मिल्कीपुर में अखिलेश बचा पाएंगे साख या योगी जीतेंगे:मतगणना आज, सुबह 9 बजे तक आएंगे रुझान, पूरे देश की नजर इस सीट पर

मिल्कीपुर में अखिलेश बचा पाएंगे साख या योगी जीतेंगे:मतगणना आज, सुबह 9 बजे तक आएंगे रुझान, पूरे देश की नजर इस सीट पर

अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट की मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी। यह मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच अयोध्या के राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) में होगी। उपचुनाव में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा? इसके रुझान सुबह 9 बजे से आने शुरू हो जाएंगे। अखिलेश यादव अपनी साख बचा पाएंगे या योगी की मेहनत रंग लाएगी, दोपहर 12 बजे तक साफ हो जाएगा। यूपी में अयोध्या की एकमात्र उपचुनाव वाली इस सीट पर देशभर की नजर है। लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट BJP को हराकर अवधेश प्रसाद ने सभी काे चौंकाया। अखिलेश यादव ने विजेता सांसद अवधेश प्रसाद को उत्तर प्रदेश से संसद तक में अपनी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा बनाया था। कैंडिडेट की बात करें तो सपा ने अपने पोस्टर बॉय अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद को मैदान में उतारा, जबकि भाजपा ने नए चेहरे चंद्रभानु पर दांव लगाया। दोनों दलित वर्ग के पासी समाज से आते हैं। मिल्कीपुर में आंसुओं की सियासत, राम मंदिर, विकास और योगी का एग्रेशन… क्या चला? देखते रहिए पूरा रिजल्ट…? ये उपचुनाव हो क्यों हुआ…? एक याचिका पर लगी थी रोक
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मिल्कीपुर के बाबा गोरखनाथ ने विजेता विधायक अवधेश प्रसाद के खिलाफ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद अवधेश प्रसाद सपा से लोकसभा का चुनाव लड़े और वो जीत गए।
अक्टूबर-2024 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा की गई। लेकिन मिल्कीपुर में याचिका दाखिल होने के कारण उपचुनाव नहीं हो सका था। प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें सात में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। पॉलिटिकल पार्टी का शक्ति प्रदर्शन सीएम ने छह महीने में छह दौरे किए, डिंपल का रोड शो, अखिलेश की जनसभा
मिल्कीपुर उपुचनाव पर प्रदेश ही नहीं देश की नजर है। इसलिए दोनों पार्टियों ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा रखी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद छह महीने में छह जनसभाएं की। यही नहीं प्रदेश के 7 मंत्री पिछले छह महीने से चुनावी मैदान में हैं। वोटर्स के बीच पैठ बनाने के लिए जातिवार मंत्री उतारे गए हैं। वहीं संगठन के लोग 1000 से ज्यादा बैठक कर चुके हैं।
समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा बने अवधेश प्रसाद तो मोर्चा संभाले ही हैं। खुद अखिलेश यादव चुनावी प्रचार के लिए उतरे। उन्होंने वोटिंग से दो दिन पहले चुनावी जनसभा की जबकि डिंपल यादव ने खुद रोड शो किया। इसके अलावा धर्मेंद्र यादव और शिवपाल यादव भी प्रचार करने पहुंचे। इस सीट पर अब तक किसका कब्जा रहा… 17 चुनाव हुए, 9 बार सपा और सीपीआई का कब्जा, दो बार बीजेपी
1967 में अस्तित्व में आई मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर अब तक कुल 17 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इसमें सर्वाधिक 6 बार समाजवादी पार्टी जीती और तीन बार लगातार सीपीआई से मित्रसेन यादव। जो बाद में सपा से जुड़ गए थे। इसलिए सपा 9 बार इस सीट पर अपनी जीत का दावा करती है, उसे अपनी पारंपरिक सीट कहती है। बसपा ने यहां सिर्फ एक बार खाता खोला, जबकि बीजेपी 2 बार जीती। शुरुआती तीन चुनाव में कांग्रेस ने भी यहां दो बार जीत हासिल की। अब चुनाव काउंटिंग की तैयारियां देखिए…
उपचुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग हुई थी। ईवीएम को GIC के स्ट्रॉन्ग रूम में रखवाया गया था। यहां अर्द्धसैन्य बल और पुलिस फोर्स तैनात हैं। CCTV से ईवीएम सुरक्षा की निगरानी हो रही है। जीआईसी के परिसर में ही अलग-अलग पॉलिटिकल पार्टियों के कार्यकर्ता मौजूद हैं। वह भी ईवीएम की सुरक्षा की देख-रेख कर रहे हैं। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू होगी। इसके लिए 14 टेबल बनाई गई हैं। 30 राउंड में मतगणना पूरी हो जाएगी। मतगणना के लिए 76 कर्मचारियों की 19 पार्टियां लगाई गई हैं। इनमें 4 मतगणना पार्टी रिजर्व में रखी गई है। इसके अलावा एक पर्यवेक्षक, एक माइक्रो पर्यवेक्षक, एक सहायक गणक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की तैनाती की गई है। पिछले 20 साल में मिल्कीपुर सीट पर हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे पढ़िए… मिल्कीपुर सीट अस्तित्व में आने के बाद सबसे ज्यादा सपा के कब्जे में रही है… 5 नवंबर को वोटिंग का ट्रेंड देखिए… …………….. अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट की मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी। यह मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच अयोध्या के राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) में होगी। उपचुनाव में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा? इसके रुझान सुबह 9 बजे से आने शुरू हो जाएंगे। अखिलेश यादव अपनी साख बचा पाएंगे या योगी की मेहनत रंग लाएगी, दोपहर 12 बजे तक साफ हो जाएगा। यूपी में अयोध्या की एकमात्र उपचुनाव वाली इस सीट पर देशभर की नजर है। लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट BJP को हराकर अवधेश प्रसाद ने सभी काे चौंकाया। अखिलेश यादव ने विजेता सांसद अवधेश प्रसाद को उत्तर प्रदेश से संसद तक में अपनी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा बनाया था। कैंडिडेट की बात करें तो सपा ने अपने पोस्टर बॉय अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद को मैदान में उतारा, जबकि भाजपा ने नए चेहरे चंद्रभानु पर दांव लगाया। दोनों दलित वर्ग के पासी समाज से आते हैं। मिल्कीपुर में आंसुओं की सियासत, राम मंदिर, विकास और योगी का एग्रेशन… क्या चला? देखते रहिए पूरा रिजल्ट…? ये उपचुनाव हो क्यों हुआ…? एक याचिका पर लगी थी रोक
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मिल्कीपुर के बाबा गोरखनाथ ने विजेता विधायक अवधेश प्रसाद के खिलाफ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद अवधेश प्रसाद सपा से लोकसभा का चुनाव लड़े और वो जीत गए।
अक्टूबर-2024 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा की गई। लेकिन मिल्कीपुर में याचिका दाखिल होने के कारण उपचुनाव नहीं हो सका था। प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें सात में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। पॉलिटिकल पार्टी का शक्ति प्रदर्शन सीएम ने छह महीने में छह दौरे किए, डिंपल का रोड शो, अखिलेश की जनसभा
मिल्कीपुर उपुचनाव पर प्रदेश ही नहीं देश की नजर है। इसलिए दोनों पार्टियों ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा रखी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद छह महीने में छह जनसभाएं की। यही नहीं प्रदेश के 7 मंत्री पिछले छह महीने से चुनावी मैदान में हैं। वोटर्स के बीच पैठ बनाने के लिए जातिवार मंत्री उतारे गए हैं। वहीं संगठन के लोग 1000 से ज्यादा बैठक कर चुके हैं।
समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा बने अवधेश प्रसाद तो मोर्चा संभाले ही हैं। खुद अखिलेश यादव चुनावी प्रचार के लिए उतरे। उन्होंने वोटिंग से दो दिन पहले चुनावी जनसभा की जबकि डिंपल यादव ने खुद रोड शो किया। इसके अलावा धर्मेंद्र यादव और शिवपाल यादव भी प्रचार करने पहुंचे। इस सीट पर अब तक किसका कब्जा रहा… 17 चुनाव हुए, 9 बार सपा और सीपीआई का कब्जा, दो बार बीजेपी
1967 में अस्तित्व में आई मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर अब तक कुल 17 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इसमें सर्वाधिक 6 बार समाजवादी पार्टी जीती और तीन बार लगातार सीपीआई से मित्रसेन यादव। जो बाद में सपा से जुड़ गए थे। इसलिए सपा 9 बार इस सीट पर अपनी जीत का दावा करती है, उसे अपनी पारंपरिक सीट कहती है। बसपा ने यहां सिर्फ एक बार खाता खोला, जबकि बीजेपी 2 बार जीती। शुरुआती तीन चुनाव में कांग्रेस ने भी यहां दो बार जीत हासिल की। अब चुनाव काउंटिंग की तैयारियां देखिए…
उपचुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग हुई थी। ईवीएम को GIC के स्ट्रॉन्ग रूम में रखवाया गया था। यहां अर्द्धसैन्य बल और पुलिस फोर्स तैनात हैं। CCTV से ईवीएम सुरक्षा की निगरानी हो रही है। जीआईसी के परिसर में ही अलग-अलग पॉलिटिकल पार्टियों के कार्यकर्ता मौजूद हैं। वह भी ईवीएम की सुरक्षा की देख-रेख कर रहे हैं। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू होगी। इसके लिए 14 टेबल बनाई गई हैं। 30 राउंड में मतगणना पूरी हो जाएगी। मतगणना के लिए 76 कर्मचारियों की 19 पार्टियां लगाई गई हैं। इनमें 4 मतगणना पार्टी रिजर्व में रखी गई है। इसके अलावा एक पर्यवेक्षक, एक माइक्रो पर्यवेक्षक, एक सहायक गणक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की तैनाती की गई है। पिछले 20 साल में मिल्कीपुर सीट पर हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे पढ़िए… मिल्कीपुर सीट अस्तित्व में आने के बाद सबसे ज्यादा सपा के कब्जे में रही है… 5 नवंबर को वोटिंग का ट्रेंड देखिए… ……………..   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर