रोहतक जिले में मेयर चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा और कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों ने भागदौड़ शुरू कर दी है। शहर में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसे में देखना यह है कि पार्टी किसे टिकट देती है। 2013 में पार्षदों ने मिलकर कांग्रेस नेता रेणु डाबला को मेयर के लिए चुना था। रेणु डाबला पर निगम में घोटाले का आरोप लगा था। 2018 के बाद रेणु डाबला भाजपा में शामिल हो गईं और सारे आरोप ठंडे बस्ते में चले गए। रेणु डाबला ने 2024 का चुनाव कलानौर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़ा और हार गईं। वहीं, 2018 में भाजपा में शामिल हुए मनमोहन गोयल चुनाव जीतकर मेयर की कुर्सी पर बैठे। मनमोहन गोयल पूर्व मंत्री स्वर्गीय सेठ किशन लाल के बेटे हैं। 9 जनवरी 2024 को खत्म हुआ था कार्यकाल बता दें कि नगर निगम में पार्षदों और मेयर का कार्यकाल 9 जनवरी 2024 को खत्म हो गया था। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले निगम चुनाव कराने की सुगबुगाहट थी, लेकिन पहले लोकसभा और बाद में विधानसभा चुनाव के चलते निगम चुनाव नहीं हो पाए। एक साल बाद अब निगम चुनाव की घोषणा हो गई है। अमरजीत सोलंकी को भाजपा का दावेदार मेयर पद के लिए पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी रहे रिटायर्ड एचसीएस अमरजीत सोलंकी को भाजपा की ओर से प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अमरजीत सोलंकी विधानसभा चुनाव में भी कलानौर हलके से दावेदार थे, लेकिन ऐन वक्त पर रेणु डाबला ने बाजी मार ली। मेयर पद के लिए अमरजीत सोलंकी का नाम सबसे ऊपर है। उनके साथ वाल्मीकि समुदाय से पूर्व पार्षद सुरेश किराड़ और सुखबीर चंदेलिया भी टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। अब देखना यह है कि भाजपा किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है। कांग्रेस से सूरजमल किलोई प्रबल दावेदार पूर्व पार्षद सूरजमल किलोई को कांग्रेस की ओर से मेयर पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूरजमल किलोई पहले कांग्रेस में थे, फिर भाजपा में चले गए और पिछले साल कलानौर से टिकट न मिलने पर फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके अलावा राजेश बोहत और ताराचंद बागड़ी भी मेयर पद के दावेदार हैं। रोहतक जिले में मेयर चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा और कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों ने भागदौड़ शुरू कर दी है। शहर में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसे में देखना यह है कि पार्टी किसे टिकट देती है। 2013 में पार्षदों ने मिलकर कांग्रेस नेता रेणु डाबला को मेयर के लिए चुना था। रेणु डाबला पर निगम में घोटाले का आरोप लगा था। 2018 के बाद रेणु डाबला भाजपा में शामिल हो गईं और सारे आरोप ठंडे बस्ते में चले गए। रेणु डाबला ने 2024 का चुनाव कलानौर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़ा और हार गईं। वहीं, 2018 में भाजपा में शामिल हुए मनमोहन गोयल चुनाव जीतकर मेयर की कुर्सी पर बैठे। मनमोहन गोयल पूर्व मंत्री स्वर्गीय सेठ किशन लाल के बेटे हैं। 9 जनवरी 2024 को खत्म हुआ था कार्यकाल बता दें कि नगर निगम में पार्षदों और मेयर का कार्यकाल 9 जनवरी 2024 को खत्म हो गया था। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले निगम चुनाव कराने की सुगबुगाहट थी, लेकिन पहले लोकसभा और बाद में विधानसभा चुनाव के चलते निगम चुनाव नहीं हो पाए। एक साल बाद अब निगम चुनाव की घोषणा हो गई है। अमरजीत सोलंकी को भाजपा का दावेदार मेयर पद के लिए पूर्व सीएम मनोहर लाल के करीबी रहे रिटायर्ड एचसीएस अमरजीत सोलंकी को भाजपा की ओर से प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अमरजीत सोलंकी विधानसभा चुनाव में भी कलानौर हलके से दावेदार थे, लेकिन ऐन वक्त पर रेणु डाबला ने बाजी मार ली। मेयर पद के लिए अमरजीत सोलंकी का नाम सबसे ऊपर है। उनके साथ वाल्मीकि समुदाय से पूर्व पार्षद सुरेश किराड़ और सुखबीर चंदेलिया भी टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। अब देखना यह है कि भाजपा किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है। कांग्रेस से सूरजमल किलोई प्रबल दावेदार पूर्व पार्षद सूरजमल किलोई को कांग्रेस की ओर से मेयर पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूरजमल किलोई पहले कांग्रेस में थे, फिर भाजपा में चले गए और पिछले साल कलानौर से टिकट न मिलने पर फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके अलावा राजेश बोहत और ताराचंद बागड़ी भी मेयर पद के दावेदार हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में पानी में डूबने से 2 की मौत:रेलवे अंडरब्रिज में फंसी एक्सयूवी; लॉक हो गई थी गाड़ी
फरीदाबाद में पानी में डूबने से 2 की मौत:रेलवे अंडरब्रिज में फंसी एक्सयूवी; लॉक हो गई थी गाड़ी फरीदाबाद के ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे भरे बरसाती पानी में महिंद्रा XUV700 गाड़ी डूब गई। उसमें बैठे एचडीएफसी के बैंक मैनेजर और कैशियर की बीती रात दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों के साथ बैंक में काम करने वाले बैंक कर्मचारी आदित्य ने बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर 31 में एचडीएफसी की शाखा में विराज द्विवेदी बतौर करियर के रूप में कार्यरत थे और पुण्य श्रेय शर्मा बैंक के मैनेजर थे। बैंक यूनियन के प्रेसिडेंट भी थे। आदित्य ने बताया की कल पूरे दिन बरसात हुई थी इसी के चलते विराज द्विवेदी उन्हें बैंक मैनेजर की एक्सयूवी 700 गाड़ी में छोड़ने के लिए आ रहे थे। विराज को बैंक मैनेजर पुण्यश्रेय शर्मा के घर रुकना था। बैंक मैनेजर शर्मा ग्रेटर फरीदाबाद स्थित ओमेक्स सिटी में रहते थे। जहां पर रात को विराज द्विवेदी को रोकना था और सुबह उन्हें किसी काम से दिल्ली निकलना था। लेकिन जैसे ही वह ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के पास आए तो उसके नीचे काफी पानी भरा हुआ था। जहां पर कोई भी बैरिकेटिंग नहीं लगी हुई थी। पानी में डूबने से हुई मौत
विराज गुड़गांव में रहते थे जिसके चलते उन्हें यह अनुभव नहीं हुआ कि ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे इतना पानी है। उनकी गाड़ी पानी के अंदर डूब जाएगी। विराज ने इस पानी से गाड़ी को निकालने की कोशिश की लेकिन गाड़ी पानी ज्यादा होने के चलते बंद हो गई। लॉक लग गया गाड़ी में पानी भर गया जिसके चलते उनकी दर्दनाक मौत हो गई। आदित्य ने बताया कि लगभग 11 बजकर 30 मिनट के आसपास बैंक मैनेजर की पत्नी का फोन उनके पास आया था। मैनेजर साहब का फोन बंद जा रहा है। जिसके बाद उन्होंने बैंक के मैनेजर और विराज द्विवेदी के फोन पर फोन मिलाया। लेकिन दोनों के फोन स्विच ऑफ जा रहे थे। पत्नी फरीदाबाद से और वह लोग गुड़गांव से खोजने के लिए उन्हें फरीदाबाद पहुंचने। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद उन्होंने पुलिस से पूछा तो उन्होंने बताया कि एक गाड़ी अंडरवियर के नीचे फंस गई थी। इसके चलते उसमें दो लोगों की मौत हुई है तब जाकर उन्हें पता चला कि उनके साथ बड़ी अनहोनी हो चुकी है। आदित्य ने बताया कि यदि पुलिस की बैरिकेटिंग होती तो शायद वह लोग गाड़ी को रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे से ले जाने की कोशिश नहीं करते और उनके साथ यह बड़ा हादसा न होता। गाड़ी के अंदर फंसने से मौत
सब इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि घटना लगभग बीती रात 11 बजकर 30 मिनट की है। रेलवे अंडर ब्रिज के पास पुलिस की बैरिकेडिंग और सावधान के बोर्ड लगे हुए थे। उन्हें पुलिस ने पीछे भी इस रास्ते से जाने के लिए मना किया था। लेकिन यह लोग उसी रास्ते से जबरन निकल रहे थे। जिसके चलते उनकी गाड़ी पानी के अंदर फस गई और पानी के अंदर गाड़ी डूबने के चलते दोनों की गाड़ी के अंदर फंसने के चलते मौत हो गई। फिलहाल दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है और पुलिस द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वहीं सब इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि उनकी लोगों से अपील है कि पुलिस लोगों की सेवा सुरक्षा व सहयोग के लिए है।
HCS मीनाक्षी दहिया को रिश्वत मामले में हाईकोर्ट से झटका:जमानत याचिका खारिज; 5 महीने से फरार, HC ने कहा, कॉल-ट्रांसक्रिप्ट से संलिप्तता के संकेत
HCS मीनाक्षी दहिया को रिश्वत मामले में हाईकोर्ट से झटका:जमानत याचिका खारिज; 5 महीने से फरार, HC ने कहा, कॉल-ट्रांसक्रिप्ट से संलिप्तता के संकेत पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट न्यायालय ने रिश्वत के केस में HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपए की रिश्वत की वसूली के संबंध में साक्ष्य मौजूद हैं, जिसे 29 मई को रंगे हाथों पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा, “पुलिस ने उससे रिश्वत की रकम बरामद की है। कॉल और ट्रांसक्रिप्ट से याचिकाकर्ता की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जिसकी पुष्टि शिकायतकर्ता के आरोप से होती है।” पंचकूला के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बाद दहिया ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। इस मामले में शिकायत रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने दर्ज कराई थी, जिसमें सरकारी काम के बदले कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी जस्टिटस चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील “कोई भी सख्त शर्त” लगाकर जमानत की मांग कर रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि आगे की सुनवाई से पहले की कैद याचिकाकर्ता और उनके परिवार के साथ अपरिवर्तनीय अन्याय का कारण बनेगी।हालांकि, न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था और तर्क दिया था कि अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को बरामद करने के लिए याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। दहिया पर क्या हैं आरोप रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है, कि एक जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोपपत्र वापस लेने के लिए फाइल मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजने से पहले उन्हें मामले में निर्दोष घोषित कर दिया था। उन्होंने संबंधित मंत्री को फाइल भेजने से पहले जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली, जिन्होंने अपनी मंजूरी दे दी और इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज दी गई। उन्होंने कहा, “सीनियर एचसीएस अधिकारी और संयुक्त सचिव दहिया ने मुझे 17 अप्रैल को अपने स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के माध्यम से पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में आदेश जारी करने के लिए बुलाया था और मुझसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। मैं अपने सरकारी काम के बदले मैडम को रिश्वत नहीं देना चाहता था और भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।” मीनाक्षी 5 महीने से चल रही फरार रिश्वत के इस खेल में आरोपी एचसीएस ऑफिसर मीनाक्षी दहिया 5 महीने से फरार चल रही हैं। ACB की टीम लगातार दहिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। हालांकि अभी तक एसीबी को इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। इस मामले में, वॉट्सऐप कॉल पर बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता के मोबाइल में खास डिवाइस भी लगाई गई थी, जिससे पूरी कॉल रिकॉर्ड हो गई। फिलहाल मीनाक्षी दहिया फरार है और ACB की टीम उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।
हरियाणा में BJP को झटका, पूर्व मंत्री ने छोड़ी पार्टी:करनाल से टिकट मांग रहे थे जयप्रकाश, बोले- बड़ी उम्मीद से पार्टी में शामिल हुआ था
हरियाणा में BJP को झटका, पूर्व मंत्री ने छोड़ी पार्टी:करनाल से टिकट मांग रहे थे जयप्रकाश, बोले- बड़ी उम्मीद से पार्टी में शामिल हुआ था हरियाणा के करनाल में वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयप्रकाश गुप्ता ने भाजपा पार्टी छोड़ दी है। जयप्रकाश करनाल विधानसभा से टिकट मांग रहे थे और भाजपा ने जगमोहन आनंद को टिकट दे दिया। जेपी अपना टिकट कटने से नाराज थे। 2019 में जयप्रकाश कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर उन्हें शामिल कराने आए थे और संसदीय चुनाव में नायब सैनी खुद उनके घर आए थे और समर्थन मांगा था। बड़ी उम्मीद के साथ भाजपा में शामिल हुआ था
जेपी ने कहा कि मैं बड़ी उम्मीद और साथियों के दबाव में भाजपा में शामिल हुआ था। ताकि लोगों के दुख-दर्द को बांट सकूं और लोगों की सेवा करता रहूं। लेकिन भाजपा में मेरी उम्मीदें पूरी नहीं हुईं, जिसके चलते मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। जिस परिवार में किसी की सुनवाई नहीं होती, जो पार्टी किसी परिवार की रक्षा नहीं कर सकती। मैं उस परिवार में नहीं रह सकता और मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं। मैं जिस परिवार या पार्टी में रहा हूं, उसके बारे में बुरा भी नहीं बोलूंगा।
(पूरी खबर पढ़ें) पूर्व भाजपा विधायक ने छोड़ी पार्टी, आज कांग्रेस में होंगे शामिल
हरियाणा के चरखी दादरी जिले की बाढड़ा विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद बागी हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह मांढी आज कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान सिंह दिल्ली में मौजूद रहेंगे। सुखविंदर सिंह मांढी 2014 और 2019 में बाढड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार वे विधायक चुने गए, जबकि दूसरा चुनाव वे हार गए। 10 साल से जुड़े थे भाजपा से
पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह मांढी करीब 10 साल से भाजपा से जुड़े हैं। फिलहाल वे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे और बाढड़ा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। भाजपा ने उनका टिकट काटकर उम्मेद सिंह पातुवास को दे दिया।
टिकट कटने पर समर्थकों ने किया था विरोध प्रदर्शन
4 सितंबर को भाजपा प्रत्याशियों की सूची जारी होने के चंद मिनट बाद ही उन्होंने इस्तीफा देकर पार्टी को अलविदा कह दिया था। बाढड़ा में उनके समर्थकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और विरोध में भाजपा का पुतला और झंडे जलाए थे।
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