<p style=”text-align: justify;”><strong>Auto Drivers Rinki Devi:</strong> महिला सशक्तिकरण का दावा तो नीतीश सरकार कर रही है, लेकिन कहीं ना कहीं सरकारी उदासीनता के कारण पटना में महिलाएं काम करने में असमर्थता जाहिर कर रही हैं. 2013 में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर करने के लिए एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद कई संस्थाओं ने महिलाओं को ऑटो चलाने के लिए प्रशिक्षित किया. उसके बाद सरकार ने महिलाओं को लोन पर ऑटो उपलब्ध कराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> महिला ऑटो चालक ने बताई आपबीती </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उस वक्त करीब 100 से अधिक महिलाएं पटना में ऑटो चलाते दिख रही थीं. लेकिन कोरोना काल आया और उसके बाद महिला ऑटो चालकों की संख्या काफी कम हो गई. अभी माना जा रहा है कि पटना में मात्र 10 से 12 महिला ऑटो चालक हैं. काफी खोजबीन के बाद पटना जंक्शन पर एक महिला ऑटो चालक रिंकी देवी मिलीं, जिन्होंने एबीपी न्यूज पर अपनी आपबीती बताई. हालांकि उन्होंने इस काम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तारीफ भी की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऑटो चालक ने बताया कि हम 2013 से ही ऑटो चला रहे हैं. हमारी तीन बेटियां हैं. हम टेंपो चलाते हैं, लेकिन बेटियों को पढ़ाई करवा रहे हैं. बेटियां अच्छी पढ़ाई कर ली हैं और उम्मीद है कि उनकी अच्छी जॉब भी लग जाएगा. हमारे साथ की कई महिलाएं इस काम को छोड़ चुकी हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल आने के बाद कई महिलाएं घर से नहीं निकाली और किस्त नहीं भर पाईं इस वजह से उनका टेंपो सीज हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रिंकी देवी ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि कोरोना कल में जो किस्त था उसे माफ करना दें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जो इस काम को करना चाहती थीं वह किसी तरह लोन चुका रही हैं. हम भी भूखे रहकर लोन चुकता किए. तब आज ऑटो चला रहे हैं. रिंकी ने बताया कि इसके अलावे कई महिलाएं इस काम से संतुष्ट नहीं थी. ग्राहकों के साथ-साथ पुरूष टेंपो चालकों का अभद्र व्यवहार भी झेलना पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बहुत कुछ बर्दाश्त करना पड़ता है'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रिंकी देवी ने कहा हम 10-12 महिलाएं हैं, जो अभी पटना में जो टेंपो चला रही हैं, लेकिन बहुत कुछ बर्दाश्त करना पड़ता है. तब जाकर काम करते हैं. किसी तरह हम लोग झेल रहे हैं. रिंकी ने कहा कि हमेशा पुरूष टेंपो चालक लोग पार्किंग में गाड़ी लगाने को लेकर गाली गलौज करते हैं, लेकिन किसी तरह हम लोग उसको नजर अंदाज करते हैं, क्योंकि इस लाइन में आए हैं तो बहुत कुछ सुनना पड़ता है. सवारी लेने के लिए भी झंझट होता है. महिला चालकों के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/purnia-mp-pappu-yadav-acquitted-by-ghazipur-court-in-code-of-conduct-case-ann-2885213″>Pappu Yadav: 3 दशक पुराने मामले में सांसद पप्पू यादव गाजीपुर कोर्ट से बरी, महाकुंभ को लेकर कह दी बड़ी बात</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Auto Drivers Rinki Devi:</strong> महिला सशक्तिकरण का दावा तो नीतीश सरकार कर रही है, लेकिन कहीं ना कहीं सरकारी उदासीनता के कारण पटना में महिलाएं काम करने में असमर्थता जाहिर कर रही हैं. 2013 में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर करने के लिए एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद कई संस्थाओं ने महिलाओं को ऑटो चलाने के लिए प्रशिक्षित किया. उसके बाद सरकार ने महिलाओं को लोन पर ऑटो उपलब्ध कराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> महिला ऑटो चालक ने बताई आपबीती </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उस वक्त करीब 100 से अधिक महिलाएं पटना में ऑटो चलाते दिख रही थीं. लेकिन कोरोना काल आया और उसके बाद महिला ऑटो चालकों की संख्या काफी कम हो गई. अभी माना जा रहा है कि पटना में मात्र 10 से 12 महिला ऑटो चालक हैं. काफी खोजबीन के बाद पटना जंक्शन पर एक महिला ऑटो चालक रिंकी देवी मिलीं, जिन्होंने एबीपी न्यूज पर अपनी आपबीती बताई. हालांकि उन्होंने इस काम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तारीफ भी की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऑटो चालक ने बताया कि हम 2013 से ही ऑटो चला रहे हैं. हमारी तीन बेटियां हैं. हम टेंपो चलाते हैं, लेकिन बेटियों को पढ़ाई करवा रहे हैं. बेटियां अच्छी पढ़ाई कर ली हैं और उम्मीद है कि उनकी अच्छी जॉब भी लग जाएगा. हमारे साथ की कई महिलाएं इस काम को छोड़ चुकी हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल आने के बाद कई महिलाएं घर से नहीं निकाली और किस्त नहीं भर पाईं इस वजह से उनका टेंपो सीज हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रिंकी देवी ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि कोरोना कल में जो किस्त था उसे माफ करना दें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जो इस काम को करना चाहती थीं वह किसी तरह लोन चुका रही हैं. हम भी भूखे रहकर लोन चुकता किए. तब आज ऑटो चला रहे हैं. रिंकी ने बताया कि इसके अलावे कई महिलाएं इस काम से संतुष्ट नहीं थी. ग्राहकों के साथ-साथ पुरूष टेंपो चालकों का अभद्र व्यवहार भी झेलना पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बहुत कुछ बर्दाश्त करना पड़ता है'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रिंकी देवी ने कहा हम 10-12 महिलाएं हैं, जो अभी पटना में जो टेंपो चला रही हैं, लेकिन बहुत कुछ बर्दाश्त करना पड़ता है. तब जाकर काम करते हैं. किसी तरह हम लोग झेल रहे हैं. रिंकी ने कहा कि हमेशा पुरूष टेंपो चालक लोग पार्किंग में गाड़ी लगाने को लेकर गाली गलौज करते हैं, लेकिन किसी तरह हम लोग उसको नजर अंदाज करते हैं, क्योंकि इस लाइन में आए हैं तो बहुत कुछ सुनना पड़ता है. सवारी लेने के लिए भी झंझट होता है. महिला चालकों के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/purnia-mp-pappu-yadav-acquitted-by-ghazipur-court-in-code-of-conduct-case-ann-2885213″>Pappu Yadav: 3 दशक पुराने मामले में सांसद पप्पू यादव गाजीपुर कोर्ट से बरी, महाकुंभ को लेकर कह दी बड़ी बात</a></strong></p> बिहार सनकी युवक महिलाओं से मांगता था पैर की फोटो, मोबाइल देख साइबर क्राइम पुलिस रह गई दंग
क्यों कम हो गई पटना में महिला ऑटो चालकों की संख्या? ड्राइवर रिंकी देवी ने बताई वजह
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