दिल्ली से लुधियाना जाते वक्त गूगल मैप पर लोकेशन लगाना 3 युवकों को महंगा पड़ गया। अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर उनकी कार सीमेंट की बैरिकेडिंग पर चढ़ गई। हालांकि एयरबैग खुलने से तीनों की जान बच गई। मगर, एक युवक की हालत गंभीर है। रात को हादसे के बाद तीनों युवकों ने दूसरी गाड़ी मंगाई और उसमें बैठकर चले गए। कार में कोई डॉक्यूमेंट नहीं था और नंबर प्लेट भी गायब थी। जिस वजह से पुलिस अभी कार के मालिकों की पहचान नहीं कर पाई है। हालांकि गाड़ी के इंजन-चेसिस नंबर से युवकों के बारे में पता लगाया जा रहा है। किसान आंदोलन की वजह से पुलिस ने बैरिकेडिंग की
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ये घटना गुरुवार रात करीब 3 बजे की है। तब दिल्ली से कार में 3 युवक लुधियाना की तरफ आए। शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के चलते अंबाला की तरफ से पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। हालांकि युवक गूगल मैप की मदद से तेज स्पीड में जा रहे थे। पुलिस को सुबह हादसे का पता चला
वहां शंभू बॉर्डर के करीब अचानक बैरिकेडिंग आ गई, रात होने की वजह से वह बैरिकेडिंग को खुद भी नहीं देख पाए और कार बैरिकेडिंग पर चढ़ गई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से टूट गया। पुलिस को शुक्रवार सुबह हादसे का पता चला। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची तो कार से कोई ऐसी चीज नहीं मिली, जिससे उसकी शिनाख्त हो सके। इस हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या गूगल मैप गलत रास्ता दिखा सकता है? क्या गूगल मैप पर आंख बंद करके भरोसा करना सही है? इसके बारे में विस्तार से जानिए… सवाल- गूगल मैप क्या है?
जवाब- गूगल मैप एक बेहद लोकप्रिय वेब मैपिंग सर्विस है, जिसे गूगल ने डेवलप किया है। इसमें सैटेलाइट की मदद से मैप दिखाई देता है। इसके जरिए आप अपनी लोकेशन से किसी रास्ते, होटल, पेट्रोल पंप, हॉस्पिटल जैसी जगह की दूरी देख सकते हैं। इसके लिए आपके पास मोबाइल, टेबलेट या लैपटॉप होना चाहिए। सवाल- क्या गूगल मैप गलत रास्ता दिखा सकता है?
जवाब- साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि आमतौर पर गूगल मैप गलत रास्ता नहीं दिखाता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में रास्ते को लेकर गलत जानकारी आपकी डिजिटल स्क्रीन पर शो हो सकती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या गूगल मैप पर पूरी तरह भरोसा करना सही है? जवाब- बिल्कुल नहीं, गूगल मैप पर आंख बंद करके भरोसा करना सही नहीं है। कई बार मैप किन्हीं कारणों से गलत रास्ता दिखा सकता है। जैसे कि- सवाल- गूगल मैप का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- गूगल मैप पूरी तरह ऑनलाइन वेब टेक्नोलॉजी पर आधारित है। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी बहुत सारे लोग गूगल मैप के सहारे यात्रा करते हैं। इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि यह फ्री एप है। इसके जरिए किसी रास्ते या लोकेशन के बारे में एक क्लिक में पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा गूगल मैप हमें शॉर्ट कट रास्ता दिखाकर हमारा समय भी बचाता है। हालांकि कई बार ये गलतियां भी कर सकता है, जिसका खामियाजा यूजर्स को ही भुगतना पड़ सकता है। इसलिए इसके इस्तेमाल के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। नीचे दिए ग्राफिक में इसे देखिए- सवाल- गूगल मैप को यह कैसे पता चलता है कि किसी सड़क पर ट्रैफिक जाम है या नहीं? जवाब- जब हम अपने मोबाइल में कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो गूगल मैप उस लोकेशन की ट्रैफिक स्थिति भी बताता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गूगल को यह कैसे पता चलता है कि वहां ट्रैफिक जाम है या नहीं। क्या गूगल ने हर जगह कैमरे लगाए हुए हैं। ऐसा नहीं है। गूगल मैप हमारी ही मदद से ऐसा करता है। दरअसल जब हम कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो गूगल मैप उस रास्ते के बारे में यह पता लगाता है कि वहां कुल कितने मोबाइल फोन एक्टिव हैं। साथ ही उन मोबाइल फोन यूजर्स की आगे बढ़ने की स्पीड क्या है। इसी डेटा के आधार पर गूगल यह बताता है कि किसी सड़क पर ट्रैफिक जाम है या नहीं। सवाल- गूगल मैप किसी रास्ते पर पहुंचने का अनुमानित समय कैसे बताता है? जवाब- जब हम गूगल मैप पर किसी लोकेशन के बारे में सर्च करते हैं तो मैप कई चीजों की एनालिसिस करता है। इसमें उस लोकेशन से संबंधित सभी रास्ते और रास्ते से गुजरने वाले एक्टिव मोबाइल फोन यूजर्स का समय भी शामिल हाेता है। इसी विश्लेषण के आधार पर मैप नियत स्थान तक पहुंचने का अनुमानित समय बताता है। सवाल- क्या गूगल मैप की ट्रैकिंग से हमारी प्राइवेसी को कोई खतरा है? जवाब- साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि गूगल मैप की ट्रैकिंग से हमारी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। दरअसल गूगल मैप हमारी लोकेशन और एक्टिविटीज को ट्रैक करता है। हालांकि गूगल दावा करता है कि वह अपने यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखता है। वह यूजर्स की लोकेशन किसी के साथ शेयर नहीं करता है। फिर भी गूगल मैप की लोकेशन केवल तभी ऑन करें, जब आपको इसकी जरूरत हो। टेक्नोलॉजी हमारे लिए वरदान की तरह है, लेकिन इस पर बहुत ज्यादा निर्भर होना भी खतरनाक हो सकता है। गूगल मैप एक अच्छी वेब मैपिंग सर्विस है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि गूगल का अनुमान हमेशा सटीक ही हो। कई बार उसका बताया रास्ता गलत भी साबित हो सकता है। इसकी कई टेक्निकल वजहें हो सकती हैं। इसलिए किसी भी नए रास्ते पर जाते समय खुद से भी सावधानी और सतर्कता जरूर बरतें। दिल्ली से लुधियाना जाते वक्त गूगल मैप पर लोकेशन लगाना 3 युवकों को महंगा पड़ गया। अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर उनकी कार सीमेंट की बैरिकेडिंग पर चढ़ गई। हालांकि एयरबैग खुलने से तीनों की जान बच गई। मगर, एक युवक की हालत गंभीर है। रात को हादसे के बाद तीनों युवकों ने दूसरी गाड़ी मंगाई और उसमें बैठकर चले गए। कार में कोई डॉक्यूमेंट नहीं था और नंबर प्लेट भी गायब थी। जिस वजह से पुलिस अभी कार के मालिकों की पहचान नहीं कर पाई है। हालांकि गाड़ी के इंजन-चेसिस नंबर से युवकों के बारे में पता लगाया जा रहा है। किसान आंदोलन की वजह से पुलिस ने बैरिकेडिंग की
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ये घटना गुरुवार रात करीब 3 बजे की है। तब दिल्ली से कार में 3 युवक लुधियाना की तरफ आए। शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के चलते अंबाला की तरफ से पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। हालांकि युवक गूगल मैप की मदद से तेज स्पीड में जा रहे थे। पुलिस को सुबह हादसे का पता चला
वहां शंभू बॉर्डर के करीब अचानक बैरिकेडिंग आ गई, रात होने की वजह से वह बैरिकेडिंग को खुद भी नहीं देख पाए और कार बैरिकेडिंग पर चढ़ गई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से टूट गया। पुलिस को शुक्रवार सुबह हादसे का पता चला। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची तो कार से कोई ऐसी चीज नहीं मिली, जिससे उसकी शिनाख्त हो सके। इस हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या गूगल मैप गलत रास्ता दिखा सकता है? क्या गूगल मैप पर आंख बंद करके भरोसा करना सही है? इसके बारे में विस्तार से जानिए… सवाल- गूगल मैप क्या है?
जवाब- गूगल मैप एक बेहद लोकप्रिय वेब मैपिंग सर्विस है, जिसे गूगल ने डेवलप किया है। इसमें सैटेलाइट की मदद से मैप दिखाई देता है। इसके जरिए आप अपनी लोकेशन से किसी रास्ते, होटल, पेट्रोल पंप, हॉस्पिटल जैसी जगह की दूरी देख सकते हैं। इसके लिए आपके पास मोबाइल, टेबलेट या लैपटॉप होना चाहिए। सवाल- क्या गूगल मैप गलत रास्ता दिखा सकता है?
जवाब- साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि आमतौर पर गूगल मैप गलत रास्ता नहीं दिखाता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में रास्ते को लेकर गलत जानकारी आपकी डिजिटल स्क्रीन पर शो हो सकती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या गूगल मैप पर पूरी तरह भरोसा करना सही है? जवाब- बिल्कुल नहीं, गूगल मैप पर आंख बंद करके भरोसा करना सही नहीं है। कई बार मैप किन्हीं कारणों से गलत रास्ता दिखा सकता है। जैसे कि- सवाल- गूगल मैप का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- गूगल मैप पूरी तरह ऑनलाइन वेब टेक्नोलॉजी पर आधारित है। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी बहुत सारे लोग गूगल मैप के सहारे यात्रा करते हैं। इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि यह फ्री एप है। इसके जरिए किसी रास्ते या लोकेशन के बारे में एक क्लिक में पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा गूगल मैप हमें शॉर्ट कट रास्ता दिखाकर हमारा समय भी बचाता है। हालांकि कई बार ये गलतियां भी कर सकता है, जिसका खामियाजा यूजर्स को ही भुगतना पड़ सकता है। इसलिए इसके इस्तेमाल के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। नीचे दिए ग्राफिक में इसे देखिए- सवाल- गूगल मैप को यह कैसे पता चलता है कि किसी सड़क पर ट्रैफिक जाम है या नहीं? जवाब- जब हम अपने मोबाइल में कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो गूगल मैप उस लोकेशन की ट्रैफिक स्थिति भी बताता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गूगल को यह कैसे पता चलता है कि वहां ट्रैफिक जाम है या नहीं। क्या गूगल ने हर जगह कैमरे लगाए हुए हैं। ऐसा नहीं है। गूगल मैप हमारी ही मदद से ऐसा करता है। दरअसल जब हम कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो गूगल मैप उस रास्ते के बारे में यह पता लगाता है कि वहां कुल कितने मोबाइल फोन एक्टिव हैं। साथ ही उन मोबाइल फोन यूजर्स की आगे बढ़ने की स्पीड क्या है। इसी डेटा के आधार पर गूगल यह बताता है कि किसी सड़क पर ट्रैफिक जाम है या नहीं। सवाल- गूगल मैप किसी रास्ते पर पहुंचने का अनुमानित समय कैसे बताता है? जवाब- जब हम गूगल मैप पर किसी लोकेशन के बारे में सर्च करते हैं तो मैप कई चीजों की एनालिसिस करता है। इसमें उस लोकेशन से संबंधित सभी रास्ते और रास्ते से गुजरने वाले एक्टिव मोबाइल फोन यूजर्स का समय भी शामिल हाेता है। इसी विश्लेषण के आधार पर मैप नियत स्थान तक पहुंचने का अनुमानित समय बताता है। सवाल- क्या गूगल मैप की ट्रैकिंग से हमारी प्राइवेसी को कोई खतरा है? जवाब- साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि गूगल मैप की ट्रैकिंग से हमारी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। दरअसल गूगल मैप हमारी लोकेशन और एक्टिविटीज को ट्रैक करता है। हालांकि गूगल दावा करता है कि वह अपने यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखता है। वह यूजर्स की लोकेशन किसी के साथ शेयर नहीं करता है। फिर भी गूगल मैप की लोकेशन केवल तभी ऑन करें, जब आपको इसकी जरूरत हो। टेक्नोलॉजी हमारे लिए वरदान की तरह है, लेकिन इस पर बहुत ज्यादा निर्भर होना भी खतरनाक हो सकता है। गूगल मैप एक अच्छी वेब मैपिंग सर्विस है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि गूगल का अनुमान हमेशा सटीक ही हो। कई बार उसका बताया रास्ता गलत भी साबित हो सकता है। इसकी कई टेक्निकल वजहें हो सकती हैं। इसलिए किसी भी नए रास्ते पर जाते समय खुद से भी सावधानी और सतर्कता जरूर बरतें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
