हरियाणा में कैथल के कुख्यात इंटरनेशनल गैंगस्टर जोगिंद्र ग्योंग को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे फिलीपींस में गिरफ्तार किया गया था। जहां वह 2 साल से फर्जी पहचान पर व्यापार कर रहा था। जिसके बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया। जब वह रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। ग्योंग पर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हत्या एवं फिरौती जैसे कई गंभीर केस दर्ज हैं। वह कांग्रेस नेता सांसद रणदीप सुरजेवाला को धमकी देकर सुर्खियों में आया था। इसके अलावा उसने बिहार के राजद सांसद संजय यादव से भी 20 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। कौन हैं गैंगस्टर जोगिंद्र ग्योंग उर्फ जोगा डॉन… 1. करनाल पुलिस ने भाई को एनकाउंटर में मारा, बदला लेने अपराधी बना
जोगिंद्र ग्योंग कैथल के ग्योंग गांव का रहने वाला है। वह पुलिस की वांटेड लिस्ट में नंबर टू है। उसका भाई सुरेंद्र ग्योंग भी कुख्यात बदमाश रहा। उसकी धमकियों से तंग आकर कांग्रेस नेता सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी हाईकोर्ट से सुरक्षा मांगी थी। 2017 में करनाल पुलिस ने राहड़ा गांव में हुए एनकाउंटर में सुरेंद्र को मार गिराया। इसके बाद जोगिंद्र भी अपराध की दुनिया में उतर आया। उसे पता चला कि पुलिस इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए जयदेव ने उसके भाई की मुखबिरी की। इसके बाद वह जोगिंद्र जयदेव के पीछे पड़ गया। राहड़ा गांव में सुरेंद्र का जयदेव के घर आना-जाना था। जोगेंद्र सुरेंद्र की मौत के बाद पैरोल पर आया था। वह भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था। 2. 13 गोलियां मारकर पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या की
इसी बीच मधुबन में इंस्पेक्टर रहे जिले सिंह की 30 दिसंबर 2017 को पानीपत के सेक्टर 18 में रिटायरमेंट पार्टी थी। जिले सिंह ने अपने साढ़ू काबड़ी निवासी ओमप्रकाश और उनके दामाद जयदेव शर्मा (28) निवासी राहड़ा गांव को भी पार्टी में बुलाया। जयदेव शर्मा अपनी पत्नी सुशीला, चार वर्षीय बेटे कुनाल और, ससुर ओमप्रकाश के साथ पार्टी में शामिल होने पहुंचा था। दोपहर बाद करीब तीन बजे जिले सिंह के मकान से करीब 150 मीटर दूर हमलावरों ने जयदेव को गोलियों से भून दिया था। वह अकेला बाहर क्यों और किसके कहने पर आया, यह पता नहीं चल सका था। हमलावरों ने जयदेव के माथे, चेहरे, गर्दन, सीने और पेट में 13 गोलियां मारी थी। उसके कुल्हे पर उसकी लाइसेंसी पिस्तौल टंगी रह गई थी। वह अपनी सुरक्षा के लिए पिस्तौल नहीं निकाल पाया था। पुलिस ने इस मामले में जोगेंद्र ग्योंग, करनाल के पार्षद भाग सिंह, उसके भाई सुशील, तीन-चार अन्य पर केस दर्ज किया था। इस बारे में असंध पुलिस का कहना था कि मोबाइल टावर की व्यवस्था संभालने वाले ठेकेदार जयदेव ने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया था। फिर भी उसकी कोठी के बाहर पीसीआर तैनात रहती थी। जयदेव के कहने पर पुलिस ने उसे रिवाल्वर का लाइसेंस दे दिया था। वारदात के समय भी जयदेव के पास रिवाल्वर था। 3. सुरजेवाला पर भाई को मरवाने का शक था
राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला से भी ग्योंग बंधुओं की दुश्मनी थी। जिस वजह से उन्हें भी धमकी दी गई थी। इस मामले में सुरजेवाला ने सिक्योरिटी के लिए हाईकोर्ट तक एप्रोच की थी। इस मामले में जोगिंद्र ग्योंग के खिलाफ कैथल में केस भी दर्ज हुआ था। जब सुरेंद्र ग्योंग का एनकाउंटर हुआ तो जोगिंद्र को शक था कि उसके भाई का एनकाउंटर करवाने के पीछे रणदीप सुरजेवाला का हाथ है। भाई की मौत के 6 महीने बाद उसने सुरजेवाला को धमकी दी थी। 4. व्यापारी की हत्या कर भागा
2006 में ग्योंग ने कैथल के व्यापारी नरेंद्र अरोड़ा की हत्या कर दी थी। इसके बाद वह फर्जी पासपोर्ट के जरिए दक्षिण अफ्रीका भाग गया। जहां से भी उसे 2007 में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद जब वह जेल से पैरोल पर बाहर आया तो उसके बाद फिर फरार हो गया। इससे पहले उसने कैथल में एक पत्रकार की भी हत्या की थी। 5. बिहार के सांसद से रंगदारी मांगी
कुछ महीने पहले उसने बिहार में लालू यादव की पार्टी राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव से 20 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। ग्योंग ने वॉट्सऐप पर धमकी भेजी। जिसके बाद पटना में ग्योंग के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। संजय यादव को राजद नेता तेजस्वी यादव का करीबी माना जाता है। कैथल SP बोले- हिरासत में लेकर कार्रवाई करेंगे
कैथल एसपी राजेश कालिया के अनुसार अभी सुरेंद्र ग्योंग दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है। उसे जल्द ही हरियाणा एसटीएफ अपनी हिरासत में लेगी और कैथल में दर्ज मामलों की पुनः जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा में कैथल के कुख्यात इंटरनेशनल गैंगस्टर जोगिंद्र ग्योंग को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे फिलीपींस में गिरफ्तार किया गया था। जहां वह 2 साल से फर्जी पहचान पर व्यापार कर रहा था। जिसके बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया। जब वह रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। ग्योंग पर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हत्या एवं फिरौती जैसे कई गंभीर केस दर्ज हैं। वह कांग्रेस नेता सांसद रणदीप सुरजेवाला को धमकी देकर सुर्खियों में आया था। इसके अलावा उसने बिहार के राजद सांसद संजय यादव से भी 20 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। कौन हैं गैंगस्टर जोगिंद्र ग्योंग उर्फ जोगा डॉन… 1. करनाल पुलिस ने भाई को एनकाउंटर में मारा, बदला लेने अपराधी बना
जोगिंद्र ग्योंग कैथल के ग्योंग गांव का रहने वाला है। वह पुलिस की वांटेड लिस्ट में नंबर टू है। उसका भाई सुरेंद्र ग्योंग भी कुख्यात बदमाश रहा। उसकी धमकियों से तंग आकर कांग्रेस नेता सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी हाईकोर्ट से सुरक्षा मांगी थी। 2017 में करनाल पुलिस ने राहड़ा गांव में हुए एनकाउंटर में सुरेंद्र को मार गिराया। इसके बाद जोगिंद्र भी अपराध की दुनिया में उतर आया। उसे पता चला कि पुलिस इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए जयदेव ने उसके भाई की मुखबिरी की। इसके बाद वह जोगिंद्र जयदेव के पीछे पड़ गया। राहड़ा गांव में सुरेंद्र का जयदेव के घर आना-जाना था। जोगेंद्र सुरेंद्र की मौत के बाद पैरोल पर आया था। वह भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था। 2. 13 गोलियां मारकर पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या की
इसी बीच मधुबन में इंस्पेक्टर रहे जिले सिंह की 30 दिसंबर 2017 को पानीपत के सेक्टर 18 में रिटायरमेंट पार्टी थी। जिले सिंह ने अपने साढ़ू काबड़ी निवासी ओमप्रकाश और उनके दामाद जयदेव शर्मा (28) निवासी राहड़ा गांव को भी पार्टी में बुलाया। जयदेव शर्मा अपनी पत्नी सुशीला, चार वर्षीय बेटे कुनाल और, ससुर ओमप्रकाश के साथ पार्टी में शामिल होने पहुंचा था। दोपहर बाद करीब तीन बजे जिले सिंह के मकान से करीब 150 मीटर दूर हमलावरों ने जयदेव को गोलियों से भून दिया था। वह अकेला बाहर क्यों और किसके कहने पर आया, यह पता नहीं चल सका था। हमलावरों ने जयदेव के माथे, चेहरे, गर्दन, सीने और पेट में 13 गोलियां मारी थी। उसके कुल्हे पर उसकी लाइसेंसी पिस्तौल टंगी रह गई थी। वह अपनी सुरक्षा के लिए पिस्तौल नहीं निकाल पाया था। पुलिस ने इस मामले में जोगेंद्र ग्योंग, करनाल के पार्षद भाग सिंह, उसके भाई सुशील, तीन-चार अन्य पर केस दर्ज किया था। इस बारे में असंध पुलिस का कहना था कि मोबाइल टावर की व्यवस्था संभालने वाले ठेकेदार जयदेव ने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया था। फिर भी उसकी कोठी के बाहर पीसीआर तैनात रहती थी। जयदेव के कहने पर पुलिस ने उसे रिवाल्वर का लाइसेंस दे दिया था। वारदात के समय भी जयदेव के पास रिवाल्वर था। 3. सुरजेवाला पर भाई को मरवाने का शक था
राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला से भी ग्योंग बंधुओं की दुश्मनी थी। जिस वजह से उन्हें भी धमकी दी गई थी। इस मामले में सुरजेवाला ने सिक्योरिटी के लिए हाईकोर्ट तक एप्रोच की थी। इस मामले में जोगिंद्र ग्योंग के खिलाफ कैथल में केस भी दर्ज हुआ था। जब सुरेंद्र ग्योंग का एनकाउंटर हुआ तो जोगिंद्र को शक था कि उसके भाई का एनकाउंटर करवाने के पीछे रणदीप सुरजेवाला का हाथ है। भाई की मौत के 6 महीने बाद उसने सुरजेवाला को धमकी दी थी। 4. व्यापारी की हत्या कर भागा
2006 में ग्योंग ने कैथल के व्यापारी नरेंद्र अरोड़ा की हत्या कर दी थी। इसके बाद वह फर्जी पासपोर्ट के जरिए दक्षिण अफ्रीका भाग गया। जहां से भी उसे 2007 में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद जब वह जेल से पैरोल पर बाहर आया तो उसके बाद फिर फरार हो गया। इससे पहले उसने कैथल में एक पत्रकार की भी हत्या की थी। 5. बिहार के सांसद से रंगदारी मांगी
कुछ महीने पहले उसने बिहार में लालू यादव की पार्टी राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव से 20 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। ग्योंग ने वॉट्सऐप पर धमकी भेजी। जिसके बाद पटना में ग्योंग के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। संजय यादव को राजद नेता तेजस्वी यादव का करीबी माना जाता है। कैथल SP बोले- हिरासत में लेकर कार्रवाई करेंगे
कैथल एसपी राजेश कालिया के अनुसार अभी सुरेंद्र ग्योंग दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है। उसे जल्द ही हरियाणा एसटीएफ अपनी हिरासत में लेगी और कैथल में दर्ज मामलों की पुनः जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर