<p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> अपराध पर अंकुश और अपराधियों के हौसलों को पस्त करने के लिए अब कानपुर आईआईटी और कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने हाथ मिला लिया है. कुछ दिन पहले कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के कमिश्नर ओर आईआईटी ने एक दूसरे से एमओयू साइन किया था. जिसमें कानपुर पुलिस को हाईटेक करने के लिए ये समझौता बताया गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में कानपुर आईआईटी अब सिर्फ पुलिस को नहीं बल्कि पुलिस की PRV गाड़ी को भी हाईटेक करने जा रही है, जो सड़कों पर लगातार गश्त करती दिखाई देती है. अब एआई की मदद से पुलिस की PRV वैन अत्याधुनिक होने के साथ अपराधियों का डाटा भी इस वैन में मौजूद होगा. अब कोई भी पुलिस से बचकर नहीं भाग सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सॉफ्टवेयर की मदद से बदमाशों की पहचान में आसानी<br /></strong>पुलिस रिस्पांस व्हीकल यानी PRV वैन जिसे आपने और हमने अमूमन सड़कों और पुलिस गश्त करते देखा है. लेकिन अब इस वैन के लिए आईआईटी कानपुर एएआई और मैथमेटिकल मॉडलिंग के आधार पर सॉफ्टवेयर तैयार कर रही है, जिसमें अपराधियों का इतिहास उनकी फोटो और उनसे मिलते जुलते हुलिए के आधार पर बनाई गई तस्वीर जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से तैयार किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम से पीआरवी गाड़ी को जोड़कर उसे हाईटेक बनाया जाएगा. जिसके तहत अब पुलिस कर्मियों को भी आईआईटी कानपुर में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाना शुरू कर दिया गया है. इसके तहत जहां एक ओर आईआईटी कानपुर और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट पुलिस को हाईटेक करने के लिए पीआरवी वैन को इस कदर तैयार कर रही है कि सड़कों पर घूम रहे अपराधियों की पहचान सड़कों पर घूम रही पुलिस तत्काल कर सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपराधियों के मूवमेंट को ट्रैक करने में सहायता<br /></strong>अब पुलिस की यह रिस्पांस व्हीकल एआई सिस्टम पर काम करेगी, दअरसल आईआईटी के द्वारा तैयार किए जा रहे इस सिस्टम में बदमाशों अपराधियों को पस्त करने में न केवल सहायता मिलेगी बल्कि उनके मूवमेंट को भी ट्रैक किया जा सकता है. वहीं डीसीपी साउथ आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर से की मदद से चोर अपराधियों को पकड़ने में आसानी मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/basant-panchami-occasion-administration-ready-for-amrit-snan-in-maha-kumbh-routes-of-bridges-issued-for-devotees-ann-2876258″>बसंत पंचमी के मौके पर स्नान के लिए प्रशासन तैयार, श्रद्धालुओं के लिए पुलों के रूट जारी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> अपराध पर अंकुश और अपराधियों के हौसलों को पस्त करने के लिए अब कानपुर आईआईटी और कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने हाथ मिला लिया है. कुछ दिन पहले कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के कमिश्नर ओर आईआईटी ने एक दूसरे से एमओयू साइन किया था. जिसमें कानपुर पुलिस को हाईटेक करने के लिए ये समझौता बताया गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में कानपुर आईआईटी अब सिर्फ पुलिस को नहीं बल्कि पुलिस की PRV गाड़ी को भी हाईटेक करने जा रही है, जो सड़कों पर लगातार गश्त करती दिखाई देती है. अब एआई की मदद से पुलिस की PRV वैन अत्याधुनिक होने के साथ अपराधियों का डाटा भी इस वैन में मौजूद होगा. अब कोई भी पुलिस से बचकर नहीं भाग सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सॉफ्टवेयर की मदद से बदमाशों की पहचान में आसानी<br /></strong>पुलिस रिस्पांस व्हीकल यानी PRV वैन जिसे आपने और हमने अमूमन सड़कों और पुलिस गश्त करते देखा है. लेकिन अब इस वैन के लिए आईआईटी कानपुर एएआई और मैथमेटिकल मॉडलिंग के आधार पर सॉफ्टवेयर तैयार कर रही है, जिसमें अपराधियों का इतिहास उनकी फोटो और उनसे मिलते जुलते हुलिए के आधार पर बनाई गई तस्वीर जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से तैयार किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ ही क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम से पीआरवी गाड़ी को जोड़कर उसे हाईटेक बनाया जाएगा. जिसके तहत अब पुलिस कर्मियों को भी आईआईटी कानपुर में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाना शुरू कर दिया गया है. इसके तहत जहां एक ओर आईआईटी कानपुर और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट पुलिस को हाईटेक करने के लिए पीआरवी वैन को इस कदर तैयार कर रही है कि सड़कों पर घूम रहे अपराधियों की पहचान सड़कों पर घूम रही पुलिस तत्काल कर सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपराधियों के मूवमेंट को ट्रैक करने में सहायता<br /></strong>अब पुलिस की यह रिस्पांस व्हीकल एआई सिस्टम पर काम करेगी, दअरसल आईआईटी के द्वारा तैयार किए जा रहे इस सिस्टम में बदमाशों अपराधियों को पस्त करने में न केवल सहायता मिलेगी बल्कि उनके मूवमेंट को भी ट्रैक किया जा सकता है. वहीं डीसीपी साउथ आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर से की मदद से चोर अपराधियों को पकड़ने में आसानी मिलेगी.</p>
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