जीजा-सरहज में प्यार, फिर सुसाइड की पूरी कहानी:झांसी में पति बोला- पत्नी ने बॉयफ्रेंड का नाम गलत बताया, बहन से पता चला

जीजा-सरहज में प्यार, फिर सुसाइड की पूरी कहानी:झांसी में पति बोला- पत्नी ने बॉयफ्रेंड का नाम गलत बताया, बहन से पता चला

9 माह पहले मेरी शादी आरती से हुई थी। थोड़ी दिन बाद वो चोरी छुपे किसी से बात करने लगी। मुझे इसका पता दो माह पहले चला, जब उसके पास मोबाइल पकड़ा गया। तब आरती ने बताया कि धर्मेंद्र से बात करती हूं। बोली अब गलती नहीं होगी। मगर, 15 दिन बाद दूसरा मोबाइल पकड़ा गया। मैं प्रेमी धर्मेंद्र को समझ रहा था, मगर 15 दिन पहले बहन का फोन आया। बोली कि आरती का प्रेमी धर्मेंद्र नहीं, तुम्हारे जीजा हैं। हमने दोनों को समझाया। मगर वे नहीं माने और घर से भागकर दोनों ने सुसाइड कर लिया। यह कहना है झांसी के धनेंद्र कुशवाहा का। जिसकी पत्नी आरती और जीजा प्यारेलाल ने एक साथ सुसाइड कर लिया। रविवार को उनके शव पेड़ पर लटके मिले थे। पढ़िए लव स्टोरी और सुसाइड की पूरी कहानी… जीजा की शादी को 9 साल हो गए
बरुआसागर निवासी प्यारेलाल कुशवाहा (32) प्लम्बर का काम करता था। उसकी शादी 9 साल पहले निवाड़ी के तरीचरकलां निवासी शगुन से हुई थी। उनके 7 साल का बेटा और 5 साल की बेटी है। करीब 9 माह पहले प्यारेलाल के साले धनेंद्र कुशवाहा की शादी आरती (26) से हुई थी। शादी में प्यारेलाल और आरती की मुलाकात हुई। ये मुलाकात जल्द ही प्यार में बदल गई। दोनों चोरी-चोरी बात करने लगे और मिलने लगे। इसके बारे में परिजनों को खबर तक नहीं थी। दामाद होने की वजह से प्यारेलाल का घर पर आना-जाना था। ऐसे में प्यारेलाल ने बात करने के लिए आरती को एक मोबाइल भी दिया था। ऐसे सामने आई लव स्टोरी धनेंद्र कुशवाहा ने बताया- शादी के कुछ समय बाद मेरी पत्नी आरती का स्वभाव बदल गया। वो चोरी छुपे किसी से बात करती थी। इसका पता दो माह पहले चला। जब मैंने उसके पास एक मोबाइल पकड़ा। पूछने पर बोली- धर्मेंद्र से बात करती हूं। मायके वालों को कुछ न बताना। अब बात नहीं करुंगी। कान पकड़कर माफी मांगी। तब मैंने समझाया और कहा कि अब ऐसा मत करना। मगर 15 दिन बाद दूसरा मोबाइल पकड़ा गया। तब मैंने अपनी सास को फोन लगाया और सबकुछ बता दिया। बहन ने पूरा भेद खोला
धनेंद्र ने आगे बताया- मैं धर्मेंद्र को पत्नी का प्रेमी समझ रहा था। एक दिन बहन का फोन आया और बोली कि परेशान मत हो। आरती तुमसे झूठ बोल रही है। वो धर्मेंद्र से नहीं, तुम्हारे जीजा प्यारेलाल से बात करती है। ये बात मुझे प्यारेलाल ने ही बताई है। तब बहन ने जीजा को समझाया कि तुम आरती से बात मत करना। मैंने आरती को समझाया तो बोली कि ठीक है अब बात नहीं करेंगे। मैंने जीजा को भी बोला तो बोले कि गलती हो गई। आज के बाद ऐसा नहीं करेंगे। कान भी पकड़े थे। बाजार जाने के लिए निकली फिर नहीं लौटी धनेंद्र ने कहा- काफी समझाने के बाद भी आरती और प्यारेलाल नहीं माने। तब मैं 22 जनवरी को आरती को उसके मायके छोड़ आया। फिर मैं 28 जनवरी को उसे लेने गया। तब सास-ससुर ने नहीं भेजा। बोले कि अभी नहीं जा रही, 5-6 दिन रुक जाओ। तब मैं घर लौट आया। जीजा प्यारेलाल झांसी में रहकर प्लम्बर का काम करते थे। दो फरवरी को बहन का कॉल आया कि जीजा घर से गायब हैं, फोन नहीं उठा रहे। आरती का पता करो। ससुराल वालों को फोन किया तो पता चला कि आरती बाजार गई है, अभी तक नहीं लौटी। रविवार को पुलिस ने बताया कि आरती और प्यारेलाल की लाश मिली है। इसके बाद हम लोग झांसी पहुंचे। 7 दिन से पेड़ पर लटके थे शव
पुलिस के अनुसार, रविवार को भगवंतपुरा में कचरा घर के पीछे जंगल में चरवाहे अपने जानवर चरा रहे थे। तभी उनको एक पेड़ पर युवक-युवती की लाश लटकी दिखी। 112 पर सूचना दी तो सदर पुलिस मौके पर पहुंच गई। दोनों दुपट्‌टा और मफलर जोड़कर एक साथ पेड़ पर लटके हुए थे। शव 6 से 7 दिन पुराने थे। पेड़ के पास ही बाइक खड़ी थी। बाइक के नंबर के आधार पर पुलिस ने घरवालों को सूचना दी। तब परिजन मौके पर पहुंचे। परिजनों ने शव की पहचान प्यारेलाल और आरती के रूप में की। पुलिस का मानना है कि घर से भागकर दोनों बाइक से सीधे जंगल में पहुंचे और यहां सुसाइड कर लिया। मौके से फोरेंसिक टीम ने भी सबूत एकत्र किए हैं। ……………………… ये खबर भी पढ़ें… यूपी के पहले डिजिटल मर्डर के 4 किरदार;छात्रों ने यूट्यूब पर ठगी के वीडियो देखकर 8 महीने मे बनाई गैंग पुलिस ने यूपी का पहला डिजिटल मर्डर केस सॉल्व कर लिया। प्रतापगढ़ के ज्ञानदास का डिजिटल मर्डर करने वाले 4 जालसाजों को कानपुर से अरेस्ट कर लिया। 4 और साथी फरार भी हो गए। इन्होंने ज्ञानदास को धमकी दी…। पढ़िए पूरी खबर 9 माह पहले मेरी शादी आरती से हुई थी। थोड़ी दिन बाद वो चोरी छुपे किसी से बात करने लगी। मुझे इसका पता दो माह पहले चला, जब उसके पास मोबाइल पकड़ा गया। तब आरती ने बताया कि धर्मेंद्र से बात करती हूं। बोली अब गलती नहीं होगी। मगर, 15 दिन बाद दूसरा मोबाइल पकड़ा गया। मैं प्रेमी धर्मेंद्र को समझ रहा था, मगर 15 दिन पहले बहन का फोन आया। बोली कि आरती का प्रेमी धर्मेंद्र नहीं, तुम्हारे जीजा हैं। हमने दोनों को समझाया। मगर वे नहीं माने और घर से भागकर दोनों ने सुसाइड कर लिया। यह कहना है झांसी के धनेंद्र कुशवाहा का। जिसकी पत्नी आरती और जीजा प्यारेलाल ने एक साथ सुसाइड कर लिया। रविवार को उनके शव पेड़ पर लटके मिले थे। पढ़िए लव स्टोरी और सुसाइड की पूरी कहानी… जीजा की शादी को 9 साल हो गए
बरुआसागर निवासी प्यारेलाल कुशवाहा (32) प्लम्बर का काम करता था। उसकी शादी 9 साल पहले निवाड़ी के तरीचरकलां निवासी शगुन से हुई थी। उनके 7 साल का बेटा और 5 साल की बेटी है। करीब 9 माह पहले प्यारेलाल के साले धनेंद्र कुशवाहा की शादी आरती (26) से हुई थी। शादी में प्यारेलाल और आरती की मुलाकात हुई। ये मुलाकात जल्द ही प्यार में बदल गई। दोनों चोरी-चोरी बात करने लगे और मिलने लगे। इसके बारे में परिजनों को खबर तक नहीं थी। दामाद होने की वजह से प्यारेलाल का घर पर आना-जाना था। ऐसे में प्यारेलाल ने बात करने के लिए आरती को एक मोबाइल भी दिया था। ऐसे सामने आई लव स्टोरी धनेंद्र कुशवाहा ने बताया- शादी के कुछ समय बाद मेरी पत्नी आरती का स्वभाव बदल गया। वो चोरी छुपे किसी से बात करती थी। इसका पता दो माह पहले चला। जब मैंने उसके पास एक मोबाइल पकड़ा। पूछने पर बोली- धर्मेंद्र से बात करती हूं। मायके वालों को कुछ न बताना। अब बात नहीं करुंगी। कान पकड़कर माफी मांगी। तब मैंने समझाया और कहा कि अब ऐसा मत करना। मगर 15 दिन बाद दूसरा मोबाइल पकड़ा गया। तब मैंने अपनी सास को फोन लगाया और सबकुछ बता दिया। बहन ने पूरा भेद खोला
धनेंद्र ने आगे बताया- मैं धर्मेंद्र को पत्नी का प्रेमी समझ रहा था। एक दिन बहन का फोन आया और बोली कि परेशान मत हो। आरती तुमसे झूठ बोल रही है। वो धर्मेंद्र से नहीं, तुम्हारे जीजा प्यारेलाल से बात करती है। ये बात मुझे प्यारेलाल ने ही बताई है। तब बहन ने जीजा को समझाया कि तुम आरती से बात मत करना। मैंने आरती को समझाया तो बोली कि ठीक है अब बात नहीं करेंगे। मैंने जीजा को भी बोला तो बोले कि गलती हो गई। आज के बाद ऐसा नहीं करेंगे। कान भी पकड़े थे। बाजार जाने के लिए निकली फिर नहीं लौटी धनेंद्र ने कहा- काफी समझाने के बाद भी आरती और प्यारेलाल नहीं माने। तब मैं 22 जनवरी को आरती को उसके मायके छोड़ आया। फिर मैं 28 जनवरी को उसे लेने गया। तब सास-ससुर ने नहीं भेजा। बोले कि अभी नहीं जा रही, 5-6 दिन रुक जाओ। तब मैं घर लौट आया। जीजा प्यारेलाल झांसी में रहकर प्लम्बर का काम करते थे। दो फरवरी को बहन का कॉल आया कि जीजा घर से गायब हैं, फोन नहीं उठा रहे। आरती का पता करो। ससुराल वालों को फोन किया तो पता चला कि आरती बाजार गई है, अभी तक नहीं लौटी। रविवार को पुलिस ने बताया कि आरती और प्यारेलाल की लाश मिली है। इसके बाद हम लोग झांसी पहुंचे। 7 दिन से पेड़ पर लटके थे शव
पुलिस के अनुसार, रविवार को भगवंतपुरा में कचरा घर के पीछे जंगल में चरवाहे अपने जानवर चरा रहे थे। तभी उनको एक पेड़ पर युवक-युवती की लाश लटकी दिखी। 112 पर सूचना दी तो सदर पुलिस मौके पर पहुंच गई। दोनों दुपट्‌टा और मफलर जोड़कर एक साथ पेड़ पर लटके हुए थे। शव 6 से 7 दिन पुराने थे। पेड़ के पास ही बाइक खड़ी थी। बाइक के नंबर के आधार पर पुलिस ने घरवालों को सूचना दी। तब परिजन मौके पर पहुंचे। परिजनों ने शव की पहचान प्यारेलाल और आरती के रूप में की। पुलिस का मानना है कि घर से भागकर दोनों बाइक से सीधे जंगल में पहुंचे और यहां सुसाइड कर लिया। मौके से फोरेंसिक टीम ने भी सबूत एकत्र किए हैं। ……………………… ये खबर भी पढ़ें… यूपी के पहले डिजिटल मर्डर के 4 किरदार;छात्रों ने यूट्यूब पर ठगी के वीडियो देखकर 8 महीने मे बनाई गैंग पुलिस ने यूपी का पहला डिजिटल मर्डर केस सॉल्व कर लिया। प्रतापगढ़ के ज्ञानदास का डिजिटल मर्डर करने वाले 4 जालसाजों को कानपुर से अरेस्ट कर लिया। 4 और साथी फरार भी हो गए। इन्होंने ज्ञानदास को धमकी दी…। पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर