हरियाणा के झज्जर जिले में एक युवक ने अपनी पत्नी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। ससुराल वालों से परेशान युवक ने बीती रात जहर निगल लिया। पहले दिन अपनी पत्नी को लेने ससुराल गए युवक के साथ उसकी पत्नी सास और साले ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। जिसके कारण अगले ही दिन युवक ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। रात करीब दो बजे 26 वर्षीय युवक ने गेहूं में डालने वाली जहरीली दवाई पी ली। जिसके कारण युवक की मौत हुई है। ससुरालियों ने की थी मारपीट पुलिस को दी शिकायत में सुमन देवी ने बताया कि उसके बड़े बेटे की शादी माजरी गांव में की थी। उसने बताया कि उसका बेटा साहिल काफी दिन से उसकी पत्नी और ससुराल के लोगों से तंग था और मानसिक रूप से परेशान रहता था। 1 फरवरी को वह अपनी पत्नी को लेने अपनी ससुराल गया था। वहां पर उसकी पत्नी, सास और साले ने उसके साथ मारपीट की और वहां से भगा दिया। पीजीआई ले जाते वक्त तोड़ा दम मृतक की मां सुमन ने बताया कि ससुराल से आने के बाद साहिल काफी परेशान था, लेकिन उसने पूछने पर भी कुछ नहीं बताया। एक दिन तो निकल गया, लेकिन साहिल ने अगले ही दिन रात 2 बजे जहरीली दवा पी ली। उन्होंने पुलिस को बताया कि रात को दवाई पीने के बाद वह जोर जोर से चिल्लाने लगा। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया। इलाज के लिए पीजीआई रोहतक जाते समय ही साहिल ने रास्ते में दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा के झज्जर जिले में एक युवक ने अपनी पत्नी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। ससुराल वालों से परेशान युवक ने बीती रात जहर निगल लिया। पहले दिन अपनी पत्नी को लेने ससुराल गए युवक के साथ उसकी पत्नी सास और साले ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। जिसके कारण अगले ही दिन युवक ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। रात करीब दो बजे 26 वर्षीय युवक ने गेहूं में डालने वाली जहरीली दवाई पी ली। जिसके कारण युवक की मौत हुई है। ससुरालियों ने की थी मारपीट पुलिस को दी शिकायत में सुमन देवी ने बताया कि उसके बड़े बेटे की शादी माजरी गांव में की थी। उसने बताया कि उसका बेटा साहिल काफी दिन से उसकी पत्नी और ससुराल के लोगों से तंग था और मानसिक रूप से परेशान रहता था। 1 फरवरी को वह अपनी पत्नी को लेने अपनी ससुराल गया था। वहां पर उसकी पत्नी, सास और साले ने उसके साथ मारपीट की और वहां से भगा दिया। पीजीआई ले जाते वक्त तोड़ा दम मृतक की मां सुमन ने बताया कि ससुराल से आने के बाद साहिल काफी परेशान था, लेकिन उसने पूछने पर भी कुछ नहीं बताया। एक दिन तो निकल गया, लेकिन साहिल ने अगले ही दिन रात 2 बजे जहरीली दवा पी ली। उन्होंने पुलिस को बताया कि रात को दवाई पीने के बाद वह जोर जोर से चिल्लाने लगा। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया। इलाज के लिए पीजीआई रोहतक जाते समय ही साहिल ने रास्ते में दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फतेहाबाद में जहरीले जानवर के काटने से बच्चे की मौत:घर के बाहर खेल रहा था गौरव, रोने पर दादा ने संभाला
फतेहाबाद में जहरीले जानवर के काटने से बच्चे की मौत:घर के बाहर खेल रहा था गौरव, रोने पर दादा ने संभाला फतेहाबाद जिले में घर के बाहर खेल रहे साढ़े चार साल के बच्चे को जहरीले जानवर ने काट लिया। जिसे उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मताना गांव निवासी महेंद्र ने बताया कि उसका साढ़े 4 वर्ष का बेटा गौरव रात को घर के पास खेल रहा था। बच्चे का दादा भी साथ ही मौजूद था। खेलते खेलते गौरव अचानक रोने लगा। जैसे ही उसे पूछा तो उसने बताया कि उसके पैर में किसी चीज ने काटा है। जब उसका पैर देखा तो पैर पर जख़्म था और तेजी से उसका शरीर नीला पड़ने लगा। परिजन तुरंत उसे नागरिक अस्पताल फतेहाबाद लाए, लेकिन यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यानी मात्र 20 मिनट के अंदर ही बच्चे की मौत हो गई। विलाप करते परिजन तुरंत बच्चे को अपने घर ले गए। परिजनों का कहना है कि जख़्म सांप के डसने जैसा नहीं है। किसी जानवर ने उसे काटा, यह अभी तक पता नहीं चल पाया। घटना के बाद गांव में शोक व्याप्त है, क्योंकि कुछ माह पहले भी एक बालक पतंग उडाते समय गांव के जलघर की डिग्गी में डूब गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी, अब इस बालक के किसी जहरीले जानवर के काटने से मौत हुई है।
ओपी चौटाला को आखिरी विदाई आज:सुबह 8 बजे से अंतिम दर्शन; 5 बार हरियाणा के CM रहे, 89 साल की उम्र में निधन हुआ
ओपी चौटाला को आखिरी विदाई आज:सुबह 8 बजे से अंतिम दर्शन; 5 बार हरियाणा के CM रहे, 89 साल की उम्र में निधन हुआ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला का अंतिम संस्कार आज शनिवार सिरसा के गांव तेजा खेड़ा में बने फार्म हाउस में होगा। सुबह 8 बजे से उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर दोपहर राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी जाएगी। उनका पार्थिव शरीर रात करीब 10 बजे फार्म हाउस पहुंचा था। उनके पार्थिव शरीर के साथ सिर्फ अभय चौटाला थे। पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे ओपी चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 89 साल की उम्र में उनका कल (19 दिसंबर) गुरुग्राम के अस्पताल में निधन हुआ। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। वे पहले से ही दिल और शुगर समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। चौटाला के निधन पर हरियाणा सरकार ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। आज 21 दिसंबर की छुट्टी घोषित की गई है। PM नरेंद्र मोदी ने भी चौटाला के साथ पुरानी फोटो शेयर कर शोक व्यक्त किया। ओपी चौटाला 5 दिन से 5 साल तक कार्यकाल वाले CM बने 2 दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने। राज्यसभा सांसद होने की वजह से उन्हें 6 महीने में विधायक बनना जरूरी था। वे महम सीट से उपचुनाव लड़े। मगर वहां हिंसा–बूथ कैप्चरिंग की वजह से विवाद हुआ। इसे महम कांड के नाम से जाना जाता है। उन्हें साढ़े 5 महीने बाद ही इस्तीफा देना पड़ा। कुछ समय बाद वे दड़बा से चुनाव जीत विधायक बन गए। तब 51 दिन बाद ही बनारसी दास को हटा चौटाला दोबारा सीएम बन गए। मगर तब के प्रधानमंत्री वीपी सिंह इससे नाराज हो गए। मजबूरन चौटाला ने 5 दिन में सीएम कुर्सी छोड़ दी। मास्टर हुकुम सिंह फोगाट को नया सीएम बनाया गया। इसी साल 1990 में BJP के राम मंदिर आंदोलन के चलते समर्थन वापसी से प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार गिर गई। चंद्रशेखर नए पीएम बने। देवीलाल को फिर उपप्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने चौटाला को तीसरी बार मुख्यमंत्री बना दिया। मगर, इससे विधायक नाराज हो गए और सरकार गिर गई। चौटाला को 15 दिन में सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। 1996 में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी ने BJP के समर्थन से सरकार बनाई। हालांकि मतभेदों के चलते 3 साल बाद 1999 में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया। तब कांग्रेस ने बंसीलाल को समर्थन देकर सरकार बचा ली लेकिन बंसीलाल ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय की शर्त नहीं मानी। जिसके बाद ओपी चौटाला ने बंसीलाल के विधायक तोड़ दिए और 24 जुलाई 1999 को दोबारा सीएम बन गए। साल 2000 में ओपी चौटाला बिजली फ्री देने के वादे पर 90 में से 47 सीटें जीत गए। फिर वे 5वीं बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि बाद में वादा पूरा न करने पर किसानों ने विरोध किया। जिसके बाद कंडेला में फायरिंग हुई और 9 किसानों की मौत हुई। इसे कंडेला कांड के नाम से जाना जाता है। हालांकि चौटाला ने सीएम का 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। चौटाला ने जेल में रहकर पढ़ाई की, उन पर फिल्म बनी
ओपी चौटाला ने स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ दी। उनका कहना था कि वे अपने पिता से ज्यादा नहीं पढ़ना चाहते थे। हालांकि जब वे टीचर घोटाले में जेल में रहे तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं क्लास पास की। इसको लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी। जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया। टीचर घोटाले में 10 साल की सजा हुई, 2 साल पहले माफी मिली
साल 1999–2000 में चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में फंसे। 2004 में CBI जांच के बाद ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 62 लोगों पर FIR दर्ज हुई। जनवरी 2013 में दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने भ्रष्टाचार का कसूरवार मानते हुए चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि केंद्र की 60 साल से ज्यादा उम्र और आधे से ज्यादा कैद काटने के बाद सजा माफी वाले नियम से वे करीब 2 साल पहले ही 2 जुलाई 2021 को जेल से रिहा हो गए। चौटाला के जेल जाते ही परिवार में राजनीतिक फूट पड़ी
ओपी चौटाला के टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। एक तरफ छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। वहीं पिता संग जेल गए अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को वापस बुला लिया। जिसके बाद अभय और उनके भतीजों में इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना रैली में दुष्यंत को सीएम बनाने के नारे लगे। जिससे ओपी खफा हो गए। इसके बाद इनेलो से बड़े बेटे अजय और उनके दोनों बेटों को निकाल दिया गया। जिन्होंने जननायक जनता पार्टी बना ली। हालांकि इस फूट के बाद इनेलो कभी सत्ता में नहीं आ पाई। जजपा जरूर 2019–24 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में रही। हालांकि 2024 के विधानसभा चुनाव में जजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई। इनेलो ने 2 सीटें जीतीं लेकिन अभय चौटाला चुनाव हार गए। ———————— पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- हरियाणा का आखिरी धोती-कुर्ते वाला CM, PHOTOS:गुरुग्राम को साइबर सिटी बनाने के पीछे इन्हीं का दिमाग, सरकार लोगों के द्वार पहुंचाने का श्रेय हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को निधन हो गया। 1968 में उनकी सियासत में एंट्री हुई थी। इस दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। वह प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ जेल भी गए। चौटाला हरियाणा में धोती-कुर्ता पहनने वाले आखिरी CM थे। उनके बाद भूपेंद्र हुड्डा, मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी CM बने, लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक कार्यक्रम में धोती नहीं पहनी। पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा विधानसभा में उपसचिव की नियुक्ति पर HC की रोक:सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा; 7 जून को निकली थी वैकेंसी
हरियाणा विधानसभा में उपसचिव की नियुक्ति पर HC की रोक:सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा; 7 जून को निकली थी वैकेंसी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा विधानसभा में 7 जून को निकाले गए विज्ञापन के आधार पर उप सचिव के पद पर होने वाली नियुक्ति पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस अमन चौधरी ने कंवर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं। याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस चौधरी ने हरियाणा विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक चयन को अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता कंवर सिंह वर्तमान में 19 मई 2016 से हरियाणा राज्य विधानसभा में अवर सचिव के रूप में कार्यरत हैं। याचिका में ये दावा याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि यह पद पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना चाहिए था, न कि सीधी भर्ती के माध्यम से। याचिकाकर्ता के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा विधानसभा सचिवालय सेवा नियम, 1981 में स्पष्ट रूप से प्रावधान किया गया है कि कार्यालय के भीतर योग्य, अनुभवी व्यक्ति की अनुपलब्धता के मामले में, विभिन्न श्रेणियों के पदों को सीधी भर्ती द्वारा भरा जाएगा। याचिकाकर्ता ने ये दी हैं दलीलें याचिकाकर्ता के पास अवर सचिव के पद पर 8 वर्ष से अधिक का अनुभव है और वह न केवल स्नातक है, बल्कि उसके पास कानून की डिग्री है तथा तीन वर्ष से अधिक का अनुभव है, जो नियमों की आवश्यकता के अनुरूप है। याचिकाकर्ता के अनुसार, हालांकि उससे वरिष्ठ एक व्यक्ति है, लेकिन वह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाला है, इसलिए उसने विज्ञापन को चुनौती नहीं देने का फैसला किया है। याचिका के अनुसार उसने इस तथ्य के कारण याचिका दायर की है कि उप सचिव का केवल एक पद उपलब्ध है, जिसे सीधी भर्ती के माध्यम से भरा जाना है और उसका कार्यकाल वर्ष 2030 तक बचा हुआ है। ये लगाए आरोप याचिकाकर्ता कंवर सिंह याचिका में और भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने खुद स्पीकर के स्तर पर इस तरह के मुद्दे पर निर्णय लिए जाने का हवाला दिया, जिसमें एक कर्मचारी के पात्र होने के बावजूद सीधी भर्ती का सहारा लिया गया था और अभ्यावेदन किए जाने पर उसे पदोन्नति दी गई थी। इस समय हरियाणा विधानसभा में पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता स्पीकर के पद पर हैं।