पंचकूला में HSGMC की मीटिंग बेनतीजा:9 नॉमिनेटेड मेंबर का होना था चयन; नाराज मेंबरों ने नारेबाजी कर जताया रोष

पंचकूला में HSGMC की मीटिंग बेनतीजा:9 नॉमिनेटेड मेंबर का होना था चयन; नाराज मेंबरों ने नारेबाजी कर जताया रोष

हरियाणा के पंचकूला में हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (HSGMC) के 9 नामिनेटिड मेंबरों के चयन को लेकर सेक्टर-1 के रेस्ट हाउस में हुई मीटिंग बेनतीजा रही। मीटिंग के शुरू होते ही प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे 40 मेंबरों को कमेटी के संविधान में चयन का एक्ट नहीं होने का मैसेज दे दिया गया, जिससे मेंबर भड़क गए और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उधर, नॉमिनेटेड मेंबर के चयन को एक्ट बनने तक मीटिंग को पोस्टपोन कर दिया गया। इसके बाद अकाल पंथक मोर्चा ने अपनी मीटिंग कर सीएम से मुलाकात कर उनको ज्ञापन देने का फैसला किया। मीटिंग के बाद ही मोर्चा के मेंबर सीएम हाउस पहुंच गए, जहां उन्होंने जल्द चयन एक्ट बनाने की मांग के लिए सीएम के राजनैतिक सलाहकार बीबी भारती को ज्ञापन दिया। दरअसल, HSGMC में 2 महिला, 3 एससी-ओबीसी, 2 गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान, 2 सिख धर्म की जानकारी रखने वालों समेत कुल 9 मेंबर नॉमिनेट किए जाने हैं। इसे लेकर ही कमेटी के कमिश्नर एचएस भल्ला ने 14 फरवरी को पूरे प्रदेश से 40 मेंबरों को मीटिंग के लिए पंचकूला बुलाया था, मगर मीटिंग में मेंबरों को नॉमिनेट मेंबर के चयन का एक्ट न होने का हवाला देकर मीटिंग पोस्टपोन कर दी। परेशान करने का लगाया आरोप
मीटिंग पोस्टपोन होने से सभी मेंबर नाराज हो गए और उन्होंने रेस्ट हाउस में ही सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि क्या उनको 300-400 किलोमीटर से मीटिंग पोस्टपोन का मैसेज देने का बुलाया था ? मीटिंग से 1-2 दिन पहले उनको एक्ट न होने का मैसेज दिया जा सकता था, मगर सरकार की मंशा उनको परेशान करने की है। उनके पास 25 मेंबर
अकाल पंथक मोर्चा से जुड़े वार्ड-15 थानेसर से मेंबर चुने गए हरमनप्रीत सिंह ने बताया कि उनके पास 25 मेंबर है। सभी मेंबर मीटिंग में भी पहुंचे थे, मगर एक्ट नहीं होने की वजह से नॉमिनेटेड मेंबर का चयन नहीं हो सका। इसे लेकर मोर्चा की ओर से सीएम को ज्ञापन दिया गया है।​​​ यह सवाल उठाए -सरकार को कमेटी के चुनाव से पहले एक्ट बनाना चाहिए था। -सरकार ने चुनाव से पहले और बाद में भी एक्ट क्यों नहीं बनाया ? -जब एक्ट ही नहीं था तो उनको मीटिंग के लिए बुलाया ही क्यों गया ? -अब भी सरकार ने एक्ट तैयार करने की कोई समयावधि नहीं बताई। – 2014 से एक्ट नहीं था तो सरकार क्या कर रही थी ? हरियाणा के पंचकूला में हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (HSGMC) के 9 नामिनेटिड मेंबरों के चयन को लेकर सेक्टर-1 के रेस्ट हाउस में हुई मीटिंग बेनतीजा रही। मीटिंग के शुरू होते ही प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे 40 मेंबरों को कमेटी के संविधान में चयन का एक्ट नहीं होने का मैसेज दे दिया गया, जिससे मेंबर भड़क गए और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उधर, नॉमिनेटेड मेंबर के चयन को एक्ट बनने तक मीटिंग को पोस्टपोन कर दिया गया। इसके बाद अकाल पंथक मोर्चा ने अपनी मीटिंग कर सीएम से मुलाकात कर उनको ज्ञापन देने का फैसला किया। मीटिंग के बाद ही मोर्चा के मेंबर सीएम हाउस पहुंच गए, जहां उन्होंने जल्द चयन एक्ट बनाने की मांग के लिए सीएम के राजनैतिक सलाहकार बीबी भारती को ज्ञापन दिया। दरअसल, HSGMC में 2 महिला, 3 एससी-ओबीसी, 2 गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान, 2 सिख धर्म की जानकारी रखने वालों समेत कुल 9 मेंबर नॉमिनेट किए जाने हैं। इसे लेकर ही कमेटी के कमिश्नर एचएस भल्ला ने 14 फरवरी को पूरे प्रदेश से 40 मेंबरों को मीटिंग के लिए पंचकूला बुलाया था, मगर मीटिंग में मेंबरों को नॉमिनेट मेंबर के चयन का एक्ट न होने का हवाला देकर मीटिंग पोस्टपोन कर दी। परेशान करने का लगाया आरोप
मीटिंग पोस्टपोन होने से सभी मेंबर नाराज हो गए और उन्होंने रेस्ट हाउस में ही सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि क्या उनको 300-400 किलोमीटर से मीटिंग पोस्टपोन का मैसेज देने का बुलाया था ? मीटिंग से 1-2 दिन पहले उनको एक्ट न होने का मैसेज दिया जा सकता था, मगर सरकार की मंशा उनको परेशान करने की है। उनके पास 25 मेंबर
अकाल पंथक मोर्चा से जुड़े वार्ड-15 थानेसर से मेंबर चुने गए हरमनप्रीत सिंह ने बताया कि उनके पास 25 मेंबर है। सभी मेंबर मीटिंग में भी पहुंचे थे, मगर एक्ट नहीं होने की वजह से नॉमिनेटेड मेंबर का चयन नहीं हो सका। इसे लेकर मोर्चा की ओर से सीएम को ज्ञापन दिया गया है।​​​ यह सवाल उठाए -सरकार को कमेटी के चुनाव से पहले एक्ट बनाना चाहिए था। -सरकार ने चुनाव से पहले और बाद में भी एक्ट क्यों नहीं बनाया ? -जब एक्ट ही नहीं था तो उनको मीटिंग के लिए बुलाया ही क्यों गया ? -अब भी सरकार ने एक्ट तैयार करने की कोई समयावधि नहीं बताई। – 2014 से एक्ट नहीं था तो सरकार क्या कर रही थी ?   हरियाणा | दैनिक भास्कर