डंकी से अमेरिका गए प्रवासी भारतीयों को लेकर अमेरिकी प्लेन सी-17 बुधवार दोपहर 2:06 बजे श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अमृतसर पर उतरा। वतन लौटे लोगों में पंजाब, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ और यूपी से हैं। डिपोर्ट प्रवासी भारतीयों में 18 वर्ष से कम उम्र के 12 बच्चे और करीब 24 महिलाएं भी शामिल हैं। एयरपोर्ट पर पहुंचे विमान को एयरपोर्ट के कारगो एरिया की तरफ लैंड कराया गया। रात 8 बजे तक पूछताछ और वेरिफिकेशन चलती रही। शाम 6 बजे पुलिस गाड़ियों में अमृतसर के लोगों को घरों तक पहुंचाया गया। सभी लोगों को मीडिया से बात न करने से हिदायतें थी। वहीं, हरियाणा के लोगों को पिछले दरवाजे से बाहर निकालकर बसों से भेजा गया। कारगो एरिया में एंट्री करने से पहले बैरिकेड कर वाहनों की एंट्री और मीडिया का बैन था। इनमें अमृतसर से अजयदीप सिंह, दलेर सिंह सलेमपुर, सुखजीत सिंह अमृतसर, आकाशदीप सिंह राजाताल, अर्शदीप सिंह मनकयाना, गुरदासपुर से जसपाल निवासी हरदोवाल, तरनतारन से मनदीप, जालंधर कैंट से पलवीर, जालंधर से सुखदीप, जालंधर लांडरा से दविंदरजीत, सलारपुर से जसकरन, होशियारपुर के गांव टहली से हरविंदर, दारापुर से सुखपाल, लुधियाना से रकिंदर, जगराओं से मुस्कान, नवांशहर के गांव सिंबल माजरा से मनप्रीत, लॉरोया से सवीन, राजपुरा से रमनदीप, कपूरथला के गांव डोगरावाल निवासी विक्रमजीत सिंह, गांव भदास निवासी लवप्रीत कौर, प्रभजोत सिंह, गांव बरियार निवासी अमन, हरप्रीत सिंह, गांव तरफ बहबल बहादर निवासी गुरप्रीत सिंह के नाम लिस्ट में हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को भेजने के लिए मिलिट्री विमान का इस्तेमाल किया गया। वतन वापसी के बाद अब सभी के पारिवारिक सदस्यों की आंखों में सिर्फ आंसू हैं, क्योंकि उनके सपने चूर-चूर हो गए। सरकार की पोल खुल गई, एजेंटों का गोरखधंधा जोरों पर: डॉ. शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि आप सरकार की पोल खुल चुकी है। सरकार पिछले 3 साल से दावे कर रही है कि विदेश में काम करने वाले अब प्रदेश वापस लौटने लगे हैं। विदेश से लौटे युवाओं के आंकड़े को देखने के बाद साफ हो गया है कि कथनी और करनी में बहुत फर्क है। युवाओं को मजबूरन विदेश जाना पड़ रहा है। प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से इमीग्रेशन पर कोई सख्ती नहीं है और गोरखधंधा बरकरार है। पंजाबी युवाओं की दुर्दशा के लिए पंजाब और केंद्र जिम्मेदार : वड़िंग पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भारतीय पंजाबी युवाओं की दुर्दशा के लिए पंजाब और केंद्र सरकार को दोषी ठहराया। एक तरफ पीएम 2 करोड़ नौकरियों का वादा करते हैं और अपनी मेक इन इंडिया पहल का ढिंढोरा पीटते हैं और दूसरी तरफ युवा हताश कोशिशों के लिए अपनी भूमि और गहने बेच रहे हैं। ये तथाकथित नौकरियां कहां हैं, स्टार्टअप के लिए कोई समर्थन क्यों नहीं है। गलत तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों पर करेंगे कार्रवाई : चीमा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि गैर कानूनी तरीके विदेश नहीं जाना चाहिए। राज्य सरकार ने गैर कानूनी तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों और लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। पहले से एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। यूथ को रोजगार मुहैया कराया जा रहा, इसलिए युवाओं से अपील है कि अलग-अलग विभागोें की परीक्षाओं की तैयारी करें ताकि रोजगार के अवसर मिल सकें। यूरोप का वीजा लगा मालटा होते यूएस पहुंचा था मनप्रीत अमेरिका से डिपोर्ट होकर पंजाब लौटे युवकों में से एक युवक नवांशहर के गांव सिंबल मजारा का मनप्रीत (26) भी है। मनप्रीत पिछले साल दिसंबर में यूरोप का वीजा लगवाकर पहले मालटा पहुंचा और फिर वहां से किसी तरह अमेरिका में एंटर हुआ था। पिता अवतार सिंह और मां कुलदीप कौर ने कहा कि इकलौते बेटे मनप्रीत की अभी शादी नहीं हुई है। वह अपने सुनहरे भविष्य की उम्मीद लेकर विदेश गया था, लेकिन उसके साथ 20 दिन से कोई संपर्क नहीं हुआ। रणजीत सिंह ने बताया कि भांजा मनप्रीत यहां से यूरोप का वीजा लगवाकर घूमने गया था, लेकिन वहां से वह आगे कैसे पहुंचा, के बारे में उसके घर पहुंचने पर पता चल पाएगा। परिवार कुछ दिन से परेशान था, क्योंकि भांजे से संपर्क नहीं हो पा रहा था। गांव वासियों ने बताया कि परिवार के पास ज्यादा जमीन नहीं है और अपने उज्जवल भविष्य के चलते मनप्रीत ने ऐसा निर्णय लिया है। मनप्रीत के पिता पहले से ही यूरोप में रहते हैं, लेकिन वह आजकल गांव में आए हुए हैं। 42 लाख रुपए कर्ज लेकर अमेरिका गया था हरविंदर, मां बोली- पता नहीं अब क्या बनेगा डिपोर्ट प्रवासी भारतीयों में दो लोग जिला होशियारपुर के हलका उड़मुड़ टांडा से हैं। इनमें गांव टाहली निवासी हरविंदर सिंह और कस्बा टांडा के मोहल्ला दारापुर निवासी सुखपाल सिंह हैं। हरविंदर मई 2024 में अमेरिका डंकी से गया था और सीमा पार कर अमेरिका में घुसा था और पकड़े जाने के बाद जेल कैंप में था। कुलजिंदर कौर ने बताया कि 8 माह पहले पति हरविंदर एजेंट जसकरण सिंह के जरिए 42 लाख रुपए खर्च कर विदेश गया था। 15 जनवरी को पति ने फोन पर बताया था कि आज बॉर्डर क्रॉस कर अमेरिका में पहुंच जाना है और बाद में कोई संपर्क नहीं हुआ। बुधवार को घर लौटने की सूचना मिली है। मां बिमल कौर और पिता रेशम सिंह ने विलाप करते कहा कि बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए एक किला खेत, गहने गिरवी रखकर और कुछ पैसे ब्याज पर लेकर बेटे को विदेश भेज गया था। अब पता नहीं क्या बनेगा। हरविंदर के 2 बच्चे हैं। सुखपाल सिंह के पिता ने कहा कि बेटे के अमेरिका से प्रत्यर्पण के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट से उन्हें जानकारी मिली है। बेटा पिछले साल अक्टूबर में वर्क परमिट पर इटली गया था। आखिरी बार उससे 22 दिन पहले बात हुई थी। वह अमेरिका कैसे पहुंचा, पता नहीं। अमृतसर के गांव राजाताल निवासी आकाशदीप सिंह (23) के पिता स्वर्ण सिंह ने कहा कि बेटे के अमेरिका जाने का सपना पूरा करने के लिए 2 एकड़ जमीन बेची थी। बेटे ने 12वीं के बाद कनाडा जाने को स्टडी वीजा लगाने की कोशिश की, पर आइल्स में अच्छे बैंड नहीं आए। 2 साल बाद वह दुबई गया, वहां 7 माह ट्रक पर ड्राइवर रहा। 14 दिन पहले वह 55 लाख एजेंट को देकर अमेरिका गया था। प्रदेश में यहां से इतने लोग लौटे अमृतसर 05 गुरदासपुर 01 तरनतारन 01 जालंधर 04 कपूरथला 06 होशियारपुर 02 लुधियाना 02 एसबीएस नगर 02 पटियाला 04 संगरूर 01 एसएएस नगर 01 फतेहगढ़ साहिब 01 टोटल : 30 विक्रमजीत के दादा बोले- उम्रभर लोगों का कर्ज नहीं उतार सकेंगे, गुरप्रीत के पिता मजदूर और सिर पर ~42 लाख कर्ज बेटे को गले लगाकर आंसू बहाता हरविंदर सिंह। जसपाल की मां बोली- बेटे से बढ़कर कुछ भी नहीं है, पैसा फिर कमा लेगा सुखपाल घर पर बच्चों से मिलता जसपाल इधर… सियासत गर्म मनप्रीत विक्रमजीत सिंह के दादा हरमेल सिंह गुरप्रीत सिंह का पिता महिंदर सिंह जालंधर-अमृतसर हाइवे पर स्थित सुभानपुर के गांव डोगरावाल निवासी (22) विक्रमजीत सिंह को अमेरिका से डिपोर्ट होकर इंडिया भेज दिया गया। जिसे अमृतसर एयरपोर्ट से लेने के लिए उसके माता-पिता गए हैं। घर पर विक्रमजीत के दादा हरमेल सिंह मौजूद थे, जो सहमे हैं। दादा ने आंसुओं से नम आंखों को पोंछते हुए बताया कि घर के हालात खराब हैं। विक्रम को बेहतर भविष्य बनाने के लिए 40 लाख रुपए कर्ज लेकर 2 माह पहले एजेंट के जरिए अमेरिका भेजा था। 1 माह पहले वह बॉर्डर पार कर अमेरिका पहुंच सका, वहां उसे बेस कैंप में रखा गया था। अब पोता वापस आ रहा है। पोते के भविष्य के साथ परिवार के सपने चूर-चूर हो गए हैं। विक्रम का पिता शीश सिंह उम्रभर लोगों का कर्ज नहीं उतार सकेगा। विक्रम 6 बहनों का इकलौता भाई है। सुल्तानपुर लोधी के गांव तरफ बहबल बहादर निवासी गुरप्रीत सिंह भी यूएस से डिपोर्ट होकर आया है। उसके पिता महिंदर सिंह दिहाड़ीदार हैं, का रो-रो कर बुरा हाल है। उनको मीडिया से पता चला कि बेटा वापस आ रहा है। बेटे को 6 माह पहले विदेश भेजने के लिए 42 लाख रुपए खर्च किए थे। वह 22 दिन पहले अमेरिका बेस कैंप में पहुंचा था। उसे विदेश भेजने के लिए घर गिरवी रखकर और कुछ रिश्तेदारों से उधार पैसे लिए थे। उन्होंने कई सपने देखे थे कि बुढ़ापा आराम से गुजरेगा, उनके भी अच्छे दिन आएंगे। मगर सब तबाह हो गया। अब ताउम्र कर्ज सिर पर चढ़ा रहेगा। गुरप्रीत शादीशुदा है और उसका एक छोटा बेटा है। अब सरकार से उम्मीद है कि बेटे को पंजाब में कोई रोजगार दिलवा दे ताकि कर्ज उतार सकें। गांव भदास निवासी लवप्रीत कौर और उसका बेटा प्रभजोत सिंह 1 जनवरी को अमेरिका निकले थे। वे यूरोप के अलग-अलग देशों से होते 27 जनवरी को अमेरिका बेस कैंप पहुंचे थे। वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई और अब 5 साल के लिए डिपोर्ट कर इंडिया भेज दिया है। जिला गुरदासपुर के गांव हरदोरवाल निवासी जसपाल सिंह करीब 6 साल पहले 30 लाख कर्ज लेकर अमेरिका गया था। मां-बाप को बेटे की वतन वापसी से ज्यादा चिंता कर्ज की है। जसपाल की मां बार-बार भगवान के सामने हाथ जोड़ रो रही है कि बेटा सही-सलामत घर आ गया है। परिजनों ने बताया कि जसपाल 8 साल से अरब देशों मे मजदूरी कर रहा था। पहले वह 2 साल इंग्लैंड रहा और फिर वहां से कुछ दिन पहले अमेरिका चला गया। अब उसे डिपोर्ट कर वापस भारत भेज दिया गया है। परिवार का कहना है कि पैसों का नुकसान हुआ है, लेकिन बेटे से बढ़कर कुछ नहीं है। बेटा भारत में रहकर कोई अच्छा काम कर पैसा फिर कमा लेगा। जब परिवार से आैर बात करने की कोशिश की गई, पर उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा। वहीं, जसपाल के पिता की मौत हो चुकी है आैर परिवार में मां, प|ी, बच्चे हैं। }एयरपोर्ट पर 6 घंटे तक वेरिफिकेशन के बाद वतन लौटे लोगों को घरों पर छोड़ आया प्रशासन }पहली बार अमेरिका से भारतीयों को भेजने के लिए मिलिट्री विमान सी-17 का इस्तेमाल }दोपहर 2:06 बजे 104 प्रवासी भारतीयों को लेकर यूएस सी-17 विमान श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अमृतसर लैंड हुआ ेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौ डंकी से अमेरिका गए प्रवासी भारतीयों को लेकर अमेरिकी प्लेन सी-17 बुधवार दोपहर 2:06 बजे श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अमृतसर पर उतरा। वतन लौटे लोगों में पंजाब, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ और यूपी से हैं। डिपोर्ट प्रवासी भारतीयों में 18 वर्ष से कम उम्र के 12 बच्चे और करीब 24 महिलाएं भी शामिल हैं। एयरपोर्ट पर पहुंचे विमान को एयरपोर्ट के कारगो एरिया की तरफ लैंड कराया गया। रात 8 बजे तक पूछताछ और वेरिफिकेशन चलती रही। शाम 6 बजे पुलिस गाड़ियों में अमृतसर के लोगों को घरों तक पहुंचाया गया। सभी लोगों को मीडिया से बात न करने से हिदायतें थी। वहीं, हरियाणा के लोगों को पिछले दरवाजे से बाहर निकालकर बसों से भेजा गया। कारगो एरिया में एंट्री करने से पहले बैरिकेड कर वाहनों की एंट्री और मीडिया का बैन था। इनमें अमृतसर से अजयदीप सिंह, दलेर सिंह सलेमपुर, सुखजीत सिंह अमृतसर, आकाशदीप सिंह राजाताल, अर्शदीप सिंह मनकयाना, गुरदासपुर से जसपाल निवासी हरदोवाल, तरनतारन से मनदीप, जालंधर कैंट से पलवीर, जालंधर से सुखदीप, जालंधर लांडरा से दविंदरजीत, सलारपुर से जसकरन, होशियारपुर के गांव टहली से हरविंदर, दारापुर से सुखपाल, लुधियाना से रकिंदर, जगराओं से मुस्कान, नवांशहर के गांव सिंबल माजरा से मनप्रीत, लॉरोया से सवीन, राजपुरा से रमनदीप, कपूरथला के गांव डोगरावाल निवासी विक्रमजीत सिंह, गांव भदास निवासी लवप्रीत कौर, प्रभजोत सिंह, गांव बरियार निवासी अमन, हरप्रीत सिंह, गांव तरफ बहबल बहादर निवासी गुरप्रीत सिंह के नाम लिस्ट में हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को भेजने के लिए मिलिट्री विमान का इस्तेमाल किया गया। वतन वापसी के बाद अब सभी के पारिवारिक सदस्यों की आंखों में सिर्फ आंसू हैं, क्योंकि उनके सपने चूर-चूर हो गए। सरकार की पोल खुल गई, एजेंटों का गोरखधंधा जोरों पर: डॉ. शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि आप सरकार की पोल खुल चुकी है। सरकार पिछले 3 साल से दावे कर रही है कि विदेश में काम करने वाले अब प्रदेश वापस लौटने लगे हैं। विदेश से लौटे युवाओं के आंकड़े को देखने के बाद साफ हो गया है कि कथनी और करनी में बहुत फर्क है। युवाओं को मजबूरन विदेश जाना पड़ रहा है। प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से इमीग्रेशन पर कोई सख्ती नहीं है और गोरखधंधा बरकरार है। पंजाबी युवाओं की दुर्दशा के लिए पंजाब और केंद्र जिम्मेदार : वड़िंग पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भारतीय पंजाबी युवाओं की दुर्दशा के लिए पंजाब और केंद्र सरकार को दोषी ठहराया। एक तरफ पीएम 2 करोड़ नौकरियों का वादा करते हैं और अपनी मेक इन इंडिया पहल का ढिंढोरा पीटते हैं और दूसरी तरफ युवा हताश कोशिशों के लिए अपनी भूमि और गहने बेच रहे हैं। ये तथाकथित नौकरियां कहां हैं, स्टार्टअप के लिए कोई समर्थन क्यों नहीं है। गलत तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों पर करेंगे कार्रवाई : चीमा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि गैर कानूनी तरीके विदेश नहीं जाना चाहिए। राज्य सरकार ने गैर कानूनी तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों और लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। पहले से एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। यूथ को रोजगार मुहैया कराया जा रहा, इसलिए युवाओं से अपील है कि अलग-अलग विभागोें की परीक्षाओं की तैयारी करें ताकि रोजगार के अवसर मिल सकें। यूरोप का वीजा लगा मालटा होते यूएस पहुंचा था मनप्रीत अमेरिका से डिपोर्ट होकर पंजाब लौटे युवकों में से एक युवक नवांशहर के गांव सिंबल मजारा का मनप्रीत (26) भी है। मनप्रीत पिछले साल दिसंबर में यूरोप का वीजा लगवाकर पहले मालटा पहुंचा और फिर वहां से किसी तरह अमेरिका में एंटर हुआ था। पिता अवतार सिंह और मां कुलदीप कौर ने कहा कि इकलौते बेटे मनप्रीत की अभी शादी नहीं हुई है। वह अपने सुनहरे भविष्य की उम्मीद लेकर विदेश गया था, लेकिन उसके साथ 20 दिन से कोई संपर्क नहीं हुआ। रणजीत सिंह ने बताया कि भांजा मनप्रीत यहां से यूरोप का वीजा लगवाकर घूमने गया था, लेकिन वहां से वह आगे कैसे पहुंचा, के बारे में उसके घर पहुंचने पर पता चल पाएगा। परिवार कुछ दिन से परेशान था, क्योंकि भांजे से संपर्क नहीं हो पा रहा था। गांव वासियों ने बताया कि परिवार के पास ज्यादा जमीन नहीं है और अपने उज्जवल भविष्य के चलते मनप्रीत ने ऐसा निर्णय लिया है। मनप्रीत के पिता पहले से ही यूरोप में रहते हैं, लेकिन वह आजकल गांव में आए हुए हैं। 42 लाख रुपए कर्ज लेकर अमेरिका गया था हरविंदर, मां बोली- पता नहीं अब क्या बनेगा डिपोर्ट प्रवासी भारतीयों में दो लोग जिला होशियारपुर के हलका उड़मुड़ टांडा से हैं। इनमें गांव टाहली निवासी हरविंदर सिंह और कस्बा टांडा के मोहल्ला दारापुर निवासी सुखपाल सिंह हैं। हरविंदर मई 2024 में अमेरिका डंकी से गया था और सीमा पार कर अमेरिका में घुसा था और पकड़े जाने के बाद जेल कैंप में था। कुलजिंदर कौर ने बताया कि 8 माह पहले पति हरविंदर एजेंट जसकरण सिंह के जरिए 42 लाख रुपए खर्च कर विदेश गया था। 15 जनवरी को पति ने फोन पर बताया था कि आज बॉर्डर क्रॉस कर अमेरिका में पहुंच जाना है और बाद में कोई संपर्क नहीं हुआ। बुधवार को घर लौटने की सूचना मिली है। मां बिमल कौर और पिता रेशम सिंह ने विलाप करते कहा कि बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए एक किला खेत, गहने गिरवी रखकर और कुछ पैसे ब्याज पर लेकर बेटे को विदेश भेज गया था। अब पता नहीं क्या बनेगा। हरविंदर के 2 बच्चे हैं। सुखपाल सिंह के पिता ने कहा कि बेटे के अमेरिका से प्रत्यर्पण के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट से उन्हें जानकारी मिली है। बेटा पिछले साल अक्टूबर में वर्क परमिट पर इटली गया था। आखिरी बार उससे 22 दिन पहले बात हुई थी। वह अमेरिका कैसे पहुंचा, पता नहीं। अमृतसर के गांव राजाताल निवासी आकाशदीप सिंह (23) के पिता स्वर्ण सिंह ने कहा कि बेटे के अमेरिका जाने का सपना पूरा करने के लिए 2 एकड़ जमीन बेची थी। बेटे ने 12वीं के बाद कनाडा जाने को स्टडी वीजा लगाने की कोशिश की, पर आइल्स में अच्छे बैंड नहीं आए। 2 साल बाद वह दुबई गया, वहां 7 माह ट्रक पर ड्राइवर रहा। 14 दिन पहले वह 55 लाख एजेंट को देकर अमेरिका गया था। प्रदेश में यहां से इतने लोग लौटे अमृतसर 05 गुरदासपुर 01 तरनतारन 01 जालंधर 04 कपूरथला 06 होशियारपुर 02 लुधियाना 02 एसबीएस नगर 02 पटियाला 04 संगरूर 01 एसएएस नगर 01 फतेहगढ़ साहिब 01 टोटल : 30 विक्रमजीत के दादा बोले- उम्रभर लोगों का कर्ज नहीं उतार सकेंगे, गुरप्रीत के पिता मजदूर और सिर पर ~42 लाख कर्ज बेटे को गले लगाकर आंसू बहाता हरविंदर सिंह। जसपाल की मां बोली- बेटे से बढ़कर कुछ भी नहीं है, पैसा फिर कमा लेगा सुखपाल घर पर बच्चों से मिलता जसपाल इधर… सियासत गर्म मनप्रीत विक्रमजीत सिंह के दादा हरमेल सिंह गुरप्रीत सिंह का पिता महिंदर सिंह जालंधर-अमृतसर हाइवे पर स्थित सुभानपुर के गांव डोगरावाल निवासी (22) विक्रमजीत सिंह को अमेरिका से डिपोर्ट होकर इंडिया भेज दिया गया। जिसे अमृतसर एयरपोर्ट से लेने के लिए उसके माता-पिता गए हैं। घर पर विक्रमजीत के दादा हरमेल सिंह मौजूद थे, जो सहमे हैं। दादा ने आंसुओं से नम आंखों को पोंछते हुए बताया कि घर के हालात खराब हैं। विक्रम को बेहतर भविष्य बनाने के लिए 40 लाख रुपए कर्ज लेकर 2 माह पहले एजेंट के जरिए अमेरिका भेजा था। 1 माह पहले वह बॉर्डर पार कर अमेरिका पहुंच सका, वहां उसे बेस कैंप में रखा गया था। अब पोता वापस आ रहा है। पोते के भविष्य के साथ परिवार के सपने चूर-चूर हो गए हैं। विक्रम का पिता शीश सिंह उम्रभर लोगों का कर्ज नहीं उतार सकेगा। विक्रम 6 बहनों का इकलौता भाई है। सुल्तानपुर लोधी के गांव तरफ बहबल बहादर निवासी गुरप्रीत सिंह भी यूएस से डिपोर्ट होकर आया है। उसके पिता महिंदर सिंह दिहाड़ीदार हैं, का रो-रो कर बुरा हाल है। उनको मीडिया से पता चला कि बेटा वापस आ रहा है। बेटे को 6 माह पहले विदेश भेजने के लिए 42 लाख रुपए खर्च किए थे। वह 22 दिन पहले अमेरिका बेस कैंप में पहुंचा था। उसे विदेश भेजने के लिए घर गिरवी रखकर और कुछ रिश्तेदारों से उधार पैसे लिए थे। उन्होंने कई सपने देखे थे कि बुढ़ापा आराम से गुजरेगा, उनके भी अच्छे दिन आएंगे। मगर सब तबाह हो गया। अब ताउम्र कर्ज सिर पर चढ़ा रहेगा। गुरप्रीत शादीशुदा है और उसका एक छोटा बेटा है। अब सरकार से उम्मीद है कि बेटे को पंजाब में कोई रोजगार दिलवा दे ताकि कर्ज उतार सकें। गांव भदास निवासी लवप्रीत कौर और उसका बेटा प्रभजोत सिंह 1 जनवरी को अमेरिका निकले थे। वे यूरोप के अलग-अलग देशों से होते 27 जनवरी को अमेरिका बेस कैंप पहुंचे थे। वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई और अब 5 साल के लिए डिपोर्ट कर इंडिया भेज दिया है। जिला गुरदासपुर के गांव हरदोरवाल निवासी जसपाल सिंह करीब 6 साल पहले 30 लाख कर्ज लेकर अमेरिका गया था। मां-बाप को बेटे की वतन वापसी से ज्यादा चिंता कर्ज की है। जसपाल की मां बार-बार भगवान के सामने हाथ जोड़ रो रही है कि बेटा सही-सलामत घर आ गया है। परिजनों ने बताया कि जसपाल 8 साल से अरब देशों मे मजदूरी कर रहा था। पहले वह 2 साल इंग्लैंड रहा और फिर वहां से कुछ दिन पहले अमेरिका चला गया। अब उसे डिपोर्ट कर वापस भारत भेज दिया गया है। परिवार का कहना है कि पैसों का नुकसान हुआ है, लेकिन बेटे से बढ़कर कुछ नहीं है। बेटा भारत में रहकर कोई अच्छा काम कर पैसा फिर कमा लेगा। जब परिवार से आैर बात करने की कोशिश की गई, पर उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा। वहीं, जसपाल के पिता की मौत हो चुकी है आैर परिवार में मां, प|ी, बच्चे हैं। }एयरपोर्ट पर 6 घंटे तक वेरिफिकेशन के बाद वतन लौटे लोगों को घरों पर छोड़ आया प्रशासन }पहली बार अमेरिका से भारतीयों को भेजने के लिए मिलिट्री विमान सी-17 का इस्तेमाल }दोपहर 2:06 बजे 104 प्रवासी भारतीयों को लेकर यूएस सी-17 विमान श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अमृतसर लैंड हुआ ेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौौ पंजाब | दैनिक भास्कर
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