भास्कर न्यूज| लुधियाना अगर आप दिनभर की भागदौड़ में थकान, तनाव और मानसिक दबाव महसूस करते हैं, तो इसका कारण आपकी सुबह की दिनचर्या हो सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सुबह 10 बजे से पहले कुछ आदतें अपनाने से न सिर्फ दिनभर की टेंशन कम होती है, बल्कि शरीर भी ज्यादा ऊर्जावान बना रहता है। सही सुबह की शुरुआत से न केवल फिजिकल हेल्थ बेहतर होती है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। अगर सुबह की आदतों में थोड़ा बदलाव किया जाए, तो न सिर्फ दिनभर की टेंशन कम की जा सकती है, बल्कि शरीर और दिमाग दोनों को ज्यादा एनर्जी और शांति मिल सकती है। इसलिए सुबह 10 बजे से पहले सही रूटीन अपनाकर दिन को बेहतर बनाया जा सकता है। सूरज की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी न सिर्फ मूड को बेहतर बनाता है, बल्कि शरीर की एनर्जी को भी बढ़ाता है। सुबह 7 से 9 बजे के बीच सूरज की हल्की रोशनी में बैठने से शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक सही तरीके से काम करता है और नींद बेहतर होती है। जो लोग देर से उठते हैं, उनमें सुस्ती और लो एनर्जी की समस्या अधिक देखी जाती है। जो लोग सुबह टहलने या हल्की एक्सरसाइज करने की आदत डालते हैं, वे दिनभर ज्यादा एक्टिव और फोकस्ड रहते हैं। सुबह की कसरत मेटाबॉलिज्म को तेज करती है, जिससे शरीर में सुस्ती नहीं रहती और पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है। वहीं, ध्यान (मेडिटेशन) करने से मानसिक तनाव कम होता है और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। सुबह का नाश्ता दिनभर की ऊर्जा बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर नाश्ता करने से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है और अनहेल्दी स्नैकिंग से बचा जा सकता है। सुबह-सुबह चाय या कॉफी पीने से पहले एक गिलास गर्म पानी या डिटॉक्स ड्रिंक लेना पाचन के लिए फायदेमंद होता है। भास्कर न्यूज| लुधियाना अगर आप दिनभर की भागदौड़ में थकान, तनाव और मानसिक दबाव महसूस करते हैं, तो इसका कारण आपकी सुबह की दिनचर्या हो सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सुबह 10 बजे से पहले कुछ आदतें अपनाने से न सिर्फ दिनभर की टेंशन कम होती है, बल्कि शरीर भी ज्यादा ऊर्जावान बना रहता है। सही सुबह की शुरुआत से न केवल फिजिकल हेल्थ बेहतर होती है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। अगर सुबह की आदतों में थोड़ा बदलाव किया जाए, तो न सिर्फ दिनभर की टेंशन कम की जा सकती है, बल्कि शरीर और दिमाग दोनों को ज्यादा एनर्जी और शांति मिल सकती है। इसलिए सुबह 10 बजे से पहले सही रूटीन अपनाकर दिन को बेहतर बनाया जा सकता है। सूरज की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी न सिर्फ मूड को बेहतर बनाता है, बल्कि शरीर की एनर्जी को भी बढ़ाता है। सुबह 7 से 9 बजे के बीच सूरज की हल्की रोशनी में बैठने से शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक सही तरीके से काम करता है और नींद बेहतर होती है। जो लोग देर से उठते हैं, उनमें सुस्ती और लो एनर्जी की समस्या अधिक देखी जाती है। जो लोग सुबह टहलने या हल्की एक्सरसाइज करने की आदत डालते हैं, वे दिनभर ज्यादा एक्टिव और फोकस्ड रहते हैं। सुबह की कसरत मेटाबॉलिज्म को तेज करती है, जिससे शरीर में सुस्ती नहीं रहती और पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है। वहीं, ध्यान (मेडिटेशन) करने से मानसिक तनाव कम होता है और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। सुबह का नाश्ता दिनभर की ऊर्जा बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर नाश्ता करने से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है और अनहेल्दी स्नैकिंग से बचा जा सकता है। सुबह-सुबह चाय या कॉफी पीने से पहले एक गिलास गर्म पानी या डिटॉक्स ड्रिंक लेना पाचन के लिए फायदेमंद होता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में सिलाई कारीगर की मौत:सरिए से लटकता मिला शव,मां बोली-शादीशुदा महिला के साथ मोबाइल से मिली तस्वीरें
लुधियाना में सिलाई कारीगर की मौत:सरिए से लटकता मिला शव,मां बोली-शादीशुदा महिला के साथ मोबाइल से मिली तस्वीरें पंजाब के लुधियाना में आज संदिग्ध परिस्थितियों में सिलाई कारीगर की मौत हो गई। मृतक ने सरिए के साथ फंदा लगाकर जान दे दी। मामला संदिग्ध है। मरने वाले युवक के मोबाइल से एक महिला के साथ उसकी तस्वीरें मिली है। महिला के साथ उसका क्या संबंध है इस संबंधी भी पुलिस जांच कर रही है। मरने वाले का नाम हरजिंदर पाल सिंह है। सरिए के साथ झूलता मिला शव जानकारी देते हुए मृतक हरजिंदर पाल की मां मंजू ने कहा कि वह भट्टिया कालोनी की रहने वाली है। उसके दो बेटे है। हरजिंदरपाल सिलाई का काम करता था। मंजू ने कहा कि वह रोजाना की तरह सुबह बेटे को चाय पिला कर गई थी। शाम को जब काम से वापस आई तो उसने देखा कि कमरा खुला था। बेटा सरिए के साथ झूल रहा था। मंजू मुताबिक उसके तुरंत शोर मचाया। मृतक के मोबाइल से मिली शादीशुदा महिला के साथ तस्वीरें आस-पास के लोगों की मदद से पुलिस को सूचित किया। मंजू ने कहा कि उसके बेटे के मोबाइल से एक शादीशुदा महिला की उसके साथ तस्वीरें भी मिली है। उसे कुछ पता नहीं है कि जिस महिला के साथ उनके बेटे की तस्वीरें वह उसे जानती नहीं है। फिलहाल हरजिंदरपाल का शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। उधर, थाना सलेम टाबरी के ASI दविंदर सिंह मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।

पंजाब सरकार को हाईकोर्ट का आदेश:4 माह में आदर्श स्कूलों की समीक्षा करे, वेतन विसंगतियों पर निर्णय लें
पंजाब सरकार को हाईकोर्ट का आदेश:4 माह में आदर्श स्कूलों की समीक्षा करे, वेतन विसंगतियों पर निर्णय लें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को राज्य के आदर्श स्कूलों की व्यवस्था की समीक्षा कर उन्हें सरकार के अधीन करने और शिक्षकों को सरकारी स्कूलों के बराबर वेतन देने पर 4 माह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। यह आदेश 30 अलग-अलग याचिकाओं की एक साथ सुनवाई के दौरान दिया गया, जो कि लगभग 8 साल से लंबित थीं। इन याचिकाओं में वेतन विसंगतियों और शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश को चुनौती दी गई थी। आदर्श स्कूलों की संरचना पर उठे सवाल सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में बताया गया कि राज्य के आदर्श स्कूल पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाए जा रहे हैं, जहां निजी संस्थाएं या एनजीओ इनके प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाती हैं। इन स्कूलों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावी छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना था। हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा उठाया कि इन स्कूलों के शिक्षक सरकारी कर्मियों के समान वेतन से वंचित हैं और कई माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है। सरकारी स्कूलों के समान वेतन की मांग आदर्श स्कूल की शिक्षिका गुरप्रीत कौर और अन्य शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकारी स्कूलों के कर्मचारियों के समान वेतन की मांग की थी। उन्होंने इसके अलावा कुछ मामलों में शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश को भी चुनौती दी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के साथ भेदभाव हो रहा है और उन्हें सरकारी मानदंडों के अनुसार सुविधाएं नहीं दी जा रहीं। स्कूलों के प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता हाईकोर्ट ने पाया कि आदर्श स्कूलों की स्थापना के मूल उद्देश्य को पूर्ण करने में ये स्कूल विफल रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि पंजाब शिक्षा विकास बोर्ड के अधीन होने के बावजूद स्थानीय स्तर पर इन स्कूलों का प्रबंधन निजी सोसायटियों को दिया गया है, जो कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य को सही ढंग से पूरा नहीं कर पा रहे हैं। समीक्षा के लिए समिति गठित इस संदर्भ में, हाईकोर्ट ने पंजाब के शिक्षा सचिव को निर्देश दिया कि वे स्कूलों की योजना की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन करें। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस आदेश के अनुसार समिति का गठन कर लिया गया है और अब स्कूलों की संरचना, प्रबंधन और शिक्षकों की वेतन विसंगतियों पर विचार किया जा रहा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार को इन स्कूलों की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा कर 4 माह के भीतर निर्णय लेना होगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर शिक्षा और शिक्षकों को न्यायपूर्ण वेतन सुनिश्चित किया जा सके।

पंजाब में फिर हड़ताल पर जाएंगे डॉक्टर:PCMS पदाधिकारी बोले- सुरक्षा-प्रोमोशन पर सरकार के वादे अधूरे; 3 हफ्ते का समय मांगा था
पंजाब में फिर हड़ताल पर जाएंगे डॉक्टर:PCMS पदाधिकारी बोले- सुरक्षा-प्रोमोशन पर सरकार के वादे अधूरे; 3 हफ्ते का समय मांगा था पंजाब के सरकारी अस्पतालों की सेवाएं फिर प्रभावित हो सकती हैं। पीसीएमएस डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक बार फिर हड़ताल पर जाने की बात कही है। आरोप लगाया है कि पिछले साल हड़ताल खत्म करते समय राज्य सरकार ने जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अंत में उनके पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पिछले साल सितंबर में पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में मेडिकल अफसरों ने सुरक्षा और पदोन्नति से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर धरना दिया था। उस समय ओपीडी सेवाएं बंद होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। 14 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री पंजाब भवन में बैठक के बाद मीडिया के सामने आए और वादा किया कि तीन सप्ताह के भीतर उनकी मांगें पूरी कर दी जाएंगी। डॉक्टरों की एसोसिएशन ने आश्वासन के तहत धरना खत्म कर सेवाएं बहाल कर दी थीं। लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी सरकार ने उनकी दोनों मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इससे मेडिकल अफसरों में गहरा रोष है। कई विशेषज्ञ डॉक्टर सरकारी सेवाओं से इस्तीफा देकर अस्पताल छोड़ रहे हैं। 20 जनवरी 2025 से फिर धरने की चेतावनी एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार सुरक्षा और करियर प्रोग्रेस से जुड़े मुद्दों पर समझौते के मुताबिक समय रहते कदम नहीं उठाती है तो वे 20 जनवरी 2025 से ओपीडी सेवाएं बंद कर धरने पर बैठेंगे। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 12 जनवरी को जिला इकाइयों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। एसोसिएशन ने कहा कि वे जनता के हित में काम करने वाला संगठन हैं। अस्पतालों में सुरक्षा न सिर्फ डॉक्टरों के लिए बल्कि स्टाफ और मरीजों के लिए भी जरूरी है। सरकारी नीतियों पर सवाल डॉक्टरों का कहना है कि प्रमोशन न होने और पुरानी योजनाओं के बंद होने से अच्छे डॉक्टर सरकारी अस्पताल छोड़कर निजी अस्पतालों में जा रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ने 304 मेडिकल अफसरों को नियुक्ति पत्र दिए, लेकिन उनमें से एक तिहाई डॉक्टर नौकरी पर नहीं आए। इसका मुख्य कारण स्वास्थ्य विभाग में सुधार न होना और प्रमोशन के अवसर न मिलना है। डॉक्टरों की सरकार को चेतावनी डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि स्वास्थ्य मंत्री और सचिव वित्त विभाग से समय पर मंजूरी लेकर इस मुद्दे का समाधान करेंगे। अगर 20 जनवरी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में सामूहिक हड़ताल होगी।