पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव सह वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) अनुराग वर्मा ने आज लुधियाना पूर्वी तहसील परिसर पर अचानक छापेमारी की। यहां उन्होंने लोगों को दी जा रही सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय का दौरा किया और चल रही रजिस्ट्री प्रक्रियाओं के अलावा सीसीटीवी कैमरों की कार्यप्रणाली की जांच की। अनुराग वर्मा ने कहा कि भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार जनता को प्रभावी और पारदर्शी तरीके से घर-घर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी जांच के दौरान उन्होंने तहसील परिसर में ग्राउंड लेवल पर हो रहे कार्यों को चेक किया। रजिस्ट्री रिकॉर्ड का किया निरीक्षण वर्मा ने रजिस्ट्री रिकॉर्ड का निरीक्षण किया और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि रजिस्ट्री दस्तावेजों पर खरीदारों और विक्रेताओं के मोबाइल नंबर अवश्य अंकित किए जाएं। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार के कर्मचारियों द्वारा ली जाने वाली सरकारी फीस के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने अधिकारियों से परिसर के शौचालयों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया। एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी ने अपॉइंटमेंट लेने वाले आवेदकों से भी बात की, रजिस्ट्रार कार्यालय में उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली और सुधार के लिए सुझाव मांगे। वर्मा ने बताया कि यह निरीक्षण अधिकारियों में दोष खोजने के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कामकाज को सुचारू बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और लगन से पालन करें, ताकि नागरिकों को सरकारी कार्यालयों में आने-जाने में किसी तरह की असुविधा न हो। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आवेदक को मौके पर ही भूमि पंजीकरण के दस्तावेज भी सौंपे। लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल भी उनके साथ शामिल थे। पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव सह वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) अनुराग वर्मा ने आज लुधियाना पूर्वी तहसील परिसर पर अचानक छापेमारी की। यहां उन्होंने लोगों को दी जा रही सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय का दौरा किया और चल रही रजिस्ट्री प्रक्रियाओं के अलावा सीसीटीवी कैमरों की कार्यप्रणाली की जांच की। अनुराग वर्मा ने कहा कि भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार जनता को प्रभावी और पारदर्शी तरीके से घर-घर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी जांच के दौरान उन्होंने तहसील परिसर में ग्राउंड लेवल पर हो रहे कार्यों को चेक किया। रजिस्ट्री रिकॉर्ड का किया निरीक्षण वर्मा ने रजिस्ट्री रिकॉर्ड का निरीक्षण किया और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि रजिस्ट्री दस्तावेजों पर खरीदारों और विक्रेताओं के मोबाइल नंबर अवश्य अंकित किए जाएं। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार के कर्मचारियों द्वारा ली जाने वाली सरकारी फीस के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने अधिकारियों से परिसर के शौचालयों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया। एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी ने अपॉइंटमेंट लेने वाले आवेदकों से भी बात की, रजिस्ट्रार कार्यालय में उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली और सुधार के लिए सुझाव मांगे। वर्मा ने बताया कि यह निरीक्षण अधिकारियों में दोष खोजने के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कामकाज को सुचारू बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और लगन से पालन करें, ताकि नागरिकों को सरकारी कार्यालयों में आने-जाने में किसी तरह की असुविधा न हो। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आवेदक को मौके पर ही भूमि पंजीकरण के दस्तावेज भी सौंपे। लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल भी उनके साथ शामिल थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
मोहाली के डेराबस्सी फायरिंग मामले की गुत्थी सुलझी:3 नाबालिग गिरफ्तार, दो दिन पहले लैब के बाहर की थी फायरिंग
मोहाली के डेराबस्सी फायरिंग मामले की गुत्थी सुलझी:3 नाबालिग गिरफ्तार, दो दिन पहले लैब के बाहर की थी फायरिंग मोहाली के डेराबस्सी कस्बे में लैब संचालक को पत्र के जरिए धमकाने और लैब के बाहर हवाई फायरिंग करने का मामला शनिवार को सुलझ गया है। इस मामले में मोहाली के एसएसपी संदीप गर्ग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में तीन नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनसे इस मामले में पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी स्थानीय हैं। तीनों आरोपियों को पुलिस ने राउंड अप कर बाल सुधार गृह भेज दिया है। उसने खुद को कौशल गैंग का सदस्य बताया था आरोपियों ने लैब के रिसेप्शन पर एक पत्र दिया था, जिसके जरिए आरोपियों ने बताया कि वे कौशल चौधरी गैंग के लिए काम करते हैं। इसी गैंग के कहने पर उन्होंने यह काम किया है। इस पत्र में एक व्हाट्सएप नंबर भी लिखा था। उन्होंने इस नंबर पर कॉल करने को कहा था। ऐसा न करने पर गोली चलाने की धमकी भी दी थी। मुख्य आरोपी पर पहले भी मुकदमा दर्ज
गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से एक मुख्य आरोपी पर दिसंबर 2023 में डेराबस्सी थाने के अंदर ही एक हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। उस मामले में यह अभी जमानत पर बाहर आया था। बाकी दो के खिलाफ अभी तक कोई मुकदमे की जानकारी नहीं मिल पाई है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक रिवाल्वर, दो जिंदा कारतूस और घटना के समय इस्तेमाल की गई टीवीएस मोटरसाइकिल को भी बरामद कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक की उम्र 16 साल जबकि दो की उम्र 17-17 साल है।
पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले
पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले भारत सरकार ने पंजाब सरकार की उस मांग को खारिज कर सकती है, जिसमें राज्य ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है। ताकि पराली जलाने को नियंत्रित किया जा सके। दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा का विशेषकर अक्टूबर-दिसंबर के दौरान एक मुख्य कारण पराली जलना ही है। केंद्र का जवाब था, यह बताना महत्वपूर्ण है कि हरियाणा सरकार अपने बजट से रेड जोन पंचायतों के लिए शून्य पराली जलाने की दिशा में 1,00,000 रुपए और येलो जोन पंचायतों को 50,000 रुपए का प्रोत्साहन दे रही है। इसके अलावा, ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रति एकड़ 7,000 रुपए और धान की सीधी बुवाई के लिए प्रति एकड़ 4,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इन कदमों से राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। केंद्र के पास स्पष्ट जवाब देने के लिए एक सप्ताह पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को पंजाब सरकार की 1200 करोड़ रुपए की मांग पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने तब जोर देकर कहा था कि किसानों पर जुर्माना लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। अधिकांश किसान छोटी जमीनों के मालिक हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। वहीं, केंद्र को अब एक बार फिर से एक सप्ताह का निर्णय लेने का और समय दिया गया है। लेकिन, केंद्र के जवाब से साफ हो रहा है कि भारत सरकार पंजाब की मांग को मानने के हक में नहीं है। पंजाब ने पुराने प्रोपोजल को फिर पेश किया केंद्र ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार का प्रस्ताव उसी प्रस्ताव की कॉपी है, जो जुलाई 2022 में प्रस्तुत किया गया था। इसे केवल ऑपरेशनल खर्च के नाम पर फिर से पेश किया गया है। जिसमें ट्रैक्टर किराए पर लेने, डीजल, और जनशक्ति के खर्च शामिल हैं। केंद्र के अनुसार, कृषि विभाग पहले से ही राज्य सरकार का समर्थन कर रहा है और किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है। सीआरएम (फसल अवशेष प्रबंधन) मशीनों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर 80% सब्सिडी दी गई है। इसके अलावा, पराली आपूर्ति श्रृंखला परियोजनाओं पर 65% सब्सिडी प्रदान की गई है। शिक्षा और संचार गतिविधियों के लिए राज्य और कृषि विज्ञान केंद्रों को भी फंड प्रदान किया गया है। पंजाब सरकार को दिए गए खर्च का ब्योरा दिया केंद्र ने अपने हलफनामे में बताया कि साल 2018-19 से 2024-25 तक पंजाब राज्य को 1681.45 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी गई है। राज्य में 1.46 लाख से अधिक मशीनें वितरित की गई हैं और 25,500 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में पंजाब को आवंटित 300 करोड़ रुपए में से 150 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और राज्य के पास 250 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध है। पंजाब-दिल्ली सरकारों को सांझा खर्च करने थे 800 करोड़ 19 अक्टूबर, 2024 को केंद्रीय कृषि सचिव को लिखे एक पत्र में, पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने प्रस्तावित किया था कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रति एकड़ 2,500 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में धान की खेती 32 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पंजाब ने इस राशि में से 400-400 करोड़ रुपए पंजाब और दिल्ली सरकार से साझा करने का प्रस्ताव रखा था। केंद्र से 1,200 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।
नवांशहर पहुंचे अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य:एसी वर्ग के लोगों की समस्याएं सुनी, अधिकारियों को दिए तुरंत निपटारे के आदेश
नवांशहर पहुंचे अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य:एसी वर्ग के लोगों की समस्याएं सुनी, अधिकारियों को दिए तुरंत निपटारे के आदेश पंजाब अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य चंद्रेश्वर सिंह मोही और वकील परमिला फलियांवाला ने बलाचौर के झुंगियां बेट गांव में पहुंचकर अनुसूचित समुदाय के लोगों की समस्याएं सुनीं। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को खाता संख्या 179 में जल्द से जल्द तालाब बनाने का निर्देश दिया, ताकि गली में जमा पानी को इसमें डाला जा सके। उन्होंने गांव के दोनों पक्षों की बात भी सुनी। यहां यह भी देखा गया है कि अधिकतर गांव में पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा हो चुका है। बता दें कि, बीते दिन गांव में झगड़ा हुआ था, जिसमें ईंटें भी चली थीं, जिस पर सदर थाना बलाचौर पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ क्रॉस केस दर्ज किया है। इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासनिक परिसर में अनुसूचित जाति के लोगों की समस्याएं भी सुनीं। उन्होंने कहा कि आयोग को नवांशहर जिले से संबंधित 20 शिकायतें मिली थी। जिन्हें गंभीरता से लेते हुए वह इन शिकायतों का समाधान करने के लिए आज यहां पहुंचे हैं। कहा कि उन्हें जाति सूचक शब्द, आपसी लड़ाई-झगड़े, पुलिस विभाग के खिलाफ शिकायत, गलत मामलों में दर्ज कराने, धोखाधड़ी आदि की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने प्राप्त शिकायतों के संबंध में पुलिस अधिकारियों और अन्य विभागों के अधिकारियों को उचित कार्रवाई कर रिपोर्ट आयोग को सौंपने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने जिला प्रबंधकीय परिसर में अन्य लोगों की समस्याएं भी सुनीं और संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश दिए। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को सभी विभागों के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोगों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की हर माह समीक्षा करने का आदेश दिया गया। इसके अलावा वरिष्ठता एवं आरक्षण संबंधी समस्याओं का निराकरण सरकारी प्रक्रियाओं से संबंधित गाइड लाइन के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इसके अलावा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को अनुसूचित जाति से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए एक राजपत्रित रैंक के नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने का भी निर्देश दिए गए।