महाकुंभ भगदड़ में जांच के आदेश, इस अधिकारी को मिली जिम्मेदारी, एक महीने में दाखिल करनी होगी रिपोर्ट

महाकुंभ भगदड़ में जांच के आदेश, इस अधिकारी को मिली जिम्मेदारी, एक महीने में दाखिल करनी होगी रिपोर्ट

<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों के मामले का मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. यूपी के राज्य मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दिए है.&nbsp;महाकुंभ मेला अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.<a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> मेला अधिकारी को 6 मार्च तक अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करनी होगी.&nbsp; राज्य मानवाधिकार आयोग इस मामले में अब 7 मार्च को सुनवाई करेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य मानवाधिकार आयोग में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट डा० गजेंद्र सिंह यादव ने दर्ज शिकायत कराई थी राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में मेले की व्यवस्था से जुड़े प्रमुख अफसरों को फौरन हटाए जाने की मांग की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दलील दी गई थी कि भगदड़ की घटनाएं इन्ही अधिकारियों की लापरवाही से हुई है&nbsp; ऐसे में यह अधिकारी जांच को प्रभावित करेंगे और यह सबूत को मिटाएंगे और निष्पक्ष जांच नहीं होने देंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कहा गया था कि मेला क्षेत्र में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित किया जाए, ताकि घटनाओं को छिपाने की कोशिश न हो सके, जो लोग भगदड़ में लापता हुए हैं, उनके परिवार वालों की एफआईआर दर्ज की जाए ताकि पता नहीं होने पर सात साल बाद उन्हें मृत मान लिया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायत में कहा गया है कि मृतकों और घायलों के साथ ही लापता लोगों के परिवार वालों को भी उचित मुआवजा दिया जाए जिन अधिकारियों पर तथ्यों को छिपाने के आरोप लग रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाए. यह भी पता लगाया जाए की भीड़ के सापेक्ष कितने पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी और कितने अपने ड्यूटी पॉइंट पर एक्टिव होकर काम कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट डॉ० गजेंद्र सिंह यादव ने राज्य मानवाधिकार आयोग में दो शिकायत दर्ज कराई थी. यूपी के राज्य मानवाधिकार आयोग ने शिकायत को अपने यहां दर्ज कर लिया था. यूपी सरकार ने इस मामले में पहले ही न्यायिक आयोग को जांच सौंप दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की सीबीआई जांच और अधिकारियों को हटाए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में लेटर पिटीशन भी दाखिल की जा चुकी है.सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सीधे तौर पर सुनवाई करने से इनकार कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही होगी.</p> <p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों के मामले का मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. यूपी के राज्य मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दिए है.&nbsp;महाकुंभ मेला अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.<a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> मेला अधिकारी को 6 मार्च तक अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करनी होगी.&nbsp; राज्य मानवाधिकार आयोग इस मामले में अब 7 मार्च को सुनवाई करेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य मानवाधिकार आयोग में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट डा० गजेंद्र सिंह यादव ने दर्ज शिकायत कराई थी राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में मेले की व्यवस्था से जुड़े प्रमुख अफसरों को फौरन हटाए जाने की मांग की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दलील दी गई थी कि भगदड़ की घटनाएं इन्ही अधिकारियों की लापरवाही से हुई है&nbsp; ऐसे में यह अधिकारी जांच को प्रभावित करेंगे और यह सबूत को मिटाएंगे और निष्पक्ष जांच नहीं होने देंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कहा गया था कि मेला क्षेत्र में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित किया जाए, ताकि घटनाओं को छिपाने की कोशिश न हो सके, जो लोग भगदड़ में लापता हुए हैं, उनके परिवार वालों की एफआईआर दर्ज की जाए ताकि पता नहीं होने पर सात साल बाद उन्हें मृत मान लिया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायत में कहा गया है कि मृतकों और घायलों के साथ ही लापता लोगों के परिवार वालों को भी उचित मुआवजा दिया जाए जिन अधिकारियों पर तथ्यों को छिपाने के आरोप लग रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाए. यह भी पता लगाया जाए की भीड़ के सापेक्ष कितने पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी और कितने अपने ड्यूटी पॉइंट पर एक्टिव होकर काम कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट डॉ० गजेंद्र सिंह यादव ने राज्य मानवाधिकार आयोग में दो शिकायत दर्ज कराई थी. यूपी के राज्य मानवाधिकार आयोग ने शिकायत को अपने यहां दर्ज कर लिया था. यूपी सरकार ने इस मामले में पहले ही न्यायिक आयोग को जांच सौंप दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की सीबीआई जांच और अधिकारियों को हटाए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में लेटर पिटीशन भी दाखिल की जा चुकी है.सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सीधे तौर पर सुनवाई करने से इनकार कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही होगी.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दिल्ली में वोटिंग करने पर सैलून और ब्यूटी पार्लर देंगे छूट सर्विस में 50% तक छूट, क्या है CTI की योजना?