<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में काफी सस्पेंस के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री चेहरे का एलान हो गया और 20 तारीख को ताजपोशी हो जाएगी. लेकिन, सीएम के नाम के एलान से पहले जो सस्पेंस करीब दस दिनों तक रहा, उसके ऊपर विपक्ष भी सवाल खड़ कर रहा था. हालांकि, उसकी अपनी एक वजह हो सकती है. लेकिन, रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे खास वजह भी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शालीमार बाग से विधायक और हरियाणा के जींद में पैदा हुईं रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला सीएम बनने जा रही हैं. इससे पहले दिल्ली में आतिशी, शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर बीजेपी ने दिल्ली में रेखा गुप्ता को क्यों दिल्ली की कमान दी है? दरअसल, लंबे समय यानी 27 साल के बाद दिल्ली की गद्दी बीजेपी के पास आयी है. बीजेपी के लिए ये जीत कई मायने में खास है. ऐसे में लोगों के मन में शुरु में जरूर ये आ रहा था कि क्या नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराने वाले साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को सीएम बनाया जाएगा. उनके नाम की लगातार अटकलें लगाई जा रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, दिल्ली में सुषमा स्वराज के बाद जब शीला दीक्षित दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी उन्होंने डेढ़ दशक तक दिल्ली की सत्ता की कमान अपने हाथ में संभाले रखा था. बीजेपी ने दिल्ली में कई चेहरों को मौका दिया, वो चाहे बात हर्षवर्धन की हो या फिर विजय कुमार मल्होत्रा की, लेकिन उन सभी की अगुवाई में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले के साथ बीजेपी ने कई समीकरणों को साधा है. पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान महिलाओं को खास फोकस रखा गया था. यही वजह थी कि डीटीसी बसों में महिला को यात्रा फ्री करने का एलान किया गया था. इसके अलावा, हर महिला को 2100 रुपये देने का भी आम आदमी पार्टी ने एलान किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में दिल्ली में कहीं न कही बीजेपी को एक क्रेडिबल चेहरे की कहीं न कहीं कमी दिख रही थी, इसलिए चुनाव मोदी के नाम पर ही लड़ा गया, किसी एक चेहरा को नहीं आगे बढ़ाया गया था. जाहिर है रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के फैसले से महिला और युवाओं को एक तरह से साधने का प्रयास किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रेखा गुप्ता के पक्ष में और भी कई फैक्टर है, वे आरएसएस की बचपन से ही एक्टिव सदस्य रही हैं. उन्होंने पहली बार शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता है. उन्होंने अपने विपक्ष उम्मीदवार और आम आदमी पार्टी की नेता वंदना कुमारी को 29 हजार 595 वोटों के अंतर से शिकस्त दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रेखा गुप्ता संघ की छात्रा शाखा यानी एबीवीपी के जरिए छात्र राजनीति में आयी. वे दौलतराम कॉलेज में साल 1994-94 में सचिव चुनी गईं. इसके बाद 1995-96 में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (डुसू) की सचिव बनीं और साल 1996-97 में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन की प्रसिडेंट बनीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वे दिल्ली बीजेपी युवा मोर्चा में बतौर सचिव 2003-04 तक रही और उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से बीजेपी टिकट पर पार्षद चुनी गईं. साल 2010 में रेखा गुप्ता को बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया. यानी ऐसे समझ सकते हैं कि रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर बीजेपी ने महिलाओं और युवाओं के साथ हरियाणा और पंजाब को भी साधने का प्रयास किया है. </p> <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में काफी सस्पेंस के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री चेहरे का एलान हो गया और 20 तारीख को ताजपोशी हो जाएगी. लेकिन, सीएम के नाम के एलान से पहले जो सस्पेंस करीब दस दिनों तक रहा, उसके ऊपर विपक्ष भी सवाल खड़ कर रहा था. हालांकि, उसकी अपनी एक वजह हो सकती है. लेकिन, रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे खास वजह भी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शालीमार बाग से विधायक और हरियाणा के जींद में पैदा हुईं रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला सीएम बनने जा रही हैं. इससे पहले दिल्ली में आतिशी, शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर बीजेपी ने दिल्ली में रेखा गुप्ता को क्यों दिल्ली की कमान दी है? दरअसल, लंबे समय यानी 27 साल के बाद दिल्ली की गद्दी बीजेपी के पास आयी है. बीजेपी के लिए ये जीत कई मायने में खास है. ऐसे में लोगों के मन में शुरु में जरूर ये आ रहा था कि क्या नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराने वाले साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को सीएम बनाया जाएगा. उनके नाम की लगातार अटकलें लगाई जा रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, दिल्ली में सुषमा स्वराज के बाद जब शीला दीक्षित दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी उन्होंने डेढ़ दशक तक दिल्ली की सत्ता की कमान अपने हाथ में संभाले रखा था. बीजेपी ने दिल्ली में कई चेहरों को मौका दिया, वो चाहे बात हर्षवर्धन की हो या फिर विजय कुमार मल्होत्रा की, लेकिन उन सभी की अगुवाई में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले के साथ बीजेपी ने कई समीकरणों को साधा है. पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान महिलाओं को खास फोकस रखा गया था. यही वजह थी कि डीटीसी बसों में महिला को यात्रा फ्री करने का एलान किया गया था. इसके अलावा, हर महिला को 2100 रुपये देने का भी आम आदमी पार्टी ने एलान किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में दिल्ली में कहीं न कही बीजेपी को एक क्रेडिबल चेहरे की कहीं न कहीं कमी दिख रही थी, इसलिए चुनाव मोदी के नाम पर ही लड़ा गया, किसी एक चेहरा को नहीं आगे बढ़ाया गया था. जाहिर है रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के फैसले से महिला और युवाओं को एक तरह से साधने का प्रयास किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रेखा गुप्ता के पक्ष में और भी कई फैक्टर है, वे आरएसएस की बचपन से ही एक्टिव सदस्य रही हैं. उन्होंने पहली बार शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता है. उन्होंने अपने विपक्ष उम्मीदवार और आम आदमी पार्टी की नेता वंदना कुमारी को 29 हजार 595 वोटों के अंतर से शिकस्त दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रेखा गुप्ता संघ की छात्रा शाखा यानी एबीवीपी के जरिए छात्र राजनीति में आयी. वे दौलतराम कॉलेज में साल 1994-94 में सचिव चुनी गईं. इसके बाद 1995-96 में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (डुसू) की सचिव बनीं और साल 1996-97 में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन की प्रसिडेंट बनीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वे दिल्ली बीजेपी युवा मोर्चा में बतौर सचिव 2003-04 तक रही और उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से बीजेपी टिकट पर पार्षद चुनी गईं. साल 2010 में रेखा गुप्ता को बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया. यानी ऐसे समझ सकते हैं कि रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर बीजेपी ने महिलाओं और युवाओं के साथ हरियाणा और पंजाब को भी साधने का प्रयास किया है. </p> Mahoba: शादी समारोह से लौट रहे बुजुर्ग से बाइक सवार बदमाशों ने की मारपीट और लूटपाट
बीजेपी ने किया दिल्ली में रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला, एक महिला को कमान सौंपने के पीछे हैं ये तीन कारण
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