अमेरिका सरकार द्वारा भेजे गए तीसरे विमान में 112 भारतीय नागरिकों को अमृतसर एयरपोर्ट पर डिपोर्ट किया गया। इनमें पंजाब के 31 लोग शामिल हैं, जिनमें गुरदासपुर से 6 लोगों को वापस भेजा गया है। गुरदासपुर के नंगल लमीनी गांव के गुरविंदर सिंह ने अपनी दर्दनाक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि 1.5 एकड़ जमीन गिरवी रखकर और 10 लाख का कर्ज लेकर एजेंट को 50 लाख रुपए दिए। 22 सितंबर को वह अमेरिका के लिए निकले, लेकिन एजेंट ने उन्हें पनामा के खतरनाक जंगलों के रास्ते भेज दिया। गुरविंदर ने बताया कि उनका सफर गयाना, ब्राजील और कोलंबिया से होते हुए पनामा जंगलों तक पहुंचा। 23 लोगों के समूह में उन्होंने जंगल पार किया, जहां डोंकर (गाइड) ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। दो दिनों तक जंगल में रहते हुए उन्हें छोटी नाव से नदियां पार करनी पड़ीं, जहां सांप और मगरमच्छों का सामना करना पड़ा। खाने में केवल चिप्स और गंदा पानी मिलता था। 1 फरवरी को अमेरिकी सीमा पर पहुंचने पर बॉर्डर पेट्रोल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 14 दिन आर्मी कैंप में रखने के बाद 14 फरवरी को उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया। गुरविंदर ने लोगों को चेतावनी दी कि वे कभी भी पनामा जंगल के रास्ते अवैध तरीके से अमेरिका जाने का प्रयास न करें, क्योंकि इसमें जान का खतरा है। आर्मी कैंप में किया गया बुरा व्यवहार गुरविंदर सिंह ने बताया कि जब वह आर्मी कैंप में 14 दिन रहा, वहां भी उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया। रात को उन्हें नहाने के लिए उठा दिया जाता था और बिना कपड़ों के AC कमरों में रखा जाता था। 15 फरवरी को पता चला कि उन्हें भारत भेजा जा रहा है और 16 फरवरी की रात को उन्हें अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया। जहाज में उन्हें हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर जकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि जब उनका विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा तो आधा घंटा पहले ही उनकी हथकड़ी खोली गई थी। उन्होंने बताया कि जब विमान से नीचे उतरे तो सिख युवकों के सिर पर पगड़ी नहीं थी, उन्हें रास्ते में SGPC द्वारा सिर ढकने के लिए कपड़ा दिया गया था। वहीं उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। 50 लाख खर्च कर भेजा था विदेश वहीं, अमेरिका से डिपोर्ट हुए युवक गुरविंदर सिह के पिता हरभजन सिंह ने बताया कि उसने 50 लाख रुपए खर्च कर अपने बेटे को अमेरिका भेजा था, ताकि उसका अच्छा भविष्य बन सके। इस लिए उसने अपनी 1.5 एकड़ जमीन बेची और 10 लाख रुपए कर्ज उठाया था, लेकिन एजेंट उनके साथ धोखा कर गया है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें पता लगा कि उनका बेटा पनामा के जंगलों से होते हुए अमेरिका जा रहा है तो उसने इस बारे में एजेंट से बात की तो वह बोला 20 दिन में वह अमेरिका पहुंच जाएगा। उसने बताया कि जब वह पनामा के जंगलों से जा रहा था तो कभी उनकी बेटे से बात होती थी कभी उसका फोन छीन लिया जाता था। पिता हरभजन सिंह ने बताया कि उन्हें कल तब पता चला जब उनका बेटा अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि एजेंट द्वारा उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने सरकार से एजेंट के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। अमेरिका सरकार द्वारा भेजे गए तीसरे विमान में 112 भारतीय नागरिकों को अमृतसर एयरपोर्ट पर डिपोर्ट किया गया। इनमें पंजाब के 31 लोग शामिल हैं, जिनमें गुरदासपुर से 6 लोगों को वापस भेजा गया है। गुरदासपुर के नंगल लमीनी गांव के गुरविंदर सिंह ने अपनी दर्दनाक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि 1.5 एकड़ जमीन गिरवी रखकर और 10 लाख का कर्ज लेकर एजेंट को 50 लाख रुपए दिए। 22 सितंबर को वह अमेरिका के लिए निकले, लेकिन एजेंट ने उन्हें पनामा के खतरनाक जंगलों के रास्ते भेज दिया। गुरविंदर ने बताया कि उनका सफर गयाना, ब्राजील और कोलंबिया से होते हुए पनामा जंगलों तक पहुंचा। 23 लोगों के समूह में उन्होंने जंगल पार किया, जहां डोंकर (गाइड) ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। दो दिनों तक जंगल में रहते हुए उन्हें छोटी नाव से नदियां पार करनी पड़ीं, जहां सांप और मगरमच्छों का सामना करना पड़ा। खाने में केवल चिप्स और गंदा पानी मिलता था। 1 फरवरी को अमेरिकी सीमा पर पहुंचने पर बॉर्डर पेट्रोल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 14 दिन आर्मी कैंप में रखने के बाद 14 फरवरी को उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया। गुरविंदर ने लोगों को चेतावनी दी कि वे कभी भी पनामा जंगल के रास्ते अवैध तरीके से अमेरिका जाने का प्रयास न करें, क्योंकि इसमें जान का खतरा है। आर्मी कैंप में किया गया बुरा व्यवहार गुरविंदर सिंह ने बताया कि जब वह आर्मी कैंप में 14 दिन रहा, वहां भी उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया। रात को उन्हें नहाने के लिए उठा दिया जाता था और बिना कपड़ों के AC कमरों में रखा जाता था। 15 फरवरी को पता चला कि उन्हें भारत भेजा जा रहा है और 16 फरवरी की रात को उन्हें अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया। जहाज में उन्हें हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर जकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि जब उनका विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा तो आधा घंटा पहले ही उनकी हथकड़ी खोली गई थी। उन्होंने बताया कि जब विमान से नीचे उतरे तो सिख युवकों के सिर पर पगड़ी नहीं थी, उन्हें रास्ते में SGPC द्वारा सिर ढकने के लिए कपड़ा दिया गया था। वहीं उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। 50 लाख खर्च कर भेजा था विदेश वहीं, अमेरिका से डिपोर्ट हुए युवक गुरविंदर सिह के पिता हरभजन सिंह ने बताया कि उसने 50 लाख रुपए खर्च कर अपने बेटे को अमेरिका भेजा था, ताकि उसका अच्छा भविष्य बन सके। इस लिए उसने अपनी 1.5 एकड़ जमीन बेची और 10 लाख रुपए कर्ज उठाया था, लेकिन एजेंट उनके साथ धोखा कर गया है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें पता लगा कि उनका बेटा पनामा के जंगलों से होते हुए अमेरिका जा रहा है तो उसने इस बारे में एजेंट से बात की तो वह बोला 20 दिन में वह अमेरिका पहुंच जाएगा। उसने बताया कि जब वह पनामा के जंगलों से जा रहा था तो कभी उनकी बेटे से बात होती थी कभी उसका फोन छीन लिया जाता था। पिता हरभजन सिंह ने बताया कि उन्हें कल तब पता चला जब उनका बेटा अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि एजेंट द्वारा उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने सरकार से एजेंट के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
