‘मेरा बेटा जिस प्रोफेसर के अंडर रिसर्च कर रहा था। वह बेटे को समय से नहीं छोड़ता था। इस कारण मेरा बेटा खाना नहीं खा पाता था। लैब में खुद खाता था, स्टूडेंट्स को खाने नहीं देता था। पानी नहीं पीने देता था, जलील करता था। मेरा बेटा अपनी मां को पल-पल की अपडेट देता था, वो कहता था- मम्मी राक्षस प्रोफेसर मिला है। सभी की जिंदगी हराम करके रखी है। वो हर दिन कहता मम्मी आज भूखे पेट सो रहा हूं। मेरा बेटा 12 फरवरी को घर आने वाला था, उसने लीव अप्लाई की, मगर उसने कैंसिल कर दी। उसने मेरे बेटे को धमकाया, करियर बर्बाद करने की धमकी दी थी। उससे कहा था- तुम्हारे मम्मी-पापा को फंसा दूंगा। इसी डर से मेरे बेटे ने सुसाइड नोट में कुछ नहीं लिखा। प्रोफेसर ने ही मेरे बेटे की जान ली है। उसी ने उकसाया और धमकाया था।’ ये दर्द है कानपुर आईआईटी में सुसाइड करने वाले रिसर्च स्कॉलर अंकित यादव के रामसूरत यादव का। बेटे का जिक्र होते ही वह फफक पड़े। बोले- मेरे बेटे की मौत का जिम्मेदार प्रोफेसर है। बेटे की किस्मत खराब थी, जो उसे ऐसा संवेदन शून्य प्रोफेसर मिला। स्टूडेंट्स उसे राक्षस कहते हैं। उसका बर्ताव इतना खराब है कि उसके पास कोई बच्चा जाने को तैयार नहीं होता। पिता ने प्रोफेसर के बारे में और क्या बताया ? अंकित ने अपनी मां को क्या-क्या बताया था? लैब की स्थिति क्या थी, उसका माहौल कैसा था? प्रोफेसर ने अंकित के अलावा और किन-किन छात्रों को परेशान किया था? पढ़िए रिपोर्ट… विस्तार से जानिए पूरा मामला
आजमगढ़ के फूलपुर थाने के अंबारी के रहने वाले रामसूरत यादव का बेटा अंकित यादव (24) कानपुर आईआईटी में केमिस्ट्री से पीएचडी कर रहा था। यह उसका पहला साल था। अंकित यादव ने सोमवार शाम 5 बजे सुसाइड कर लिया। आईआईटी के सुरक्षा अधिकारी को सूचना मिली कि कैंपस के हॉस्टल एच-103 में छात्र का शव लटका हुआ है। पुलिस को कमरे से 3 लाइन का सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा था- मैं क्विट कर रहा हूं…इसमें कोई इन्वॉल्व नहीं है। यह मेरा अपना निर्णय है। बेटे के सुसाइड की सूचना पर पहुंचा परिवार
बेटे के सुसाइड की जानकारी मिलते ही सोमवार देर रात परिवार नोएडा से कानपुर पहुंचा। अंकित के पिता ने कहा- मेरा बेटा सुसाइड नहीं कर सकता है। सब कुछ ठीक था तो अचानक ऐसा क्या हुआ। यहां कुछ तो प्रेशर रहा होगा, जिस वजह से मेरे बेटे ने ऐसा कदम उठाया। बेटे का नाम सुनते ही पिता छलक आईं आंखें भूखे ही सो जाता था मेरा बेटा
राम सूरत यादव ने बेटे ने अंकित ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी और एमएससी किया था। इसके बाद जुलाई 2024 में IIT कानपुर में एडमिशन लिया था। वह यहां एक प्रोफेसर के अंडर में पीएचडी कर रहा था। उसने मेरे बेटे का उत्पीड़न किया। सुबह 8 बजे मेरे बेटे को बुला लेता था, जब वह ब्रेकफास्ट करने की बात कहता था तो प्रोफेसर बेटे को धमकाता। डर के कारण बिना खाए ही चला जाता था। दोपहर 2 बजे लौट के आता था, तब तक मेस बंद हो जाता था। रात को भी 9 बजे के बाद छोड़ता था। मेरा बेटा 2 किलोमीटर बेटा साइकिल चला कर जब तक कैंपस आता था। तब तक मेस भी बंद हो जाता था। उसे 24 घंटे में सिर्फ लंच ही मिलता था। रात में अधिकतर भूखे सो जाता था। जौनपुर के स्टूडेंट्स को पूरी रात लैब में रखा
पिता ने बताया- उस प्रोफेसर के अंडर में कोई स्टूडेंट्स PHD नहीं करना चाहता था। उसका व्यवहार बहुत की गंदा है। मेरा बेटा हर दिन फोन करता अपनी मां को और कहता, मम्मी आज बिना ब्रेकफास्ट के लैब आया हूं। मम्मी आज रात भूखे सो रहा हूं। वह लैब में बच्चों को परेशान करता था। वह खुद बैठकर खाता रहता था, अगर कोई छात्र खाने लगे तो उसे डांटता, धमकाता। जो छात्र पानी पीने जाते या पेशाब करने जाते तो वह उन्हें जलील करता था। एक बार आसाम के रहने वाले स्टूडेंट्स की मां बीमार हुईं, वो सीरियस थीं। वह स्टूडेंट्स चला गया तो उसे बुला लिया। जौनपुर का लड़का लैब से बिना बताए कहीं चला गया तो उसे पूरी रात उस प्रोफेसर ने लैब में रखा। बेटे ने लीव ली तो उसे धमकाया
मेरा बेटा 12 फरवरी को नोएडा आना था, इसका टिकट भी हो गया था। 16 फरवरी को वापसी का टिकट भी कर लिया था। मगर उसने लीव कैंसिल कर दी। बेटे को डराया और धमकाया। पिता बोले- जिस दिन उसकी लीव कैंसिल हुई, उस दिन मेरा बेटा बहुत दुखी था। उसने मम्मी को फोन कर के कहा था- मम्मी मैं आज लैब नहीं चाहता। उसका (प्रोफेसर) का चेहरा नहीं देखना चाहता। वह बहुत क्रूर है। राम सूरत ने कहा- उसने लीव लेने पर मेरे बेटे का टॉर्चर किया। उसे करियर बर्बाद करने की धमकी दी। उसने कहा, तुम्हारे मां-बाप को फंसा देंगे, बर्बाद कर देंगे। इसीलिए मेरे बेटे ने सुसाइड नोट में कुछ नहीं लिखा। वह मेरे बेटे को धमकाता और उकसाता था। उसने ही मेरे बेटे की जिंदगी छीनी है। प्रोफेसर का बर्ताव गंदा, उसके अंडर मात्र दो स्टूडेंट्स
पिता ने बताया कि प्रोफेसर का बर्ताव कितना गंदा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उसके अंडर में पांच साल में दो बच्चे हैं। फोर्थ ईयर में एक स्टूडेंट्स है। थर्ड और सेकेंड ईयर में कोई स्टूडेंट्स नहीं है। फर्स्ट ईयर में एक लड़की और मेरा बेटा था। उसके स्टूडेंट्स की मौत हुई है, एक भी बार उसने फोन नहीं किया, पेरेंट्स से मिलने तक नहीं आया। आईआईटी प्रशासन पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आईआईटी प्रशासन की लापरवाही और उत्पीड़न से तंग आकर बेटे ने जान दी है। 11 फरवरी को पोस्टमार्टम करा कर डेड बॉडी को आजमगढ़ लाया गया, जहां अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेटे की मौत से पिता रामसूरत यादव टूट गए हैं। इसके साथ ही मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है। ……………….. ये खबर भी पढ़ें- यह कानपुर IIT का फेल्योर, मेरा भतीजा चला गया:सुसाइड करने वाले छात्र के चाचा बोले- प्रोफेसर के गाइडेंस में दिक्कत यह कानपुर IIT का फेल्योर है। यहां 6 से 7 सुसाइड हो चुके हैं। 4 से 5 रेप केस हो चुके हैं। बहुत अफसोस है। मेरा भतीजा चला गया, मेरा तो सब कुछ नष्ट हो गया। मेरे परिवार का सबसे होनहार बच्चा था। एक बार जो देख लेता था उसे याद कर लेता था। पढ़ें पूरी खबर ‘मेरा बेटा जिस प्रोफेसर के अंडर रिसर्च कर रहा था। वह बेटे को समय से नहीं छोड़ता था। इस कारण मेरा बेटा खाना नहीं खा पाता था। लैब में खुद खाता था, स्टूडेंट्स को खाने नहीं देता था। पानी नहीं पीने देता था, जलील करता था। मेरा बेटा अपनी मां को पल-पल की अपडेट देता था, वो कहता था- मम्मी राक्षस प्रोफेसर मिला है। सभी की जिंदगी हराम करके रखी है। वो हर दिन कहता मम्मी आज भूखे पेट सो रहा हूं। मेरा बेटा 12 फरवरी को घर आने वाला था, उसने लीव अप्लाई की, मगर उसने कैंसिल कर दी। उसने मेरे बेटे को धमकाया, करियर बर्बाद करने की धमकी दी थी। उससे कहा था- तुम्हारे मम्मी-पापा को फंसा दूंगा। इसी डर से मेरे बेटे ने सुसाइड नोट में कुछ नहीं लिखा। प्रोफेसर ने ही मेरे बेटे की जान ली है। उसी ने उकसाया और धमकाया था।’ ये दर्द है कानपुर आईआईटी में सुसाइड करने वाले रिसर्च स्कॉलर अंकित यादव के रामसूरत यादव का। बेटे का जिक्र होते ही वह फफक पड़े। बोले- मेरे बेटे की मौत का जिम्मेदार प्रोफेसर है। बेटे की किस्मत खराब थी, जो उसे ऐसा संवेदन शून्य प्रोफेसर मिला। स्टूडेंट्स उसे राक्षस कहते हैं। उसका बर्ताव इतना खराब है कि उसके पास कोई बच्चा जाने को तैयार नहीं होता। पिता ने प्रोफेसर के बारे में और क्या बताया ? अंकित ने अपनी मां को क्या-क्या बताया था? लैब की स्थिति क्या थी, उसका माहौल कैसा था? प्रोफेसर ने अंकित के अलावा और किन-किन छात्रों को परेशान किया था? पढ़िए रिपोर्ट… विस्तार से जानिए पूरा मामला
आजमगढ़ के फूलपुर थाने के अंबारी के रहने वाले रामसूरत यादव का बेटा अंकित यादव (24) कानपुर आईआईटी में केमिस्ट्री से पीएचडी कर रहा था। यह उसका पहला साल था। अंकित यादव ने सोमवार शाम 5 बजे सुसाइड कर लिया। आईआईटी के सुरक्षा अधिकारी को सूचना मिली कि कैंपस के हॉस्टल एच-103 में छात्र का शव लटका हुआ है। पुलिस को कमरे से 3 लाइन का सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा था- मैं क्विट कर रहा हूं…इसमें कोई इन्वॉल्व नहीं है। यह मेरा अपना निर्णय है। बेटे के सुसाइड की सूचना पर पहुंचा परिवार
बेटे के सुसाइड की जानकारी मिलते ही सोमवार देर रात परिवार नोएडा से कानपुर पहुंचा। अंकित के पिता ने कहा- मेरा बेटा सुसाइड नहीं कर सकता है। सब कुछ ठीक था तो अचानक ऐसा क्या हुआ। यहां कुछ तो प्रेशर रहा होगा, जिस वजह से मेरे बेटे ने ऐसा कदम उठाया। बेटे का नाम सुनते ही पिता छलक आईं आंखें भूखे ही सो जाता था मेरा बेटा
राम सूरत यादव ने बेटे ने अंकित ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी और एमएससी किया था। इसके बाद जुलाई 2024 में IIT कानपुर में एडमिशन लिया था। वह यहां एक प्रोफेसर के अंडर में पीएचडी कर रहा था। उसने मेरे बेटे का उत्पीड़न किया। सुबह 8 बजे मेरे बेटे को बुला लेता था, जब वह ब्रेकफास्ट करने की बात कहता था तो प्रोफेसर बेटे को धमकाता। डर के कारण बिना खाए ही चला जाता था। दोपहर 2 बजे लौट के आता था, तब तक मेस बंद हो जाता था। रात को भी 9 बजे के बाद छोड़ता था। मेरा बेटा 2 किलोमीटर बेटा साइकिल चला कर जब तक कैंपस आता था। तब तक मेस भी बंद हो जाता था। उसे 24 घंटे में सिर्फ लंच ही मिलता था। रात में अधिकतर भूखे सो जाता था। जौनपुर के स्टूडेंट्स को पूरी रात लैब में रखा
पिता ने बताया- उस प्रोफेसर के अंडर में कोई स्टूडेंट्स PHD नहीं करना चाहता था। उसका व्यवहार बहुत की गंदा है। मेरा बेटा हर दिन फोन करता अपनी मां को और कहता, मम्मी आज बिना ब्रेकफास्ट के लैब आया हूं। मम्मी आज रात भूखे सो रहा हूं। वह लैब में बच्चों को परेशान करता था। वह खुद बैठकर खाता रहता था, अगर कोई छात्र खाने लगे तो उसे डांटता, धमकाता। जो छात्र पानी पीने जाते या पेशाब करने जाते तो वह उन्हें जलील करता था। एक बार आसाम के रहने वाले स्टूडेंट्स की मां बीमार हुईं, वो सीरियस थीं। वह स्टूडेंट्स चला गया तो उसे बुला लिया। जौनपुर का लड़का लैब से बिना बताए कहीं चला गया तो उसे पूरी रात उस प्रोफेसर ने लैब में रखा। बेटे ने लीव ली तो उसे धमकाया
मेरा बेटा 12 फरवरी को नोएडा आना था, इसका टिकट भी हो गया था। 16 फरवरी को वापसी का टिकट भी कर लिया था। मगर उसने लीव कैंसिल कर दी। बेटे को डराया और धमकाया। पिता बोले- जिस दिन उसकी लीव कैंसिल हुई, उस दिन मेरा बेटा बहुत दुखी था। उसने मम्मी को फोन कर के कहा था- मम्मी मैं आज लैब नहीं चाहता। उसका (प्रोफेसर) का चेहरा नहीं देखना चाहता। वह बहुत क्रूर है। राम सूरत ने कहा- उसने लीव लेने पर मेरे बेटे का टॉर्चर किया। उसे करियर बर्बाद करने की धमकी दी। उसने कहा, तुम्हारे मां-बाप को फंसा देंगे, बर्बाद कर देंगे। इसीलिए मेरे बेटे ने सुसाइड नोट में कुछ नहीं लिखा। वह मेरे बेटे को धमकाता और उकसाता था। उसने ही मेरे बेटे की जिंदगी छीनी है। प्रोफेसर का बर्ताव गंदा, उसके अंडर मात्र दो स्टूडेंट्स
पिता ने बताया कि प्रोफेसर का बर्ताव कितना गंदा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उसके अंडर में पांच साल में दो बच्चे हैं। फोर्थ ईयर में एक स्टूडेंट्स है। थर्ड और सेकेंड ईयर में कोई स्टूडेंट्स नहीं है। फर्स्ट ईयर में एक लड़की और मेरा बेटा था। उसके स्टूडेंट्स की मौत हुई है, एक भी बार उसने फोन नहीं किया, पेरेंट्स से मिलने तक नहीं आया। आईआईटी प्रशासन पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आईआईटी प्रशासन की लापरवाही और उत्पीड़न से तंग आकर बेटे ने जान दी है। 11 फरवरी को पोस्टमार्टम करा कर डेड बॉडी को आजमगढ़ लाया गया, जहां अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेटे की मौत से पिता रामसूरत यादव टूट गए हैं। इसके साथ ही मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है। ……………….. ये खबर भी पढ़ें- यह कानपुर IIT का फेल्योर, मेरा भतीजा चला गया:सुसाइड करने वाले छात्र के चाचा बोले- प्रोफेसर के गाइडेंस में दिक्कत यह कानपुर IIT का फेल्योर है। यहां 6 से 7 सुसाइड हो चुके हैं। 4 से 5 रेप केस हो चुके हैं। बहुत अफसोस है। मेरा भतीजा चला गया, मेरा तो सब कुछ नष्ट हो गया। मेरे परिवार का सबसे होनहार बच्चा था। एक बार जो देख लेता था उसे याद कर लेता था। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
कानपुर IIT स्टूडेंट के पिता बोले- भूखे सोता था बेटा:प्रोफेसर ने बेटे की जिदंगी हराम कर दी; बात-बात पर जलील करता था
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