाद अयोध्या के वहां भी ऐसा नहीं हुआ। यहां से हमें लौट के जाना पड़ रहा है उनके आंखों में आंसू आ गया। लाइन में खड़े-खड़े चक्कर आने लगा, मुश्किल से हो पाए दर्शन ​​​​​​​ मुद्रिका सिंह ने कहा कि 6 घंटे से लाइन में खड़े थे। हमको बेहोशी आने लगा तो हम लाइन से निकल गए बहुत ज्यादा लाइन के बीच में भी भीड़ थी। अब मंदिर के गेट से ही बाबा का आशीर्वाद दिया है। अब मजबूरी में घर जा रहे हैं यह बात कहते हुए उनके चेहरे पर काफी मायूसी दिखी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर