यूपी में कैदी की रिहाई के लिए राष्ट्रपति के नाम से मिला फर्जी आदेश, पुलिस ने दर्ज की FIR

यूपी में कैदी की रिहाई के लिए राष्ट्रपति के नाम से मिला फर्जी आदेश, पुलिस ने दर्ज की FIR

<p style=”text-align: justify;”><strong>Saharanpur News Today:</strong> उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां जिला कारागर जेल में बंद एक हत्या के आरोपी की रिहाई के लिए राष्ट्रपति के नाम से फर्जी आदेश भेजा गया है. इस मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, यह पूरा मामला सहारनपुर जिले के जिला कारागर का है. इस मामले में जनकपुरी थाना पुलिस ने राष्ट्रपति के नाम से जिला कारागार में बंद हत्या के एक आरोपी की रिहाई के लिए फर्जी आदेश भेजने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार (9 फरवरी) को यह जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच में हुआ फर्जी खुलासा</strong><br />राष्ट्रपति के नाम से जिला कारागार में एक विचाराधीन कैदी की रिहाई का आदेश पहुंचते ही खलबली मच गयी. वरिष्ठ जेल अधीक्षक को संदेह हुआ तो उन्होंने मामले की जांच कराई जिससे पता चला कि यह आदेश फर्जी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वरिष्ठ जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश ने मीडिया को बताया कि जिला कारागार में अजय नाम का एक व्यक्ति हत्या के एक मामले में बंद है और इसका मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में विचाराधीन है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच जिला कारागार प्रशासन को एक पत्र राष्ट्रपति कोर्ट के नाम से प्राप्त हुआ, जिसमें हत्या के आरोपी अजय की रिहाई का आदेश था. उन्होंने बताया कि जिला कारागार प्रशासन को संदेह हुआ और जब मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि राष्ट्रपति की कोई कोर्ट नहीं होती.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने क्या कहा?</strong><br />घटना के संबंध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश ने आगे बताया कि किसी ने फर्जी रिहाई आदेश बनाकर गुमराह करने का प्रयास किया है. सत्यप्रकाश ने बताया कि मामला गंभीर होने पर इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को भी दी गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वरिष्ठ जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश ने बताया कि इस मामले में संबंधित धाराओं में शुक्रवार को जनकपुरी थाने में अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में संतों ने शास्त्र के साथ दिखाई की शस्त्र शक्ति, विदाई से पहले हो रहा दंगल का आयोजन” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-2025-dangal-between-saint-before-farewell-ann-2880611″ target=”_blank” rel=”noopener”>Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में संतों ने शास्त्र के साथ दिखाई की शस्त्र शक्ति, विदाई से पहले हो रहा दंगल का आयोजन</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Saharanpur News Today:</strong> उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां जिला कारागर जेल में बंद एक हत्या के आरोपी की रिहाई के लिए राष्ट्रपति के नाम से फर्जी आदेश भेजा गया है. इस मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, यह पूरा मामला सहारनपुर जिले के जिला कारागर का है. इस मामले में जनकपुरी थाना पुलिस ने राष्ट्रपति के नाम से जिला कारागार में बंद हत्या के एक आरोपी की रिहाई के लिए फर्जी आदेश भेजने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार (9 फरवरी) को यह जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच में हुआ फर्जी खुलासा</strong><br />राष्ट्रपति के नाम से जिला कारागार में एक विचाराधीन कैदी की रिहाई का आदेश पहुंचते ही खलबली मच गयी. वरिष्ठ जेल अधीक्षक को संदेह हुआ तो उन्होंने मामले की जांच कराई जिससे पता चला कि यह आदेश फर्जी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वरिष्ठ जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश ने मीडिया को बताया कि जिला कारागार में अजय नाम का एक व्यक्ति हत्या के एक मामले में बंद है और इसका मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में विचाराधीन है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच जिला कारागार प्रशासन को एक पत्र राष्ट्रपति कोर्ट के नाम से प्राप्त हुआ, जिसमें हत्या के आरोपी अजय की रिहाई का आदेश था. उन्होंने बताया कि जिला कारागार प्रशासन को संदेह हुआ और जब मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि राष्ट्रपति की कोई कोर्ट नहीं होती.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने क्या कहा?</strong><br />घटना के संबंध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश ने आगे बताया कि किसी ने फर्जी रिहाई आदेश बनाकर गुमराह करने का प्रयास किया है. सत्यप्रकाश ने बताया कि मामला गंभीर होने पर इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को भी दी गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वरिष्ठ जेल अधीक्षक सत्यप्रकाश ने बताया कि इस मामले में संबंधित धाराओं में शुक्रवार को जनकपुरी थाने में अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है.</p>
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