हरियाणा के सोनीपत में एक करोड़ का बीमा हड़पने के लिए एजेंट ने जिंदा युवक को मरा दिखा दिया। उसने कहा कि बुखार से युवक की अस्पताल में मौत हुई। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार भी सोनीपत के श्मशान घाट में किया गया। इसके बाद उसने LIC से क्लेम मांग लिया। जिसमें युवक को दिल्ली कैंट का निवासी और अपना भाई बताया। हालांकि इस फ्रॉड में युवक का ओरिजनल आधार कार्ड इस्तेमाल करने से वह फंस गया। जब इसकी वेरिफिकेशन हुई तो कंपनी प्रतिनिधि को दिल्ली कैंट में मरने वाले युवक के बारे में कुछ पता नहीं चला। इसके बाद आधार कार्ड नंबर से युवक का एड्रेस निकलवा प्रतिनिधि सोनीपत पहुंचा तो युवक जिंदा मिला। जिसके बाद युवक ने भी पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। जिंदा युवक का डेथ सर्टिफिकेट कैसे हुआ पूरे फ्रॉड का खुलासा, सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए धर्मबीर ने बेटी की शादी प्रवीन के पड़ोस में की
प्रवीन सोनीपत के ठरू गांव के रहने वाला है। उसके पिता मजदूरी करते हैं। मां का पहले निधन हो चुका है। उसकी अभी शादी नहीं हुई। प्रवीन सोनीपत में एक बिजली की दुकान में काम करता है। वहीं फ्रॉड करने वाला धर्मबीर सोनीपत के मयूर विहार का रहने वाला है। कुछ समय पहले धर्मबीर ने अपनी बेटी की शादी ठरू गांव में प्रवीन के पड़ोस में की थी। एक साल पहले तैयारी शुरू की, 10 महीने खुद किस्तें भरीं
धर्मबीर ने प्रवीन के नाम पर एक करोड़ का बीमा हड़पने की साजिश एक साल पहले शुरू की। उसने प्रवीन का ओरिजनल आधार कार्ड इस्तेमाल किया। फिर उसके नाम पर सोनीपत की दिल्ली रोड पर एक बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद उसके नाम पर एक करोड़ की पॉलिसी करा दी। जिसकी मासिक किस्त 60 हजार थी। करीब 10 महीने तक धर्मबीर ने ही प्रवीन के नाम वाले बीमा पॉलिसी की 6 लाख की किस्त भरी। फिर अस्पताल में भर्ती करा बुखार से मौत दिखाई
10 महीने किश्त भरने के बाद धर्मबीर ने उसकी मौत की साजिश रचनी शुरू की। उसने सबसे पहले प्रवीन को निजी अस्पताल में भर्ती दिखाया। इसके बाद वहां से कागजात तैयार कराए कि प्रवीन की बुखार से मौत हो गई है। इसके बाद उसने LIC को एप्लीकेशन दी। जिसमें उसने कहा कि वह और उसकी पत्नी आर्मी में जॉब करते हैं। उसे फोन पर अपने भाई प्रवीन की मौत की सूचना मिली। श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की पर्ची तक लगाई
उसने आगे बताया कि 10 अक्टूबर 2024 को उसने सोनीपत के इंडस्ट्री एरिया स्थित श्मशान घाट में अपने भाई प्रवीन का अंतिम संस्कार किया। इसके लिए उसने सबूत के तौर पर पर्ची भी लगाई। जिसमें उसने दावा किया कि संस्कार के लिए उसने 200 रुपए की पर्ची भी कटाई। इसके बाद उसने डेथ सर्टिफिकेट और दूसरे दस्तावेज भी लगा दिए। जिसके आधार पर एक करोड़ का क्लेम मांग लिया। पर्ची फर्जी निकली, उस दिन कोई संस्कार ही नहीं हुआ था
इस मामले में जब इंडस्ट्री एरिया के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कराने वाले सोनीपत के गांव लहराडा के बलवीर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 10 अक्टूबर 2024 को तो किसी का संस्कार ही नहीं हुआ। उस दिन यहां कोई शव भी नहीं आया था। उन्हें पर्ची दिखाई गई तो उन्होंने इसे फर्जी करार दे दिया। असली और नकली आधार कार्ड बीमा कंपनी के आगे कैसे हुआ खुलासा?
जब धर्मबीर ने LIC से क्लेम मांगा तो तय प्रक्रिया के हिसाब से प्रवीन की मौत की वैरिफिकेशन के लिए प्रतिनिधि को भेजा गया। धर्मबीर ने क्लेम एप्लीकेशन में दिल्ली कैंट का एड्रेस दिया था। जब प्रतिनिधि वहां पहुंचा तो पता चला कि एप्लीकेशन में बताए पते पर कोई प्रवीन नाम का व्यक्ति नहीं रहता। इसके बाद उन्होंने प्रवीन के आधार कार्ड के नंबर से उसका एड्रेस निकलवाया। जो सोनीपत के ठरू गांव का निकला। जब वह यहां पहुंचा तो प्रवीन ने कहा कि मैं तो जिंदा हूं। मैंने कोई पॉलिसी भी नहीं कराई। इसके बाद LIC प्रतिनिधि ने सारे फर्जी डॉक्यूमेंट्स उसे दिए और क्लेम का केस भी खारिज कर दिया। प्रवीन ने अब ये सारे डॉक्यूमेंट समेत पुलिस को शिकायत कर दी। प्रवीन को यह भी समझ नहीं आ रहा कि धर्मबीर के पास उसका ओरिजनल आधार कार्ड कैसे पहुंचा? DCP नरेंद्र सिंह ने बताया कि समाधान शिविर में यह शिकायत मिली थी। मामले को लेकर ACP क्राइम को जांच सौंपी गई है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के सोनीपत में एक करोड़ का बीमा हड़पने के लिए एजेंट ने जिंदा युवक को मरा दिखा दिया। उसने कहा कि बुखार से युवक की अस्पताल में मौत हुई। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार भी सोनीपत के श्मशान घाट में किया गया। इसके बाद उसने LIC से क्लेम मांग लिया। जिसमें युवक को दिल्ली कैंट का निवासी और अपना भाई बताया। हालांकि इस फ्रॉड में युवक का ओरिजनल आधार कार्ड इस्तेमाल करने से वह फंस गया। जब इसकी वेरिफिकेशन हुई तो कंपनी प्रतिनिधि को दिल्ली कैंट में मरने वाले युवक के बारे में कुछ पता नहीं चला। इसके बाद आधार कार्ड नंबर से युवक का एड्रेस निकलवा प्रतिनिधि सोनीपत पहुंचा तो युवक जिंदा मिला। जिसके बाद युवक ने भी पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। जिंदा युवक का डेथ सर्टिफिकेट कैसे हुआ पूरे फ्रॉड का खुलासा, सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए धर्मबीर ने बेटी की शादी प्रवीन के पड़ोस में की
प्रवीन सोनीपत के ठरू गांव के रहने वाला है। उसके पिता मजदूरी करते हैं। मां का पहले निधन हो चुका है। उसकी अभी शादी नहीं हुई। प्रवीन सोनीपत में एक बिजली की दुकान में काम करता है। वहीं फ्रॉड करने वाला धर्मबीर सोनीपत के मयूर विहार का रहने वाला है। कुछ समय पहले धर्मबीर ने अपनी बेटी की शादी ठरू गांव में प्रवीन के पड़ोस में की थी। एक साल पहले तैयारी शुरू की, 10 महीने खुद किस्तें भरीं
धर्मबीर ने प्रवीन के नाम पर एक करोड़ का बीमा हड़पने की साजिश एक साल पहले शुरू की। उसने प्रवीन का ओरिजनल आधार कार्ड इस्तेमाल किया। फिर उसके नाम पर सोनीपत की दिल्ली रोड पर एक बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद उसके नाम पर एक करोड़ की पॉलिसी करा दी। जिसकी मासिक किस्त 60 हजार थी। करीब 10 महीने तक धर्मबीर ने ही प्रवीन के नाम वाले बीमा पॉलिसी की 6 लाख की किस्त भरी। फिर अस्पताल में भर्ती करा बुखार से मौत दिखाई
10 महीने किश्त भरने के बाद धर्मबीर ने उसकी मौत की साजिश रचनी शुरू की। उसने सबसे पहले प्रवीन को निजी अस्पताल में भर्ती दिखाया। इसके बाद वहां से कागजात तैयार कराए कि प्रवीन की बुखार से मौत हो गई है। इसके बाद उसने LIC को एप्लीकेशन दी। जिसमें उसने कहा कि वह और उसकी पत्नी आर्मी में जॉब करते हैं। उसे फोन पर अपने भाई प्रवीन की मौत की सूचना मिली। श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की पर्ची तक लगाई
उसने आगे बताया कि 10 अक्टूबर 2024 को उसने सोनीपत के इंडस्ट्री एरिया स्थित श्मशान घाट में अपने भाई प्रवीन का अंतिम संस्कार किया। इसके लिए उसने सबूत के तौर पर पर्ची भी लगाई। जिसमें उसने दावा किया कि संस्कार के लिए उसने 200 रुपए की पर्ची भी कटाई। इसके बाद उसने डेथ सर्टिफिकेट और दूसरे दस्तावेज भी लगा दिए। जिसके आधार पर एक करोड़ का क्लेम मांग लिया। पर्ची फर्जी निकली, उस दिन कोई संस्कार ही नहीं हुआ था
इस मामले में जब इंडस्ट्री एरिया के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कराने वाले सोनीपत के गांव लहराडा के बलवीर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 10 अक्टूबर 2024 को तो किसी का संस्कार ही नहीं हुआ। उस दिन यहां कोई शव भी नहीं आया था। उन्हें पर्ची दिखाई गई तो उन्होंने इसे फर्जी करार दे दिया। असली और नकली आधार कार्ड बीमा कंपनी के आगे कैसे हुआ खुलासा?
जब धर्मबीर ने LIC से क्लेम मांगा तो तय प्रक्रिया के हिसाब से प्रवीन की मौत की वैरिफिकेशन के लिए प्रतिनिधि को भेजा गया। धर्मबीर ने क्लेम एप्लीकेशन में दिल्ली कैंट का एड्रेस दिया था। जब प्रतिनिधि वहां पहुंचा तो पता चला कि एप्लीकेशन में बताए पते पर कोई प्रवीन नाम का व्यक्ति नहीं रहता। इसके बाद उन्होंने प्रवीन के आधार कार्ड के नंबर से उसका एड्रेस निकलवाया। जो सोनीपत के ठरू गांव का निकला। जब वह यहां पहुंचा तो प्रवीन ने कहा कि मैं तो जिंदा हूं। मैंने कोई पॉलिसी भी नहीं कराई। इसके बाद LIC प्रतिनिधि ने सारे फर्जी डॉक्यूमेंट्स उसे दिए और क्लेम का केस भी खारिज कर दिया। प्रवीन ने अब ये सारे डॉक्यूमेंट समेत पुलिस को शिकायत कर दी। प्रवीन को यह भी समझ नहीं आ रहा कि धर्मबीर के पास उसका ओरिजनल आधार कार्ड कैसे पहुंचा? DCP नरेंद्र सिंह ने बताया कि समाधान शिविर में यह शिकायत मिली थी। मामले को लेकर ACP क्राइम को जांच सौंपी गई है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर