रावी में अवैध खन्न पर मजीठिया ने सरकार को घेरा:पोस्ट कर लिखा- कहां है 20 करोड़ का दावा; पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

रावी में अवैध खन्न पर मजीठिया ने सरकार को घेरा:पोस्ट कर लिखा- कहां है 20 करोड़ का दावा; पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

भारत-पाक सीमा से सटे पंजाब के गांव घोनेवाल और रमदास क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर अकाली दल के सीनियर नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया ने सरकार को घेरा है। बिक्रम मजीठिया का दावा है कि यहां अवैध खनन का धंधा धड़ल्ले से जारी है। यह इलाका अजनाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां स्थानीय प्रशासन और सरकार की कथित मिलीभगत से दिन-रात अवैध रेत और बजरी की खुदाई हो रही है। बिक्रम मजीठिया ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक वीडियो और पोस्ट को सांझा किया है। जिसमें उन्होंने कहा है- इस क्षेत्र में अवैध खनन की गतिविधियां केवल पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा को भी गंभीर रूप से खतरे में डाल रही हैं। भारत-पाक सीमा के इतने नजदीक हो रही इस अवैध खुदाई को लेकर भारतीय सेना पहले भी कई बार चेतावनी दे चुकी है। सीमा के समीप गड्ढे और कमजोर जमीन सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील मानी जाती है, जिससे घुसपैठ और अन्य सुरक्षा चुनौतियों का खतरा बढ़ सकता है। रावी नदी पर पुल गिरने का खतरा
बिक्रम मजीठिया ने दावा किया है कि अवैध खनन का सबसे बड़ा असर रावी नदी के किनारों पर देखा जा रहा है, जहां खुदाई के कारण नदी किनारे की ज़मीन कमजोर हो गई है। नदी के पास बने पुलों के ढहने का खतरा मंडरा रहा है, जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए खतरा है बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस मुद्दे को बिक्रम मजीठिया ने पहले भी उठाया था। पुलिस नहीं ले रही एक्शन
स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता लगातार पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई न होने से लोगों में भारी नाराजगी है। मजीठिया ने सरकार के दावे पर 20 हजार करोड़ के दावे पर भी तंज कसा और कहा कि सरकार ने पहले दावा किया था कि रेत और बजरी व्यापार से 20,000 करोड़ रुपये की आमदनी होगी, जिससे सरकारी खजाने को फायदा पहुंचेगा। लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। अवैध खनन के कारण सरकारी राजस्व में इजाफा होने के बजाय खनन माफियाओं की जेबें भर रही हैं। मुख्यमंत्री पर लगाए आरोप
बिक्रम मजीठिया का कहना है कि यह सब मुख्यमंत्री भगवंत मान की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। उन्होंने डीजीपी पंजाब को टैग करी इस अवैध खनन के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह मामला केवल प्राकृतिक संसाधनों की लूट तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा है। भारत-पाक सीमा से सटे पंजाब के गांव घोनेवाल और रमदास क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर अकाली दल के सीनियर नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया ने सरकार को घेरा है। बिक्रम मजीठिया का दावा है कि यहां अवैध खनन का धंधा धड़ल्ले से जारी है। यह इलाका अजनाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां स्थानीय प्रशासन और सरकार की कथित मिलीभगत से दिन-रात अवैध रेत और बजरी की खुदाई हो रही है। बिक्रम मजीठिया ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक वीडियो और पोस्ट को सांझा किया है। जिसमें उन्होंने कहा है- इस क्षेत्र में अवैध खनन की गतिविधियां केवल पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा को भी गंभीर रूप से खतरे में डाल रही हैं। भारत-पाक सीमा के इतने नजदीक हो रही इस अवैध खुदाई को लेकर भारतीय सेना पहले भी कई बार चेतावनी दे चुकी है। सीमा के समीप गड्ढे और कमजोर जमीन सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील मानी जाती है, जिससे घुसपैठ और अन्य सुरक्षा चुनौतियों का खतरा बढ़ सकता है। रावी नदी पर पुल गिरने का खतरा
बिक्रम मजीठिया ने दावा किया है कि अवैध खनन का सबसे बड़ा असर रावी नदी के किनारों पर देखा जा रहा है, जहां खुदाई के कारण नदी किनारे की ज़मीन कमजोर हो गई है। नदी के पास बने पुलों के ढहने का खतरा मंडरा रहा है, जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए खतरा है बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस मुद्दे को बिक्रम मजीठिया ने पहले भी उठाया था। पुलिस नहीं ले रही एक्शन
स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता लगातार पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई न होने से लोगों में भारी नाराजगी है। मजीठिया ने सरकार के दावे पर 20 हजार करोड़ के दावे पर भी तंज कसा और कहा कि सरकार ने पहले दावा किया था कि रेत और बजरी व्यापार से 20,000 करोड़ रुपये की आमदनी होगी, जिससे सरकारी खजाने को फायदा पहुंचेगा। लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। अवैध खनन के कारण सरकारी राजस्व में इजाफा होने के बजाय खनन माफियाओं की जेबें भर रही हैं। मुख्यमंत्री पर लगाए आरोप
बिक्रम मजीठिया का कहना है कि यह सब मुख्यमंत्री भगवंत मान की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। उन्होंने डीजीपी पंजाब को टैग करी इस अवैध खनन के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह मामला केवल प्राकृतिक संसाधनों की लूट तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा है।   पंजाब | दैनिक भास्कर