प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दिव्यांग छात्रों ने एक व्यंग गीत तैयार किया है। जिसकी रचना मिमिक्री आर्टिस्ट्स अभय ने की है। उनका बीएचयू के दो अन्य दिव्यांग छात्रों ने भी साथ दिया है। अभय ने अपने गीत के माध्यम से यह बताया है कि किस तरह से लापरवाही की वजह से महाकुंभ में भगदड़ मची और गंगा स्नान करने पहुंचे लोगों ने अपनी जान गवाई। अभय ने अपने गीत को जिस तरह से शब्दों से पिरोया उससे ज्यादा खूबसूरत उनके साथ रहने वाले साथियों ने अपने हाथों के कल से उसे ध्वनि दी है। बीएचयू के पूर्व दिव्यांग छात्र अभय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मिल चुके हैं वह पीएम की आवाज को भी निकालते हैं इसके अलावा उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पार्टी कार्यालय में पदाधिकारी विधायक एवं सांसदों के सामने मिमिक्री की थी उस समय वह काफी चर्चा में रहे। आइए सुनते हैं दिव्यांग छात्रों द्वारा तैयार व्यंग गीत ll प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दिव्यांग छात्रों ने एक व्यंग गीत तैयार किया है। जिसकी रचना मिमिक्री आर्टिस्ट्स अभय ने की है। उनका बीएचयू के दो अन्य दिव्यांग छात्रों ने भी साथ दिया है। अभय ने अपने गीत के माध्यम से यह बताया है कि किस तरह से लापरवाही की वजह से महाकुंभ में भगदड़ मची और गंगा स्नान करने पहुंचे लोगों ने अपनी जान गवाई। अभय ने अपने गीत को जिस तरह से शब्दों से पिरोया उससे ज्यादा खूबसूरत उनके साथ रहने वाले साथियों ने अपने हाथों के कल से उसे ध्वनि दी है। बीएचयू के पूर्व दिव्यांग छात्र अभय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मिल चुके हैं वह पीएम की आवाज को भी निकालते हैं इसके अलावा उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पार्टी कार्यालय में पदाधिकारी विधायक एवं सांसदों के सामने मिमिक्री की थी उस समय वह काफी चर्चा में रहे। आइए सुनते हैं दिव्यांग छात्रों द्वारा तैयार व्यंग गीत ll उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
महाराष्ट्र चुनाव के बीच BJP और अजित पवार को झटका, उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद इन बड़े नेताओं ने छोड़ी पार्टी
महाराष्ट्र चुनाव के बीच BJP और अजित पवार को झटका, उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद इन बड़े नेताओं ने छोड़ी पार्टी <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> एनसीपी की ओर से पुणे जिले के मावल विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक सुनील शेल्के की उम्मीदवारी की घोषणा के कुछ ही क्षण बाद बीजेपी नेता और पूर्व राज्य मंत्री बाला भेगडे ने पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा की है. एनसीपी के प्रदेश उपाध्यक्ष बापूसाहेब भेगडे ने भी बगावत कर दी और कहा कि वह 20 नवंबर को होने वाला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. बाला भेगडे ने मीडिया को बताया कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है. वे सुनील शेल्के को हराने के लिए काम करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में सुनील शेल्के ने बीजेपी के पूर्व विधायक बाला भेगडे को हराया था. बापू भेगडे ने कहा कि उन्हें अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से टिकट मिलने का भरोसा था, लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया. उन्होंने कहा, “मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया है, क्योंकि मुझे पार्टी ने टिकट का आश्वासन दिया था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>2019 के चुनाव में जब बीजेपी ने बाला भेगडे को टिकट देकर मैदान में उतारा था, तब सुनील शेल्के ने उनका विरोध किया और एनसीपी में जाकर शामिल हो गए थे और सीट जीत ली थी. अब सुनील शेल्के को महायुति गठबंधन से टिकट दिया गया है तो बापू भेगडे ने बगावत कर दी है. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सीट पर प्रतिद्वंद्वी एनसीपी शरद पवार की तरफ से किसे टिकट दिया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अजित पवार 38 सीटों पर उतार चुके हैं प्रत्याशी</strong><br /><a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> के लिए अजित पवार की एनसीपी 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है. अजित पवार अपनी खुद की पारंपरिक सीट बारामती से चुनाव लड़ने वाले हैं. वहीं छगन भुजबल को येवला, हसन मुश्रीफ को कागल, आशुतोष काले को कोपुरगव, किरण लहामटे को अकोले, चंद्रकांत उर्फ राजू नवघरे को बसमत, शेखर निकम को चिपलूण, सुनील शेलके को मावल, दिलीप वलसे-पाटील को आंबेगाव, धनंजय मुंडे को परली, नरहरी झिरवाल को दिंडोरी, हीरामन खोसकर को इगतपुरी, सुलभा खोडके को अमरावती शहर से टिकट दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें:<a title=” ‘साथ निभाना तो कभी इनकी फितरत में…’, NCP विधायक जीशान सिद्दीकी का महाविकास आघाडी पर निशाना” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-ncp-mla-zeeshan-siddique-targets-maha-vikas-aghadi-uddhav-thackeray-congress-2809587″ target=”_blank” rel=”noopener”> ‘साथ निभाना तो कभी इनकी फितरत में…’, NCP विधायक जीशान सिद्दीकी का महाविकास आघाडी पर निशाना</a></strong></p>
महाश्मशान मणिकर्णिका में 700 शवों की ‘मोक्ष-तपस्या’:48 घंटे में इतने अंतिम संस्कार हुए कि लकड़ियां कम पड़ गईं; 5000 की लकड़ी 15 हजार में बिकी
महाश्मशान मणिकर्णिका में 700 शवों की ‘मोक्ष-तपस्या’:48 घंटे में इतने अंतिम संस्कार हुए कि लकड़ियां कम पड़ गईं; 5000 की लकड़ी 15 हजार में बिकी काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर मोक्ष की कामना लेकर अंतिम संस्कार करने आए लोगों को कठिन तपस्या करनी पड़ रही है। 48 घंटे में करीब 700 शव यहां पहुंचे। शुक्रवार को 47.8°C तापमान रहा, तो परिजन कतार में लगे रहे। श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगाद्वार की सीढ़ियों पर शवों को रखकर अपनी बारी आने का घंटों इंतजार करते रहे। यहां मुखाग्नि के लिए आए परिजन सुबह 10 बजे से कतार में लगे तो शाम को पांच बज गए। साथ आए लोग कुछ देर रुके फिर हालात देखकर सहानुभूति जताई और चले गए। घाट की दुकानों पर अंतिम संस्कार की सामग्री भी खत्म हो गई। लकड़ी कारोबारियों ने दाम बढ़ा दिए और तीन-चार गुना कीमत पर लकड़ी देने लगे। पांच हजार में मिलने वाली लकड़ी 15 हजार में खरीदनी पड़ी। बेबस परिजनों ने कड़ी धूप में खुले आसमान के नीचे शव लेकर धाम की सीढ़ियों पर रख दिए और 47.8°C तापमान पर घंटों अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे। 48 घंटे शवों की लाइन खत्म नहीं हुई
काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर लगातार दूसरी रात यानी शुक्रवार रात को 48 घंटे बाद भी शवों की कतार बरकरार रही। गुरुवार (30 मई) की शाम से शुक्रवार की दोपहर तक सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना 400 से ज्यादा शव पहुंचने के बाद हालात ही बिगड़ गए। इनमें पूर्वांचल भर के शवों की संख्या 250 के करीब रही, लेकिन हालात ध्वस्त नजर आए। आधी रात में मैदागिन से लेकर मोक्षद्वार तक हर पांच मिनट में एक शवयात्रा नजर आई। गली और मणिकर्णिका घाट में सुबह से लगी कतार फिर रातभर जारी रही। लकड़ी के दाम 5000 से बढ़कर 15 हजार हुए
मणिकर्णिका घाट पर शुक्रवार को शवदाह बढ़ने के बाद लकड़ियां और पूजन सामग्री की किल्लत हो गई है। कई टाल पर लकड़ी व्यापारियों की पूरी लकड़ी ही खत्म हो गई, वहीं अंतिम संस्कार की सामग्री भी कम हो गई। जिन व्यापारियों के पास लकड़ी बची उन्होंने उसके दाम बढ़ा दिए। 400-500 रुपए मन मिलने वाली लकड़ी 1200-1500 मन मिलने लगी। कोई फुटकर तो कोई सात कुंतल का सीधे 15 हजार की देने लगा। हालांकि बाहर से आए हुए लोगों ने पहले अपनी बारी का इंतजार किया फिर घाट पर मनमाने कीमत पर लकड़ी खरीदकर अंतिम संस्कार किया। लकड़ियों की किल्लत, एक चिता पर दो शव जलाने को भी लोग तैयार
घाट पर परिजनों या रिश्तेदार का शव लेकर आएलोग लकड़ियां ही नहीं मिलने से परेशान दिखे। अपनी दादी का शव लेकर आए मंजीत सिंह ने कहा कि घंटों से शव दूर पड़ा है और हम अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं। लकड़ी नहीं मिल रही है, कोई व्यवस्था नहीं है। जो मिल रही है वो 1200 रुपए मन की कीमत ले रहे हैं। उधर, भीड़ से परेशान परिजन एक चिता पर दो शव रखकर जलाने के लिए भी तैयार हो गए। दरअसल, लकड़ी न मिलने से लोगों के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं था। वहीं, जब लकड़ियां मिलने में दिक्कत आई तो कुछ परिजन दूसरे घाट पर शव लेकर चले गए। मणिकर्णिका से दूसरे घाट लौटाए शव, शुक्रवार को 300 से ज्यादा शव पहुंचे
मशाननाथ सेवा समिति के संजय गुप्ता ने बताया कि भीड़ बढ़ने के कारण घाट पर अव्यवस्था हो गई। पहली बार ऐसा हुआ है कि मणिकर्णिका घाट से शव लौटाए गए, हमने कई शव मोक्षद्वार से हरिश्चंद्र घाट के लिए रवाना कर दिए। महाश्मशाननाथ सेवा समिति के महामंत्री बिहारी लाल गुप्ता की माने तो शव बढ़ने के कारण दो दिनों में शवदाह के लिए भीड़ का दबाव बढ़ गया है, बीती रात तो भीड़ अप्रत्याशित हो गई। घाट के त्रिलोक नाथ भैरव ने बताया कि आम दिनों में शवों की संख्या 100 से 150 होती है लेकिन शुक्रवार को रात तक 300 से अधिक शव घाट पहुंचे। आम दिनों की अपेक्षा पांच गुना अधिक संख्या बढ़ गई है। तापमान बढ़ने के कारण आसपास के जिलों में भी मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। डोम राजा ओम चौधरी ने बताया कि कोरोना काल के बाद यह पहला मौका है जब अचानक शवदाह करने वालों की भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ी है। पूर्वांचल समेत कई प्रदेशों के शवों से महाश्मशान ट्रैफिक जाम
मणिकर्णिका पर बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश के अलावा पूर्वांचल में दूर-दराज इलाकों से शवों को घाट पर लाने वालों की संख्या ने कतार लगवा दी। पड़ोसी राज्य बिहार में गर्मी के कहर से हुई मौतें काशी में शवदाह की संख्या बढ़ा रही है। शुक्रवार को भी लोग घाट पर अपने परिजनों के शव का दाह संस्कार करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करने वाले लोगों की संख्या काफी है। कई लोग घंटों तक अंतिम संस्कार के लिए कतारबद्ध नजर आ रहे हैं। भीषण गर्मी के बीच लाशों का ट्रैफिक जाम महाश्मशान पर होने से दूर दराज से आने वाले भी घंटों अपनी बारी का इंतजार करते देखे जा सकते हैं। हर दस मिनट में शव, घाट तक शवयात्रियों की कतार
तापमान में रिकाॅर्ड बढ़ोत्तरी के बीच काशी के महाश्मशान जाने वाली गलियों में अंतिम संस्कार के लिए हर 10 मिनट में शव पहुंच रहे हैं। शुक्रवार रात भी आलम ऐसा है कि महाश्मशान में सिर्फ और सिर्फ चिताएं ही नजर आ रही हैं। श्मसान घाट पर शव और उनके परिजनों के अलावा कोई जगह नहीं। मैदागिन और भैंसासुर घाट से लेकर मणिकर्णिका तक शवयात्री की भीड़ जारी रही।जगह कम होने और भीड़ अधिक होने के कारण एक शव को जलाने के लिए पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा था। काशी में मणिकर्णिका घाट पर ही लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। मान्यता है कि यहां अंतिम संस्कार से शिवलोक की प्राप्ति होती है। अंतिम संस्कार के लिए शवों की संख्या क्यों बढ़ गई?
अंतिम संस्कार के लिए शवों की संख्या क्यों बढ़ गई? इस पर डोम राजा ओम चौधरी कहते हैं कि दो-तीन दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में मौत का आंकड़ा बढ़ा है। इससे अंतिम संस्कार के शवों की संख्या भी बढ़ी है। हालांकि, गर्मी से मौत के उनके इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वह यह भी दावा करते हैं कि सिर्फ मणिकर्णिका नहीं, बल्कि हरिश्चंद्र घाट समेत अन्य श्मशान पर शवों की संख्या बढ़ी है। हरिश्चंद्र घाट पर पहले 50 से 60 शव आते थे। यह आंकड़ा भी बढ़कर 150 से 200 के बीच पहुंच गया है।
‘हिंदू और हिंदुत्व के लिए हम…’, दादर में हनुमान मंदिर को लेकर बोले संजय राउत
‘हिंदू और हिंदुत्व के लिए हम…’, दादर में हनुमान मंदिर को लेकर बोले संजय राउत <p style=”text-align: justify;”><strong>Dadar Railway Station Temple:</strong> मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन के बाहर मौजूद हनुमान मंदिर को लेकर राजनीति तेज हो गई है. शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट मंदिर को अतिक्रमण करार देने और इसे हटाने का नोटिस जारी करने को लेकर बीजेपी पर हमलावर है. उद्धव गुट के नेता संजय राउत शनिवार (14 दिसंबर) को दादर रेलवे स्टेशन मंदिर के पास पहुंचे. हालांकि मंदिर को तोड़ने के फैसले पर रेलवे ने फिलहाल रोक लगा दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान संजय राउत ने कहा, ”जब मुंबई 1990 में जल रहा था, तब हम मैदान में थे और बाला साहब ठाकरे ने महा आरती की थी और आज हम फिर आरती कर रहे हैं. हिंदू और हिंदुत्व के लिए हरदम लड़ते रहे हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी का हिंदुत्व झूठा- अरविंद सावंत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उद्धव गुट के नेता अरविंद सावंत भी दादर स्टेशन पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी को घेरा. शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, ”बीजेपी का हिंदुत्व झूठा है. कल जब हमने इस मुद्दे को उठाया तो वह इधर-उधर भाग रहे हैं. डीआरएम के पास भाग कर झूठा लेटर ला रहे हैं और मामले को शांत कर रहे हैं. किसी भी हालत में इस मंदिर को हम टूटने नहीं देंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उद्धव ठाकरे समर्थकों ने किरीट सोमैया का विरोध किया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उधर, बीजेपी नेता किरीट सोमैया भी दादर स्टेशन मंदिर पहुंचे, जिसके बाद वहां हंगामा खड़ा हो गया. उद्धव ठाकरे के समर्थकों ने किरीट सोमैया का विरोध किया. शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाते हुए कहा कि BJP केवल चुनावों के लिए हिंदुओं का इस्तेमाल करती है. इससे पहले शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर तंज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था, ”वे 80 साल पुराने मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं. यह कौन सा हिंदुत्व है? केंद्र और राज्य सरकार इस मामले में निष्क्रिय है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है दादर स्टेशन मंदिर का मामला?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रेलवे ने मंदिर के ट्रस्टी या पुजारी को 4 दिसंबर को नोटिस भेजा था. इसमें कहा गया था कि यह संरचना अतिक्रमण कर रेलवे के स्वामित्व वाली जमीन पर खड़ी की गई. इसे बिना इजाजत के बनाई गई. रेलवे ने नोटिस में कहा कि इस कंस्ट्रक्शन की वजह से यात्रियों गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हो रही है और दादर स्टेशन पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी बाधा पैदा हो रही है. रेलवे ने संरचना को हटाने के लिए 7 दिन का नोटिस दिया था. हालांकि अब विवाद बढ़ने के बाद इसे वापस ले लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”‘अगर मंदिर यहां से हटाया तो…’, मुंबई के दादर स्टेशन के बाहर हनुमान मंदिर अध्यक्ष का बड़ा बयान” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/hanuman-temple-outside-dadar-railway-station-in-mumbai-controversy-know-details-ann-2842421″ target=”_self”>’अगर मंदिर यहां से हटाया तो…’, मुंबई के दादर स्टेशन के बाहर हनुमान मंदिर अध्यक्ष का बड़ा बयान</a></strong></p>