लखनऊ में मेयर-पार्षदों में विवाद से शहर की सफाई चौपट:मोहल्लों में बदबू फैली, पार्षद बोले- जिस कंपनी को टेंडर दिया, वो सिर्फ 50% कूड़ा उठा रही

लखनऊ में मेयर-पार्षदों में विवाद से शहर की सफाई चौपट:मोहल्लों में बदबू फैली, पार्षद बोले- जिस कंपनी को टेंडर दिया, वो सिर्फ 50% कूड़ा उठा रही

लखनऊ नगर निगम में मेयर और पार्षदों के बीच सफाई ठेके को लेकर बवाल मचा हुआ है। इससे शहर के 110 वार्डों में सफाई और कचरा उठाने की व्यवस्था चरमरा गई है। वार्डों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इससे उठती बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। कुछ दिनों में ही स्वच्छता सर्वेक्षण होने वाला है। अगर यही हालत रहे तो लखनऊ की रैंकिंग गिरने की आशंका है। हालांकि नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर तैयारी करने का दावा करता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। दैनिक भास्कर ने नगर निगम के अधिकारियों के दावों के बाद वार्डों की पड़ताल की। इस दौरान व्यवस्था बद से बदतर नजर आई। पहले लखनऊ में स्वच्छता के दावे और मोहल्लों की देखें तस्वीरें… तस्वीर- 1. अयोध्या दास प्रथम वार्ड में सड़क किनारे खुले में कचरे का ढेर लगा है। तस्वीर- 2. शिवपुरी कॉलोनी चर्च रोड इस्माइल गंज द्वितीय वार्ड में खुले में कचरे के कारण निकल पाना मुश्किल है। तस्वीर- 3. शिया पीजी कॉलेज के पास सीतापुर रोड़ पर पड़ा कूड़ा। अब जो वार्डों में देखा… डालीगंज…पुराने लखनऊ में भी स्थिति खराब पुराने लखनऊ और घनी आबादी वाले इलाकों में सबसे खराब स्थिति है। डालीगंज क्रॉसिंग के पास कबीर मठ के सामने खुले में कूड़ा सड़क किनारे पड़ा रहा रहता है। इसके कारण आसपास दुर्गंध फैलती है। नगर निगम और संबंधित एजेंसी की तरफ से दिन में दो बार कूड़ा हटाया जाता है, लेकिन खुले में कूड़ा होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, खदरा कदम रसूल वार्ड में शौचालय के सामने सड़क पर खुले में कूड़ा पड़ा रहता है। यहीं से वाहनों की आवाजाही होती है। शिया पीजी कॉलेज से थोड़ी दूरी पर रहने वाले लोगों का कहना है कि यहां पर कूड़ा आठ से दस दिनों तक नहीं उठाया जाता है। सड़क पर कचरा फैला रहता है। अयोध्या दास प्रथम के पार्षद के कार्यालय के बगल में ही कूड़े का ढेर लगा है। इससे स्थानीय पार्षद काफी नाराज है। उनका कहना है कि वार्ड में कूड़ा कलेक्शन नहीं किया जाता है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम टीम की तरफ से कूड़ा नहीं उठाया जाता। इससे परेशानी होती है। गोमतीनगर…कूड़े के ढेर के बीच रहते हैं लोग गोमतीनगर में किसान बाजार के पास में फ्लाईओवर के नीचे लोग कचरा फेंकते हैं। यहां पूरी सड़क पर कचरा फैला है। कूड़े के ढेर के बीच 20 से अधिक लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं। महानगर सेक्टर बी के पॉश इलाके में भी यही हाल हैं। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम टीम की तरफ से कूड़ा नहीं उठाया जाता। इससे परेशानी होती है। इस्माइल गंज…नगर निगम मुख्यालय के पास गंदगी का ढेर शिवपुरी कॉलोनी चर्च रोड इस्माइल गंज द्वितीय वार्ड में चर्च रोड पर जाने वाले रास्ते में सड़क किनारे कूढ़े का ढेर लगा है। सुरेंद्र नगर से बसंत विहार जाने वाली सड़क किनारे गंदगी का अंबार है। कपूरथला में नगर निगम जोन 3 के अभियंत्रण स्टोर के बगल में कूड़े का पड़ाव घर बना दिया गया है। लोग कहते हैं- नगर निगम मुख्यालय के बाहर झंडे वाले पार्क के सामने कूड़े का ढेर आए दिन देखने को मिलता है। नगर निगम मुख्यालय के सामने यह स्थिति बनी हुई है, जबकि पूरे शहर में नगर निगम के अधिकारी ही कूड़ा उठाने का दावा करते हैं। चार दिन से नहीं उठा कूड़ा स्थानीय रहवासी अमित चौधरी कहते हैं कि जिया मऊ से थोड़ी दूरी पर डस्टबिन फुल है। नगर निगम की तरफ से नामित कंपनी एलएसए कूड़ा उठाने में परहेज करती है। चौक के चौपटिया पड़ावघर और हैदरगंज वार्ड में भी यही हाल है। समय पर कूड़ा नहीं उठने को लेकर आए दिन शिकायत होती है। पार्षद अनुराग मिश्रा ने कहा- नियमित कूड़ा नहीं उठने से दुर्गंध की स्थिति रहती है। अब जानते है किस बात को लेकर है विवाद… नियमों का उल्लंघन कर जारी किया टेंडर एलएसए कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट नियमों का उल्लंघन कर टेंडर देने का आरोप लगा रहे पार्षद कह रहे कि सदन में जो चीजें तय हुई थी, उनके मीटिंग मिनट्स भी नगर निगम के अधिकारियों ने गायब कर दिए। पार्षद रोड सर्वे कराने के साथ में सही ढंग से कॉन्ट्रैक्ट करने की मांग कर रहे हैं। पार्षदों और महापौर के बीच में चल रही खींचतान का असर सफाई कार्यों पर पड़ रहा है। विवाद के बाद शहर में स्थिति और खराब हो गई है। पार्षद दावा कर रहे कि एलएसए कंपनी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम 50 फीसदी ही कर पा रही है। बावजूद इसी कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। शहर में सफाई की व्यवस्था नगर निगम की तरफ से आठ जोन में सफाई का काम सरकारी कर्मचारियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए कर्मचारी करते हैं। इस दौरान जोन 1,3,5,6,7 एलएस कंपनी काम कर रही है। वहीं, जोन 2,5 और 8 में लायंस इनक्वायरी लखनऊ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी काम कर रही है। यह कंपनियां डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम अभी तक करती थीं। इसके साथ ही एलएसए को 5 जोन में सफाई का भी टेंडर दिया गया है, जिसमें 1 फरवरी से काम शुरू होना था, लेकिन पार्षदों के विरोध के बाद अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। स्वच्छता रैंकिंग में 44 वें स्थान पर पहुंचा 2023 की स्वच्छता रैंकिंग में लखनऊ 44वें स्थान पर था। इस दौरान 27 अंकों की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं, शहर के लोगों का कहना है कि लखनऊ में गंदगी की शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं दिया जाता है। अब जानते हैं जिम्मेदारों ने क्या कहा… ………………………….. यह खबर भी पढ़े लखनऊ नगर निगम में कर्मचारियों का हंगामा:बोले- भ्रष्टाचार में डूबे हैं अधिकारी, पूरे शहर में कूड़ा उठाने का काम बंद किया लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर सफाई कर्मियों ने हंगामा किया। कर्मचारी पिछले तीन दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को निगम कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। यहां पढ़े पूरी खबर लखनऊ नगर निगम में मेयर और पार्षदों के बीच सफाई ठेके को लेकर बवाल मचा हुआ है। इससे शहर के 110 वार्डों में सफाई और कचरा उठाने की व्यवस्था चरमरा गई है। वार्डों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इससे उठती बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। कुछ दिनों में ही स्वच्छता सर्वेक्षण होने वाला है। अगर यही हालत रहे तो लखनऊ की रैंकिंग गिरने की आशंका है। हालांकि नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर तैयारी करने का दावा करता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। दैनिक भास्कर ने नगर निगम के अधिकारियों के दावों के बाद वार्डों की पड़ताल की। इस दौरान व्यवस्था बद से बदतर नजर आई। पहले लखनऊ में स्वच्छता के दावे और मोहल्लों की देखें तस्वीरें… तस्वीर- 1. अयोध्या दास प्रथम वार्ड में सड़क किनारे खुले में कचरे का ढेर लगा है। तस्वीर- 2. शिवपुरी कॉलोनी चर्च रोड इस्माइल गंज द्वितीय वार्ड में खुले में कचरे के कारण निकल पाना मुश्किल है। तस्वीर- 3. शिया पीजी कॉलेज के पास सीतापुर रोड़ पर पड़ा कूड़ा। अब जो वार्डों में देखा… डालीगंज…पुराने लखनऊ में भी स्थिति खराब पुराने लखनऊ और घनी आबादी वाले इलाकों में सबसे खराब स्थिति है। डालीगंज क्रॉसिंग के पास कबीर मठ के सामने खुले में कूड़ा सड़क किनारे पड़ा रहा रहता है। इसके कारण आसपास दुर्गंध फैलती है। नगर निगम और संबंधित एजेंसी की तरफ से दिन में दो बार कूड़ा हटाया जाता है, लेकिन खुले में कूड़ा होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, खदरा कदम रसूल वार्ड में शौचालय के सामने सड़क पर खुले में कूड़ा पड़ा रहता है। यहीं से वाहनों की आवाजाही होती है। शिया पीजी कॉलेज से थोड़ी दूरी पर रहने वाले लोगों का कहना है कि यहां पर कूड़ा आठ से दस दिनों तक नहीं उठाया जाता है। सड़क पर कचरा फैला रहता है। अयोध्या दास प्रथम के पार्षद के कार्यालय के बगल में ही कूड़े का ढेर लगा है। इससे स्थानीय पार्षद काफी नाराज है। उनका कहना है कि वार्ड में कूड़ा कलेक्शन नहीं किया जाता है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम टीम की तरफ से कूड़ा नहीं उठाया जाता। इससे परेशानी होती है। गोमतीनगर…कूड़े के ढेर के बीच रहते हैं लोग गोमतीनगर में किसान बाजार के पास में फ्लाईओवर के नीचे लोग कचरा फेंकते हैं। यहां पूरी सड़क पर कचरा फैला है। कूड़े के ढेर के बीच 20 से अधिक लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं। महानगर सेक्टर बी के पॉश इलाके में भी यही हाल हैं। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम टीम की तरफ से कूड़ा नहीं उठाया जाता। इससे परेशानी होती है। इस्माइल गंज…नगर निगम मुख्यालय के पास गंदगी का ढेर शिवपुरी कॉलोनी चर्च रोड इस्माइल गंज द्वितीय वार्ड में चर्च रोड पर जाने वाले रास्ते में सड़क किनारे कूढ़े का ढेर लगा है। सुरेंद्र नगर से बसंत विहार जाने वाली सड़क किनारे गंदगी का अंबार है। कपूरथला में नगर निगम जोन 3 के अभियंत्रण स्टोर के बगल में कूड़े का पड़ाव घर बना दिया गया है। लोग कहते हैं- नगर निगम मुख्यालय के बाहर झंडे वाले पार्क के सामने कूड़े का ढेर आए दिन देखने को मिलता है। नगर निगम मुख्यालय के सामने यह स्थिति बनी हुई है, जबकि पूरे शहर में नगर निगम के अधिकारी ही कूड़ा उठाने का दावा करते हैं। चार दिन से नहीं उठा कूड़ा स्थानीय रहवासी अमित चौधरी कहते हैं कि जिया मऊ से थोड़ी दूरी पर डस्टबिन फुल है। नगर निगम की तरफ से नामित कंपनी एलएसए कूड़ा उठाने में परहेज करती है। चौक के चौपटिया पड़ावघर और हैदरगंज वार्ड में भी यही हाल है। समय पर कूड़ा नहीं उठने को लेकर आए दिन शिकायत होती है। पार्षद अनुराग मिश्रा ने कहा- नियमित कूड़ा नहीं उठने से दुर्गंध की स्थिति रहती है। अब जानते है किस बात को लेकर है विवाद… नियमों का उल्लंघन कर जारी किया टेंडर एलएसए कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट नियमों का उल्लंघन कर टेंडर देने का आरोप लगा रहे पार्षद कह रहे कि सदन में जो चीजें तय हुई थी, उनके मीटिंग मिनट्स भी नगर निगम के अधिकारियों ने गायब कर दिए। पार्षद रोड सर्वे कराने के साथ में सही ढंग से कॉन्ट्रैक्ट करने की मांग कर रहे हैं। पार्षदों और महापौर के बीच में चल रही खींचतान का असर सफाई कार्यों पर पड़ रहा है। विवाद के बाद शहर में स्थिति और खराब हो गई है। पार्षद दावा कर रहे कि एलएसए कंपनी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम 50 फीसदी ही कर पा रही है। बावजूद इसी कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। शहर में सफाई की व्यवस्था नगर निगम की तरफ से आठ जोन में सफाई का काम सरकारी कर्मचारियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए कर्मचारी करते हैं। इस दौरान जोन 1,3,5,6,7 एलएस कंपनी काम कर रही है। वहीं, जोन 2,5 और 8 में लायंस इनक्वायरी लखनऊ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी काम कर रही है। यह कंपनियां डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम अभी तक करती थीं। इसके साथ ही एलएसए को 5 जोन में सफाई का भी टेंडर दिया गया है, जिसमें 1 फरवरी से काम शुरू होना था, लेकिन पार्षदों के विरोध के बाद अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। स्वच्छता रैंकिंग में 44 वें स्थान पर पहुंचा 2023 की स्वच्छता रैंकिंग में लखनऊ 44वें स्थान पर था। इस दौरान 27 अंकों की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं, शहर के लोगों का कहना है कि लखनऊ में गंदगी की शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं दिया जाता है। अब जानते हैं जिम्मेदारों ने क्या कहा… ………………………….. यह खबर भी पढ़े लखनऊ नगर निगम में कर्मचारियों का हंगामा:बोले- भ्रष्टाचार में डूबे हैं अधिकारी, पूरे शहर में कूड़ा उठाने का काम बंद किया लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर सफाई कर्मियों ने हंगामा किया। कर्मचारी पिछले तीन दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को निगम कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। यहां पढ़े पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर