<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान प्रदेश की पूर्व कांग्रेस अशोक गहलोत सरकार के राजस्व मंत्री रहे कांग्रेस के कद्दावर किसान नेता रामलाल जाट की मुश्किलें रुकने का नाम नहीं ले रही है, एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ गई है. हाई कोर्ट जोधपुर ने एक आदेश जारी करते हुए पूर्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी मामले की जांच सीबीआई से करवाने के आदेश जारी किए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मंत्री रामलाल जाट सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला करेड़ा थाने में दर्ज है. मंत्री पर राजसमंद के एक माइनिंग कारोबारी ने करोड़ों रुपये की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम धोखाधड़ी, डरा धमकाकर करवाने के साथ ही माइनिंग मशीनों की चोरी करने का आरोप भी लगाया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूर्व मंत्री सहित 5 पर धोखाधड़ी का मामला</strong><br />पूर्व मंत्री रामलाल जाट सहित 5 अन्य लोगों के खिलाफ 17 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था. माइनिंग कारोबारी ने अपनी शिकायत में लिखा था कि 50 फीसदी शेयर मंत्री के परिजनों के नाम करने के बदले 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था. लेकिन, डॉक्यूमेंट पर नाम कराने के बाद रुपये नहीं दिए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में मंगलवार (4 फरवरी) को जोधपुर हाईकोर्ट के जज फरजंद अली ने कांग्रेस नेता रामलाल जाट के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए. मामले की जांच सीबीआई के हाथों में सौंपे जाने का मतलब है कि अब केंद्रीय एजेंसी इसकी जांच-पड़ताल करेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केस डायरी सीबीआई को सौंपने को कहा</strong><br />सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट में पीड़ित माइनिंग कारोबारी परमेश्वर जोशी ने पूर्व राजस्व मंत्री राम लाल जाट के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई और जांच को प्रभावित करने में प्रभावी लोगों के शामिल होने के चलते निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस डायरी समेत अन्य डॉक्युमेंट्स DGP कार्यालय से लेकर निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं. वहीं DSG मुकेश राजपुरोहित को इस आदेश को सीबीआई अधिकारियों को जानकारी देने के लिए कहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये है पूरा मामला</strong><br />पूर्व राजस्व मंत्री राम लाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ 5 करोड़ की धोखाधड़ी और डरा धमकाकर माइनिंग हड़पने का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर न्यायालय में याचिका दायर करा कर ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल पुत्र मन्नु गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी के नाम दर्ज कराया .</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं माइनिंग व्यवसायी राजसमंद के गढ़बोर निवासी परमेश्वर पुत्र रामलाल जोशी ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया था कि वह करेड़ा के रघुनाथपुरा में मैसर्स अरावली ग्रेनि मार्मो प्रा.लि नाम से ग्रेनाइट मांइस का काम करता है. माइंस में वह डायरेक्टर और शेयर होल्डर है. कंपनी का रजिस्ट्रेशन श्याम सुंदर गोयल और चंद्रकांत शुक्ला के नाम से है. जिस समय कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ था, उस समय परमेश्वर श्याम सुंदर और चंद्रकांत से 10 करोड़ रुपये मांगता था. इसके चलते इन दोनों ने माइंस के 50 प्रतिशत शेयर परमेश्वर और उसकी पत्नी भव्या जोशी के नाम पर कर दिए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं आरोप है कि बाकी के 50 प्रतिशत शेयर का सौदा श्याम सुंदर और चंद्रकांत ने पूर्व मंत्री रामलाल जाट से कर दिया. राम लाल जाट ने माइंस के शेयर अपने रिश्तेदार मोना चौधरी और सुरेश जाट के नाम पर करवा दिए. इन शेयर के पैसे पूर्व मंत्री राम लाल जाट को 5 करोड़ रुपये परमेश्वर, श्याम सुंदर और चंद्रकांत को देने थे. परमेश्वर जोशी ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री जाट ने अपने रिश्तेदारों के नाम शेयर के कागज ट्रांसफर होते ही 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था. इसके बाद 50 प्रतिशत शेयर मोना और सुरेश जाट के नाम ट्रांसफर हो गया, लेकिन मंत्री ने 5 करोड़ रुपये देने से साफ मना कर दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाई कोर्ट के आदेश पर हुआ था मामला दर्ज</strong><br />जिस पर मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा. हाईकोर्ट ने संज्ञेय अपराध मानते हुए अधीनस्थ अदालत को निर्देश दिया कि परिवादी परमेश्वर जोशी की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज करें. इसकी पालना में मांडल कोर्ट ने करेड़ा पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इस पर पुलिस ने न्यायालय के आदेश की पालना करते हुए राजस्व मंत्री रामलाल जाट, महावीर जाट, सूरज जाट के साथ ही पूरणमल गुर्जर, महिपाल व अन्यों के खिलाफ मुकदमा संख्या 211/2023 धारा 406, 420, 384, 379 और 120 बी में दर्ज किया है. इसकी जांच थाना प्रभारी सुनील बेड़ा के जिम्मे हुई, लेकिन मंत्री के खिलाफ मामला होने से अग्रिम जांच सीआईडी सीबी ने की थी </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था मंत्री जाट ने </strong><br />प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ 5 करोड़ रुपये की धोका धडी करने का मामला 14 दिसंबर को दर्ज हुआ था, जिसको लेकर 5 करोड़ की धोखाधड़ी के केस में गिरफ्तारी का डर सताने लगा. इससे बचने के लिए मंत्री जाट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी . इस मामले में पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था. राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर मंत्री ने 5 करोड़ रुपये देने के बदले अपने रिश्तेदार और परिवारजन के नाम करवाए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाने में 17 सितंबर को मांडल (भीलवाड़ा) कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थाना प्रभारी ओम प्रकाश गोरा ने FIR दर्ज की थी. रिपोर्ट में ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल पुत्र मन्नु गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी के नाम दर्ज हैं . जिसके खिलाफ पूर्व मंत्री राम लाल जाट ने एफआईआर 211 के खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की है. उन्होंने सेक्शन 482 सीआर पीसी (204) के तहत उन पर दर्ज एफआईआर को खारिज करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की थी .</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीआईडी सीबी ने दी थी जाट को 1069 पेज की रिपोर्ट पेश कर क्लीन चिट</strong> <br />मामला राजस्व मंत्री का होने के कारण पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी उदयपुर के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल स्वरुप मेवाड़ा के पास थी. तत्कालीन करेड़ा थाना प्रभारी सुनील बेड़ा ने बताया कि सीआईडी सीधी ने जांच पूरी कर ली थी. नतीजा रिपोर्ट मांडल कोर्ट में 1069 पेज की फाइल मांडल न्यायालय में पेश कर परमेश्वर जोशी द्वारा दर्ज करवाए गए मामले को सिविल यानी की लेने देन का बताते हुए जोशी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भीलवाड़ा से सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट.</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”सिरोही में खाकी का हाई वोल्टेज ड्रामा! थानाधिकारी और हेड कांस्टेबल की भिड़ंत, SP ने लिया एक्शन” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/sirohi-high-voltage-drama-sho-and-head-constable-suspended-over-clash-ann-2878122″ target=”_self”>सिरोही में खाकी का हाई वोल्टेज ड्रामा! थानाधिकारी और हेड कांस्टेबल की भिड़ंत, SP ने लिया एक्शन</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान प्रदेश की पूर्व कांग्रेस अशोक गहलोत सरकार के राजस्व मंत्री रहे कांग्रेस के कद्दावर किसान नेता रामलाल जाट की मुश्किलें रुकने का नाम नहीं ले रही है, एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ गई है. हाई कोर्ट जोधपुर ने एक आदेश जारी करते हुए पूर्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी मामले की जांच सीबीआई से करवाने के आदेश जारी किए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मंत्री रामलाल जाट सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला करेड़ा थाने में दर्ज है. मंत्री पर राजसमंद के एक माइनिंग कारोबारी ने करोड़ों रुपये की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम धोखाधड़ी, डरा धमकाकर करवाने के साथ ही माइनिंग मशीनों की चोरी करने का आरोप भी लगाया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूर्व मंत्री सहित 5 पर धोखाधड़ी का मामला</strong><br />पूर्व मंत्री रामलाल जाट सहित 5 अन्य लोगों के खिलाफ 17 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था. माइनिंग कारोबारी ने अपनी शिकायत में लिखा था कि 50 फीसदी शेयर मंत्री के परिजनों के नाम करने के बदले 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था. लेकिन, डॉक्यूमेंट पर नाम कराने के बाद रुपये नहीं दिए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में मंगलवार (4 फरवरी) को जोधपुर हाईकोर्ट के जज फरजंद अली ने कांग्रेस नेता रामलाल जाट के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए. मामले की जांच सीबीआई के हाथों में सौंपे जाने का मतलब है कि अब केंद्रीय एजेंसी इसकी जांच-पड़ताल करेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केस डायरी सीबीआई को सौंपने को कहा</strong><br />सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट में पीड़ित माइनिंग कारोबारी परमेश्वर जोशी ने पूर्व राजस्व मंत्री राम लाल जाट के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई और जांच को प्रभावित करने में प्रभावी लोगों के शामिल होने के चलते निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस डायरी समेत अन्य डॉक्युमेंट्स DGP कार्यालय से लेकर निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं. वहीं DSG मुकेश राजपुरोहित को इस आदेश को सीबीआई अधिकारियों को जानकारी देने के लिए कहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये है पूरा मामला</strong><br />पूर्व राजस्व मंत्री राम लाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ 5 करोड़ की धोखाधड़ी और डरा धमकाकर माइनिंग हड़पने का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर न्यायालय में याचिका दायर करा कर ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल पुत्र मन्नु गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी के नाम दर्ज कराया .</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं माइनिंग व्यवसायी राजसमंद के गढ़बोर निवासी परमेश्वर पुत्र रामलाल जोशी ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया था कि वह करेड़ा के रघुनाथपुरा में मैसर्स अरावली ग्रेनि मार्मो प्रा.लि नाम से ग्रेनाइट मांइस का काम करता है. माइंस में वह डायरेक्टर और शेयर होल्डर है. कंपनी का रजिस्ट्रेशन श्याम सुंदर गोयल और चंद्रकांत शुक्ला के नाम से है. जिस समय कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ था, उस समय परमेश्वर श्याम सुंदर और चंद्रकांत से 10 करोड़ रुपये मांगता था. इसके चलते इन दोनों ने माइंस के 50 प्रतिशत शेयर परमेश्वर और उसकी पत्नी भव्या जोशी के नाम पर कर दिए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं आरोप है कि बाकी के 50 प्रतिशत शेयर का सौदा श्याम सुंदर और चंद्रकांत ने पूर्व मंत्री रामलाल जाट से कर दिया. राम लाल जाट ने माइंस के शेयर अपने रिश्तेदार मोना चौधरी और सुरेश जाट के नाम पर करवा दिए. इन शेयर के पैसे पूर्व मंत्री राम लाल जाट को 5 करोड़ रुपये परमेश्वर, श्याम सुंदर और चंद्रकांत को देने थे. परमेश्वर जोशी ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री जाट ने अपने रिश्तेदारों के नाम शेयर के कागज ट्रांसफर होते ही 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था. इसके बाद 50 प्रतिशत शेयर मोना और सुरेश जाट के नाम ट्रांसफर हो गया, लेकिन मंत्री ने 5 करोड़ रुपये देने से साफ मना कर दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाई कोर्ट के आदेश पर हुआ था मामला दर्ज</strong><br />जिस पर मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा. हाईकोर्ट ने संज्ञेय अपराध मानते हुए अधीनस्थ अदालत को निर्देश दिया कि परिवादी परमेश्वर जोशी की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज करें. इसकी पालना में मांडल कोर्ट ने करेड़ा पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इस पर पुलिस ने न्यायालय के आदेश की पालना करते हुए राजस्व मंत्री रामलाल जाट, महावीर जाट, सूरज जाट के साथ ही पूरणमल गुर्जर, महिपाल व अन्यों के खिलाफ मुकदमा संख्या 211/2023 धारा 406, 420, 384, 379 और 120 बी में दर्ज किया है. इसकी जांच थाना प्रभारी सुनील बेड़ा के जिम्मे हुई, लेकिन मंत्री के खिलाफ मामला होने से अग्रिम जांच सीआईडी सीबी ने की थी </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था मंत्री जाट ने </strong><br />प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ 5 करोड़ रुपये की धोका धडी करने का मामला 14 दिसंबर को दर्ज हुआ था, जिसको लेकर 5 करोड़ की धोखाधड़ी के केस में गिरफ्तारी का डर सताने लगा. इससे बचने के लिए मंत्री जाट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी . इस मामले में पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था. राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर मंत्री ने 5 करोड़ रुपये देने के बदले अपने रिश्तेदार और परिवारजन के नाम करवाए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाने में 17 सितंबर को मांडल (भीलवाड़ा) कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थाना प्रभारी ओम प्रकाश गोरा ने FIR दर्ज की थी. रिपोर्ट में ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल पुत्र मन्नु गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी के नाम दर्ज हैं . जिसके खिलाफ पूर्व मंत्री राम लाल जाट ने एफआईआर 211 के खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की है. उन्होंने सेक्शन 482 सीआर पीसी (204) के तहत उन पर दर्ज एफआईआर को खारिज करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की थी .</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीआईडी सीबी ने दी थी जाट को 1069 पेज की रिपोर्ट पेश कर क्लीन चिट</strong> <br />मामला राजस्व मंत्री का होने के कारण पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी उदयपुर के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल स्वरुप मेवाड़ा के पास थी. तत्कालीन करेड़ा थाना प्रभारी सुनील बेड़ा ने बताया कि सीआईडी सीधी ने जांच पूरी कर ली थी. नतीजा रिपोर्ट मांडल कोर्ट में 1069 पेज की फाइल मांडल न्यायालय में पेश कर परमेश्वर जोशी द्वारा दर्ज करवाए गए मामले को सिविल यानी की लेने देन का बताते हुए जोशी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भीलवाड़ा से सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट.</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”सिरोही में खाकी का हाई वोल्टेज ड्रामा! थानाधिकारी और हेड कांस्टेबल की भिड़ंत, SP ने लिया एक्शन” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/sirohi-high-voltage-drama-sho-and-head-constable-suspended-over-clash-ann-2878122″ target=”_self”>सिरोही में खाकी का हाई वोल्टेज ड्रामा! थानाधिकारी और हेड कांस्टेबल की भिड़ंत, SP ने लिया एक्शन</a></strong></p> राजस्थान अलीगढ़: रस्सी से बंधा सरकारी स्कूल का गेट गिरने से मासूम की मौत, अफसरों की दिखी लापरवाही