जंबो कार्यकारिणी से हिमाचल कांग्रेस को परहेज, अब प्रभारी रजनी पाटिल के सामने है ये बड़ी चुनौती

जंबो कार्यकारिणी से हिमाचल कांग्रेस को परहेज, अब प्रभारी रजनी पाटिल के सामने है ये बड़ी चुनौती

<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Politics:</strong> बीते साल नवंबर के अंत में हिमाचल कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था. सिर्फ़ हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ही तब से अपने पद पर हैं. मार्च महीना आने को है और कांग्रेस अपनी कार्यकारिणी गठन नहीं कर सकी है. हिमाचल कांग्रेस के नव नियुक्त प्रभारी रजनी पाटिल राज्य के दौरे पर हैं और संगठन विस्तार से पहले आला नेताओं की नब्ज़ टटोल रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपसी तालमेल बिठाने की बड़ी चुनौती&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रजनी पाटिल पहले भी हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी रह चुकी हैं. पाटिल राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती हैं. वे हिमाचल प्रदेश की राजनीति को समझती हैं. पाटिल यह भी जानती हैं कि सरकार और संगठन के बीच न तो तब ‘प्रभावी समन्वय’ था और न ही आज है. ऐसे में समन्वय स्थापित करना ही सबसे बड़ी चुनौती है. शुक्रवार को रजनी पाटिल ने मैराथन बैठकें कर नेताओं के मन की बात जानी और उन्हें दिल्ली के आला नेताओं का संदेश भी दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी के बड़े नेताओं से बैठक के बाद दोपहर के वक़्त हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में सभी नेता एक स्वर में जल्द कार्यकारिणी गठन की मांग सुनायी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जंबो कार्यकारिणी से हिमाचल कांग्रेस का परहेज!</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कार्यकारिणी छोटी और प्रभावी होनी चाहिए. इससे पहले कार्यकारिणी में 400 नेता शामिल थे. बड़ी संख्या में वाइस प्रेज़िडेंट और जनरल सेक्रेट्री बना दिए गए थे. अब कांग्रेस चाहती है कि संगठन में कम लोगों को जगह दी जाए, लेकिन यह सभी काम करने वाले हों. पार्टी कार्यकर्ताओं को तरजीह देने का भी विचार रखती है. इसी तरह हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी जल्द से जल्द कार्यकारिणी का विस्तार चाहती हैं. प्रतिभा सिंह अभी से साल 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटने की ज़रूरत पर बार-बार ज़ोर देती रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अंदरूनी कलह को थामने की भी बड़ी चुनौती</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल कांग्रेस के कार्यकर्ता सरकार और संगठन के बीच समन्वय चाहते हैं. साल 2024 में फरवरी के महीने में ही राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर बाहर आ गई थी. तब कांग्रेस के बहुमत के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी की राज्यसभा चुनाव में जीत हो गई. रह-रहकर कांग्रेस के अपने ही नेता सरकार के ख़िलाफ लघु मोर्चा खोलते नजर आते हैं. सरकार के ही मंत्री संगठन को पैरालाइज्ड बता देते हैं. ऐसे में यही पार्टी आलाकमान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जल्द कार्यकारिणी गठन का दावा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रजनी पाटिल का दावा है कि जल्द ही कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा. पाटिल मानती हैं कि जिस तरह अंगारों पर राख जम जाने के बाद उसे फूक मारकर थोड़ा हटाना पड़ता है. उसी तरह संगठन को मजबूती के लिए भी यह काम करना जरूरी है. इसी लिए हिमाचल कांग्रेस प्रभारी के तौर पर आलाकमान ने उन्हें यहां भेजा है.</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें:<a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-minor-girl-rape-and-murder-case-accused-father-son-convicted-by-delhi-district-court-ann-2893194″> हिमाचल सरकार को खनन से 314 करोड़ रुपये का राजस्व, वित्त वर्ष के अंत तक इतनी हो जाएगी कमाई</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Politics:</strong> बीते साल नवंबर के अंत में हिमाचल कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था. सिर्फ़ हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ही तब से अपने पद पर हैं. मार्च महीना आने को है और कांग्रेस अपनी कार्यकारिणी गठन नहीं कर सकी है. हिमाचल कांग्रेस के नव नियुक्त प्रभारी रजनी पाटिल राज्य के दौरे पर हैं और संगठन विस्तार से पहले आला नेताओं की नब्ज़ टटोल रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपसी तालमेल बिठाने की बड़ी चुनौती&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रजनी पाटिल पहले भी हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी रह चुकी हैं. पाटिल राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती हैं. वे हिमाचल प्रदेश की राजनीति को समझती हैं. पाटिल यह भी जानती हैं कि सरकार और संगठन के बीच न तो तब ‘प्रभावी समन्वय’ था और न ही आज है. ऐसे में समन्वय स्थापित करना ही सबसे बड़ी चुनौती है. शुक्रवार को रजनी पाटिल ने मैराथन बैठकें कर नेताओं के मन की बात जानी और उन्हें दिल्ली के आला नेताओं का संदेश भी दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी के बड़े नेताओं से बैठक के बाद दोपहर के वक़्त हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में सभी नेता एक स्वर में जल्द कार्यकारिणी गठन की मांग सुनायी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जंबो कार्यकारिणी से हिमाचल कांग्रेस का परहेज!</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कार्यकारिणी छोटी और प्रभावी होनी चाहिए. इससे पहले कार्यकारिणी में 400 नेता शामिल थे. बड़ी संख्या में वाइस प्रेज़िडेंट और जनरल सेक्रेट्री बना दिए गए थे. अब कांग्रेस चाहती है कि संगठन में कम लोगों को जगह दी जाए, लेकिन यह सभी काम करने वाले हों. पार्टी कार्यकर्ताओं को तरजीह देने का भी विचार रखती है. इसी तरह हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी जल्द से जल्द कार्यकारिणी का विस्तार चाहती हैं. प्रतिभा सिंह अभी से साल 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटने की ज़रूरत पर बार-बार ज़ोर देती रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अंदरूनी कलह को थामने की भी बड़ी चुनौती</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल कांग्रेस के कार्यकर्ता सरकार और संगठन के बीच समन्वय चाहते हैं. साल 2024 में फरवरी के महीने में ही राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर बाहर आ गई थी. तब कांग्रेस के बहुमत के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी की राज्यसभा चुनाव में जीत हो गई. रह-रहकर कांग्रेस के अपने ही नेता सरकार के ख़िलाफ लघु मोर्चा खोलते नजर आते हैं. सरकार के ही मंत्री संगठन को पैरालाइज्ड बता देते हैं. ऐसे में यही पार्टी आलाकमान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जल्द कार्यकारिणी गठन का दावा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रजनी पाटिल का दावा है कि जल्द ही कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा. पाटिल मानती हैं कि जिस तरह अंगारों पर राख जम जाने के बाद उसे फूक मारकर थोड़ा हटाना पड़ता है. उसी तरह संगठन को मजबूती के लिए भी यह काम करना जरूरी है. इसी लिए हिमाचल कांग्रेस प्रभारी के तौर पर आलाकमान ने उन्हें यहां भेजा है.</p>
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