बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया। उनके करीबी पूर्व सांसद नितिन सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया। यह एक्शन मायावती ने संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर लिया। मायावती ने X पर लिखा- दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ अशोक सिद्धार्थ और पूर्व सांसद नितिन सिंह चेतावनी के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे। इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है। डॉ अशोक सिद्धार्थ पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे हैं। वहीं, नितिन सिंह मेरठ के रहने वाले हैं। बसपा के दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के प्रभारी रह चुके हैं। सरकारी नौकरी छोड़कर नेता बने अशोक
डॉ अशोक सिद्धार्थ पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से नेत्र रोग में डिप्लोमा किया। पहले सरकारी नौकरी में थे, फिर बसपा से जुड़े। मायावती ने पहले उन्हें एमएलसी बनाया, फिर 2016 में राज्यसभा भेजा जहां। वह 2022 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 2019 के बाद मायावती ने उन्हें तीन राज्यों का प्रभारी नियुक्त किया था। अशोक के बारे में दावा किया जाता है कि वह लो-प्रोफाइल रहने वालों में से हैं। वह पार्टी में पर्दे के पीछे रहते हुए काम करते रहे हैं। मायावती ने दिया सख्त संदेश
बसपा प्रमुख मायावती के इस फैसले को दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी नेताओं को सख्त संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली चुनाव में बसपा ने जहां पर भी प्रत्याशी खड़े किये थे, वहां जमानत जब्त हो गई। डॉ अशोक सिद्धार्थ मायावती के काफी नजदीकी माने जाते थे और उनके पास पार्टी की कई बड़ी जिम्मेदारियां थीं। इसके अलावा पूर्व सांसद नितिन सिंह पर भी मायावती को काफी भरोसा था। लेकिन, दोनों नेता उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। क्या आकाश आनंद पर भी पड़ेगा असर
डॉ अशोक सिद्धार्थ मायावती के भतीजे आकाश आनंद के भतीजे हैं। वहीं, नितिन सिंह को भी आकाश आनंद का करीबी माना जाता है। जहां-जहां आकाश आनंद को संगठन की जिम्मेदारी मिली, वहां नितिन को प्रभारी बनाया गया। ऐसे में यह फैसला सीधे तौर पर आकाश आनंद के प्रभाव को कम करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा है। इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि मायावती अब बसपा में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगी। इससे संगठन में कड़े फैसलों का संकेत भी दिया गया है। 10 दिसंबर, 2023 को मायावती ने आकाश को बनाया था अपना उत्तराधिकारी
बसपा ने 10 दिसंबर 2023 को यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इसमें मायावती ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे पर विश्वास जताया था। हालांकि, 7 मई, 2024 को आकाश की गलतबयानी की वजह से मायावती ने आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली थीं। आकाश को अपने उत्तराधिकारी के साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से भी हटा दिया था। आकाश ने 2017 में राजनीति में की थी एंट्री
आकाश आनंद पहली बार 2017 में सहारनपुर की एक जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी का काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा। 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था। आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है। —————————- यह खबर भी पढ़ें अखिलेश के करीबी इत्र व्यापारी के घर छापा, कन्नौज में दीवार फांदकर घुसी IT टीम, 6 भाइयों पर एक साथ एक्शन कन्नौज में अखिलेश यादव के करीबी इत्र व्यापारी के कई ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग (IT) ने छापा मारा। IT और GST की टीम सुबह-सुबह व्यापारी के घर पहुंची। कारोबारी के परिवार ने गेट नहीं खोला। अफसरों ने दीवार फांदकर अंदर प्रवेश किया। IT के अधिकारी दस्तावेज और वित्तीय लेन-देन की जांच में जुटे हैं। कारोबारी मनोज दीक्षित सपा के प्रदेश सचिव रह चुके हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया। उनके करीबी पूर्व सांसद नितिन सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया। यह एक्शन मायावती ने संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर लिया। मायावती ने X पर लिखा- दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ अशोक सिद्धार्थ और पूर्व सांसद नितिन सिंह चेतावनी के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे। इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है। डॉ अशोक सिद्धार्थ पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे हैं। वहीं, नितिन सिंह मेरठ के रहने वाले हैं। बसपा के दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के प्रभारी रह चुके हैं। सरकारी नौकरी छोड़कर नेता बने अशोक
डॉ अशोक सिद्धार्थ पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से नेत्र रोग में डिप्लोमा किया। पहले सरकारी नौकरी में थे, फिर बसपा से जुड़े। मायावती ने पहले उन्हें एमएलसी बनाया, फिर 2016 में राज्यसभा भेजा जहां। वह 2022 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 2019 के बाद मायावती ने उन्हें तीन राज्यों का प्रभारी नियुक्त किया था। अशोक के बारे में दावा किया जाता है कि वह लो-प्रोफाइल रहने वालों में से हैं। वह पार्टी में पर्दे के पीछे रहते हुए काम करते रहे हैं। मायावती ने दिया सख्त संदेश
बसपा प्रमुख मायावती के इस फैसले को दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी नेताओं को सख्त संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली चुनाव में बसपा ने जहां पर भी प्रत्याशी खड़े किये थे, वहां जमानत जब्त हो गई। डॉ अशोक सिद्धार्थ मायावती के काफी नजदीकी माने जाते थे और उनके पास पार्टी की कई बड़ी जिम्मेदारियां थीं। इसके अलावा पूर्व सांसद नितिन सिंह पर भी मायावती को काफी भरोसा था। लेकिन, दोनों नेता उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। क्या आकाश आनंद पर भी पड़ेगा असर
डॉ अशोक सिद्धार्थ मायावती के भतीजे आकाश आनंद के भतीजे हैं। वहीं, नितिन सिंह को भी आकाश आनंद का करीबी माना जाता है। जहां-जहां आकाश आनंद को संगठन की जिम्मेदारी मिली, वहां नितिन को प्रभारी बनाया गया। ऐसे में यह फैसला सीधे तौर पर आकाश आनंद के प्रभाव को कम करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा है। इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि मायावती अब बसपा में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगी। इससे संगठन में कड़े फैसलों का संकेत भी दिया गया है। 10 दिसंबर, 2023 को मायावती ने आकाश को बनाया था अपना उत्तराधिकारी
बसपा ने 10 दिसंबर 2023 को यूपी-उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इसमें मायावती ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे पर विश्वास जताया था। हालांकि, 7 मई, 2024 को आकाश की गलतबयानी की वजह से मायावती ने आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली थीं। आकाश को अपने उत्तराधिकारी के साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से भी हटा दिया था। आकाश ने 2017 में राजनीति में की थी एंट्री
आकाश आनंद पहली बार 2017 में सहारनपुर की एक जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी का काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा। 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था। आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है। —————————- यह खबर भी पढ़ें अखिलेश के करीबी इत्र व्यापारी के घर छापा, कन्नौज में दीवार फांदकर घुसी IT टीम, 6 भाइयों पर एक साथ एक्शन कन्नौज में अखिलेश यादव के करीबी इत्र व्यापारी के कई ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग (IT) ने छापा मारा। IT और GST की टीम सुबह-सुबह व्यापारी के घर पहुंची। कारोबारी के परिवार ने गेट नहीं खोला। अफसरों ने दीवार फांदकर अंदर प्रवेश किया। IT के अधिकारी दस्तावेज और वित्तीय लेन-देन की जांच में जुटे हैं। कारोबारी मनोज दीक्षित सपा के प्रदेश सचिव रह चुके हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मायावती ने भतीजे आकाश के ससुर को बसपा से निकाला:बोलीं- गुटबाजी कर रहे थे, अशोक सिद्धार्थ के करीबी नितिन सिंह को भी बाहर किया
![मायावती ने भतीजे आकाश के ससुर को बसपा से निकाला:बोलीं- गुटबाजी कर रहे थे, अशोक सिद्धार्थ के करीबी नितिन सिंह को भी बाहर किया](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2025/02/12/comp-3117052992981724645230_1739354458.gif)