हरियाणा के फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 38वें अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में आज की सांस्कृतिक संध्या में बॉलीवुड सिंगर ए आर रहमान परफॉर्म करने वाले है। मेले के गेट नंबर 4 के पास बनी स्टेज पर शाम 7 बजे उनका शो होगा। ए आर रहमान 2 घंटे तक परफॉर्म करने वाले है। शाम 7 बजे होगा शो सूरजकुंड मेले में लोगों के मनोरंजन के लिए टूरिज्म कोई कमी नही छोड़ रहा है। मेले में रोजाना शाम को होने वाली सांस्कृतिक संध्या में देश के हर हिस्से से कवि, सिंगर, हास्य कलाकार, संगीतकार आकर लोगों का मनोरंजन कर रहे है। 14 फरवरी की शाम को बॉलीवुड सिंगर ए आर रहमान मेले में परफॉर्म करने के लिए आ रहे है। 7 फरवरी से शुरू होने वाले मेले में यह सबसे बड़ा शो होगा, इसलिए लोगों की भारी भीड़ जुटने की भी उम्मीद लगाई जा रही है। विदेशों तक पसंद है संगीत देश से लेकर विदेशों तक अपनी मधुर आवाज का जादू बिखेरने वाले ए आर रहमान को ग्रैमी से लेकर ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। ए.आर. रहमान ने अपनी मातृभाषा तमिल के अलावा कई हिंदी और अन्य भाषाओं की फिल्मों में संगीत भी दिया है। टाइम्स पत्रिका ने उन्हें मोजार्ट ऑफ मद्रास की उपाधि दी। रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय व्यक्ति हैं। ऑस्कर पुरस्कार विजेता हैं रहमान ए.आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए दो ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी फिल्म के मशहूर गाना ‘जय हो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गाने की श्रेणी में दो ग्रैमी पुरस्कार भी मिले। रहमान को विरासत में मिला संगीत ए आर रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता राजगोपाल कुलशेखर मलयालम फिल्मों में संगीतकार थे। रहमान ने संगीत की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की। 1991 में रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु किया। 1993 में रहमान ने फिल्म निर्देशक मणिरत्नम की फिल्म रोजा में संगीत दिया। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म में ही रहमान ने फिल्मफेयर पुरस्कार जीत लिया। इस पुरस्कार के साथ शुरू हुआ रहमान की जीत का सिलसिला, जो आज तक जारी है। मां तुझे सलाम, जय हो, लुका छिप्पी, रॉकस्टार का गाना-कुंग फाया आज भी हर किसी के जहन में बसा हुआ है। फिल्मों में दिखा रहमान के संगीत का जादू रहमान के गानों की 200 करोड़ से भी अधिक रिकॉर्डिंग बिक चुकी हैं। आज वे विश्व के टॉप टेन म्यूजिक कंपोजर्स में गिने जाते हैं। उन्होंने तहजीब, बॉम्बे, दिल से, रंगीला, सपने, ताल, जीन्स, पुकार, फिजा, लगान, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा-अकबर, जाने तू या जाने ना, युवराज, स्लमडॉग मिलियनेयर, गजनी जैसी फिल्मों में संगीत दिया है। उन्होंने देश की आजादी की 50 वीं वर्षगांठ पर 1997 में ‘वन्दे मातरम्’ ऐलबम बनाया, जो बेहद सफल रहा। हरियाणा के फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 38वें अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में आज की सांस्कृतिक संध्या में बॉलीवुड सिंगर ए आर रहमान परफॉर्म करने वाले है। मेले के गेट नंबर 4 के पास बनी स्टेज पर शाम 7 बजे उनका शो होगा। ए आर रहमान 2 घंटे तक परफॉर्म करने वाले है। शाम 7 बजे होगा शो सूरजकुंड मेले में लोगों के मनोरंजन के लिए टूरिज्म कोई कमी नही छोड़ रहा है। मेले में रोजाना शाम को होने वाली सांस्कृतिक संध्या में देश के हर हिस्से से कवि, सिंगर, हास्य कलाकार, संगीतकार आकर लोगों का मनोरंजन कर रहे है। 14 फरवरी की शाम को बॉलीवुड सिंगर ए आर रहमान मेले में परफॉर्म करने के लिए आ रहे है। 7 फरवरी से शुरू होने वाले मेले में यह सबसे बड़ा शो होगा, इसलिए लोगों की भारी भीड़ जुटने की भी उम्मीद लगाई जा रही है। विदेशों तक पसंद है संगीत देश से लेकर विदेशों तक अपनी मधुर आवाज का जादू बिखेरने वाले ए आर रहमान को ग्रैमी से लेकर ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। ए.आर. रहमान ने अपनी मातृभाषा तमिल के अलावा कई हिंदी और अन्य भाषाओं की फिल्मों में संगीत भी दिया है। टाइम्स पत्रिका ने उन्हें मोजार्ट ऑफ मद्रास की उपाधि दी। रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय व्यक्ति हैं। ऑस्कर पुरस्कार विजेता हैं रहमान ए.आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए दो ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी फिल्म के मशहूर गाना ‘जय हो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गाने की श्रेणी में दो ग्रैमी पुरस्कार भी मिले। रहमान को विरासत में मिला संगीत ए आर रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता राजगोपाल कुलशेखर मलयालम फिल्मों में संगीतकार थे। रहमान ने संगीत की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की। 1991 में रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु किया। 1993 में रहमान ने फिल्म निर्देशक मणिरत्नम की फिल्म रोजा में संगीत दिया। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म में ही रहमान ने फिल्मफेयर पुरस्कार जीत लिया। इस पुरस्कार के साथ शुरू हुआ रहमान की जीत का सिलसिला, जो आज तक जारी है। मां तुझे सलाम, जय हो, लुका छिप्पी, रॉकस्टार का गाना-कुंग फाया आज भी हर किसी के जहन में बसा हुआ है। फिल्मों में दिखा रहमान के संगीत का जादू रहमान के गानों की 200 करोड़ से भी अधिक रिकॉर्डिंग बिक चुकी हैं। आज वे विश्व के टॉप टेन म्यूजिक कंपोजर्स में गिने जाते हैं। उन्होंने तहजीब, बॉम्बे, दिल से, रंगीला, सपने, ताल, जीन्स, पुकार, फिजा, लगान, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा-अकबर, जाने तू या जाने ना, युवराज, स्लमडॉग मिलियनेयर, गजनी जैसी फिल्मों में संगीत दिया है। उन्होंने देश की आजादी की 50 वीं वर्षगांठ पर 1997 में ‘वन्दे मातरम्’ ऐलबम बनाया, जो बेहद सफल रहा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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