कानपुर में सियासत के मंदिर, जिनका कुछ नहीं हुआ:दो महीने पहले 8 मंदिर खुलवाए; महापौर बोलीं- खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करते

कानपुर में सियासत के मंदिर, जिनका कुछ नहीं हुआ:दो महीने पहले 8 मंदिर खुलवाए; महापौर बोलीं- खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करते

कानपुर के मंदिरों को सिर्फ सियासत के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। 2 महीने पहले बंद पड़े 8 जीर्णशीर्ण मंदिरों को ढूंढा गया। यहां मूर्तियां खंडित मिली, मंदिर के कुछ हिस्सों पर मुस्लिम आबादी का कब्जा था। BJP की महापौर प्रमिला पांडेय ने दावा किया- मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। सफाई होगी, रोज पूजा-पाठ किया जाएगा। क्या वाकई इन मंदिरों के दिन बहुर गए? मंदिरों में पुजारी पहुंच गए, क्या पूजा होने लगी? हकीकत को करीब से जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम इन 8 में से 4 मंदिरों पर पहुंची। 2 बातें हमारे सामने आईं… 1. महापौर का मंदिर वाला स्टंट पूरी तरह से सियासी था। 61 दिन में इन मंदिरों में एक ईंट तक नहीं लगी। मंदिरों में गंदगी मिली। पूजा नहीं हो रही है।
2. मंदिरों पर ट्रस्ट का ताला मिला। देखरेख करने वाला कोई नहीं था। जिस दिन मंदिर खुले, उसके बाद कोई दोबारा देखने नहीं आया। अब मंदिरों की एक-एक करके मौजूदा स्थिति पढ़िए… तब : खंडित मूर्तियां हटवाईं
भास्कर टीम सबसे पहले कर्नलगंज इलाके में पहुंची। यहां संकरी गलियों में मौजूद 125 साल पुराना शिव मंदिर खुलवाया गया था। हिंदू आबादी ने खुशी मनाई। मंदिर में मिली खंडित मूर्तियों को हटाकर नई मूर्तियां लगाने की बात कही गई। महापौर ने कहा- मंदिर जल्द नए स्वरूप में दिखेगा। नगर निगम ने मंदिर गेट पर अपना ताला लगाया था। अब : गर्भगृह में गंदगी
मंदिर में कुछ बदलाव नहीं दिखा। जमीन से लेकर अंदर गर्भगृह तक गंदगी ही गंदगी दिखी। लोगों से जानने की कोशिश की। तब पता चला कि नगर निगम नहीं, यहां किसी ट्रस्ट का ताला पड़ा है। पहले मंदिर काफी बड़ा था, मगर मुस्लिम आबादी के कब्जे जस के तस हैं। कोई अधिकारी दोबारा यहां देखने तक नहीं आया। सामने आया कि सियासी दौरा और बातें हो गई, मगर मंदिर में भगवान नहीं पहुंच सके। तब : मंदिर खुला, सफाई हुई
अब हम बेकनगंज पहुंचे। यहां 21 दिसंबर, 2024 को महापौर प्रमिला पांडेय ने राम जानकी मंदिर खुलवाया था। मंदिर में सफाई भी हुई। मंदिर का पिछला हिस्सा टूटा हुआ मिला। 1 बीघे में बने मंदिर के ज्यादातर हिस्से पर लोगों के कब्जे हो चुके थे। इस पूरी जगह को शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है। मंदिर के नाम पर सिर्फ अवशेष थे। अब : मरम्मत नहीं हुई, अंदर-बाहर गंदगी
मंदिर में मरम्मत के काम नहीं हुए। बाहर से लेकर अंदर तक गंदगी थी। अब यहां कूड़ा नहीं पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि जिस दिन मंदिर में सफाई हुई थी। उसके बाद से यहां दोबारा कोई नहीं आया। सब जस का तस पड़ा है। तब : मंदिर पर अवैध कब्जे
बेकनगंज में राधा-कृष्ण और शिव का मंदिर है। मंदिर के सभी हिस्से पूरी तरह सुरक्षित दिखे। लेकिन अवैध कब्जे हो गए थे। मंदिर के बाहर बैरिकेडिंग थी। मंदिर में साफ-सफाई हुई थी। अब : बिरयानी की दुकान लग रही
अवैध कब्जे पहले की तरह ही हैं। मंदिर के बगल में ही बिरयानी दुकान है, वह भी पहले की तरह लग रही है। इस मंदिर में भी आज तक पूजा शुरू नहीं हो सकी है। तब : ढांचा सुरक्षित, कब्जे हो गए
बेकनगंज बाजार से अंदर जाते हुए करीब 500 मीटर की दूरी पर एक और मंदिर मिला। इसमें मंदिर का ढांचा सुरक्षित है। यहां भी महापौर प्रमिला पांडेय पहुंची थी। पूरा लाव लश्कर था, हिंदू आबादी के लोग साथ थे, कहा गया था कि मंदिर में देवी-देवता की स्थापना होगी। हर रोज पूजा होगी। अब : मंदिर में मूर्ति नहीं
मंदिर के बाहर लोगों ने दुकानें सजा रखी हैं। मंदिर के अंदर बकरी बैठी हुई मिली। दोबारा से अस्थाई कब्जा होना शुरू हो गया है। मंदिर के अंदर एक भी मूर्ति नहीं मिली। 4 मंदिरों के हाल समझने के बाद टीम ने आसपास रहने वाले मुस्लिमों से बात की… ‘पूरे यूपी में सिर्फ सियासत ही चल रही’
मंदिर के पास रहने वाले तनवीर अहमद कहते हैं- सिर्फ सियासत की गई है। पूरे यूपी में सिर्फ सियासत ही तो चल रही है। महापौर आती हैं, माहौल बिगाड़ कर चली जाती हैं। कोई मंदिर खुलेगा ही नहीं। मंदिर में पहले पुजारी भी थे। दंगे के बाद सब आबादी इधर-उधर हो गई। महापौर ने जबरदस्ती मंदिर में लगा ताला तुड़वाया। ट्रस्ट के लोग दोबारा आए थे, उन्होंने अपना ताला डाल दिया है। भास्कर ने महापौर से नए सिरे से बातचीत की… सवाल : लोग कह रहे हैं कि मंदिरों को खुलवाकर कुछ किया नहीं गया?
प्रमिला : मंदिरों को खाली कराने का अभियान आज भी चालू है। जाजमऊ में मंदिर पर कब्जे की सूचना मिली है। वहां भी जल्द जाकर खाली कराऊंगी। मंदिरों का जीर्णोद्धार कराना मेरा सपना है। इसके लिए मैंने नगर निगम बजट में व्यवस्था की है। मंदिरों का रंगरोगन भी जल्द कराया जाएगा। सवाल : मंदिरों में अभी तक मूर्तियां नहीं लगी हैं, जीर्णोद्धार नहीं किया गया है?
प्रमिला : हम सनातनी हैं। हमें खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए। सनातन के हिसाब से मैं खंडित मूर्तियों की पूजा नहीं करूंगी। जहां हिंदू आबादी ज्यादा है, वहां पूजा-पाठ जल्द शुरू कराऊंगी। जहां पूरा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, वहां अपने मुखिया (मुख्यमंत्री) से बात कर पूजा-पाठ शुरू कराऊंगी। सवाल : कितने और मंदिर चिह्नित किए गए हैं?
प्रमिला : मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में 124 मंदिर चिह्नित किए गए हैं। इनमें वो मंदिर शामिल हैं, जिन पर अन्य धर्मों के लोगों ने कब्जा कर रखा है। सवाल : मंदिर की मूर्तियां कहां गई?
प्रमिला : मूर्तियों के गायब होने की जांच होनी चाहिए। कानपुर नगर निगम ने पिछले दिनों एक सर्वे कराया था। इसके मुताबिक, करीब 120 से ज्यादा मंदिर मुस्लिम क्षेत्रों में बंद पड़े हैं। …………….. यह खबर भी पढ़िए… मेरठ में मुस्लिमों ने गिराई 168 साल पुरानी मस्जिद, मेट्रो और रैपिड कॉरिडोर के बीच में आ रही थी मेरठ में रैपिड रेल कॉरिडोर के बीच में आ रही 168 साल पुरानी मस्जिद को मुस्लिमों ने ही तोड़कर गिरा दिया। शुक्रवार को मस्जिद प्रबंधन के लोगों ने हथौड़ा चलाना शुरू किया। यह मस्जिद जगदीश मंडप शारदा रोड के बाहर बनी है। पूरी खबर पढ़ें… कानपुर के मंदिरों को सिर्फ सियासत के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। 2 महीने पहले बंद पड़े 8 जीर्णशीर्ण मंदिरों को ढूंढा गया। यहां मूर्तियां खंडित मिली, मंदिर के कुछ हिस्सों पर मुस्लिम आबादी का कब्जा था। BJP की महापौर प्रमिला पांडेय ने दावा किया- मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। सफाई होगी, रोज पूजा-पाठ किया जाएगा। क्या वाकई इन मंदिरों के दिन बहुर गए? मंदिरों में पुजारी पहुंच गए, क्या पूजा होने लगी? हकीकत को करीब से जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम इन 8 में से 4 मंदिरों पर पहुंची। 2 बातें हमारे सामने आईं… 1. महापौर का मंदिर वाला स्टंट पूरी तरह से सियासी था। 61 दिन में इन मंदिरों में एक ईंट तक नहीं लगी। मंदिरों में गंदगी मिली। पूजा नहीं हो रही है।
2. मंदिरों पर ट्रस्ट का ताला मिला। देखरेख करने वाला कोई नहीं था। जिस दिन मंदिर खुले, उसके बाद कोई दोबारा देखने नहीं आया। अब मंदिरों की एक-एक करके मौजूदा स्थिति पढ़िए… तब : खंडित मूर्तियां हटवाईं
भास्कर टीम सबसे पहले कर्नलगंज इलाके में पहुंची। यहां संकरी गलियों में मौजूद 125 साल पुराना शिव मंदिर खुलवाया गया था। हिंदू आबादी ने खुशी मनाई। मंदिर में मिली खंडित मूर्तियों को हटाकर नई मूर्तियां लगाने की बात कही गई। महापौर ने कहा- मंदिर जल्द नए स्वरूप में दिखेगा। नगर निगम ने मंदिर गेट पर अपना ताला लगाया था। अब : गर्भगृह में गंदगी
मंदिर में कुछ बदलाव नहीं दिखा। जमीन से लेकर अंदर गर्भगृह तक गंदगी ही गंदगी दिखी। लोगों से जानने की कोशिश की। तब पता चला कि नगर निगम नहीं, यहां किसी ट्रस्ट का ताला पड़ा है। पहले मंदिर काफी बड़ा था, मगर मुस्लिम आबादी के कब्जे जस के तस हैं। कोई अधिकारी दोबारा यहां देखने तक नहीं आया। सामने आया कि सियासी दौरा और बातें हो गई, मगर मंदिर में भगवान नहीं पहुंच सके। तब : मंदिर खुला, सफाई हुई
अब हम बेकनगंज पहुंचे। यहां 21 दिसंबर, 2024 को महापौर प्रमिला पांडेय ने राम जानकी मंदिर खुलवाया था। मंदिर में सफाई भी हुई। मंदिर का पिछला हिस्सा टूटा हुआ मिला। 1 बीघे में बने मंदिर के ज्यादातर हिस्से पर लोगों के कब्जे हो चुके थे। इस पूरी जगह को शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है। मंदिर के नाम पर सिर्फ अवशेष थे। अब : मरम्मत नहीं हुई, अंदर-बाहर गंदगी
मंदिर में मरम्मत के काम नहीं हुए। बाहर से लेकर अंदर तक गंदगी थी। अब यहां कूड़ा नहीं पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि जिस दिन मंदिर में सफाई हुई थी। उसके बाद से यहां दोबारा कोई नहीं आया। सब जस का तस पड़ा है। तब : मंदिर पर अवैध कब्जे
बेकनगंज में राधा-कृष्ण और शिव का मंदिर है। मंदिर के सभी हिस्से पूरी तरह सुरक्षित दिखे। लेकिन अवैध कब्जे हो गए थे। मंदिर के बाहर बैरिकेडिंग थी। मंदिर में साफ-सफाई हुई थी। अब : बिरयानी की दुकान लग रही
अवैध कब्जे पहले की तरह ही हैं। मंदिर के बगल में ही बिरयानी दुकान है, वह भी पहले की तरह लग रही है। इस मंदिर में भी आज तक पूजा शुरू नहीं हो सकी है। तब : ढांचा सुरक्षित, कब्जे हो गए
बेकनगंज बाजार से अंदर जाते हुए करीब 500 मीटर की दूरी पर एक और मंदिर मिला। इसमें मंदिर का ढांचा सुरक्षित है। यहां भी महापौर प्रमिला पांडेय पहुंची थी। पूरा लाव लश्कर था, हिंदू आबादी के लोग साथ थे, कहा गया था कि मंदिर में देवी-देवता की स्थापना होगी। हर रोज पूजा होगी। अब : मंदिर में मूर्ति नहीं
मंदिर के बाहर लोगों ने दुकानें सजा रखी हैं। मंदिर के अंदर बकरी बैठी हुई मिली। दोबारा से अस्थाई कब्जा होना शुरू हो गया है। मंदिर के अंदर एक भी मूर्ति नहीं मिली। 4 मंदिरों के हाल समझने के बाद टीम ने आसपास रहने वाले मुस्लिमों से बात की… ‘पूरे यूपी में सिर्फ सियासत ही चल रही’
मंदिर के पास रहने वाले तनवीर अहमद कहते हैं- सिर्फ सियासत की गई है। पूरे यूपी में सिर्फ सियासत ही तो चल रही है। महापौर आती हैं, माहौल बिगाड़ कर चली जाती हैं। कोई मंदिर खुलेगा ही नहीं। मंदिर में पहले पुजारी भी थे। दंगे के बाद सब आबादी इधर-उधर हो गई। महापौर ने जबरदस्ती मंदिर में लगा ताला तुड़वाया। ट्रस्ट के लोग दोबारा आए थे, उन्होंने अपना ताला डाल दिया है। भास्कर ने महापौर से नए सिरे से बातचीत की… सवाल : लोग कह रहे हैं कि मंदिरों को खुलवाकर कुछ किया नहीं गया?
प्रमिला : मंदिरों को खाली कराने का अभियान आज भी चालू है। जाजमऊ में मंदिर पर कब्जे की सूचना मिली है। वहां भी जल्द जाकर खाली कराऊंगी। मंदिरों का जीर्णोद्धार कराना मेरा सपना है। इसके लिए मैंने नगर निगम बजट में व्यवस्था की है। मंदिरों का रंगरोगन भी जल्द कराया जाएगा। सवाल : मंदिरों में अभी तक मूर्तियां नहीं लगी हैं, जीर्णोद्धार नहीं किया गया है?
प्रमिला : हम सनातनी हैं। हमें खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए। सनातन के हिसाब से मैं खंडित मूर्तियों की पूजा नहीं करूंगी। जहां हिंदू आबादी ज्यादा है, वहां पूजा-पाठ जल्द शुरू कराऊंगी। जहां पूरा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, वहां अपने मुखिया (मुख्यमंत्री) से बात कर पूजा-पाठ शुरू कराऊंगी। सवाल : कितने और मंदिर चिह्नित किए गए हैं?
प्रमिला : मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में 124 मंदिर चिह्नित किए गए हैं। इनमें वो मंदिर शामिल हैं, जिन पर अन्य धर्मों के लोगों ने कब्जा कर रखा है। सवाल : मंदिर की मूर्तियां कहां गई?
प्रमिला : मूर्तियों के गायब होने की जांच होनी चाहिए। कानपुर नगर निगम ने पिछले दिनों एक सर्वे कराया था। इसके मुताबिक, करीब 120 से ज्यादा मंदिर मुस्लिम क्षेत्रों में बंद पड़े हैं। …………….. यह खबर भी पढ़िए… मेरठ में मुस्लिमों ने गिराई 168 साल पुरानी मस्जिद, मेट्रो और रैपिड कॉरिडोर के बीच में आ रही थी मेरठ में रैपिड रेल कॉरिडोर के बीच में आ रही 168 साल पुरानी मस्जिद को मुस्लिमों ने ही तोड़कर गिरा दिया। शुक्रवार को मस्जिद प्रबंधन के लोगों ने हथौड़ा चलाना शुरू किया। यह मस्जिद जगदीश मंडप शारदा रोड के बाहर बनी है। पूरी खबर पढ़ें…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर