बढ़ते पॉल्यूशन से ब्लड कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। हैवी मेटल का इनटेक, घातक रेडिएशन, हाइड्रोकार्बन भी इसके मामलों को तेजी से बढ़ा रहे हैं। हालांकि किसी विशेष मामले में ब्लड कैंसर होने की सटीक वजह पता लगा पाना बेहद कठिन है। पर सबसे अहम बात ये है कि पहले जिन मरीजों को ब्लड कैंसर होने पर घर भेज दिया जाता था, अब इसका इलाज मौजूद है। ये बेहद गंभीर बीमारी है पर जरूरी नहीं कि जानलेवा हो। कुछ क्रॉनिक ब्लड कैंसर है, जो लंबे समय तक चलते हैं। कुछ एक्यूट ब्लड कैंसर हैं, जिनका समय से इलाज बेहद जरूरी होता है। ऐसे में आज के समय ब्लड कैंसर को लेकर अवेयरनेस बेहद जरूरी है। ये समझना होगा कि पहले जिन ब्लड कैंसर का इलाज नहीं हो सकता था। अब उनका इलाज संभव होगा। ये कहना है उत्तर प्रदेश में पहला बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर ब्लड कैंसर के मरीज का सफल इलाज करने वाले SGPGI लखनऊ के पूर्व चिकित्सक डॉ.सुनील दबड़घाव। उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में महज 5 सरकारी सेंटर में हो रहा है। इनमें 3 राजधानी लखनऊ में है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 114वें एपिसोड में यूपी के संजय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल साइंसेज के पूर्व फैकल्टी डॉ.सुनील दबड़घाव से खास बातचीत… डॉ.सुनील कहते है कि ब्लड कैंसर किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। हर 10 लाख मरीजों में हर साल 5 नए मरीज ब्लड कैंसर के रिपोर्ट होते हैं। ऐसे में 24 करोड़ की आबादी वाले राज्य में ब्लड कैंसर के इलाज की सुविधा अभी बेहद सीमित है। हर उम्र के लोगों पर कर रहा अटैक डॉ.सुनील कहते है कि बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों किसी को भी ब्लड कैंसर हो सकता है। लगभग 50 से ज्यादा तरीके के ब्लड कैंसर प्रचलित हैं। जब दवाएं काम करना बंद कर देती है। तब हम लोग ब्लड कैंसर के मरीजों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट करते हैं। बढ़ते पॉल्यूशन से ब्लड कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। हैवी मेटल का इनटेक, घातक रेडिएशन, हाइड्रोकार्बन भी इसके मामलों को तेजी से बढ़ा रहे हैं। हालांकि किसी विशेष मामले में ब्लड कैंसर होने की सटीक वजह पता लगा पाना बेहद कठिन है। पर सबसे अहम बात ये है कि पहले जिन मरीजों को ब्लड कैंसर होने पर घर भेज दिया जाता था, अब इसका इलाज मौजूद है। ये बेहद गंभीर बीमारी है पर जरूरी नहीं कि जानलेवा हो। कुछ क्रॉनिक ब्लड कैंसर है, जो लंबे समय तक चलते हैं। कुछ एक्यूट ब्लड कैंसर हैं, जिनका समय से इलाज बेहद जरूरी होता है। ऐसे में आज के समय ब्लड कैंसर को लेकर अवेयरनेस बेहद जरूरी है। ये समझना होगा कि पहले जिन ब्लड कैंसर का इलाज नहीं हो सकता था। अब उनका इलाज संभव होगा। ये कहना है उत्तर प्रदेश में पहला बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर ब्लड कैंसर के मरीज का सफल इलाज करने वाले SGPGI लखनऊ के पूर्व चिकित्सक डॉ.सुनील दबड़घाव। उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में महज 5 सरकारी सेंटर में हो रहा है। इनमें 3 राजधानी लखनऊ में है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 114वें एपिसोड में यूपी के संजय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल साइंसेज के पूर्व फैकल्टी डॉ.सुनील दबड़घाव से खास बातचीत… डॉ.सुनील कहते है कि ब्लड कैंसर किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। हर 10 लाख मरीजों में हर साल 5 नए मरीज ब्लड कैंसर के रिपोर्ट होते हैं। ऐसे में 24 करोड़ की आबादी वाले राज्य में ब्लड कैंसर के इलाज की सुविधा अभी बेहद सीमित है। हर उम्र के लोगों पर कर रहा अटैक डॉ.सुनील कहते है कि बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों किसी को भी ब्लड कैंसर हो सकता है। लगभग 50 से ज्यादा तरीके के ब्लड कैंसर प्रचलित हैं। जब दवाएं काम करना बंद कर देती है। तब हम लोग ब्लड कैंसर के मरीजों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट करते हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
पॉल्यूशन से ब्लड कैंसर…हर उम्र के लोगों पर असर:एक्सपर्ट बोले- सभी ब्लड कैंसर जानलेवा नहीं, पर समय से इलाज जरूरी
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