हरियाणा के यमुनानगर जिले के सिविल अस्पताल में एक गंभीर हादसा सामने आया, जहां अस्पताल की बिल्डिंग नंबर एक की दीवार से टाइलें गिरने से एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना में तीन मोटरसाइकिलें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। सूचना पर अस्पताल अधिकारी मौके पर पहुंचे। पति का इलाज करवाने आई थी जगाधरी की द्वारकापुरी के मीनू अपने पति मांगेराम के साथ घुटने के इलाज के लिए अस्पताल आई थी। तेज हवा के कारण बिल्डिंग की दीवार से टाइलों का झुंड अचानक टूटकर गिर गया, जो सीधे मीनू के सिर पर जा गिरा। हादसे में मीनू का सिर फट गया और वह लहूलुहान हो गई। उन्हें तत्काल अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। परिवार सदस्य बाइक से थे दूर घटनास्थल पर खड़ी तीन अन्य मोटरसाइकिलें भी टाइलों की चपेट में आ गईं, जिनकी टंकी और अन्य हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए। पीड़ित सूरज कुमार ने बताया कि वह भी अपने परिवार के साथ अस्पताल आया था और उनकी मोटरसाइकिल को भारी नुकसान पहुंचा है। सौभाग्य से वह और उनके परिवार के सदस्य बाइक से दूर खड़े थे, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। पहले भी हो चुके हादसे स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह घटना अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाती है, जिससे मरीजों की सुरक्षा खतरे में है। हरियाणा के यमुनानगर जिले के सिविल अस्पताल में एक गंभीर हादसा सामने आया, जहां अस्पताल की बिल्डिंग नंबर एक की दीवार से टाइलें गिरने से एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना में तीन मोटरसाइकिलें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। सूचना पर अस्पताल अधिकारी मौके पर पहुंचे। पति का इलाज करवाने आई थी जगाधरी की द्वारकापुरी के मीनू अपने पति मांगेराम के साथ घुटने के इलाज के लिए अस्पताल आई थी। तेज हवा के कारण बिल्डिंग की दीवार से टाइलों का झुंड अचानक टूटकर गिर गया, जो सीधे मीनू के सिर पर जा गिरा। हादसे में मीनू का सिर फट गया और वह लहूलुहान हो गई। उन्हें तत्काल अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। परिवार सदस्य बाइक से थे दूर घटनास्थल पर खड़ी तीन अन्य मोटरसाइकिलें भी टाइलों की चपेट में आ गईं, जिनकी टंकी और अन्य हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए। पीड़ित सूरज कुमार ने बताया कि वह भी अपने परिवार के साथ अस्पताल आया था और उनकी मोटरसाइकिल को भारी नुकसान पहुंचा है। सौभाग्य से वह और उनके परिवार के सदस्य बाइक से दूर खड़े थे, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। पहले भी हो चुके हादसे स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह घटना अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाती है, जिससे मरीजों की सुरक्षा खतरे में है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में मां ने बच्चे को नहर में फेंका:बेटा लकवाग्रस्त-अंधा है, चायवाले ने महिला को पकड़ा, पति बोला- पैर फिसला, मानसिक रूप से बीमार
हरियाणा में मां ने बच्चे को नहर में फेंका:बेटा लकवाग्रस्त-अंधा है, चायवाले ने महिला को पकड़ा, पति बोला- पैर फिसला, मानसिक रूप से बीमार हरियाणा के पानीपत में मां ने अपने बच्चे को नहर में फेंक दिया। महिला पहले बच्चे को गोद में लेकर नहर के किनारे पहुंची। वह कुछ देर रुकी, इसके बाद उसने बच्चे को पानी में फेंक दिया। यह सब होते देख वहां मौजूद एक चाय वाले ने महिला को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। महिला का नाम पूजा बताया जा रहा है। महिला का बेटा लकवाग्रस्त और अंधा है। महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी का पैर फिसल गया था, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। पुलिस ने मां को अपनी हिरासत में ले लिया है। साथ ही नहर में बच्चे की तलाश शुरू कर दी है। महिला की मानसिक हालत खराब
जानकारी के अनुसार, मामला गांव गढ़ी सिकंदरपुर स्थित नहर का है। जहां पूजा नाम की महिला ने इस वारदात को अंजाम दिया है। वह मूल रूप से गांव काबड़ी की रहने वाली है। पूजा की शादी करीब 5-6 साल पहले सोनू निवासी मतलौडा से हुई थी। परिवार वालों के अनुसार, पूजा की मानसिक हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है। उसका काबड़ी स्थित एक निजी अस्पताल में दिमागी बीमारी का इलाज चल रहा है। करीब डेढ़ साल पहले वह मां बनी थी। उसने एक बेटे को जन्म दिया था। सुबह 10 बजे घर से निकली थी महिला
पूजा पिछले कुछ दिनों से अपने मायके में थी। वह यहां अपनी दवाई लेने आई थी। रविवार सुबह करीब 10 बजे वह अपने बेटे को गोद में लेकर घर से निकली। घरवालों को उसके जाने की जानकारी नहीं थी। वह सीधे गांव सिकंदरपुर के पास से गुजर रही नहर के किनारे पहुंची। वहां पहुंचते ही उसने अपने बच्चे को नहर में फेंक दिया। पति ने पुलिस को दिए ये बयान गांव धर्मगढ़ निवासी पति सोनू ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी पूजा काफी समय से मानसिक रूप से परेशान चल रही है। बेटा लकवाग्रस्त और अंधा
पुलिस को पति ने बताया कि 18 अगस्त को सुबह 7 बजे वह गांव गढ़ी सिकंदरपुर निवासी बिमला से मिलने नहर की पटरी के किनारे जा रही थी। अचानक उसकी पत्नी पूजा का पैर फिसल गया। जिससे उसका बेटा अंकुश नहर में गिर गया। तब से वह पानी में लापता है। सोनू ने बताया कि उसका बेटा लकवाग्रस्त और अंधा है। उसकी उम्र साढ़े 3 साल है।
दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा सीट जीतना BJP के लिए मुश्किल:भाजपा के पास विपक्ष से कम विधायक; JJP-इनेलो से सपोर्ट मिला तो फिर कांग्रेस जीतेगी
दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा सीट जीतना BJP के लिए मुश्किल:भाजपा के पास विपक्ष से कम विधायक; JJP-इनेलो से सपोर्ट मिला तो फिर कांग्रेस जीतेगी हरियाणा में रोहतक सीट से दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सांसद बनते ही राज्यसभा की सीट खाली हो गई है। अब इलेक्शन कमीशन जल्द ही (ECI) इस सीट पर चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगा। सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर ही चुनाव कराने जरूरी होते हैं। हरियाणा में साल के लास्ट में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए आयोग उससे पहले ही इस सीट पर चुनाव कराएगा। राज्यसभा की सीट खाली होते ही भाजपा और कांग्रेस ने अपना-अपना दावा पेश करना शुरू कर दिया है। मौजूदा दलीय स्थिति को देखते हुए भाजपा इस सीट की प्रबल दावेदार मानी जा रही है, लेकिन यदि JJP-इनेलो का कांग्रेस को साथ मिल जाता है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसलिए सांसद बनते ही रिक्त हो गई सीट
कानूनी विश्लेषक हेमंत का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे। 2026 तक था दीपेंद्र का कार्यकाल
दीपेंद्र सिंह का राज्यसभा कार्यकाल अप्रैल 2020 से अप्रैल 2026 तक था। इसलिए उनके रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद उनकी राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है। आगामी कुछ सप्ताह में भारतीय निर्वाचन आयोग देश के विभिन्न राज्यों में रिक्त हुई उन सभी राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव कराएगा, जहां-जहां से मौजूदा राज्यसभा सांसद लोकसभा चुनाव जीते हैं। अब पढ़िए भाजपा के मजबूत दावे की 3 वजहें… अभी सत्ता में भाजपा
भाजपा का दावा मजबूत होने की पहली वजह यह है कि वह अभी सत्ता में है। इसके साथ ही विधानसभा में 41 विधायकों के साथ सबसे बड़ा दल भी है। हलोपा और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन मिलने के बाद अभी भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन है। जजपा के बागी भी साथ
भाजपा का राज्यसभा सीट पर दावा मजबूत होने की दूसरी बड़ी वजह यह है कि जजपा के बागी विधायकों का भी उन्हें साथ है। जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ऐसे हैं, जो खुलेआम लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन कर चुके हैं। इसके अलावा तीन और जजपा के बागी विधायक राम कुमार गौतम, देवेंद्र बबली और ईश्वर सिंह भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं। अभी जजपा के पास 10 विधायक हैं। सेंधमारी कर सकती है भाजपा
दूसरे दलों में बीजेपी सेंधमारी कर सकती है। अभी सूबे में भाजपा सत्ता में है। दूसरे दलों के कई विधायक सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के संपर्क में हैं। ऐसे में राज्यसभा सांसद के लिए होने वाली वोटिंग में भाजपा कैंडिडेट को फायदा मिल सकता है। कांग्रेस का दावा मजबूत होने की सिर्फ एक यही वजह
भाजपा के मुकाबले इस सीट पर कांग्रेस के मजबूत दावे की सिर्फ एक ही वजह है। वह यह है कि कांग्रेस को जजपा और INLD के साथ निर्दलीय विधायकों का साथ मिल जाए। अभी कांग्रेस के पास 29 विधायक ( वरुण चौधरी के लोकसभा सांसद बनने के बाद) हैं। जबकि अन्य विपक्षी दलों में जजपा के 10, 4 निर्दलीय और एक इनेलो के एक अभय चौटाला हैं। कुल मिलाकर विधानसभा में विपक्ष के पास 44 विधायक हैं, जो अभी भाजपा से एक ज्यादा है।
सिर में वजनदार चीज मार की साधु की हत्या:पोस्टमॉर्टम में खुलासा; शरीर पर मिली एक चोट; तीन दिन पहले मिला था शव
सिर में वजनदार चीज मार की साधु की हत्या:पोस्टमॉर्टम में खुलासा; शरीर पर मिली एक चोट; तीन दिन पहले मिला था शव कुरुक्षेत्र में तीन दिन पहले ब्रह्मसरोवर से बरामद साधु के शव का पुलिस ने शनिवार को पोस्टमॉर्टम कराया। दो डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम में साधु की हत्या का खुलासा हुआ। किसी वजनदार चीज से साधु पर हमला किया गया था। पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने संस्था के मिलकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बताते चलें कि थाना केयूके पुलिस को बुधवार सुबह ब्रह्मसरोवर के दक्षिणी किनारे द्रौपदी घाट से करीब 60 वर्षीय साधु का शव बरामद हुआ था। उसके माथे पर चोट का गहरा घाव था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसकी पहचान करने का प्रयास किया था, मगर पहचान उजागर नहीं होने पर पुलिस ने शव को 72 घंटे के लिए LNJP अस्पताल की मॉर्च्युरी में रख दिया था। युवकों ने किया था हमला मृतक का नाम हनुमान दास बताया जा रहा है, मगर पुलिस को उसकी पहचान से संबंधित कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला। साधु के पास से भी उसकी पहचान को उजागर करने वाला कोई दस्तावेज बरामद नहीं हुआ। ब्रह्मसरोवर के शौचालय पर तैनात कर्मी ने दावा किया था कि बुधवार तड़के 4 बजे उसके पास आए साधु ने कुछ युवकों द्वारा उसके और उसके साथी पर जानलेवा हमला करने की बात कही गई थी। इसके बाद कर्मी ने द्रोपदी घाट पर जाकर देखा ताे वहां एक साधु का शव पड़ा था, जिसकी सूचना उसने पुलिस को दी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। हालांकि अभी तक पुलिस मृतक साधु की पहचान और हत्यारों का सुराग नहीं लगा पाई है। बुधवार 12 से 5 बजे के बीच हुई मौत फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. गौरव कौशिक ने बताया कि साधु की हत्या किसी वजनदार हथियार की गई है। उसके शरीर पर केवल एक ही चोट लगी हुई थी। माथे पर गहरी चोट लगने से साधु ने दम तोड़ दिया। साधु की मौत बुधवार रात 12 बजे से 5 बजे के बीच हुई है।