पंजाब के अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने आज संसद में चाइनीज डोर पर प्रतिबंध की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद यह खतरनाक डोर अभी भी खुलेआम बेची जा रही है, जिससे दो-पहिया वाहनों पर चलने वाले लोगों को गंभीर चोटें लग रही हैं, कई लोगों की जान जा रही है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। सांसद औजला ने सरकार से आग्रह किया कि ऐसे नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने इसके खिलाफ कानून लाने की मांग भी रखी है। भारत में प्रोडक्शन हुई शुरू उन्होंने कहा कि पहले यह डोर चाइना से इंपोर्ट होती थी, लेकिन अब भारत में इसे बनाया जाने लगा है। लोहड़ी और बसंत पंचमी पर जब पंजाब में पतंगबाजी होती है, इससे लोगों की जानें जा रही है। सख्त निगरानी, जन जागरूकता और जवाबदेही बेहद जरूरी है, ताकि इन घातक हादसों को रोका जा सके। पारंपरिक धागा छोड़ नायलॉन का हो रहा प्रयोग गौरतलब है कि चाइनीज डोर, जिसे नायलॉन या मेटालिक मांझे के रूप में भी जाना जाता है, पतंगबाजी के दौरान इंसानों, जानवरों और पक्षियों के लिए बेहद खतरनाक साबित होती है। आसानी से उपलब्ध होने के कारण लोग पारंपरिक धागे को छोड़ इस चाइना डोर का इस्तेमाल करने लगे हैं। कई राज्यों में इस पर प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद बाजारों में इसकी उपलब्धता चिंता का विषय बनी हुई है। तीन की मौत हो चुकी एक आंकड़े के अनुसार, 1 जनवरी से अभी तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चाइना डोर से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा सका। पुलिस ने 197 अपराधियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन प्रतिबंधित नायलॉन डोर की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। पंजाब के अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने आज संसद में चाइनीज डोर पर प्रतिबंध की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद यह खतरनाक डोर अभी भी खुलेआम बेची जा रही है, जिससे दो-पहिया वाहनों पर चलने वाले लोगों को गंभीर चोटें लग रही हैं, कई लोगों की जान जा रही है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। सांसद औजला ने सरकार से आग्रह किया कि ऐसे नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने इसके खिलाफ कानून लाने की मांग भी रखी है। भारत में प्रोडक्शन हुई शुरू उन्होंने कहा कि पहले यह डोर चाइना से इंपोर्ट होती थी, लेकिन अब भारत में इसे बनाया जाने लगा है। लोहड़ी और बसंत पंचमी पर जब पंजाब में पतंगबाजी होती है, इससे लोगों की जानें जा रही है। सख्त निगरानी, जन जागरूकता और जवाबदेही बेहद जरूरी है, ताकि इन घातक हादसों को रोका जा सके। पारंपरिक धागा छोड़ नायलॉन का हो रहा प्रयोग गौरतलब है कि चाइनीज डोर, जिसे नायलॉन या मेटालिक मांझे के रूप में भी जाना जाता है, पतंगबाजी के दौरान इंसानों, जानवरों और पक्षियों के लिए बेहद खतरनाक साबित होती है। आसानी से उपलब्ध होने के कारण लोग पारंपरिक धागे को छोड़ इस चाइना डोर का इस्तेमाल करने लगे हैं। कई राज्यों में इस पर प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद बाजारों में इसकी उपलब्धता चिंता का विषय बनी हुई है। तीन की मौत हो चुकी एक आंकड़े के अनुसार, 1 जनवरी से अभी तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चाइना डोर से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा सका। पुलिस ने 197 अपराधियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन प्रतिबंधित नायलॉन डोर की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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