<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Budget 2025:</strong> वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में योगी सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. वानिकी और औद्यानिक विश्वविद्यालय के रूप में गोरखपुर का यह पांचवां विश्वविद्यालय में बेहद अनूठा और उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा. इस विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए योगी सरकार और गोरखपुर के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हो जाएगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके पहले सरकार ने दुनिया के पहले राजगिद्ध (जटायु) संरक्षण केंद्र की स्थापना गोरखपुर में ही की है. वानिकी विश्वविद्यालय से पूर्व गोरखपुर में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय अस्तित्व में हैं. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा स्थापित निजी क्षेत्र का पहला और महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय योगी सरकार की तरफ से राज्य का पहला आयुष विश्वविद्यालय है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या किया ऐलान</strong><br />गुरुवार को विधानसभा में यूपी बजट 2025-26 पेश करते हुए प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि गोरखपुर में ‘उत्तर प्रदेश वानिकी एवं औद्यानिक विश्वविद्यालय’ की स्थापना किए जाने की नई योजना प्रस्तावित की गई है. इसके लिए लगभग 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. बजटीय व्यवस्था से पूर्व ही मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के निर्देश पर वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की कवायद जारी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>6 सितंबर 2024 को कैम्पियरगंज में दुनिया के पहले राजगिद्ध जटायु (रेड हेडेड वल्चर) संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के उद्घाटन अवसर पर सीएम योगी ने जटायु संरक्षण केंद्र के समीप ही वानिकी विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी. उत्तर भारत का पहला और पूरे देश का दूसरा वानिकी विश्वविद्यालय होगा. इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गोरखपुर वन प्रभाग ने जटायु संरक्षण केंद्र के समीप ही 50 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर रखी है. वन क्षेत्र की इस जमीन को वानिकी विश्वविद्यालय के नाम दर्ज किया जाएगा और वनक्षेत्र आच्छादन के लिए प्रशासन इसके बदले अन्यत्र जमीन उपलब्ध करा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/gorakhpur-pipraich-sugar-mill-produced-ethanol-yogi-government-rs-90-crore-in-budget-ann-2888939″>UP News: पिपराइच चीनी मिल में अब एथेनॉल का उत्पादन होगा, योगी सरकार ने बजट में किया बड़ा ऐलान</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट भी तैयार</strong><br />गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव का कहना है कि वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के साथ ही यहां चलने वाले पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट भी तैयार कराया जा रहा है इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट की कमेटी बना दी गई है. इस विश्वविद्यालय में वानिकी के अलावा कृषि वानिकी, सामाजिक वानिकी और औद्यानिक के भी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स संचालित कराने की योजना है ताकि बड़ी संख्या में युवाओं के सामने नौकरी और रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हो सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर वन प्रभाग में स्थापित होने वाला वानिकी विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा. यही नहीं, यह देश का दूसरा और पूरी दुनिया का चौथा वानिकी विश्वविद्यालय होगा. देश की पहली और दुनिया की तीसरी फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी तेलंगाना में है जहां वानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया गया है. देहरादून में 1906 में स्थापित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Budget 2025:</strong> वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में योगी सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर गोरखपुर में पांचवें विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. वानिकी और औद्यानिक विश्वविद्यालय के रूप में गोरखपुर का यह पांचवां विश्वविद्यालय में बेहद अनूठा और उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा. इस विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए योगी सरकार और गोरखपुर के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हो जाएगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके पहले सरकार ने दुनिया के पहले राजगिद्ध (जटायु) संरक्षण केंद्र की स्थापना गोरखपुर में ही की है. वानिकी विश्वविद्यालय से पूर्व गोरखपुर में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय अस्तित्व में हैं. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा स्थापित निजी क्षेत्र का पहला और महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय योगी सरकार की तरफ से राज्य का पहला आयुष विश्वविद्यालय है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या किया ऐलान</strong><br />गुरुवार को विधानसभा में यूपी बजट 2025-26 पेश करते हुए प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि गोरखपुर में ‘उत्तर प्रदेश वानिकी एवं औद्यानिक विश्वविद्यालय’ की स्थापना किए जाने की नई योजना प्रस्तावित की गई है. इसके लिए लगभग 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. बजटीय व्यवस्था से पूर्व ही मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के निर्देश पर वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की कवायद जारी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>6 सितंबर 2024 को कैम्पियरगंज में दुनिया के पहले राजगिद्ध जटायु (रेड हेडेड वल्चर) संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के उद्घाटन अवसर पर सीएम योगी ने जटायु संरक्षण केंद्र के समीप ही वानिकी विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी. उत्तर भारत का पहला और पूरे देश का दूसरा वानिकी विश्वविद्यालय होगा. इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गोरखपुर वन प्रभाग ने जटायु संरक्षण केंद्र के समीप ही 50 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर रखी है. वन क्षेत्र की इस जमीन को वानिकी विश्वविद्यालय के नाम दर्ज किया जाएगा और वनक्षेत्र आच्छादन के लिए प्रशासन इसके बदले अन्यत्र जमीन उपलब्ध करा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/gorakhpur-pipraich-sugar-mill-produced-ethanol-yogi-government-rs-90-crore-in-budget-ann-2888939″>UP News: पिपराइच चीनी मिल में अब एथेनॉल का उत्पादन होगा, योगी सरकार ने बजट में किया बड़ा ऐलान</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट भी तैयार</strong><br />गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव का कहना है कि वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने के साथ ही यहां चलने वाले पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट भी तैयार कराया जा रहा है इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट की कमेटी बना दी गई है. इस विश्वविद्यालय में वानिकी के अलावा कृषि वानिकी, सामाजिक वानिकी और औद्यानिक के भी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स संचालित कराने की योजना है ताकि बड़ी संख्या में युवाओं के सामने नौकरी और रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हो सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर वन प्रभाग में स्थापित होने वाला वानिकी विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे उत्तर भारत का अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय होगा. यही नहीं, यह देश का दूसरा और पूरी दुनिया का चौथा वानिकी विश्वविद्यालय होगा. देश की पहली और दुनिया की तीसरी फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी तेलंगाना में है जहां वानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया गया है. देहरादून में 1906 में स्थापित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दिल्ली की नई सरकार से व्यापारियों को क्या हैं उम्मीदें? नेशनल अकाली दल ने AAP पर लगाए ये आरोप
योगी सरकार का ऐलान, गोरखपुर में पांचवीं यूनिवर्सिटी का रास्ता साफ, 50 करोड़ रुपए मंजूर
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