हरियाणा के सिरसा शहर में नगर परिषद चुनाव के नजदीक आने के साथ ही भाजपा और पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी के नेताओं में आपसी खींचतान तेज हो गई है। भाजपा के ही वरिष्ठ नेता और गोपाल कांडा के छोटे भाई गोबिंद कांडा ने विवादित बयान दे दिया है। गोबिंद कांडा ने नगर परिषद चुनाव में प्रधान पद के उम्मीदवार को लेकर कहा कि भाजपा के जो बड़े नेता बैठे हैं, उनको डिसाइड करना है। सिरसा के स्थानीय नेताओं को कौन पूछता है। यहां वाले नेता जो हरकत करते हैं, उसका सबको पता है। यहां से खुद को जो भाजपा का परिवार कहते हैं, वह कभी बीजेपी का हुआ ही नहीं है। चाहे मेरा ऐलनाबाद का इलेक्शन था या ऐलनाबाद के वार्ड का। या सिरसा का इलेक्शन था। इन्होंने तो मन में बात बना रखी है कि हम बीजेपी के अंदर रहकर बीजेपी की गोभी खोदेंगे। बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपेंगे। बीजेपी यहां से कभी जीत नहीं पाएगी। हमारा नाम चलता रहेगा। मगर अब यह होने वाला नहीं है। अब यह काम खत्म हो चुका है। वह एक सोशल मीडिया चैनल के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिरसा में एनडीए के दल भाजपा और हलोपा का प्रत्याशी जीतकर आएगा और प्रधान बनेगा। ऐलनाबाद से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ चुके गोबिंद कांडा गोबिंद कांडा साल 2021 में ऐलनाबाद के उपचुनाव से पहले हलोपा से भाजपा में आए थे। भाजपा ने उन्हें ऐलनाबाद उपचुनाव में इनेलो नेता अभय चौटाला के सामने मैदान में उतारा था। गोबिंद कांडा ने अभय चौटाला को कड़ी टक्कर दी। मगर वह 6739 वोटों से हार गए थे। अभय चौटाला को 65 हजार 798 वोट जबकि भाजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा को 59 हजार 189 वोट मिले थे। उस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर पवन बेनीवाल 20 हजार 857 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। हालांकि, अब पवन बैनीवाल इनेलो में शामिल हो चुके हैं। पहले भी दे चुके विवादित बयान गोबिंद कांडा पहले भी भाजपा के स्थानीय नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में उनके राजनीतिक सचिव रह चुके जगदीश चोपड़ा और उनके बेटे अमन चोपड़ा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि बाप-बेटे बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपने वाले हैं। इनकी वजह से अच्छे लोग भाजपा में जुड़ नहीं पा रहे हैं। हरियाणा के सिरसा शहर में नगर परिषद चुनाव के नजदीक आने के साथ ही भाजपा और पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी के नेताओं में आपसी खींचतान तेज हो गई है। भाजपा के ही वरिष्ठ नेता और गोपाल कांडा के छोटे भाई गोबिंद कांडा ने विवादित बयान दे दिया है। गोबिंद कांडा ने नगर परिषद चुनाव में प्रधान पद के उम्मीदवार को लेकर कहा कि भाजपा के जो बड़े नेता बैठे हैं, उनको डिसाइड करना है। सिरसा के स्थानीय नेताओं को कौन पूछता है। यहां वाले नेता जो हरकत करते हैं, उसका सबको पता है। यहां से खुद को जो भाजपा का परिवार कहते हैं, वह कभी बीजेपी का हुआ ही नहीं है। चाहे मेरा ऐलनाबाद का इलेक्शन था या ऐलनाबाद के वार्ड का। या सिरसा का इलेक्शन था। इन्होंने तो मन में बात बना रखी है कि हम बीजेपी के अंदर रहकर बीजेपी की गोभी खोदेंगे। बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपेंगे। बीजेपी यहां से कभी जीत नहीं पाएगी। हमारा नाम चलता रहेगा। मगर अब यह होने वाला नहीं है। अब यह काम खत्म हो चुका है। वह एक सोशल मीडिया चैनल के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिरसा में एनडीए के दल भाजपा और हलोपा का प्रत्याशी जीतकर आएगा और प्रधान बनेगा। ऐलनाबाद से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ चुके गोबिंद कांडा गोबिंद कांडा साल 2021 में ऐलनाबाद के उपचुनाव से पहले हलोपा से भाजपा में आए थे। भाजपा ने उन्हें ऐलनाबाद उपचुनाव में इनेलो नेता अभय चौटाला के सामने मैदान में उतारा था। गोबिंद कांडा ने अभय चौटाला को कड़ी टक्कर दी। मगर वह 6739 वोटों से हार गए थे। अभय चौटाला को 65 हजार 798 वोट जबकि भाजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा को 59 हजार 189 वोट मिले थे। उस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर पवन बेनीवाल 20 हजार 857 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। हालांकि, अब पवन बैनीवाल इनेलो में शामिल हो चुके हैं। पहले भी दे चुके विवादित बयान गोबिंद कांडा पहले भी भाजपा के स्थानीय नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में उनके राजनीतिक सचिव रह चुके जगदीश चोपड़ा और उनके बेटे अमन चोपड़ा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि बाप-बेटे बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपने वाले हैं। इनकी वजह से अच्छे लोग भाजपा में जुड़ नहीं पा रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पूर्व गृह मंत्री अनिल विज इस पूरे मामले को लेकर खासे नाराज हैं। पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर रुक जाने के बाद भी वह इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने ट्रांसफर ऑर्डर करने वाले ऑफिसर के बारे में जानने के लिए अब आरटीआई लगा दी है। इसमें उन्होंने यह जानकारी मांगी है कि पदोन्नत हुए पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर ऑर्डर किसके कहने पर जारी किए गए। विज चाहते हैं कि इसमें दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। दिल्ली तक पहुंचा पूरा मामला
हाल ही में अनिल विज दिल्ली दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने हरियाणा के पार्टी प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान विज ने अपनी सरकार में की जा रही अनदेखी को लेकर नाराजगी प्रकट की थी। विज के करीबियों का कहना है कि हाल ही में जारी हरियाणा विधानसभा चुनाव समिति में भी उनका नाम शामिल नहीं किया गया था, जिसके बाद उनके विरोध के बाद नाम शामिल किया गया। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के द्वारा प्रमोशन को लेकर मिठाई खिलाए जाने के बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया। इन अनदेखी को लेकर विज काफी नाराज हैं। विज की पहले भी होती रही सरकार से लड़ाई
हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज की पहले भी सरकार के साथ अनबन होती रही है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल के दौरान ऐसे कई मामले आए, जिनको लेकर विज काफी नाराज रहे, हालांकि बाद में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के हस्तक्षेप के बाद सुलझा लिए गए। तत्कालीन सीएम खट्टर के सेकेंड कार्यकाल के दौरान डीजी हेल्थ को लेकर खूब बवाल हुआ। इस दौरान विज ने दो महीनें तक हेल्थ विभाग का काम नहीं देखा था। इसके अलावा पूर्व डीजीपी यादव को लेकर भी विज नाराज हो चुके हैं। इसके अलावा MBBS स्टूडेंट्स की बॉन्ड पॉलिसी को लेकर विज पूर्व सीएम मनोहर लाल के खिलाफ खड़े गए थे।