<p style=”text-align: justify;”><strong>Dehradun News:</strong> उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना (Atal Ayushman Yojana) और स्मार्ट कार्ड योजना के तहत लाखों लोगों को मुफ्त और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं. इन योजनाओं के कारण सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ने लगा है. विभिन्न अस्पतालों का लगभग 80 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है, जिससे सरकार की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो रही है. इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया है, ताकि आमजन को योजनाओं का लाभ मिलता रहे और सरकार पर आर्थिक बोझ न पड़े.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है. वहीं, स्मार्ट कार्ड योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को असीमित चिकित्सा सुविधा दी जा रही है, जिसके लिए वे नियमित अंशदान करते हैं. इन दोनों योजनाओं से लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं, लेकिन सरकार पर वित्तीय दबाव लगातार बढ़ रहा है. स्वास्थ्य योजनाओं के तहत सरकार को निजी और सरकारी अस्पतालों को भुगतान करना होता है. वर्तमान में अस्पतालों का करीब 80 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है. यह बकाया लगातार बढ़ रहा है, जिससे सरकारी खजाने पर भार बढ़ता जा रहा है. इसी के मद्देनजर सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/5ZgvVHxC-bk?si=4hALkecQUkcRtG36″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक में लिए गए अहम फैसले</strong><br />सरकार की ओर से इस समस्या को हल करने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बद्र्धन की अध्यक्षता में तीन घंटे तक बैठक चली. इसमें अटल आयुष्मान योजना और स्मार्ट कार्ड योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई. बैठक में राज्य के वित्त सचिव दिलीप जावलकर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए. इस कुछ महत्वपूर्ण निर्णय हुए जैसे योजनाओं की निगरानी को सख्त किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो. कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले वित्तीय अंशदान को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा, जिससे योजना के लिए धन की कमी न हो. अस्पतालों के भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया जाएगा, ताकि वित्तीय संकट उत्पन्न न हो. योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस तरह निष्क्रिय कर सकते हैं आयुष्मान कार्ड</strong><br />अटल आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड को डिसेबल करने की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया गया है. अब लोगों को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. इस काम के लिए “कार्ड डिसेबल एंड इंप्लीमेंटेशन ई-ऑफिस” शुरू कर दिया गया है, जिससे लोग ऑनलाइन ही अपने कार्ड को निष्क्रिय कर सकेंगे. सरकार का उद्देश्य है कि ये स्वास्थ्य योजनाएं बिना किसी रुकावट के चलती रहें और आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलती रहें. साथ ही, सरकार पर वित्तीय संकट न आए, इसके लिए नई कार्ययोजना बनाई जा रही है. आने वाले दिनों में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण इस संबंध में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करेगा, ताकि दोनों योजनाओं का लाभ सही तरीके से जारी रह सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-says-up-assembly-elections-2027-bjp-again-return-in-up-watch-video-2891660″><strong>सीएम योगी ने हंसते हुए 2027 के विधानसभा चुनाव पर कर दिया बड़ा दावा, जानें- क्या कहा?</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Dehradun News:</strong> उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना (Atal Ayushman Yojana) और स्मार्ट कार्ड योजना के तहत लाखों लोगों को मुफ्त और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं. इन योजनाओं के कारण सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ने लगा है. विभिन्न अस्पतालों का लगभग 80 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है, जिससे सरकार की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो रही है. इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया है, ताकि आमजन को योजनाओं का लाभ मिलता रहे और सरकार पर आर्थिक बोझ न पड़े.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है. वहीं, स्मार्ट कार्ड योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को असीमित चिकित्सा सुविधा दी जा रही है, जिसके लिए वे नियमित अंशदान करते हैं. इन दोनों योजनाओं से लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं, लेकिन सरकार पर वित्तीय दबाव लगातार बढ़ रहा है. स्वास्थ्य योजनाओं के तहत सरकार को निजी और सरकारी अस्पतालों को भुगतान करना होता है. वर्तमान में अस्पतालों का करीब 80 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है. यह बकाया लगातार बढ़ रहा है, जिससे सरकारी खजाने पर भार बढ़ता जा रहा है. इसी के मद्देनजर सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/5ZgvVHxC-bk?si=4hALkecQUkcRtG36″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक में लिए गए अहम फैसले</strong><br />सरकार की ओर से इस समस्या को हल करने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बद्र्धन की अध्यक्षता में तीन घंटे तक बैठक चली. इसमें अटल आयुष्मान योजना और स्मार्ट कार्ड योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई. बैठक में राज्य के वित्त सचिव दिलीप जावलकर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए. इस कुछ महत्वपूर्ण निर्णय हुए जैसे योजनाओं की निगरानी को सख्त किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो. कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले वित्तीय अंशदान को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा, जिससे योजना के लिए धन की कमी न हो. अस्पतालों के भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया जाएगा, ताकि वित्तीय संकट उत्पन्न न हो. योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस तरह निष्क्रिय कर सकते हैं आयुष्मान कार्ड</strong><br />अटल आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड को डिसेबल करने की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया गया है. अब लोगों को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. इस काम के लिए “कार्ड डिसेबल एंड इंप्लीमेंटेशन ई-ऑफिस” शुरू कर दिया गया है, जिससे लोग ऑनलाइन ही अपने कार्ड को निष्क्रिय कर सकेंगे. सरकार का उद्देश्य है कि ये स्वास्थ्य योजनाएं बिना किसी रुकावट के चलती रहें और आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलती रहें. साथ ही, सरकार पर वित्तीय संकट न आए, इसके लिए नई कार्ययोजना बनाई जा रही है. आने वाले दिनों में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण इस संबंध में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करेगा, ताकि दोनों योजनाओं का लाभ सही तरीके से जारी रह सके.</p>
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उत्तराखंड: इस योजना पर आर्थिक संकट, धामी सरकार पर बढ़ा वित्तीय बोझ, लिए गए कई फैसले
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