कानपुर में एक विवाहिता महिला को शादी के बाद रिसेप्सन के दिन ससुराल वालों के अनादर का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर ससुराल वालों ने पीड़िता के परिवार को खरी खोटी तो सुनाई ही उसके पति ने उसका उसी दिन हाथ छोड़ दिया। महिला के परिजनों ने किसी तरह से समझा बुझाकर मामला सम्भाला और बेटी को ससुराल विदा किया। वहां पहुंचने के बाद ससुराल वालों ने अतिरिक्त दहेज के लिए परेशान करना शुरू कर दिया। पुलिस ने नहीं सुनी तो पीड़ित परिवार ने राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई। वहां से निर्देश मिलने के बाद नवाबगंज पुलिस ने पति समेत ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। नवागंज निवासी महिला की शादी 3 मई 2022 को काकादेव निवासी युवक से हुई थी। पीड़िता के मुताबिक सम्पूर्ण विवाह में लगभग 18 लाख खर्च किये गए थे। 12 मई 2022 को रिसेप्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मायके के लोग भी आए थे। पार्टी कार्यक्रम चलते में ही अतिरिक्त दहेज के कारण सामाजिक व पारिवारिक सभी लोगों के सामने प्रार्थिनी के पति ने हाथ छोड दिया था। साथ ही मायके वालों को उल्टा सीधा सुनाया। नाते रिश्तेदारों ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया। देवर ने गलत नियत से पकड़ा पीड़िता के मुताबिक वो ससुराल पहुंची तो दहेज में अतिरिक्त दस लाख रुपए के लिए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया। पीड़िता ने अपने पिता की गरीबी का हवाला देते हुये असमर्थता जताई। 30 सितम्बर 2022 को मानसिक शारीरिक प्रताडना से परेशान होकर पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। लेकिन ससुरालीजनो ने बचा लिया। मायके वालों को बुलाया गया और एक बार फिर समझौता हो गया। इसके बाद देवर अकेला पाकर छेडछाड व गलत तरह से छूआ। फिर बोला मजाक कर रहे थे। नवाबगंज पुलिस के मुताबिक मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कानपुर में एक विवाहिता महिला को शादी के बाद रिसेप्सन के दिन ससुराल वालों के अनादर का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर ससुराल वालों ने पीड़िता के परिवार को खरी खोटी तो सुनाई ही उसके पति ने उसका उसी दिन हाथ छोड़ दिया। महिला के परिजनों ने किसी तरह से समझा बुझाकर मामला सम्भाला और बेटी को ससुराल विदा किया। वहां पहुंचने के बाद ससुराल वालों ने अतिरिक्त दहेज के लिए परेशान करना शुरू कर दिया। पुलिस ने नहीं सुनी तो पीड़ित परिवार ने राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई। वहां से निर्देश मिलने के बाद नवाबगंज पुलिस ने पति समेत ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। नवागंज निवासी महिला की शादी 3 मई 2022 को काकादेव निवासी युवक से हुई थी। पीड़िता के मुताबिक सम्पूर्ण विवाह में लगभग 18 लाख खर्च किये गए थे। 12 मई 2022 को रिसेप्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मायके के लोग भी आए थे। पार्टी कार्यक्रम चलते में ही अतिरिक्त दहेज के कारण सामाजिक व पारिवारिक सभी लोगों के सामने प्रार्थिनी के पति ने हाथ छोड दिया था। साथ ही मायके वालों को उल्टा सीधा सुनाया। नाते रिश्तेदारों ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया। देवर ने गलत नियत से पकड़ा पीड़िता के मुताबिक वो ससुराल पहुंची तो दहेज में अतिरिक्त दस लाख रुपए के लिए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया। पीड़िता ने अपने पिता की गरीबी का हवाला देते हुये असमर्थता जताई। 30 सितम्बर 2022 को मानसिक शारीरिक प्रताडना से परेशान होकर पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। लेकिन ससुरालीजनो ने बचा लिया। मायके वालों को बुलाया गया और एक बार फिर समझौता हो गया। इसके बाद देवर अकेला पाकर छेडछाड व गलत तरह से छूआ। फिर बोला मजाक कर रहे थे। नवाबगंज पुलिस के मुताबिक मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Arvind Kejriwal News Live: सीएम अरविंद केजरीवाल रिहा होंगे या नहीं? दिल्ली हाई कोर्ट का आज आएगा फैसला
Arvind Kejriwal News Live: सीएम अरविंद केजरीवाल रिहा होंगे या नहीं? दिल्ली हाई कोर्ट का आज आएगा फैसला <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रिहा होंगे या नहीं, इसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट आज दोपहर 2.30 बजे अपना फैसला सुनाएगा. सीएम केजरीवाल ने सोमवार को दायर अपनी लिखित दलील में जमानत आदेश का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें इस समय रिहा किया जाता है तो ईडी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि यदि हाई कोर्ट बाद में आदेश को रद्द करने का फैसला करता है तो उन्हें वापस हिरासत में भेजा जा सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम केजरीवाल ने दलील दी कि ‘सुविचारित जमानत आदेश’ के क्रियान्वयन पर रोक लगाना जमानत रद्द करने की याचिका को एक तरह से स्वीकार करने के समान होगा. न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की अवकाशकालीन पीठ ने निचली अदालत के फैसले को ईडी द्वारा चुनौती दिये जाने के बाद 21 जून को आदेश सुरक्षित रख लिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाई कोर्ट ने फैसला सुनाये जाने तक निचली अदालत के फैसले के क्रयान्वयन पर रोक लगा दी थी. आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. वह तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे, यदि हाई कोर्ट ने ईडी को अंतरिम राहत नहीं दी होती. निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी और एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निचली अदालत ने साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. ईडी ने दलील दी है कि निचली अदालत का आदेश ‘विकृत’, ‘एकतरफा’ और ‘गलत’ था तथा निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जमानत आदेश पर रोक लगाने की याचिका के संबंध में सोमवार को दायर एक नोट में ईडी ने कहा कि निर्णय में कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन के अपराध में आप नेता की ‘गहरी संलिप्तता’ को प्रदर्शित करने वाली सामग्री पर गौर नहीं किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम केजरीवाल ने अपने लिखित दलील में कहा कि ईडी के दावे ‘‘स्पष्ट रूप से गलत, भ्रामक और छल-कपट और गलत बयानी के समान हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘ईडी का बार-बार यह दावा कि उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया और/या उसके सभी दलीलों पर विचार नहीं किया गया, शुरू में ही खारिज कर देने योग्य है. जैसा कि कहा गया है, जमानत देने वाला आदेश न केवल दोनों पक्षों की सभी प्रासंगिक दलीलों से जुड़ा है, बल्कि जमानत देने के कारणों को भी दर्शाता है, जो प्रत्येक पहलू पर अदालत द्वारा उचित विचार-विमर्श को दर्शाता है.’ </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ उन्होंने कहा कि यह कोई विकृत मामला नहीं है, जैसा कि रिकॉर्ड से पता चलता है. उन्होंने कहा कि यह तथ्य उनके खिलाफ झूठा मामला बनाने और उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया से वंचित करने का आधार नहीं हो सकता कि वह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, जो केंद्र की व्यवस्था के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, ‘प्रतिवादी (केजरीवाल) अपने जमानत आदेश पर रोक लगाने के आदेश से बहुत व्यथित हैं, जिसने न्याय को एक आपदा बना दिया है और इसे अब एक पल के लिए भी जारी नहीं रखा जाना चाहिए.’ </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ‘‘विशेष न्यायाधीश द्वारा जमानत देने का आदेश न केवल तर्कसंगत था, बल्कि प्रथम दृष्टया ‘दोनों पक्षों की ओर से दी गई प्रासंगिक दलीलों’ पर गौर करने और साथ ही उसका ईमानदारी से निस्तारण दर्शाता है. इसलिए, आदेश पर रोक लगाना याचिका को शुरू में ही स्वीकार करने के समान होगा.’ अवकाशकालीन न्यायाधीश के रूप में विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने 20 जून को धनशोधन मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी थी और कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धनशोधन मामले में अपराध की आय से उन्हें जोड़ने वाले प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>21जून को, हाई कोर्ट ने स्थगन के मुद्दे पर फैसला सुनाये जाने तक जमानत आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया था और पक्षों को 24 जून तक लिखित दलील दाखिल करने को कहा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम केजरीवाल ने अपनी जमानत पर अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सोमवार को शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की और कहा कि वह इस मुद्दे पर हाई कोर्ट के आदेश की घोषणा की प्रतीक्षा करना चाहेगी. दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और इसके क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की उपराज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था. सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. </p>