महाकुंभ में इस बार 7 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मालाओं से बने 12 ज्योतिर्लिंग आकर्षण का केंद्र बने हैं। इन रुद्राक्ष को देश के अलग-अलग 10 हजार गांवों से इकट्ठा किया गया है। महाकुंभ के सेक्टर- 6 में बनाए गए ये ज्योतिर्लिंग 11 फीट उंचे, 9 फीट चौड़े और 7 फीट मोटे हैं। इन ज्योतिर्लिंगों में 1 मुखी से लेकर 26 मुखी तक के सफेद, काले और लाल रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया गया है। वीडियो में देखिए रुद्राक्ष से बने इन 12 अनूठे विशाल ज्योतिर्लिंग को… महाकुंभ में इस बार 7 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मालाओं से बने 12 ज्योतिर्लिंग आकर्षण का केंद्र बने हैं। इन रुद्राक्ष को देश के अलग-अलग 10 हजार गांवों से इकट्ठा किया गया है। महाकुंभ के सेक्टर- 6 में बनाए गए ये ज्योतिर्लिंग 11 फीट उंचे, 9 फीट चौड़े और 7 फीट मोटे हैं। इन ज्योतिर्लिंगों में 1 मुखी से लेकर 26 मुखी तक के सफेद, काले और लाल रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया गया है। वीडियो में देखिए रुद्राक्ष से बने इन 12 अनूठे विशाल ज्योतिर्लिंग को… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं हरियाणा में एडमिशन में घोटाले में CBI ने शिकंजा और कस दिया है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिले के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा हुआ था। हरियाणा में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धन का गबन किया गया। यह फर्जीवाड़ा साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में शुरू हुआ था जो सत्ता परिवर्तन के बाद भी वर्ष 2016 तक भाजपा सरकार में जारी रहा। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर CBI जांच शुरू हुई और 3 FIR रजिस्टर्ड की गई थी। अब एक बार फिर CBI ने इस मामले में 4 नई एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई ने धारा 120-B, 167, 218, 409, 418, 420, 477-A के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला हिसार, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, झज्जर, रोहतक से जुड़ा हुआ है। 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी
अक्टूबर 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके विरोध में गेस्ट टीचर हाई कोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने 6 जुलाई 2015 को याचिका खारिज कर दी तो सितंबर 2015 में मामला डबल बेंच में पहुंच गया, फिर सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने पाया कि 2014-15 में सरकारी स्कूलों में 22 लाख छात्र थे। जबकि 2015-16 में इनकी संख्या घटकर मात्र 18 लाख रह गई। 2018 में दर्ज हुई थी 7 एफआइआर
कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई गई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को बुलाया। ब्लाक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। गुरुग्राम विजिलेंस के एसपी हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर इस मामले में एक SIT का गठन किया गया। जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR भी दर्ज की गई। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई, फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12 हजार 924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले। करनाल में हुए 50 हजार फर्जी दाखिले
हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिलों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने तीन FIR दर्ज की हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों के स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाकर सरकारी योजनाओं में करोड़ों का गबन किया जा रहा था। ये पूरा खेल “ड्रॉप आउट” या लंबे समय से गैर हाजिर छात्रों के नाम पर चल रहा था। विभिन्न जिलों में लाखों छात्र लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे थे। उनके नाम काट दिए गए और रिकार्ड गायब कर दिया गया। उनके नाम पर सरकारी लाभ लिए जा रहे थे। CBI से पहले हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच की थी। अकेले करनाल में ही 50 हजार से ज्यादा फर्जी एडमिशन पाए गए थे। गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार में 9500 फर्जी दाखिले
वहीं गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार जैसे जिलों में एक ही सत्र में 9500 के करीब फर्जी दाखिले हुए। जब विभाग के खिलाफ जांच हुई तो अफसरों ने इन छात्रों को ड्राप आउट (पढ़ाई छोड़ चुके छात्र) दिखाने की कोशिश की। इन जिलों में इस तरह मिली गड़बड़ी
गुरुग्राम: SIT ने गुरुग्राम, रेवाड़ी, मेवात व नारनौल के सरकारी मिडिल स्कूलों की जांच की। सत्र 2014-15 में 5298 छात्रों ने दाखिला लिया, लेकिन फाइनल परीक्षा देने 4232 ही पहुंचे। यहां 1066 को ड्रॉप आउट दिखाया गया। सत्र 2015-16 में इन्हीं 10 स्कूलों में 4812 छात्रों का दाखिला हुआ, जबकि फाइनल परीक्षा देने 3941 ही पहुंचे। 871 ड्रॉप आउट रहे। फरीदाबाद: 2014-15 में 2777 और 2015-16 में 2063 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए। इनमें से विभाग के पास केवल 701 छात्रों का ही रिकार्ड सही मिला। करनाल: करनाल के साथ-साथ पानीपत और जींद के भी स्कूलों की जांच हुई। यहां वर्ष 2014 से 2016 के बीच 50687 ड्रॉप आउट छात्र पाए गए। अंबाला: यहां 16 स्कूलों की जांच हुई। छह स्कूलों में कोई छात्र ड्रॉप आउट नहीं मिला, लेकिन 10 स्कूलों में 48 छात्रों को ड्रॉप आउट दिखाया गया। मगर इसका रिकार्ड फर्जी पाया गया। कुरूक्षेत्र: यहां 52 स्कूलों की जांच हुई। इनमें 17 स्कूलों में कोई बच्चा ड्रॉप आउट नहीं था। 35 स्कूलों में 302 बच्चे लंबे समय से गैर हाजिर पाए गए। हिसार: हिसार के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के विभिन्न स्कूलों में 5735 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए।
लुधियाना में होटल घई के मालिक पर FIR:भतीजी ने मारपीट और जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया; गवाही के लिए बुलाया था कोर्ट
लुधियाना में होटल घई के मालिक पर FIR:भतीजी ने मारपीट और जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया; गवाही के लिए बुलाया था कोर्ट लुधियाना के होटल घई के मालिक चमन लाल घई के खिलाफ थाना डिवीजन नंबर 1 की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। चमन लाल पर अपनी भतीजी के साथ गाली-गलौज, मारपीट और जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप है। इस मामले में पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। पीड़ित लड़की ने पुलिस को बताया कि 10 अक्टूबर को उसके चाचा चमन लाल ने उसे सिविल केस में गवाही देने के सिलसिले में कोर्ट परिसर में बुलाया था। केस की तारीख तय होने के बाद चमन लाल उसे घर छोड़ने के बहाने होटल घई के पास रेलवे स्टेशन ले गया। गवाही न देने पर केस दर्ज करवाने की धमकी दी पीड़िता ने आरोप लगाया कि चमन लाल ने उसके साथ ऑफिस में झगड़ा किया। उसके साथ गाली-गलौज की। उसने कहा कि अगर वह मामले में उसकी मर्जी के मुताबिक गवाही नहीं देगी तो वह उसका चेक बैंक में जमा करवाकर बाउंस करवा देगा और उसके खिलाफ केस दर्ज करवा देगा। पीड़िता ने बताया कि झगड़े के बाद चमन लाल ने उसके साथ ऑफिस में ही जबरन शारीरिक संबंध बनाए। वहीं, इस मामले में कोतवाली थाने के एसएचओ गगनदीप सिंह ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
अमृतसर में GNDU यूनिवर्सिटी पहुंचे CM मान:बोले-कवि सुरजीत पातर के नाम से सेंटर बनाएंगे, उनसे लुधियाना में होती थी मुलाकात
अमृतसर में GNDU यूनिवर्सिटी पहुंचे CM मान:बोले-कवि सुरजीत पातर के नाम से सेंटर बनाएंगे, उनसे लुधियाना में होती थी मुलाकात पंजाब में गुरुओं की नगरी श्री अमृतसर साहिब में आज राज्य के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान ने दिवंगत कवि सुरजीत सिंह पातर की याद में आयोजित किए गए प्रोग्राम में शिरकत की। ये प्रोग्राम अमृतसर की जीएनडीयू यूनिवर्सिटी में रखा गया। प्रोग्राम में कैबिनेट मंत्री कुलदीप धालीवाल सहिब अन्य कई प्रमुख नेता और अधिकारी मौजूद रहे। सीएम मान के प्रोग्राम को लेकर पुलिस भी एरिया में अलर्ट पर थी। प्रोग्राम में कवि सुरजीत सिंह पातर का परिवार भी मौजूद रहा। साथ ही सीएम मान ने पातर के नाम से यूनिवर्सिटी में सेंटर बनाने का भी ऐलान किया है। साथ ही सीएम मान ने पातर साहिब के साथ बिताए गए पलों को भी याद किया। पातर साहिब से अक्सर मुलाकात होती थी- सीए पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान ने कहा- पंजाब के प्रसिद्ध कवि सुरजीत पातर की याद में आज हम यहां पर इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने कविता को एक नया रूप दिया। मेरा पातर साहिब के साथ बहुत प्यार था। साल 1993 में मैं कला क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए जब लुधियाना गया तो, पातर साहिब अकसर हमें मिलते थे। कॉलेज में हम पातर साहिब की किताबें पढ़ा करते थे। सीएम मान ने आगे कहा- पातर साहिब मेरा हौसला बढ़ाते हैं। पंजाबी होने के नाते हमें मान करना चाहिए कि हमारे पास पातर साहिब जैसे कवि थे। सीएम मान ने पातर साहिब के साथ बिताए गए पलों को याद किया। मैं एक बार पातर साहिब को कविता सुनाई, तो उन्होंने मेरी तारीख की। पातर साहिब की कविताओं में हर वो चीज मिलती थी, जिसकी एक इंसान को जरूरत होती है। पातर साहिब के नाम से सेंटर बनाएंगे- सीएम सीएम मान ने कहा- पातर साहिब की मौत मेरे लिए बहुत हैरान जनक थी। सीएम मान ने साथ में ऐलान किया कि अमृतसर की जीएनडीयू यूनिवर्सिटी में हम सुरजीत पारत एथिकल एआई नाम से सेंटर बनाएंगे। साथ ही सीएम मान ने यूनिवर्सिटी चांसलर से कहा कि आप हमें रूप रेखा बनकर दे दो, हम उसी के आधार पर उसे बनवाएंगे। सेंटर में हर अच्छी से अच्छी सुविधा दी जाएगी। ये हमारी सरकार का फर्ज है। पातर साहिब ने पंजाबी बोली के लिए अहम योगदान है। साथ ही भविष्य में हम सुरजीत पातर यादगार अवॉर्ड भी दिया जाएगा। ये अवॉर्ड नए शायरों को दिया जाएगा।