हरियाणा सरकार के शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग (ULB) मंत्री विपुल गोयल को 3 महीने से चंडीगढ़ में सरकारी कोठी नहीं मिल पाई है। जब से वह CM नायब सैनी की अगुआई वाली सरकार में मंत्री बने, तभी से कोठी ढूंढ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उन्हें कोई कोठी पसंद नहीं आई। वह अब तक 4 कोठियां पसंद कर चुके हैं। मगर, जो भी कोठी वह लेना चाहते हैं, उसमें कोई न कोई अड़ंगा लग जाता है। उन्होंने पहले पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा की कोठी मांगी, लेकिन वह खाली ही नहीं हुई। अब उन्होंने रिटायर्ट चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद वाली कोठी की मांग की है। चंडीगढ़ में कैबिनेट मंत्रियों को मिलने वाली कोठी नहीं मिलने के कारण मंत्री विपुल गोयल को एक प्राइवेट कोठी में रहना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि अभी वह चंडीगढ़ में सेक्टर-8 में एक कोठी में रह रहे हैं। यह उनके किसी करीबी की है। गोयल के अलावा मंत्री अनिल विज को भी अपनी मनपसंद कोठी नहीं मिल पाई थी। जिस वजह से वह अंबाला से ही सचिवालय अपडाउन कर रहे हैं। कोठी के चक्कर में कैसे फंसे मंत्री, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. पहली कोठी: पूर्व CM ने खाली नहीं की
अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनावों में BJP ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। CM के साथ 13 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें विपुल गोयल भी शामिल थे। मंत्री बनने के बाद गोयल ने चंडीगढ़ सेक्टर 7 में कोठी नंबर 70 देने की मांग की। यह कोठी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष के रूप में आवंटित हुई थी। मगर, अभी कोठी खाली नहीं की गई, जिसके कारण गोयल को यह कोठी नहीं मिल पाई। 2. दूसरी कोठी: पंडित ने वास्तु दोष बताया
इसके बाद मंत्री विपुल गोयल को सेक्टर 7 में ही कोठी नंबर- 68 पसंद आ गई। इसके लिए उन्होंने अपनी इच्छा भी सरकार में जताई। हालांकि यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। दरअसल, जब इस कोठी का वास्तु चेक कराया गया तो वह गड़बड़ निकला। पंडित ने उन्हें यहां रहने से मना कर दिया। जिसके बाद उन्होंने इस कोठी पर से भी दावेदारी छोड़ दी। 3. तीसरी कोठी: चंडीगढ़ प्रशासन के अंडर थी
इसके बाद मंत्री ने सेक्टर 7 में पूर्व सीएम हुड्डा के सामने वाली की लाइन में चंडीगढ़ प्रशासन के एक गेस्ट हाउस को लेने की इच्छा जाहिर की। चूंकि यह गेस्ट हाउस चंडीगढ़ प्रशासन के अंडर था। इस वजह से उनकी यह ख्वाहिश भी पूरी नहीं हो पाई। 4. चौथी कोठी: अभी रिटायर्ड चीफ सेक्रेटरी रह रहे
इसके बाद मंत्री गोयल ने अब प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके रिटायर्ड IAS अधिकारी टीवीएसएन प्रसाद वाली कोठी लेने की इच्छा जताई है। ये कोठी सेक्टर-16 में स्थित है। दरअसल, प्रसाद को रिटायर हुए अभी 4 महीने हुए हैं। उन्हें कोठी खाली करने के लिए 6 महीने का टाइम मिलता है। हालांकि अगर वे रिक्वेस्ट करें तो सरकार यह टाइम बढ़ा भी सकती है। ऐसे में मंत्री को जल्दी यह कोठी भी मिलती नहीं दिखाई दे रही। विज को कोठी नंबर 32 पसंद थी, पंवार को मिल गई
गोयल के अलावा बिजली, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज को भी कोठी नंबर 32 नहीं मिल पाई थी। मनोहर सरकार के दोनों कार्यकाल में बड़े मंत्रालय के मंत्री रहने के बावजूद अनिल विज ने चंडीगढ़ में सरकारी आवास नहीं लिया। इस बार उन्होंने चंडीगढ़ में घर लेने का मन बनाया था, इसके लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-3 स्थित कोठी नंबर-32 को पसंद किया था। विज ने अपने निजी स्टाफ को इस कोठी का मुआयना करवाने को भी कह दिया था। मगर सरकार ने तब तक यह कोठी ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार को अलॉट कर दी। जिस वजह से विज ने कोई कोठी नहीं ली। हरियाणा सरकार के शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग (ULB) मंत्री विपुल गोयल को 3 महीने से चंडीगढ़ में सरकारी कोठी नहीं मिल पाई है। जब से वह CM नायब सैनी की अगुआई वाली सरकार में मंत्री बने, तभी से कोठी ढूंढ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उन्हें कोई कोठी पसंद नहीं आई। वह अब तक 4 कोठियां पसंद कर चुके हैं। मगर, जो भी कोठी वह लेना चाहते हैं, उसमें कोई न कोई अड़ंगा लग जाता है। उन्होंने पहले पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा की कोठी मांगी, लेकिन वह खाली ही नहीं हुई। अब उन्होंने रिटायर्ट चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद वाली कोठी की मांग की है। चंडीगढ़ में कैबिनेट मंत्रियों को मिलने वाली कोठी नहीं मिलने के कारण मंत्री विपुल गोयल को एक प्राइवेट कोठी में रहना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि अभी वह चंडीगढ़ में सेक्टर-8 में एक कोठी में रह रहे हैं। यह उनके किसी करीबी की है। गोयल के अलावा मंत्री अनिल विज को भी अपनी मनपसंद कोठी नहीं मिल पाई थी। जिस वजह से वह अंबाला से ही सचिवालय अपडाउन कर रहे हैं। कोठी के चक्कर में कैसे फंसे मंत्री, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. पहली कोठी: पूर्व CM ने खाली नहीं की
अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनावों में BJP ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। CM के साथ 13 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें विपुल गोयल भी शामिल थे। मंत्री बनने के बाद गोयल ने चंडीगढ़ सेक्टर 7 में कोठी नंबर 70 देने की मांग की। यह कोठी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष के रूप में आवंटित हुई थी। मगर, अभी कोठी खाली नहीं की गई, जिसके कारण गोयल को यह कोठी नहीं मिल पाई। 2. दूसरी कोठी: पंडित ने वास्तु दोष बताया
इसके बाद मंत्री विपुल गोयल को सेक्टर 7 में ही कोठी नंबर- 68 पसंद आ गई। इसके लिए उन्होंने अपनी इच्छा भी सरकार में जताई। हालांकि यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। दरअसल, जब इस कोठी का वास्तु चेक कराया गया तो वह गड़बड़ निकला। पंडित ने उन्हें यहां रहने से मना कर दिया। जिसके बाद उन्होंने इस कोठी पर से भी दावेदारी छोड़ दी। 3. तीसरी कोठी: चंडीगढ़ प्रशासन के अंडर थी
इसके बाद मंत्री ने सेक्टर 7 में पूर्व सीएम हुड्डा के सामने वाली की लाइन में चंडीगढ़ प्रशासन के एक गेस्ट हाउस को लेने की इच्छा जाहिर की। चूंकि यह गेस्ट हाउस चंडीगढ़ प्रशासन के अंडर था। इस वजह से उनकी यह ख्वाहिश भी पूरी नहीं हो पाई। 4. चौथी कोठी: अभी रिटायर्ड चीफ सेक्रेटरी रह रहे
इसके बाद मंत्री गोयल ने अब प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके रिटायर्ड IAS अधिकारी टीवीएसएन प्रसाद वाली कोठी लेने की इच्छा जताई है। ये कोठी सेक्टर-16 में स्थित है। दरअसल, प्रसाद को रिटायर हुए अभी 4 महीने हुए हैं। उन्हें कोठी खाली करने के लिए 6 महीने का टाइम मिलता है। हालांकि अगर वे रिक्वेस्ट करें तो सरकार यह टाइम बढ़ा भी सकती है। ऐसे में मंत्री को जल्दी यह कोठी भी मिलती नहीं दिखाई दे रही। विज को कोठी नंबर 32 पसंद थी, पंवार को मिल गई
गोयल के अलावा बिजली, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज को भी कोठी नंबर 32 नहीं मिल पाई थी। मनोहर सरकार के दोनों कार्यकाल में बड़े मंत्रालय के मंत्री रहने के बावजूद अनिल विज ने चंडीगढ़ में सरकारी आवास नहीं लिया। इस बार उन्होंने चंडीगढ़ में घर लेने का मन बनाया था, इसके लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-3 स्थित कोठी नंबर-32 को पसंद किया था। विज ने अपने निजी स्टाफ को इस कोठी का मुआयना करवाने को भी कह दिया था। मगर सरकार ने तब तक यह कोठी ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार को अलॉट कर दी। जिस वजह से विज ने कोई कोठी नहीं ली। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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