Lucknow: रैगिंग को लेकर यूजीसी ने दिखाई सख्ती, लखनऊ के इस मेडिकल कॉलेज से भी मांगा जवाब

Lucknow: रैगिंग को लेकर यूजीसी ने दिखाई सख्ती, लखनऊ के इस मेडिकल कॉलेज से भी मांगा जवाब

<p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> रैगिंग को लेकर कड़े कानून होने के बावजूद भी यूपी समेत देश के दस राज्यों में मेडिकल कॉलेज में रैगिंग रुक नहीं पा रही है. आए दिन कॉलेजों में छात्रों के साथ होने वाली रैंगिग के मामले बेहद परेशान करने वाले हैं. जिसे देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. इसके साथ ही आयोग ने इन कॉलेजों को नोटिस जारी कर सवाल किया है कि वो अपने कॉलेज में रैगिंग रोकने में असफल क्यों रहे हैं. अभी तक यहां रैगिंग पर लगाम क्यों नहीं कसी गई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूजीसी ने यूपी समेत देश के दस राज्यों में स्थित 18 मेडिकल कॉलेजों की सूची जारी है, जिन कॉलेजों में अब भी रैगिंग हो रही है. इस सूची उत्तर प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज का नाम है. ये राजधानी लखनऊ का डॉ राम मनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज हैं, जहां से भी रैगिंग की शिकायतें सामने आई हैं. यूजीसी ने इस कॉलेज से भी सवाल किया है कि वो बताएं कि उनके यहां अभी तक रैगिंग रुक क्यों नहीं पाई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी के इस अस्पताल का नाम भी शामिल</strong><br />यूपी के लोहिया अस्पताल के अलावा इस लिस्ट बिहार और आंध्र प्रदेश के तीन-तीन कॉलेज का नाम है. जबकि असम, दिल्ली, तमिलनाडु, पुडुचेरी के दो-दो कॉलेज, उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के एक-एक कॉलेज का नाम शामिल है. इनमें प्रमुख कॉलेज हैं दिल्ली का सफदरजंग अस्पताल, हमदर्द मेडिकल कॉलेज, बिहार का मधुबनी मेडिकल कॉलेज, कटिहार का मेडिकल कॉलेज, सरकारी मेडिकल कॉलेज बेतिया और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि देश के तमाम कॉलेजों में रैगिंग एक गंभीर समस्या है, जिसकी वजह से छात्रों को कई बार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है. जिसकी वजह से कई बार छात्रों ने अवसाद में आकर अपनी जान तक दे दी. इन घटनाओं के देखते हुए सरकार ने रैगिंग के खिलाफ सख्त क़ानून बनाए हैं ताकि इन पर लगाम कसा सके. इन कानूनों का असर भी देखने को मिला है. कॉलेज में रैगिंग करना जुर्म है. इसके लिए सजा तक का प्रावधान है. बावजूद इसके अभी भी कई कॉलेजों में चोरी छुपे इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-laim-on-milkipur-by-election-shared-photo-ayodhya-police-gave-clarification-2877664″><strong>मिल्कीपुर उपचुनाव पर अखिलेश यादव ने शेयर की ये फोटो, अयोध्या पुलिस ने कहा- भ्रामक ट्वीट न करें</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> रैगिंग को लेकर कड़े कानून होने के बावजूद भी यूपी समेत देश के दस राज्यों में मेडिकल कॉलेज में रैगिंग रुक नहीं पा रही है. आए दिन कॉलेजों में छात्रों के साथ होने वाली रैंगिग के मामले बेहद परेशान करने वाले हैं. जिसे देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. इसके साथ ही आयोग ने इन कॉलेजों को नोटिस जारी कर सवाल किया है कि वो अपने कॉलेज में रैगिंग रोकने में असफल क्यों रहे हैं. अभी तक यहां रैगिंग पर लगाम क्यों नहीं कसी गई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूजीसी ने यूपी समेत देश के दस राज्यों में स्थित 18 मेडिकल कॉलेजों की सूची जारी है, जिन कॉलेजों में अब भी रैगिंग हो रही है. इस सूची उत्तर प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज का नाम है. ये राजधानी लखनऊ का डॉ राम मनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज हैं, जहां से भी रैगिंग की शिकायतें सामने आई हैं. यूजीसी ने इस कॉलेज से भी सवाल किया है कि वो बताएं कि उनके यहां अभी तक रैगिंग रुक क्यों नहीं पाई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी के इस अस्पताल का नाम भी शामिल</strong><br />यूपी के लोहिया अस्पताल के अलावा इस लिस्ट बिहार और आंध्र प्रदेश के तीन-तीन कॉलेज का नाम है. जबकि असम, दिल्ली, तमिलनाडु, पुडुचेरी के दो-दो कॉलेज, उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के एक-एक कॉलेज का नाम शामिल है. इनमें प्रमुख कॉलेज हैं दिल्ली का सफदरजंग अस्पताल, हमदर्द मेडिकल कॉलेज, बिहार का मधुबनी मेडिकल कॉलेज, कटिहार का मेडिकल कॉलेज, सरकारी मेडिकल कॉलेज बेतिया और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि देश के तमाम कॉलेजों में रैगिंग एक गंभीर समस्या है, जिसकी वजह से छात्रों को कई बार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है. जिसकी वजह से कई बार छात्रों ने अवसाद में आकर अपनी जान तक दे दी. इन घटनाओं के देखते हुए सरकार ने रैगिंग के खिलाफ सख्त क़ानून बनाए हैं ताकि इन पर लगाम कसा सके. इन कानूनों का असर भी देखने को मिला है. कॉलेज में रैगिंग करना जुर्म है. इसके लिए सजा तक का प्रावधान है. बावजूद इसके अभी भी कई कॉलेजों में चोरी छुपे इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं.&nbsp;</p>
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