यूसीसी और रजिस्ट्री को पेपरलेस करने के विरोध में वकीलों की हड़ताल, आक्रोश रैली निकालकर सौंपेंगे ज्ञापन

यूसीसी और रजिस्ट्री को पेपरलेस करने के विरोध में वकीलों की हड़ताल, आक्रोश रैली निकालकर सौंपेंगे ज्ञापन

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Lawyer Strike:</strong> यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और रजिस्ट्री प्रक्रिया को पेपरलेस करने के विरोध में आज अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे. इसको लेकर बार एसोसिएशन ने आक्रोश रैली निकालने की घोषणा की है. दोपहर 12 बजे विधि भवन से जिलाधिकारी कार्यालय तक अधिवक्ता रैली निकालेंगे और सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे. इसके बाद जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा. हड़ताल के चलते न्यायालयों में बस्ते, टाइपिंग, स्टांप वेंडर, और अन्य सभी कार्य प्रभावित रहेंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बार एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा यूसीसी और रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल व पेपरलेस किया गया है, जिससे अधिवक्ताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. अधिवक्ताओं का कहना है कि इस निर्णय से आम नागरिकों को भी कठिनाइयाँ होंगी, क्योंकि डिजिटल प्रक्रियाओं में कई तकनीकी खामियाँ हो सकती हैं. अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती, तब तक विरोध जारी रहेगा. शुक्रवार को रजिस्ट्रार कार्यालय में भी कोई कार्य नहीं होगा, जिससे रजिस्ट्री कराने आए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Tb67dz3X5P4?si=3F3xNaG-Eet9n1kV” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>बार एसोसिएशन का कहना है कि पेपरलेस रजिस्ट्री से दस्तावेज़ों की सुरक्षा, पारदर्शिता, और पारंपरिक प्रक्रिया का महत्व कम हो जाएगा. वकीलों का यह भी तर्क है कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि डिजिटल सिस्टम में किसी भी तरह की गड़बड़ी आसानी से छिपाई जा सकती है. अधिवक्ताओं के अनुसार, डिजिटल प्रक्रियाओं से न्यायिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कई वरिष्ठ अधिवक्ता, जो अभी डिजिटल सिस्टम से अधिक परिचित नहीं हैं, उनके लिए यह बदलाव मुश्किलें खड़ी कर सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार पहले डिजिटल सिस्टम करे मजबूत</strong><br />बार एसोसिएशन के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य ने कहा, “सरकार को पहले डिजिटल सिस्टम को मजबूत करना चाहिए, ताकि कोई तकनीकी दिक्कत न आए. बिना समुचित व्यवस्था किए इसे लागू करना तर्कसंगत नहीं है.” अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी माँगों को गंभीरता से नहीं लेती, तो वे अगले चरण के आंदोलन की घोषणा कर सकते हैं. उन्होंने मांग की है कि सरकार इस फैसले को वापस ले या फिर अधिवक्ताओं से चर्चा कर उचित समाधान निकाले. आज की हड़ताल और आक्रोश रैली के कारण आम जनता को भी न्यायिक प्रक्रिया में देरी का सामना करना पड़ सकता है. वकीलों का कहना है कि अगर उनकी माँगें नहीं मानी गईं, तो विरोध और तेज़ होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-2025-stamepde-case-high-court-told-petitioner-present-the-facts-ann-2884133″><strong>महाकुंभ भगदड़ मामले में बढ़ेगी योगी सरकार की मुश्किल? हाईकोर्ट ने याची से कहा- तथ्य पेश कीजिए</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Lawyer Strike:</strong> यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और रजिस्ट्री प्रक्रिया को पेपरलेस करने के विरोध में आज अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे. इसको लेकर बार एसोसिएशन ने आक्रोश रैली निकालने की घोषणा की है. दोपहर 12 बजे विधि भवन से जिलाधिकारी कार्यालय तक अधिवक्ता रैली निकालेंगे और सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे. इसके बाद जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा. हड़ताल के चलते न्यायालयों में बस्ते, टाइपिंग, स्टांप वेंडर, और अन्य सभी कार्य प्रभावित रहेंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बार एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा यूसीसी और रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल व पेपरलेस किया गया है, जिससे अधिवक्ताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. अधिवक्ताओं का कहना है कि इस निर्णय से आम नागरिकों को भी कठिनाइयाँ होंगी, क्योंकि डिजिटल प्रक्रियाओं में कई तकनीकी खामियाँ हो सकती हैं. अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती, तब तक विरोध जारी रहेगा. शुक्रवार को रजिस्ट्रार कार्यालय में भी कोई कार्य नहीं होगा, जिससे रजिस्ट्री कराने आए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Tb67dz3X5P4?si=3F3xNaG-Eet9n1kV” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>बार एसोसिएशन का कहना है कि पेपरलेस रजिस्ट्री से दस्तावेज़ों की सुरक्षा, पारदर्शिता, और पारंपरिक प्रक्रिया का महत्व कम हो जाएगा. वकीलों का यह भी तर्क है कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि डिजिटल सिस्टम में किसी भी तरह की गड़बड़ी आसानी से छिपाई जा सकती है. अधिवक्ताओं के अनुसार, डिजिटल प्रक्रियाओं से न्यायिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कई वरिष्ठ अधिवक्ता, जो अभी डिजिटल सिस्टम से अधिक परिचित नहीं हैं, उनके लिए यह बदलाव मुश्किलें खड़ी कर सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार पहले डिजिटल सिस्टम करे मजबूत</strong><br />बार एसोसिएशन के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य ने कहा, “सरकार को पहले डिजिटल सिस्टम को मजबूत करना चाहिए, ताकि कोई तकनीकी दिक्कत न आए. बिना समुचित व्यवस्था किए इसे लागू करना तर्कसंगत नहीं है.” अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी माँगों को गंभीरता से नहीं लेती, तो वे अगले चरण के आंदोलन की घोषणा कर सकते हैं. उन्होंने मांग की है कि सरकार इस फैसले को वापस ले या फिर अधिवक्ताओं से चर्चा कर उचित समाधान निकाले. आज की हड़ताल और आक्रोश रैली के कारण आम जनता को भी न्यायिक प्रक्रिया में देरी का सामना करना पड़ सकता है. वकीलों का कहना है कि अगर उनकी माँगें नहीं मानी गईं, तो विरोध और तेज़ होगा.</p>
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