कुरूक्षेत्र जिला पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आर्थिक अपराध शाखा पुलिस की टीम ने विजय कुमार उर्फ रविन्द्र निवासी कमौदा और मनदीप सिंह निवासी अदारसी डेरा कुरूक्षेत्र को गिरफ्तार किया है। मामले के अनुसार, 26 नवम्बर थाना कृष्णा गेट में दी अपनी शिकायत में लवप्रीत सिंह निवासी कमोदा कुरूक्षेत्र ने बताया कि वह विदेश जाना चाहता था। 28 जून को इस बारे में उसने सेक्टर-17 कुरूक्षेत्र में प्लाई ओवरसिज इमीग्रेशन ऑफिस में संपर्क किया । जहां पर उसको और उसकी पत्नी को विदेश भेजने के लिए 28 लाख रुपए में इकरारनामा हुआ। उसने 4 लाख रुपए आरटीजीएस के द्वारा मनदीप के खाते में जमा करा दिए और करीब 1 लाख 5 हजार रुपए गूगल पे से दे दिए। उसके बाद आरोपी के दिए खाते में अलग-अलग तारीखों को करीब 9 लाख 84 हजार रुपए जमा कराए। इसके बाद उसने विजय से सम्पर्क किया तो उसने बताया कि 10-15 दिनों बाद वह उनका टिकट और वीजा बनवा देगा। अब न तो आरोपी ने उनका वीजा लगाया और न ही टिकट दी। शिकायत के आधार पर थाना कृष्णा गेट में मामला दर्ज जांच शुरू की गई। बाद में मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को दी गई। 28 नवम्बर को आर्थिक अपराध शाखा प्रभारी के मार्गनिर्देश में पीएसआई प्रदीप कुमार की टीम ने आरोपी विजय कुमार और मनदीप सिंह को गिरफ्तार किया। कुरूक्षेत्र जिला पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आर्थिक अपराध शाखा पुलिस की टीम ने विजय कुमार उर्फ रविन्द्र निवासी कमौदा और मनदीप सिंह निवासी अदारसी डेरा कुरूक्षेत्र को गिरफ्तार किया है। मामले के अनुसार, 26 नवम्बर थाना कृष्णा गेट में दी अपनी शिकायत में लवप्रीत सिंह निवासी कमोदा कुरूक्षेत्र ने बताया कि वह विदेश जाना चाहता था। 28 जून को इस बारे में उसने सेक्टर-17 कुरूक्षेत्र में प्लाई ओवरसिज इमीग्रेशन ऑफिस में संपर्क किया । जहां पर उसको और उसकी पत्नी को विदेश भेजने के लिए 28 लाख रुपए में इकरारनामा हुआ। उसने 4 लाख रुपए आरटीजीएस के द्वारा मनदीप के खाते में जमा करा दिए और करीब 1 लाख 5 हजार रुपए गूगल पे से दे दिए। उसके बाद आरोपी के दिए खाते में अलग-अलग तारीखों को करीब 9 लाख 84 हजार रुपए जमा कराए। इसके बाद उसने विजय से सम्पर्क किया तो उसने बताया कि 10-15 दिनों बाद वह उनका टिकट और वीजा बनवा देगा। अब न तो आरोपी ने उनका वीजा लगाया और न ही टिकट दी। शिकायत के आधार पर थाना कृष्णा गेट में मामला दर्ज जांच शुरू की गई। बाद में मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को दी गई। 28 नवम्बर को आर्थिक अपराध शाखा प्रभारी के मार्गनिर्देश में पीएसआई प्रदीप कुमार की टीम ने आरोपी विजय कुमार और मनदीप सिंह को गिरफ्तार किया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में आज शूटर सरबजोत सिंह का ग्रैंड वेलकम:पेरिस ओलिंपिक में जीता है कांस्य पदक; शहर से गांव तक होगा स्वागत
अंबाला में आज शूटर सरबजोत सिंह का ग्रैंड वेलकम:पेरिस ओलिंपिक में जीता है कांस्य पदक; शहर से गांव तक होगा स्वागत पेरिस ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता शूटर सरबजोत सिंह आज अंबाला पहुंचेगा। हरियाणा में इस दौरान उनके जगह जगह स्वागत की तैयारी है। सरबजोत के माता-पिता के साथ ग्रामीण भी उनके आने की बाट जोह रहे हैं। सरबजोत सिंह गुरुवार को भारत लौटे थे। उनको दिल्ली एयरपोर्ट पर ढ़ोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया था। सरबजोत सिंह दिल्ली से आज दोपहर को अंबाला पहुंचेगा। सरबजोत का अंबाला लौटने पर अंबाला छावनी में कई जगह स्वागत हो सकता है। अंबाला से उनके गांव धीन तक रास्ते में भी उनके स्वागत की तैयारी कीर जा रही है। उनके पिता जितेंद्र पहले ही कह चुके हैं कि गांव में उनके स्वागत में ढ़ोल नगाड़े बजेंगे। उनको खुली गाड़ी में गांव तक लाया जाएगा। बता दें कि सरबजोत सिंह ने पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर मिक्स डबल शूटिंग में कांस्य पदक जीता है। सरबजोत सिंह के कोच अभिषेक राणा ने बताया कि सरबजोत आज दोपहर को 12 बजे के करीब अपने गांव अंबाला पहुंचेगा। सरबजोत के पिता जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनको बेटे के घर लौटने का इंतजार है। यहां पर उनका स्वागत ढोल नगाड़े के साथ बड़ी धूमधाम से होगा। सबसे पहले सरबजोत अंबाला के पंजोखरा साहिब गुरुद्वारे में पूरे परिवार के साथ माथा टेकेगा। इसके लिए सरबजोत कौर की मां हरजीत कौर ने अपने तौर पर पूरी तैयारी कर रखी है। जितेंद्र ने कहा कि फिलहाल उनको नहीं पता कि बेटा कब अंबाला आएगा। वे अभी घर पर ही हैं। दिल्ली में स्वागत की सूचना की सूचना भी उनको नहीं मिली थी।
हरियाणा CMO में पैठ पर खट्टर ने तोड़ी चुप्पी:बोले- हमारे यहां हैड्स चेंज होने पर कट नहीं मारते; 3 करीबियों की नियुक्ति हुई थी
हरियाणा CMO में पैठ पर खट्टर ने तोड़ी चुप्पी:बोले- हमारे यहां हैड्स चेंज होने पर कट नहीं मारते; 3 करीबियों की नियुक्ति हुई थी हरियाणा के मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) में अपनी पैठ पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। शुक्रवार को करनाल पहुंचे खट्टर ने कहा कि भाजपा में हैड्स चेंज होने पर कट मारने का काम नहीं होता। यहां तालमेल बनाते हुए चीजों को आगे बढ़ाते हैं। बता दें कि 3 दिन पहले प्रवीण अत्रे को CM नायब सैनी का मीडिया सचिव, तरूण भंडारी को राजनीतिक सचिव और वीरेंद्र सिंह बढ़खालसा को CM का OSD लगाया गया था। अत्रे और भंडारी पहले भी खट्टर के CM रहते इन्हीं पदों पर काम कर रहे थे। वहीं बढ़खालसा भी CMO में ही नियुक्त थे। सीएमओ में इन तीन नेताओं की हुई थी नियुक्ति मुख्यमंत्री ऑफिस में पैठ पर केंद्रीय मंत्री की अहम बातें… 1. जिले से ऑल इंडिया लेवल तक तालमेल
हमारी पार्टी और कार्यकर्ताओं का काम कंटीन्युएशन में होता है। ये दूसरी पार्टियां हैं, जब भी कभी हैंड्स चेंज होते हैं तो कट मारकर एक इधर गया और दूसरा उधर गया। यहां ऐसा नहीं है। यहां पार्टी ने जब से काम करना शुरू किया, लगातार हम तालमेल बढ़ाते हुए चीजों को आगे बढ़ाते हैं। वह चाहे जिले, प्रदेश में या फिर ऑल इंडिया लेवल पर हो। 2. भाजपा में अनुशासित तरीका
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मनोहर लाल खट्टर को भाजपा ने 2014 में पूर्व बहुमत की सरकार आने पर मुख्यमंत्री बनाया था। तब वे पहली बार MLA चुने गए थे। इसके बाद 2019 का चुनाव भी उन्हीं की अगुआई में लड़ा। जिसमें भाजपा 90 में से 40 ही सीटें जीत पाई। बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत थी। ऐसे में मनोहर लाल ने 10 सीटों वाली उसी जननायक जनता पार्टी (JJP) को साथ मिला लिया, जिन्हें भाजपा के विरोध में वोटें पड़ी थी। हालांकि दूसरे टर्म में साढ़े 4 साल बाद खट्टर ने इस्तीफा दे दिया और नायब सैनी नए सीएम बन गए। खट्टर ने पहली बार करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। सांसद चुने जाने पर उन्हें केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। ****************** मनोहर लाल खट्टर की ये खबर भी पढ़ें :- कपड़े की दुकान चलाते थे खट्टर:बंसीलाल की सरकार गिराने के लिए दाढ़ी बढ़ाई, मोदी से दोस्ती; पहले ही चुनाव में CM बने 1999 की बात है। हरियाणा में BJP और हरियाणा विकास पार्टी के गठबंधन की सरकार थी। चौधरी बंसीलाल मुख्यमंत्री थे। एक दिन BJP के संगठन मंत्री मुख्यमंत्री बंसीलाल से मिलने गए। कुछ देर बाद CM ने मैसेज भिजवाया- ‘BJP के संगठन मंत्री हमारी पार्टी के संगठन मंत्री से मिल लें। मुझसे मिलने की जरूरत नहीं है।’ पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खट्टर का UPS का दांव:2.5 लाख सरकारी कर्मचारी; OPS को मुद्दा बना रही कांग्रेस, IAS खेमका साथ आए
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खट्टर का UPS का दांव:2.5 लाख सरकारी कर्मचारी; OPS को मुद्दा बना रही कांग्रेस, IAS खेमका साथ आए हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार BJP नए दांव खेल रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर नाराज चल रहे कर्मचारियों को लेकर बड़ा दांव खेल दिया है। उन्होंने संकेत दे दिया कि यदि हरियाणा में BJP तीसरी बार सत्ता में आती है तो कर्मचारियों के हित में केंद्र की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) स्कीम को लागू करेंगे। बीजेपी अपने मेनिफेस्टो में भी नई स्कीम को लागू करने का वादा करेगी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस OPS को प्रदेश में लागू करने का वादा कर रही है। इस बीच केंद्र की UPS पर हरियाणा के एक सीनियर IAS अशोक खेमका ने भी अपना समर्थन दिया है। अब पढ़िए बीजेपी के ऐलान के पीछे की 3 वजह हरियाणा में ढाई लाख सरकारी कर्मचारी
हरियाणा में चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस दांव को चलने की खास वजह प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारी हैं। ये कर्मचारी OPS को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं। इसके लिए कर्मचारियों के एक गुट ने OPS संघर्ष मोर्चा भी बनाया हुआ है। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को कर्मचारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। खट्टर ने इस बड़े सरकारी कर्मचारी वर्ग को साधने के लिए ये दांव चला है। 40 हजार कर्मचारी केंद्र में कर रहे नौकरी
हरियाणा के 2.5 लाख कर्मचारियों में 40 हजार कर्मचारी केंद्र सरकार में काम कर रहे हैं। हालांकि ये हरियाणा के ही वोटर हैं, केंद्र की UPS का केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। ये प्रदेश में चुनाव के दौरान यूपीएस के पक्ष में माहौल बनाने में पार्टी की अच्छी मदद कर सकते हैं। राज्य में 90 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो 2004 के पहले से काम कर रहे हैं। हिमाचल में दिखा था OPS का असर
हिमाचल प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ओपीएस के चक्कर में ही करारी हार का सामना करना पड़ा था। हिमाचल हरियाणा का सीमावर्ती स्टेट है, इसलिए भाजपा नहीं चाहती कि वहां का कोई भी मुद्दा हरियाणा में प्रभावी हो। यही वजह है कि खट्टर कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने में लगे हुए हैं। अब यहां समझिए UPS क्या है? कब से लागू होगी
दिसंबर 2003 तक सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS लागू थी। जनवरी 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार इसे हटाकर न्यू पेंशन स्कीम यानी NPS लाई। NPS पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। मोदी सरकार ने अप्रैल 2023 में टीवी सोमनाथन की अगुआई में एक कमेटी बनाई। इस कमेटी ने हर राज्य के वित्तीय सचिव, नेताओं, सैकड़ों कर्मचारी यूनियन के साथ चर्चा की। उसके बाद कमेटी ने कैबिनेट को न्यू पेंशन स्कीम में बदलाव के लिए कुछ सिफारिशें कीं। 24 अगस्त 2024 को मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS को मंजूरी दी है। इसे अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। यहां पढ़िए यूपीएस और ओपीएस में क्या हैं 3 बड़े अंतर… UPS-OPS में पेंशन कैलकुलेट करने का अलग तरीका यूपीएस और ओपीएस दोनों ही पेंशन स्कीमों में सरकारी कर्मचारियों को एश्योर्ड पेंशन देने का प्रावधान है। लेकिन पेंशन की गणना करने के तौर तरीकों में बड़ा अंतर है। ओपीएस में सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट से ठीक पहले की आखिरी बेसिक सैलेरी और महंगाई भत्ता का 50% पेंशन के तौर पर दिया जाता है। जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट से पहले की 12 महीने की बेसिक सैलेरी और डीए का जो औसत बनेगा वही एश्योर्ड पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। UPS में योगदान जरूरी, OPS में ये प्रावधान नहीं यूपीएस में कर्मचारियों को यूपीएस में अपने बेसिक पे और डीए का 10 फीसदी पेंशन फंड में देना होगा जैसे वे एनपीएस में करते आए हैं। सरकार, कर्मचारी के लिए पेंशन फंड में अपनी तरफ से 18.5% का योगदान करेगी जिसकी लिमिट एनपीएस में 14 फीसदी थी। ओपीएस में कर्मचारियों को अपनी ओर से पेंशन फंड में कोई योगदान नहीं करना पड़ता था। पेंशन पाने के लिए OPS में 20 साल, UPS में 25 साल जरूरी यूपीएस में कम से कम 25 वर्षों तक के सर्विस के बाद ही तय फॉर्मूले के तहत सरकारी कर्मचारी एश्योर्ड पेंशन पाने का हकदार होंगे। ओपीएस में नियम कुछ और था। ओल्ड पेंशन स्कीम में केंद्रीय कर्मचारी 20 साल की नौकरी के बाद ही पेंशन पाने का हकदार हो जाते थे। यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम में एश्योर्ड पेंशन के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम से 5 साल ज्यादा लंबे समय तक सर्विस करना होगा। यूपीएस पर हरियाणा में इन वजहों से फंस रहा पेंच 1. एक अप्रैल 2025 से लागू होने वाली यूपीएस के लिए 25 वर्ष की सेवा को अनिवार्य किया गया है। इससे पहले ओपीएस में सिर्फ 20 वर्ष की नौकरी का प्रावधान था। हरियाणा के कर्मचारियों को सरकार का यह बाध्यता ठीक नहीं लग रही है। 2. एक आंकड़े के तहत प्रदेश में काफी संख्या में लोग 40 वर्ष के बाद नौकरी में आते हैं। इस तरह से करीब आधे कर्मचारी इस योजना में शामिल ही नहीं हो सकते हैं। वहीं कर्मचारियों के वेतन से जो 10 फीसदी पैसा कटेगा उसे उसे सरकार अपने पास रखेगी। सेवानिवृत्त के बाद कर्मचारियों को इसमें से कुछ भी नहीं मिलेगा। 3. यूपीएस में मेडिकल व डीए की बात नहीं की गई है। कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के समय महज 6 महीने का वेतन ही दिया जाएगा। हालांकि इसमें सरकार अपना शेयर 14 से 18.5 फीसदी करने जा रही है, लेकिन कर्मचारी इसमें अपना कोई लाभ नहीं देख रहे हैं। 4. हरियाणा के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पहले केंद्र सरकार एनपीएस में कमी नहीं मान रही थी। लेकिन जब उसे कमी महसूस हुई तो यूपीएस बनाने के लिए एक बार भी केंद्र सरकार ने उन्हें सुझाव के लिए नहीं बुलाया। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि हमारी मांग ओपीएस बहाली की थी और ओपीएस बहाली तक ही आंदोलन जारी रहेगा। IAS अशोक खेमका समर्थन में आए हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अशोक खेमका ने केंद्र सरकार की ओर से घोषित यूपीएस योजना का समर्थन किया है। सोशल प्लेटफार्म X पर लिखी पोस्ट में खेमका ने कहा कि 2004 के बाद के केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएस योजना की घोषणा से बड़ी राहत मिली है। मुझे आशा है कि जल्द ही राज्यों द्वारा बिना देरी किए इसे लागू किया लाएगा। वहीं प्रदेश के कई अन्य आईएएस अफसरों ने भी यूपीएस को एनपीएस से बेहतर बताया है।